Adsense

Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

24 जुलाई 2011

भगवान ने सुहाग छीना, अपनों ने औलाद


डबवाली (लहू की लौ) भगवान ने उससे उसका सुहाग छीन लिया। पति के बाद बेटे के साथ जिन्दगी कटने की आस बंधी। लेकिन पति के परिवार ने उससे उसे भी छीन लिया। मां-बेटा को सदा के लिए जुदा कर दिया। बाद में ससुरालियों के डर से घर से बेघर हो गई। अब अपने कलेजे के टुकड़े को पाने के लिए पुलिस की शरण में आई है।
डबवाली की रहने वाली अंजू की शादी गांव शेरगढ़ के सतविंद्र सिंह के साथ हुई थी। सतविंद्र पेशे से आरएमपी डॉक्टर था। दोनों के एक लड़का हरमनप्रीत हुआ। अक्तूबर 2009 में सतविंद्र की अचानक मौत हो गई। पति की मौत के गम से वह उभरी भी नहीं थी कि ससुराल वालों ने उससे उसका हरमन छीन लिया।
अंजू शनिवार को अपने भाई भोला तथा मौसी शीला देवी के साथ सिटी थाना पहुंची। अंजू ने सिटी थाना में एक शिकायत देकर आरोप लगाया कि उसके पति सतविंद्र की मौत हुए को करीब डेढ़ साल हो गया है। वह अपने ससुराल में रह रही थी। लेकिन पति की मौत के बाद ससुराली उससे मारपीट करने लगे। ससुरालियों से डरकर वह अपने भाई भोला के पास डबवाली आ बसी। एक प्लान के तहत आरोपियों ने मार्च 2011 में उसका छह वर्षीय बेटा हरमनप्रीत उससे छीन लिया। उस समय ससुरालियों का कहना था कि वे हरमन की अच्छी परवरिश करेंगे। सप्ताह में एक बार वह उससे मिलने भी आया करेगा। लेकिन पांच माह बीतने के बावजूद आज तक उससे हरमन से मिलने नहीं दिया गया। ससुरालियों ने उसे गांव बनी में अपने किसी रिश्तेदार के यहां भेज दिया है। अंजू ने पुलिस से उसका बेटा दिलाए जाने की मांग की है। एएसआई रामसरूप को अपनी शिकायत सौंपते समय अंजू ने यह भी कहा कि वह अपने बेटे हरमन के बगैर नहीं रह सकती।
सिटी थाना के एएसआई रामसरूप ने बताया कि अंजू की शिकायत आई है। जिसमें उसने अपने ससुरालियों पर उसका बेटा उसे न देने तथा उनसे अपनी जान को खतरा बताया है। अंजू के ससुरालियों को थाना में बुलाया गया है। शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है।

कोई टिप्पणी नहीं: