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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

05 जून 2020

हरियाणा में आज कोरोना के 316 नये केस, देखें मेडिकल बुलेटिन


सांसद सुनीता दुग्गल के प्रयास लाए रंग, विदेश में फंसे ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल व रतिया की सुमन लौटे अपने घर

सकुशल घर वापसी होने पर भगत ङ्क्षसह व सुमन ने सांसद का किया धन्यवाद, परिजनों ने भी सांसद का जताया आभार
सिरसा(लहू की लौ) कोरोना वैश्विक महामारी के कहर से पूरा विश्व संकट से जूझ रहा है। लॉकडाउन के चलते विदेशों में देश के विभिन्न जिला के नागरिक फंसे हुए हैं। इन्हीं में ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल व रतिया की सुमन भी थी, जोकि विदेश में अलग-अलग जगहों पर लॉकडाउन के चलते फंसे होने के कारण अपने घर नहीं लौट पा रहे थे। जब दोनों परिवार वालों ने इस बारे सांसद सुनीता दुग्गल को अवगत करवाया तो सांसद ने आश्वासन दिया कि वे इन्हें जल्द विदेश से घर वापस लाएंगी। सांसद ने दोनों के घर वापसी के लिए विदेश मंत्रालय में पत्र लिखने के साथ-साथ विदेश मंत्री जयशंकर से बात भी की। इस तरह से सांसद के प्रयास रंग लाए और दोनों भगत सिंह दयाल व सुमन अपने घर वापस सकुशल लौट आए। दोनों के घर लौटने पर परिवार वालों ने तय दिल से आभार व्यक्त किया। सांसद के इस काम की पूरे लोकसभा क्षेत्र में तारिफ हो रही है।
सिरसा जिला के ऐलनाबाद का भगत सिंह दयाल यूएई में काम करते हैं और वे वहीं रहते हैं। अचानक भगत सिंह दयाल के पिता की तबीयत खराब हो गई। ऐसे में भगत सिंह दयाल को यूएई से ऐलनाबाद अपने घर आना था। लेकिन लॉकडाउन के चलते उनके वापिस आने में कठिनाई आ रही थी। सभी कौशिशों के बावजूद भी वह अपने घर नहीं लौट पा रहा था। ऐसे में जब भगत सिंह दयाल के परिवार वालों ने इस बारे सांसद सुनीता दुग्गल को अवगत करवाया तो सांसद ने उन्होंने आश्वासन दिया कि वे भगत सिंह दयाल को घर वापिस लाएंगी। सांसद ने भगत सिंह दयाल के पासपोर्ट आदि सभी जानकारियों के साथ विदेश मंत्रालय में पत्र लिखा और विदेश मंत्री जयशंकर से फोन पर कई बार बात की। सांसद के प्रयासों का ही परिणाम रहा कि ऐलनाबाद के भगत सिंह दयाल यूएई से सकुशल अपने घर लौट आए।
इसी प्रकार रतिया से सन 2017 से सुमन रानी पुत्री सुखचरन अरोडा टिब्बा कलोनी निवासी यूक्रेन में पढाई कर रही रही है कोरोना महामारी के चलते यूक्रेन में 31 दिसम्बर तक लॉक डाउन है जिसको लेकर भारत के सभी छात्र भारत वतन वापसी कर रहे थे लेकिन दो बार एम्बेसी में अप्लाई करने पर भी एयर इंडिया फ्लाइट सूची में सुमन का नाम न होने से सुमन की टेंशन बढ गई। जिस पर परिवार ने सांसद सुनीता दुग्गल से सम्पर्क किया और
पुरे मामले अवगत करवाया । सांसद दुग्गल ने मामले की जानकारी लेकर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा व विदेश मंत्री से बात की और बेटी सुमन से यूक्रेन में  बात कर आश्वासन दिया की घबराने की जरूरत नही है जल्द समाधान होगा । वही 3 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट थी उसमें भी सुमन का नाम नही था । जिस पर देर शाम सांसद दुग्गल ने यूक्रेन में फिर सुमन से बात की और उसके बाद फिर विदेश मंत्री से बात की जिसके बाद एम्बेसी से मेल आई और ऐन मोके पर एयर इंडिया की टिकट बुक हो पाई। जिसके बाद सुमन बुधवार रात वापिस लोटी। सांसद सुनीता दुग्गल के कडे प्रयास से सुमन अरोडा  बुधवार रात्रि को अपने वतन लौटी। 

शहर की सड़कों के सौंदर्यकरण में रोड स्वीपिंग मशीन निभाएगी अहम भूमिका : उपायुक्त

उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने नगर परिषद कार्यालस से रोड स्वीपिंग मशीन को झंडी दिखाकर किया रवाना
सिरसा(लहू की लौ) रोड स्वीपिंग मशीन अब सिरसा शहरी क्षेत्र की सफाई व्यवस्था को दुरूस्त बनाने में सहभागी बनेगी। शुक्रवार को उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने नगर परिषद कार्यालय से मशीन को झंडी दिखाकर रवाना किया। इस अवसर पर नगर परिषद वाइस चेयरमैन रणधीर सिंह, नगर परिषद सचिव गुरशरण सिंह, मुख्य सफाई निरीक्षक जोगिंद्र सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
उपायुक्त रमेश चंद्र बिढान ने कहा कि जिला के शहरी क्षेत्र की सौंदर्यकरण में रोड़ स्वीपिंग मशीन अहम भूमिका निभाएगी। शहरी क्षेत्र की सड़कों को ये मशीन मिलने के बाद और अधिक सफाई व्यवस्था दुरूस्त होगी। उन्होंने कहा कि सफाई के साथ ही इस मशीन के माध्यम से सड़क से कचरा भी रोड स्वीपिंग मशीन उठाएगी। उन्होंने आमजन से भी अपील की कि वे सफाई व्यवस्था के कार्य में आगे आकर अपने शहर को साफ.सुथरा बनाये रखने में अपनी भूमिका अदा करें। सफाई व्यवस्था को बेहतर रखकर हम एक सुंदर समाज की कल्पना कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वच्छता एक बेहतर उपाय है। हर व्यक्ति साफ-सफाई को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं और जिला को स्वच्छ व सुंदर बनाने में अपना सहयोग करें। उपायुक्त ने मशीन को चलवाकर मशीन की सफाई तकनीक की
जानकारी ली।
एक्सईएन सुमित मलिक ने उपायुक्त को रोड स्वीपिंग मशीन की कार्यशैली के बारे में बताया कि मशीन में बड़े-बड़े साइज के ब्रश लगे हैं। ये मशीन के सेंटर और साइड में लगे हैं,जो सड़कों की सफाई करते रहते हैं। दोनों तरफ लगे ब्रश गोल-गोल घूम कर कचरे को सड़क के बीचों-बीच लाते हैं और बीच का ब्रश सड़क से कचरे को सेक्शन के माध्यम से डम्प टैंक में एकत्र करता है। उन्होंने बताया कि मशीन में साथ-साथ छिड़काव होने से सफाई के दौरान धूल नहीं उठेगी। 

गेहूं उठान की जानकारी दिए बगैर बिल अप्रूव करता रहा इंस्पेक्टर, डीएफएससी ने नोटिस जारी कर जिम्मेवार ठहराया

निरीक्षक राजदीप के दायरे में आते हैं सात खरीद केंद्र, डीएफएससी ने नोटिस में माना-संबंधित निरीक्षक के कारण रुका भुगतान
डबवाली(लहू की लौ)कोरोना संकट के बीच गेहूं खरीद प्रक्रिया में उलझी रही तो अब व्यापारियों तथा किसानों को पेमेंट के लिए संबंधित खरीद एजेंसियों से जुड़े कर्मचारियों की लापरवाही की सजा भुगतनी पड़ रही है। डबवाली से जुड़े मामले में डीएफएससी सिरसा ने निरीक्षक राजदीप सिंह को नोटिस जारी किया है। नोटिस के मुताबिक संबंधित निरीक्षक आइ फार्मों की अप्रूवल तो दे देता था, लेकिन खरीद किए गए गेहूं के उठान बारे ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं देता था। अधूरी जानकारी के कारण संबंधित के दायरे में आने वाले सात खरीद केंद्रों की पेमेंट का भुगतान नहीं हुआ है। डीएफएससी नीरज शर्मा ने राजदीप सिंह को उक्त केंद्रों के बकाया बिल, ऑनलाइन अप्रूव किए गए आइ फार्मों से संबंधित उठान के आंकड़े, बिल, गेहूं उठान की सूचना से संबंधित दस्तावेज उपलबध करवाने के आदेश दिए हैं।
यह है मामला
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग का निरीक्षक राजदीप सिंह डबवाली, लोहगढ़, देसूजोधा, राजा राम चिरंजी लाल, गणपति राइस मिल, ओल्ड हरियाणा कॉटन फैक्टरी, ओमप्रकाश बब्बर एंड संस, महावीर राइस मिल खरीद केंद्र में गेहूं खरीद कर रहा है। आढ़ती गेहूं खरीद के बाद आइ फार्म जमा करवाते थे, उसकी अप्रूवल दे देता। जबकि उठान बारे ऑनलाइन प्रमाण पत्र नहीं देता था। ऐसे में दस्तावेज अधूरे होने के कारण संबंधित आढ़ती तथा किसानों को भुगतान नहीं हो पाता था। डीएफससी ने नोटिस में लिखा है कि डबवाली मंडी का 26 मई, लोहगढ़ मंडी से संबंधित बिल 27 मई को सर्कल कार्यालय में जमा करवाया गया था। लेकिन गेहूं उठान का प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। जबकि निरीक्षक प्रतिदिन दी जाने वाली रिपोर्ट में संपूर्ण खरीद का उठान दर्शाता रहा।

निरीक्षक को जिम्मेवार ठहराया गया है
नोटिस में डीएफससी ने कहा है कि निरीक्षक ने 18 मई के बाद के बिल सर्कल कार्यालय में जमा करवाए गए हैं। लेकिन सातों खरीद केंद्रों से संबंधित बकाया बिल अभी तक उपलब्ध नहीं करवाए जाने के कारण भुगतान नहीं हुआ है। इसके लिए संबंधित अधिकारी ने राजदीप सिंह को जिम्मेवार ठहराया है।

महकमें के एक निरीक्षक ने गेहूं खरीद संबंधी कागजात पूरे नहीं किए हैं। लेकिन नोटिस सभी निरीक्षकों को जारी कर दिया। मेरी कोई गलती नहीं है। क्योंकि मैंने पूरे दस्तावेज जमा करवाए हैं। आढ़तियों-किसानों की पेमेंट आ रही है। मैं नोटिस का जवाब दे दूंगा।
-राजदीप सिंह, निरीक्षक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग, डबवाली

एसडीएम कार्यालय के आगे कर्मचारियों का धरना, सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन

डबवाली(लहू की लौ)सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा के बैनर तले विभिन्न विभागीय यूनियनों के कर्मचारियों ने बृहस्पतिवार को एसडीएम कार्यालय के समक्ष दो घंटे धरना दिया। मांग व मुद्दों को लेकर कर्मचारियों ने नारेबाजी कर रोष जताया। धरना प्रदर्शन का नेतृत्व सर्वकर्मचारी संघ डबवाली के प्रधान सुभाष ढ़ाल कर रहे थे। दोपहर बाद 1 बजे कर्मचारियों ने प्रधानमंत्री तथा हरियाणा के मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार संजय चौधरी को ज्ञापन सौंपा। धरने का संचालन कृष्ण कायत ने किया।
वक्ताओं ने कहा कि सरकार कोविड-19 आपातकाल की आड़ में कर्मचारियों की छंटनी कर रही है, उनके आर्थिक हितों पर कुठाराघात कर रही है। महंगाई भत्ते व एलटीसी सहित अन्य भत्तों पर रोक लगाना इसी कड़ी का हिस्सा है । 1983 पीटीआई को सुप्रीम कोर्ट द्वारा प्रदत्त समय पूर्व कार्य मुक्त करना कर्मचारी विरोधी नीतियों का नतीजा है । हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ के जिला सहसचिव गुरमीत सिंह ने धरने को संबोधित करते हुए सरकार से मांग की कि दस वर्षों से विभाग में सेवा कार्य कर रहे पीटीआई शिक्षकों के हित में सरकार सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करे व कोई नीति बनाकर इन्हें सेवा सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। आल हरियाणा पावर कार्पोरेशन डबवाली के प्रधान राहुल शर्मा ने सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने व स्वास्थय विभाग सहित सभी विभागों में लगे आउटसोर्सिंग से हटाए गए कर्मचारियों की सेवा बहाल करने की मांग की और सरकार को चेताया कि कर्मचारी विरोधी नीतियों का पुरजोर विरोध किया जाएगा और तुगलकी फरमानों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।
धरने को स्वास्थ्य विभाग से सुमित्रा देवी, मिड-डे-मील वर्कर यूनियन की प्रधान राज रानी, आंगनबाड़ी यूनियन की पूर्व प्रधान वीरों देवी, भवन-निर्माण कामगार यूनियन के प्रधान राजविंदर सिंह व प्रधान सुभाष ढाल ने भी संबोधित किया। धरने में हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ से सचिव कालूराम, राजेंद्र जाखड़, नानक चंद,बलौर सिंह, गुरविंदर सिंह, भीमराय, मनोज बूमरा वोकेशनल एजुकेशन यूनियन से राजवीर सिंह के अलावा बहुत से अध्यापकों, मिड-डे-मील वर्कर्स , आंगनबाड़ी,  बिजली विभाग के कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।

हाई कोर्ट ने निजी स्कूल एसोसिएशन और सरकार को किया नोटिस, 15 जून तक देना होगा जवाब

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा फीस बढ़ोतरी मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
चंडीगढ़ (लहू की लौ) गए थे नमाज पढऩे रोजे गले पड़ गए। कुछ इसी तरह का वाक्या प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के साथ वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हुआ। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण काल में चल रहे लाकडाउन के दौरान फी
स वसूली और नए सत्र से फीस बढ़ोतरी मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण ली थी। इसी मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार भी अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों का पक्षकार बन गए। वीरवार को मामले में पहली सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की तरफ से अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल ने माननीय हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजमोहन के समक्ष हरियाणा एजुकेशन एक्ट 1995 के सेक्शन चैप्टर छह के सेक्शन 17(5) की विस्तृत चर्चा की और बताया कि प्रत्येक निजी स्कूल को हर साल ऑडिट बैलेंस सीट निदेशालय के समक्ष जमा कराने के आदेश दिए हुए हैं। संगठन ने शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में एक शिकायत दी थी। जिस पर शिक्षा निदेशालय ने 18 दिसंबर 2019 को प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को क्षेत्रीय कार्यालयों में अपने स्कूल की ऑडिट बैलेंस सीट 31 दिसंबर तक जमा कराने के आदेश दिए थे। इन आदेशों में निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि निर्धारित अवधि में ऑडिट बैलेंस सीट जमा नहीं कराने पर फार्म छह अधूरा माना जाएगा। संगठन की तरफ से यह बात भी कोर्ट के समक्ष रखी गई कि अधिकांश निजी स्कूलों ने ऑडिट बैलेंस सीट शिक्षा निदेशालय के समक्ष जमा नहीं कराई है। इसी वजह से उनका फार्म छह भी अधूरा पड़ा है।
वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं की तरफ से भी कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये मसला सरकार और निजी स्कूलों के बीच का है, इसमें संगठन का कोई लेना देना नहीं है। निजी स्कूल एसोसिएशन ने बच्चों की फीस बढ़ोतरी करने व लाकडाउन अवधि के दौरान अभिभावकों से फीस लेने संबंधी बातें भी रखी। प्राइवेट स्कूलों की मांग थी कि फार्म नंबर छह के अनुसार बच्चों से फीस लेने की अनुमति दी जाए और सरकार ने जो आदेश किए हैं, उन्हें स्थगित कराया जाए। न्यायाधीश राजमोहन ने मामले की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन द्वारा ऑडिट बैलेंस सीट संबंधी एक्ट का हवाला देते हुए इसकी अनुपालना नहीं करने अनुरोध पर हरियाणा सरकार और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को नोटिस जारी करते हुए 15 जून तक जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट के कड़े रुख के बाद निजी स्कूल एसोसिएशन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं इस मसले में अब तक शिक्षा निदेशालय में ऑडिट बैंलेंस सीट जमा कराने से बचने वाले स्कूलों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकना तय है। 

