डबवाली (लहू की लौ) म्हारा हरियाणा गांवों का प्रदेश है। राज्य की एक तिहाई आबादी गांवों में बसती है। लेकिन प्रदेश के ग्रामीण आंचल में बसे लोग ही मूलभूत सुविधाओं से मोहताज चले आ रहे हैं। सुविधाओं में से एक है बिजली। कुछ गांवों में बिजली पहुंची है, तो कुछ में नहीं। लेकिन जिन गांवों में बिजली पहुंची है, उनकी हालत आज भी दयनीय है। चूंकि चौबीस घंटे के भीतर ग्रामीणों को कुछ देर ही बिजली मिलती है। इधर बिजली आपूर्ति की समयावधि बढ़ाने के लिए बिजली निगम के मण्डल अभियंता द्वारा लिखे गए एक पत्र को दरकिनार करते हुए निगम के उच्च अधिकारियों ने जवाब भेजा है कि ग्रामीण आंचल में जैसे बिजली दी जा रही है, वैसे ही बिजली की आपूर्ति होती रहे, शैड्यूल से कोई छेड़छाड़ न की जाए।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के तहत आने वाले गांवों को मुश्किल से एक-आध घंटा बिजली मिल रही है। ग्रामीण आंचल में बसे लोगों को बिजली न मिलने के कारण पानी की भारी दिक्कत आ रही है। ग्रामीण घने अंधेरे में खाना खाने को मजबूर हैं। बच्चे दीए की रोशनी में पढऩे को बाध्य हैं। बार-बार बिजली निगम के अधिकारियों का कुंडा खटखटाने के बावजूद ग्रामीणों को कहीं भी आशा की किरण नजर नहीं आ रही। निगम के डबवाली मण्डल में पडऩे वाले गांवों में चार घंटे बिजली मुहैया करवाने के लिए ग्रामीणों की मांग पर मण्डल अभियंता ने एक पत्र भी निगम के उच्च अधिकारियों को लिखा था। मण्डल अभियंता के पत्र से ग्रामीण आंचल के लोगों को कुछ उम्मीद अवश्य बंधी थी। लेकिन यह उम्मीद पत्र के बदले आए उच्च अधिकारियों के साफ इंकार से धराशाई हो गई।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता बीके रंजन ने बताया कि मण्डल डबवाली के अंतर्गत पडऩे वाले गांवों के लोगों की प्रतिदिन चार घंटे बिजली देने की मांग पर उन्होंने एसई (सिस्टम ऑपरेशन) को एक पत्र लिखा था। लेकिन बिजली की कमी के कारण उन्होंने इस मांग को ठुकरा दिया। अब वे दोबारा फिर पत्र लिखकर उनसे गांवों में बिजली आपूर्ति की समयावधि बढ़ाने की मांग करेंगे।
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