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14 अगस्त 2011

गरीबों के लिए नहीं है जमीन


डीडी गोयल
80597-33000
डबवाली। उपमण्डल में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले करीब पंद्रह सौ परिवारों को महात्मा गांधी बस्ती योजना के तहत सौ-सौ गज का प्लाट नहीं मिलेगा। जबकि ये सभी परिवार खण्ड विकास एवं पंचायत कार्यालय द्वारा पात्र ठहराए गए हैं।
गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों के सिर पर छत मुहैया करने के लिए सरकार की ओर से चलाई जा रही योजना उपमण्डल के तीन गांवों में नहीं चल पा रही है। योजना के तहत संबंधित गांव की पंचायत पंचायत तथा खण्ड विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय द्वारा गांव अबूबशहर में 179, लोहगढ़ में 228 तथा मोड़ी में 80 गरीब परिवारों को सौ-सौ गज का प्लाट देना तय किया गया था। इन गांवों में गरीबों के लिए बनने वाली कलोनियों के नक्शे तक बना डाले गए थे। लेकिन जब लोगों को जमीन आवंटित करने करने के लिए उपरोक्त गांवों में पंचायती जमीन की निशानदेही की गई तो जगह नदारद पाई गई। कलोनियों के लिए बनाए गए नक्शे के अनुसार गांव अबूबशहर में पात्र परिवारों को प्लाट देने के लिए छह एकड़ दो कैनाल, लोहगढ़ में पांच एकड़ छह कैनाल तथा गांव मोड़ी में दो एकड़ पांच कैनाल भूमि की जरूरत है। लेकिन इन तीनों गांवों की पंचायत के पास गरीबों को देने के लिए महज सौ गज भूमि भी नहीं है। ऐसे में इन गांवों के गरीबों को पात्र होने के बावजूद प्लाट मुहैया नहीं हो सकेंगे।
उधर हरियाणा सरकार ने 15 अगस्त से पूर्व योजना के सौ फीसदी पूरा होने का लक्ष्य रखा था। उपरोक्त तीन गांवों के अतिरिक्त उपमण्डल के गांव गंगा के 516 तथा गांव कालूआना के 363 पात्र परिवारों को भी 15 अगस्त से पूर्व प्लाट आवंटित नहीं किए जा सकेंगे। चूंकि दोनों गांवों में प्लाट वितरण का विवाद अदालत में विचाराधीन है। इस प्रकार करीब पंद्रह सौ गरीब परिवारों को प्लाटों का आवंटन नहीं हो सकेगा।
खण्ड विकास एवं पंचायत कार्यालय डबवाली के एसईपीओ रामप्रकाश ग्रोवर के अनुसार गांव अबूबशहर, लोहगढ़ तथा मोड़ी की पंचायतों के पास जमीन न होने की वजह से गरीबों को सौ-सौ गज के प्लाट मुहैया नहीं करवाए जा सकेंगे। इन गांवों में जगह एक्वायर करने के लिए सरकार को लिखा गया है। गांव गंगा में प्लाट वितरण का मामला कोर्ट में विचाराधीन है। जबकि गांव कालूआना की पंचायत ने कलोनी के लिए बनाए गए नक्शे के अनुसार जमीन मुहैया नहीं करवाई। दूसरा यह मामला भी अदालत में विचाराधीन है। जिसके चलते उपरोक्त गांवों के अतिरिक्त इन दो गांवों में भी गरीबों को प्लाट वितरित नहीं किए जा सकते।

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