युवा मोर्चा अध्यक्ष ने एसडीएम पर किया पलटवार

डबवाली(लहू की लौ)भाजपा युवा मोर्चा डबवाली के अध्यक्ष विजयंत शर्मा ने धारा-144 की उल्लंघना मामले में एसडीएम पर पलटवार किया है। उनका कहना है कि 27 मई को एसडीएम निर्धारित समय सुबह 9 बजे कार्यालय आ जाते तो मामला निपट जाता। लेकिन वे आए ही 11 बजे थे। उनकी समस्या सुनने की अपेक्षा सीधा कार्यालय में घुस गए। विजयंत शर्मा के अनुसार रेहड़ी चालकों की समस्या संबंधी एसडीएम से बातचीत करने के लिए वह तथा पार्षद बलजीत सिंह एसडीएम कार्यालय गए थे। उन दोनों के अलावा वहां कोई नहीं था। एसडीएम के कार्यालय में देरी से आने के कारण वहां लोग आने लगे। पार्षदों के अलावा रेहड़ी वाले तथा उनके परिवारों ने धरना लगा लिया। उनका मकसद प्रशासनिक अधिकारी को नीचा दिखाना कतई नहीं था, वे तो चाहते थे कि एसडीएम आएं और समस्या का तुरंत समाधान हो जाए। लेकिन वे बार-बार बुलाने के बावजूद नहीं आए। युवा मोर्चा के अध्यक्ष का कहना है कि इस संबंध में वे उपायुक्त सिरसा से मिलने गए थे। किसी कार्य में व्यस्त होने की वजह से उनसे मुलाकात नहीं हो सकी। उन्होंने धारा 144 का उल्लंघन नहीं किया है।

चौटाला में ओलावृष्टि से नरमा को नुकसान, किसानों ने मांगा मुआवजा

डबवाली(लहू की लौ)वीरवार शाम को गांव चौटाला में ओलावृष्टि से संगरिया रोड पर हनुमान मंदिर के पीछे स्थित खेतों में नरमा की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। किसानों ने विशेष गिरदावरी करवाकर मुआवजा मांगा है। किसान राजेश बिश्नोई, पवन कुमार, हनुमान, महावीर नैन, दलीप बिश्नोई ने बताया कि शाम को करीब 15 से 20 मिनट तक ओलावृष्टि हुई है। जिससे नरमा के पौधे की टहनी टूट गई है। फसल को करीब 100 फीसद नुकसान हुआ है। इस सम्बंध में उन्होंने प्रशासन को सूचित किया है। किसानों के अनुसार प्रति एकड़ खर्च करीब 6000 हुआ था, मेहनत अलग हुई थी। प्राथमिक नजर से फसल लगभग खराब हो चुकी है। किसानों के अनुसार पुन: खेत तैयार करने और नरमा बीजांत करने में काफी समय लगेगा। हालात इतने खराब हैं कि यह असम्भव प्रतीत होता है। किसानों के अनुसार ओलावृष्टि गांव के एक हिस्से में हुई,उसी क्षेत्र के खेत प्रभावित हुए।

डबवाली से युवक लापता, 12 दिन बाद सुराग नहीं


डबवाली(लहू की लौ)डबवाली के सिरसा रोड पर रहने वाले 33 वर्षीय युवक का करीब 12 दिन बाद भी सुराग नहीं लगा है। वह 23 मई को घर से गायब हुआ था। पुलिस ने उसकी पत्नी की शिकायत पर धारा 346 के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस में दी शिकायत में ममता ने बताया है कि उसका पति संदीप मलोट स्थित शराब ठेका पर कार्यरत है। वह 22 मई को डबवाली लौटा था। 23 मई को रात करीब पौने 12 बजे उसकी आंख खुली तो वह गायब था। घर का मुख्य गेट भी खुला पड़ा था। उसने इसकी जानकारी ससुर देसराज को दी। उसका कोई सुराग नहीं लगा। संदीप के एक बेटा तथा एक बेटी है।

पर्यावरण की सीमा : मायके से लाई हरियाली की विरासत, ससुराल में बिखेरी खुशबू

डबवाली (लहू की लौ) पर्यावरण से मित्रता समय की जरुरत
है। प्रयास हमें घर से करना होगा। जैसा की 45 वर्षीय सीमा सग्गू कर रही हैं। देहरादून की वादियों में पली-बढ़ी यह बेटी डबवाली में विवाहिता हैं। ससुराल में मायके जैसी हरियाली तथा पक्षियों की चहचहाट करने का सपना देखा था। ख्यालों को हकीकत में बुनना शुरु किया। पौधारोपण करने लगी, पेड़ बड़े होते गए तो धीरे-धीरे कुछ नया करने की ठानी। घर से पड़े टूटे मटकों, चाय के कप, ईंट-पत्थरों आदि ढेर सारा वेस्ट मेटीरियल इक्ट्ठा कर लिया। वेस्ट पर पेंटिंग करके उसे बेस्ट बना दिया। ऊंचे पेड़ों पर पेंटिंग किए चाय के कपों को लटकाकर उसमें पौधे लगा दिए। अब एक पौधे पर अनेक पौधे बढ़ते दिखाई देते हैं।
सीमा सग्गू की इस बगिया में पौधों के साथ बांस, नारियल या फिर टोकरी में पराली डालकर सकोरे लटकाए हुए हैं, पूरा दिन पक्षियों की चहचहाट रहती है। अत्याधिक गर्मी या सर्दी से पौधों को बचाने के लिए ग्रीन हाऊस बना रखा है, तो कहीं छात्ता तले पौधे ऊंचाई छूते नजर आते हैं। अब तो ससुराली सीमा को पर्यावरण मित्र कहते नहीं थकते।

घर में हो पर्यावरण की सीमा, घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य
शहरों में जमीन लगातार कम होती जा रही है, तो वहीं विकास के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी है। ऐसे में पर्यावरणीय हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए घर की सीमा का ही प्रयोग करना होगा। अपने इस प्रयास को सीमा ने अगले एक वर्ष में घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

पौधों का संरक्षण ही संकल्प
सीमा सग्गू का लक्ष्य है कि जितने पौधे उनकी बगिया में लगे हैं, उनको संरक्षित रखना। ताकि ये निरंतर बढ़ते जाएं और बहुत बड़े पेड़ बन जाएं। पौधों को किसी तरह की बीमारी न लगे, इसलिए उनकी बच्चों की तरह परवरिश करना।

