डबवाली (लहू की लौ) कचहरी के पास रहने वाली विवाहित युवती का शव शनिवार सुबह कबीर बस्ती के नजदीक पंजाब क्षेत्र में रेलवे ट्रेक में संदिग्ध हालतों में मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। शव बुरी तरह से कटा हुआ था। मृतका के पति का कहना है कि उसकी पत्नी पर बुरी आत्मा का प्रभाव था। जबकि उसके मामा ने अपनी भानजी की हत्या की आशंका जताई है। जीआरपी बठिंडा पुलिस अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट के इंतजार में है।
शनिवार सुबह करीब 5 बजे रेलवे का की-मैन कन्हैया लाल रोजाना की तरह गश्त पर था। कबीर बस्ती के पास उसने रेलवे ट्रेक में एक युवती का शव देखा। उसने तत्काल इसकी सूचना सहायक स्टेशन मास्टर होशियार सिंह को दी। सूचना पाकर मौका पर जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह पहुंचे। मृतका की पहचान हलीमा बेगम (35) पत्नी अहमद अली निवासी नजदीक कचहरी, डबवाली के रूप में हुई।
मृतका के पति अहमद अली (37) निवासी डबवाली ने बताया कि हलीमा को किसी बुरी आत्मा ने अपने वश में कर रखा था। वह अजीब सी हरकतें करने लगी थी। इसका प्रभाव उसकी मानसिकता पर पड़ा और वह पिछले एक साल से परेशान रहने लगी। इलाज के लिए वे हलीमा को उनकी झोपड़ी के पास ही रहने वाले बाबा त्राव के पास ले गए। बाबा ने बताया कि हलीमा पर बुरी आत्मा की छाया है। बाबा ने उसे एक ताबीज बनाकर दिया। ताबीज गले में डालते ही बुरी आत्मा का प्रभाव खत्म हो गया। इस ताबीज ने ढाई माह तक कार्य किया। इस प्रकार वे हर ढाई माह बाद उसे बाबा के पास लेजाते और नया ताबीज बनाकर उसके गले में डाल देते। लेकिन पिछले तीन माह से बाबा यहां नहीं थे। जिसके कारण वे नया ताबीज नहीं बना पाए। बुरी आत्मा के प्रभाव में मानसिक परेशानी के चलते ही उसकी पत्नी ने रेलगाड़ी के आगे कूदकर आत्महत्या की है। अहमद अली ने यह भी बताया कि वह 20 दिनों से पंजाब में गाय चराने के लिए गया हुआ था। शनिवार सुबह उसे उपरोक्त घटना के बारे में उसके भाई नियामत अली (25) ने सूचित किया। सूचना पाकर वह डबवाली पहुंचा। उसके तीन बच्चे रसमत खान (12), फिरोज उर्फ खनन (10) तथा नजमन खान (8) हैं।
इधर मृतका के मामा मंजूर खान (50) निवासी भागसर (राजस्थान) ने बताया कि उसकी भानजी हलीमा की शादी करीब पंद्रह साल पूर्व बुल्ली खान के बेटे अहमद अली से हुई थी। लेकिन पिछले तीन सालों से उसकी भानजी को दहेज के लिए तंग व परेशान किया जा रहा था। वहीं अहमद अली ने दूसरी शादी भी रचा ली। इस बात का पता लगने पर हलीमा अक्सर परेशान रहा करती। शुक्रवार रात करीब 8 बजे उसके पास हलीमा का फोन आया कि वे उसे यहां से ले जाएं, वरना उसका पति, जेठ बगैरा उसे मार देंगे। शनिवार सुबह करीब 4 बजे उन्हें सूचना मिली कि हलीमा ने गाड़ी तले आकर आत्महत्या कर ली है। मंजूर खान ने आरोप लगाया कि हलीमा ने आत्महत्या नहीं की। बल्कि ससुरालियों ने उसकी हत्या कर शव को रेल ट्रेक पर डाला है। अब सजा के डर से बचने के लिए अहमद अली बुरी आत्मा की झूठी कहानी गढ़ रहा है।
मामले की जांच कर रहे जीआरपी बठिंडा के एएसआई गुरमेल सिंह ने बताया कि फिलहाल पुलिस ने मृतका के पति अहमद अली के ब्यान पर इत्तेफाकिया मौत की कार्रवाई अमल में लाई है। बठिंडा के सरकारी अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
एएसआई गुरमेल सिंह ने यह भी बताया कि पुलिस ने मृतका की बेटी 10 वर्षीय फिरोज उर्फ खनन के ब्यान भी दर्ज किए हैं। फिरोज ने बताया कि उसकी माता उसके छोटे भाई को उसके साथ चारपाई पर लेटाकर लघुशंका का बहाना करके चली गई। लेकिन वापिस नहीं लौटी।
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