डबवाली (लहू की लौ) गांव रामपुरा बिश्नोईयां के दो किसान मोहन लाल व बिहारी उर्फ भैरा राम के अपनी जमीन की रजिस्टरी करवाने के बाद अचानक गांव से गायब हो जाने का मामला गहरा गया है। हालांकि रजिस्टरी पुलिस सुरक्षा में करवाई गई थी।
गांव रामपुरा बिश्नोईयां के नंबरदार मोहन लाल ने 13 कैनाल 7 मरले और बिहारी उर्फ भैरा ने अपनी 3 एकड़ जमीन कमल सैनी निवासी माधोसिंघाना को 37 लाख रूपए में बेच दी थी। लेकिन 17 जून को तहसील परिसर में इन जमीनों की रजिस्टरी को लेकर विवाद खड़ा हो गया। कुछ लोग एक गाड़ी में मोहन लाल को जबरन उठा ले गए थे। इसके बाद 21 जून को पुलिस सुरक्षा के बीच दोनों ने कमल सैनी के नाम तहसील में रजिस्टरी करवा दी। उसी दिन से मोहन लाल तथा बिहारी लाल उर्फ भैरा राम रहस्यमय ढंग से गायब से गायब हैं। बताया जाता है कि भैरा राम भी इसी दिन से अपने पत्नी गोमती, दो बच्चों मांगी तथा नेत्रहीन अमर के साथ गांव चला गया है।
17 जून को मोहन लाल तथा भैरा राम के साथ रजिस्टरी करवाने के लिए आए गांव रामपुरा बिश्नोईयां के साधु राम ने बताया कि पूर्व सरपंच सोहन लाल तथा उसके साथी उन्हें रजिस्टरी होने के बाद से धमकियां दे रहे हैं। इन धमकियों के चलते ही मोहन लाल तथा भैरा राम गांव छोड़कर चले गए हैं।
मोहन लाल के भाई मक्खन लाल निवासी रामपुरा बिश्नोईयां ने बताया कि उसका भाई उसके साथ रहता था। लेकिन अब वह गांव से गायब है। उसके भाई मोहन लाल ने उसके सामने गांव के पूर्व सरपंच सोहन लाल के भतीजे पिरथी सिंह से अपनी जमीन का इकरारनामा 10 लाख रूपए में किया था। मौके पर ही उन्होंने 9 लाख रूपए मोहन को दे दिए थे। लेकिन अब उनके गांव के साधु राम ने उसके भाई पर दबाव डालकर रजिस्टरी किसी ओर के नाम करवा दी। तभी से उसका भाई गायब है। मक्खन सिंह ने बताया कि वे अपने भाई से मोबाइल पर संपर्क करने का प्रयास कर रहा है। लेकिन संपर्क नहीं हो पा रहा।
पूर्व सरपंच सोहन लाल ने बताया कि उस पर लगाए जा रहे आरोप निराधार हैं। पूर्व सरपंच के अनुसार मोहन लाल नंबरदार ने अपनी जमीन उसके भतीजे पिरथी सिंह को बेच दी थी। जिसकी एवज में उसने 9 लाख रूपए लिए थे। एक लाख रूपए की राशि रजिस्टरी के समय देनी तय थी। लेकिन गांव के साधु राम बगैरा के बहकावे में आकर मोहन लाल ने इकरारनामा के विपरीत किसी ओर के नाम रजिस्टरी करवा दी। उसके अनुसार इकरारनामा उसके पास है।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि रामपुरा बिश्नोईयां से उपरोक्त दोनों के गायब होने संबंधी पुलिस के पास कोई सूचना नहीं है। न ही किसी ने इस संदर्भ में पुलिस से शिकायत की है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि एएसपी के माध्यम से एक शिकायत उनके पास आई है। जिसमें मोहन लाल बगैरा ने जिक्र किया है कि रजिस्टरी के समय तहसील परिसर में कुछ लोगों ने उनसे मारपीट की और बाद में उसका अपहरण करके ले गए। उनके अनुसार इसकी जांच चल रही है।
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