देहरादून में चारों ओर हरियाली है, मेरा घर प्रकृत्ति की अनुपम धरोहर है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां के लोग पर्यावरण का महत्व जानते हैं। वैसा नजारा मैं सब जगह देखना चाहती हूं। हरियाली ही मेरा एजेंड़ा है, इस पर ही मैं काम कर रही हूं।
-सीमा सग्गू, डबवाली

5 June. 2020





04 जून 2020

हरियाणा में आज कोरोना के 327 नये केस, देखें मेडिकल बुलेटिन


एसडीएम कार्यालय में प्रदर्शन करने वाले भाजपा नेता समेत पार्षदों पर हो सकती है कार्रवाई

27 मई को लघुसचिवालय में रेहड़ी चालकों के समर्थन में हुआ था विरोध प्रदर्शन, एसडीएम ने पुलिस को भेजा शिकायत पत्र
डबवाली(लहू की लौ) धारा 144 का उल्लंघन करने के आरोप में भाजपा युवा मोर्चा डबवाली के अध्यक्ष विजयंत शर्मा समेत कुछ पार्षदों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है। एसडीएम डॉ. विनेश कुमार ने उपरोक्त के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को
पत्र लिखा है। पत्र के आधार पर शहर थाना पुलिस ने रपट दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरु कर दी है।
यह है मामला
27 मई को विजयंत शर्मा समेत पार्षद बलजीत सिंह, विनोद बांसल, रविंद्र बिंदु, रमेश बागड़ी, रविंद्र बबलू तथा पार्षद प्रतिनिधि राकेश बब्बर ने फल-सब्जी रेहड़ी चालकों के समर्थन में एसडीएम कार्यालय के समक्ष धरना दिया था। इस दौरान उपरोक्त लोगों ने नारेबाजी करके एसडीएम के प्रति रोष जाहिर किया था। जबकि धारा 144 लगी हुई थी। उस दौरान पांच या पांच से अधिक लोग इक्ट्ठे नहीं हो सकते थे। एसडीएम ने शिकायत पत्र में भाजपा युवा मोर्चा डबवाली के अध्यक्ष समेत कुछ पार्षदों पर धारा-144 का उल्लंघन करने के आरोप में कार्रवाई करने के लिए कहा है।

क्या होती है धारा 144
सीआरपीसी की धारा 144 किसी भी इलाके में शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए लगाई जाती है। आपातकालीन स्थिति होने पर 144 को सुरक्षित रखने के आदेश कार्यकारी मजिस्ट्रेट को दिए गए हैं, मतलब इस धारा को लागू करने के लिए जिला मजिस्ट्रेट या जिलाधिकारी द्वारा एक नोटिफिकेशन जारी किया जाता है। जिसके बाद धारा लागू कर दी जाती है।

ब्रिटिश राज से जुड़ा इतिहास
इस धारा का इतिहास ब्रिटिश राज के समय का है। 1861 में ब्रिटिश राज में पहली बार धारा 144 का इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सभी राष्ट्रवादी विरोधों को रोकने के लिए यह धारा ब्रिटिश का एक महत्वपूर्ण उपकरण बन गई थी।

तीन साल की सजा हो सकती है
धारा 144 लागू होने के बाद इसका पालन करना हर नागरिक की जिम्मेदारी होती है, इस दौरान सारे कानूनी अधिकार इलाके के मजिस्ट्रेट को दे दिए जाते हैं, ताकि शांति व्यवस्था को फिर से बनाया जा सके। इस दौरान कानून का उल्लंघन करने पर अधिकतम तीन साल तक की सजा हो सकती है, साथ ही भारी जुर्माना या दोनों हो सकते हैं।

एसडीएम का पत्र मिला है। उसमें विजयंत शर्मा समेत कुछ पार्षदों पर धारा 144 का उल्लंघन करने का आरोप लगा है। इसकी रपट दर्ज कर ली गई है। मामले की जांच की जा रही है।
-सत्यवान, शहर थाना प्रभारी, डबवाली

कोरोना संक्रमितों का आरोप...

कोविड अस्पताल में मिल रहा भोजन हाइजेनिक नहीं
डबवाली(लहू की लौ)कोविड अस्पताल में उपचाराधीन कोरोना संक्रमितों ने व्यवस्थाओं के अभाव का आरोप लगाया है। बताया जाता है कि पांच संक्रमितों को एक कॉमन वार्ड में शिफ्ट किया गया है। सुबह 7 बजे नाश्ते के रुप में एक कप दूध तथा डबल रोटी दी जाती है। जो पूरी तरह से हाइजेनिक नहीं होती। आरोप है कि डबल रोटी एक कागज में लिपटी आती है। इसके बाद दोपहर 1 बजे सब्जी के साथ चार चपाती आती हैं। शाम 7 बजे डिनर पहुंच जाता है। संक्रमित ने बताया कि वे कोई डिमांड करते हैं, तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी ध्यान तक नहीं देते। यहां तक कि स्वास्थ्य कर्मी बिना पीपीई के उनके पास आते-जाते रहते हैं। कॉमन टॉयलेट होने से अन्य मरीज यहीं थूकते रहते हैं। एक संक्रमित ने बताया कि मैंने प्राइवेट रुम देने या फिर घर में ही क्वारंटाइन करने की मांग की थी। उस पर भी स्वास्थ्य विभाग ने कोई कदम नहीं उठाया।
मोबाइल पर रिपोर्ट नहीं आई
कोविड अस्पताल में
उपचाराधीन डबवाली निवासी एक संक्रमित ने बताया कि रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने के बाद उसे सिरसा लेजाया गया था। उसी दिन उसका ब्लड सैंपल लिया गया था। उसे बताया गया था कि रिपोर्ट मोबाइल पर आएगी। आज तक रिपोर्ट नहीं आई है। ऐसा अकेले उसके साथ नहीं हुआ, उसके वार्ड में बैठे कोरोना संक्रमितों की रिपोर्ट भी नहीं आई है। संक्रमितों ने व्यवस्था सुधार की मांग की है। उनके लिए सरकार की गाइडलाइंस अनुसार व्यवस्था करने के लिए कहा है।

दादी-पोते के लिए बस बनी सहारा

डेढ़ माह पहले खत्म हो गई थी दवा, बाइक पर चल दिए थे दादी-पोता, लेकिन राजस्थान पुलिस ने आगे नहीं जाने दिया था

हरियाणा रोड़वेज के साथ दौडऩा शुरु हुआ जिंदगी का पहिया, कोई दवा लेने तो कोई घर पहुंचने के लिए सवार हुआ

डबवाली(लहू की लौ)बुधवार से हरियाणा रोड़वेज का पहिया दौडऩा शुरु हो गया। जिससे लोगों को राहत मिली। पहले दिन डबवाली से सिरसा, हनुमानगढ़ तथा श्रीगंगानगर रुट पर चार बसें रवाना हुई। नियमानुसार एक बस में 30 सवारियां बैठ सकती थी, लेकिन उतनी तो बस अड्डा पर पहुंची ही नहीं। इस वजह से बसों की रवानगी तय समानुसार नहीं हो सकी। सुबह 7.15 बजे हनुमानगढ़ के लिए पहली बस जानी थी, महज 10 सवारियां होने के कारण बस 8.20 बजे रवाना हो सकी। इसी प्रकार श्रीगंगानगर के लिए बस रवानगी 10.05 बजे होनी थी, लेकिन सवारियां न होने के कारण बस 10.30 बजे चली।
लाइव रिपोर्ट :
करीब ढाई माह बाद डबवाली बस अड्डा के काऊंटर पर बस नजर आई है। चालक बलकौर सिंह तथा परिचालक अनिल कुमार की डयूटी है। बस में 9 लोग सवार हैं। जो श्रीगंगानगर जाना चाहते हैं। सीट पर बैठे डबवाली निवासी अंकुश का कहना है कि वह गांधी खादी भंडार पर कार्य करता है। दो माह बाद दुकान पर जा रहा है। इससे पहले वहां तक पहुंचने का कोई जरिया नहीं था। डबवाली निवासी सोनू अपनी दादी हरदेवी को दवा दिलाने के लिए श्रीगंगानगर जा रहा है। युवक के अनुसार उसकी दादी मानसिक रोगी है। लॉक डाऊन से पहले एक माह की दवा लेकर आई थी। एक माह से ज्यादा समय हो गया, दवा खत्म हुए। दादी को बाइक पर बैठाकर श्रीगंगानगर के लिए रवाना हुआ था। रास्ते में हमें रोक लिया था। इसलिए वापिस आना पड़ा। आज श्रीगंगानगर के दवा लेने जा रहे हैं। इधर हनुमानगढ़ निवासी लक्ष्मण अपनी पत्नी, माता-पिता तथा बहन के साथ वापिस घर लौट रहा है। लक्ष्मण के अनुसार बठिंडा में जमींदार के खेत में कार्य करते थे। 15 दिन पहले कार्य खत्म हो चुका था, हम खुद का कमाया खा रहे थे। हरियाणा रोड़वेज की सेवा हनुमानगढ़ तक शुरु होने का हमें पता चला तो हम बठिंडा से मंडी किलियांवाली पहुंचे। अब डबवाली से होकर अपने घर जा रहे हैं।

किस बस में कितनी सवारी
रुट सवारी
डबवाली-सिरसा 13
डबवाली-सिरसा 20
डबवाली-हनुमानगढ़ 10
डबवाली-श्रीगंगानगर 09

ढाई माह बाद आज चार बसें अलग-अलग रुट पर चलनी शुरु हुई हैं। डिस्टेंस का खास ख्याल रखा गया। साथ ही सवारियों को मास्क पहने बिना बस में नहीं बैठने दिया गया। उम्मीद है कि भविष्य में सवारियों की संख्या बढ़ेगी।
-डीआइ सुच्चा सिंह, सबडिपो डबवाली

घर पर मोबाइल टॉवर नहीं लगाएंगे सीडीएलयू रजिस्ट्रार

डबवाली(लहू की लौ) सीडीएलयू सिरसा के रजिस्ट्रार डॉ. राकेश वधवा ने डबवाली के वार्ड नं. 11 की गली नं. 12 स्थित अपने मकान में मोबाइ
ल टॉवर न लगाने का निर्णय लिया है। जिसका गली वालों ने स्वागत किया है। पिछले दिनों गली वासियों ने वधवा से मिलकर मोबाइल टॉवर न लगाने की प्रार्थना की थी। मामला प्रशासन की संज्ञान में आने से रजिस्ट्रार का कदम चर्चा का विषय बन गया था। अब वधवा खुद ही मोबाइल टॉवर स्थापित करने से पीछे हट गए हैं। डॉ. राकेश वधवा के अनुसार उनके पिता दिवंगत गिरधारी लाल वधवा हमेशा समाज हित में कार्य करते थे। वे हमेशा सर्वसम्मति के कार्यों को तवज्जो देते थे। उन्हीं के आदेशों पर चलते हुए सर्वसम्मति से टॉवर न लगाने का निर्णय लिया है।

पेयजल के साथ आने लगे पक्षियों के पंख

हरकत में आया जनस्वास्थ्य विभाग
डबवाली(लहू की लौ) गांव मुन्नांवाली में पेयजल आपूर्ति के दौरान नलों से कबूतर के पंख आने से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। पानी भी बदबूदार था तो शिकायतों का सिलसिला शुरु हो गया। लोगों ने अपने कनेक्शनों की जांच शुरु की तो मरे हुए कबूतर निकले। इस संबंध में ग्रामीण विजय सहारण ने एसडीओ सूरज प्रकाश जैन को शिकायत की। जिसके बाद महकमा हरकत में आया। हालांकि फोन पर ग्रामीणों तथा एसडीओ के बीच कहासुनी तक हो गई थी।
ग्रामीण विजय सहारण के मुताबिक मुन्नांवाली स्थित जलघर की ओर जनस्वास्थ्य विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। कुछ दिन पूर्व टंकी के ऊपर से जाली टूट गई थी। उसमें पक्षी मरकर गिरते रहे। महकमें ने जिम्मेवारी नहीं समझी। ऐसे में बदबूदार पानी आने लगा। बुधवार को हद हो जब पेयजल के साथ पक्षियों के पंख बहकर आने लगे। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर जांच करते हुए पाया कि मुख्य पेयजल पाइप में मरे हुए कबूतर फंसे हुए थे। विद्यालय तथा गोदिकां रोड पर दो जगह से पक्षी निकले। इस संबंध में एसडीओ को शिकायत की गई तो वे बोले कि वे बाहर हैं, आज ही के दिन आप ऐसा पानी पी लो। जब एसडीओ को पीने के लिए बदबूदार पानी की बोतल भरकर भेजने की बात कही तो उन्होंने संज्ञान लिया।

परसों आई आंधी से जाली हवा में उड़ गई थी। ऐसे में पक्षी टंकी में गिर गए थे। सूचना मिलने पर टंकी का पानी निकाल दिया गया। उसमें दवा का छिड़काव करके पानी भरा जाएगा। मैंने फोन पर ग्रामीण को यह कहा था कि आज पेयजल आपूर्ति नहीं आएगी, पानी बंद रहेगा। अब भी कर्मचारी वहां कार्य कर रहे हैं।
-एसडीओ सूरज प्रकाश जैन, जनस्वास्थ्य विभाग डबवाली

10 से 1 बजे तक बिजली रहेगी बंद

डबवाली(लहू की लौ) 4 जून 2020 दिन वीरवार को 11 केवी मंडी 1, 2, 4 फीडर की नई लाईन के ट्रायल के लिए सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक बिजली बंद रहेगी।
यह जानकारी देते हुए एसडीओ युगांक जैन बताया कि जिसमें जवाहर नगर, धालीवाल नगर, चौहान नगर, सिरसा रोड, बठिंडा रोड, मलोट रोड, मुख्य बाजार, सब्जी मंडी, क्लब क्षेत्र, लूना फैक्ट्री क्षेत्र, दुर्गा मंदिर क्षेत्र, न्यू बस स्टैंड क्षेत्र, खटीक मुहल्ला, मीना बाजार, रामलीला ग्राउंड क्षेत्र की बिजली बंद रहेगी।

अब देशभर में जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया नहीं करा सकेगी स्कूली खेलों का आयोजन

अब निजी स्कूल बच्चों से नहीं ले सकेंगे खेल फंड की राशि, शिक्षा विभाग में निजी स्कूलों को भी नहीं जमा कराना होगा स्पोर्टस फंड
चंडीगढ़ (लहू की लौ) अब देशभर में जिला, राज्य और नेशनल स्तर पर स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया
(एसजीएफआई) स्कूली खेलों का आयोजन नहीं करा सकेगी। देशभर में आयोजित होने वाली स्कूली खेल स्पर्धाओं से लाखों रुपए के हेरफेर होने व खराब संचालन के चलते इसे खेल मंत्रालय ने अपनी मान्यता सूची में शामिल नहीं किया है। यही वजह है कि अब देश भर में स्कूली खेलों का आयोजन एसजीएफआई नहीं करा सकेगी।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि भारतीय खेल मंत्रालय की तरफ से देशभर में नेशनल खेल फेडरेशनों को विभिन्न खेलों के आयोजन की मान्यता दी जाती है। एसजीएफआई अलग अलग राज्यों में स्कूली शिक्षा विभाग और फिर जिला स्तर पर जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी की अगुवाई में खेलों का आयोजन कराती है। इसके लिए शिक्षा निदेशालय साल भर की खेल गतिविधियों का खेल कलेंडर भी जारी करता है। बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि कक्षा छठी से लेकर बारहवीं तक स्कूलों में प्रत्येक बच्चे लगभग 27 रुपये खेल फंड की राशि भी वसूल की जा रही है। इसी वजह से प्रत्येक निजी स्कूल शिक्षा विभाग में हजारों रुपयों का स्पोर्टस फंड जमा कराता है। प्रत्येक जिले में सैंकड़ों निजी स्कूल हैं और इस लिहाज से लाखों रुपयों का स्पोर्टस फंड जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में इक_ा हो जाता है। इसके अलावा शिक्षा निदेशालय भी जिला शिक्षा अधिकारी व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय को खेलों के नाम पर लाखों रुपयों की ग्रांट भेजता रहता है। अब खेल मंत्रालय स्कूली खेलों के आयोजन के लिए नई व्यवस्था पर मंथन करने में जुटा है।
बृजपाल सिंह परमार ने बताया कि अब से स्कूली खेलों के आयोजन में किसी भी बच्चे को खेल फंड की राशि नहीं देनी होगी वहीं निजी स्कूल भी शिक्षा विभाग को स्पोर्टस फंड के नाम पर कोई शुल्क नहीं देगा।

डीईओ व डीईईओ की खेल शक्तियां छीनी, स्पोर्टस ग्रेडेशन का भी नहीं मिलेगा लाभ
खेल मंत्रालय ने स्कूली खेलों के आयोजन में एसजीएफआई को अपनी मान्यता सूची में शामिल नहीं किए जाने के बाद से हजारों खिलाडिय़ों का भविष्य भी दाव पर लग गया। एसजीएफआई द्वारा जारी किए गए खेल प्रमाण पत्रों के आधार पर नेशनल स्तर के खिलाडिय़ों को स्पोर्टस ग्रेडेशन, सालाना स्कॉलरशीप, खेल कोटा और रेलवे की सुविधाओं के साथ सरकारी नौकरी का कोई लाभ नहीं मिलेगा। अधिकांश प्रमाण पत्रों पर जिला शिक्षा अधिकारी के हस्ताक्षर होते हैं। इसके बाद खेल विभाग के अधिकारियों के भी हस्ताक्षर इन प्रमाण पत्रों पर होते हैं। जिनसे इन प्रमाण पत्रों की प्रमाणिकता पर बहुत बड़ा सवाल उठेगा।

52 नेशनल स्कूली स्पर्धाएं चैम्पियनशीप हुई रदद
एसजीएफआई की वेबसाइट पर खेल मंत्रालय द्वारा मान्यता रदद करने के आदेशों के कारण 52 नेशनल स्कूली खेल चैम्पियनशिप रदद करने का नोटिस लगा दिया है। इन खेल स्पर्धाओं में कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के खिलाड़ी भाग लेते हैं। जिनकी स्पर्धाआएं जून और जुलाई माह में आयोजित की जानी थी। लेकिन अब इन खेलों को रद्द करने का नोटिस लगाने के बाद खेलों की तैयारियों में जुटे खिलाडिय़ों के भविष्य पर ही दाव पर लग गया है। 

हरियाणा सरकार ने नगर पालिका क्षेत्र में 30 जून तक के लिए संचालन प्रक्रिया की जारी

चंडीगढ़(लहू की लौ) हरियाणा सरकार ने 30 जून, 2020 तक नगरपालिका सीमाओं के भीतर बाजार क्षेत्रों में सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के एक प्रवक्ता ने आज इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि रात्रि 9 बजे से सुबह 5 बजे तक लोगों के आवागमन के संबंध में लगाए गए रात्रि कफ्र्यू का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वस्तुओं के अलावा सभी अनुमत दुकानें प्रात: 9 बजे से सायं 7 बजे तक खुलेंगी। ऐसे सभी बाजार क्षेत्रों में आने वाले सभी लोगों अर्थात् दुकानदारों के साथ-साथ आगंतुकों या ग्राहकों को बाजार क्षेत्रों में सामाजिक दूरी (दो गज की दूरी) सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने बताया कि दुकानदारों को हाथ के संपर्क से बचने के लिए दस्ताने और मास्क पहनने होंगे और मानव संपर्क में आने वाले सभी बिंदुओं जैसे कि दरवाजे, हैंडल आदि को बार-बार सेनेटाइज करना होगा।
उन्होंने बताया कि दुकानदारों को अपनी दुकानों पर कम से कम स्टाफ को बुलाना होगा ताकि दुकानों पर भीड़ न हो और वे अपने स्टाफ को वैकल्पिक रूप से पारियों में बुला सकते हैं। बड़े प्रवेश बिंदुओं और एसी दुकानों पर सुरक्षा गार्ड को सैनेटाइजर और थर्मल स्कैनर उपलब्ध किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि दुकानदार और सेल्समेनस को ग्राहकों को अटेंड करते हुए हमेशा मास्क पहनना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी ग्राहक थर्मल स्कैनिंग, सैनेटाइजेशन और मास्क के बिना दुकान में प्रवेश न करें। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि दुकान में एक समय पर दुकानदार, हेल्पर और ग्राहक सहित 5 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं हों।
प्रवक्ता ने बताया कि ग्राहकों या आगंतुकों को मास्क पहनना होगा और उन्हें आपस में कम से कम छह फीट की दूरी रखते हुए कतार में खड़े होने को कहा जाएगा। दुकानों के बाहर नियमित आधार पर आवश्यक दूरी पर गोले बनाए जाएंगे ताकि ग्राहक या आगंतुक वहां खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर सकें। उन्होंने बताया कि बाजार के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर थर्मल स्केनिंग प्रणाली के साथ अस्थायी अवरोधक बनाए जाएं ताकि ग्राहकों या आगंतुकों के आवागमन के दौरान सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने स्पष्ट किया कि नगरपालिका के कर्मचारी ऐसे बाजार स्थलों या क्षेत्रों की दिन और रात के समय नियमित अंतराल पर उचित सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा, खुले या बाजार क्षेत्रों में थूकने पर चालान किया जाएगा। जन साधारण या ग्राहकों को जागरूक करने के लिए दुकानदारों या स्ट्रीट वेंडर्स को 'आरोग्यसेतु मोबाइल एपÓ डाउनलोड करने के लिए एक पब्लिक नोटिस लगाना होगा और वे उन्हें एप डाउनलोड करने और नियमित रूप से इस एप पर अपनी स्वास्थ्य स्थिति को अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके अलावा, दुकानदार यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके सभी कर्मचारी आरोग्यसेतु मोबाइल एप इंस्टॉल करें और उसका नियमित रूप से उपयोग करें।
प्रवक्ता ने बताया कि यदि किसी नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में भीड़भाड़ वाले बाजारों में केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए गए सामाजिक दूरी बनाए रखने के मानदंडों को लागू करना संभव नहीं है तो संबंधित उपायुक्त द्वारा संबंधित नगर निगम के आयुक्त के परामर्श से बाजारों आदि में 50 प्रतिशत दुकाने खोलने जैसे प्रोटोकॉल को अधिसूचित करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बाजार खोलने के दौरान सभी नगर पालिका क्षेत्रों (नगरनिगमों/परिषदों /समितियों) में सामाजिक दूरी के साथ-साथ स्वच्छता बनाए रखने के सभी मानकों का पालन करना आवश्यक होगा।
उन्होंने बताया कि फूड रेस्तरां और फूड एग्रीगेटर्स जैसे ज़ोमेटो, स्विगी आदि को खाद्य पदार्थों की होम डिलीवरी के लिए रसोई संचालित करने की अनुमति है। रसोई चलाने की अधिकतम समय सीमा सायं 8 बजे होगी और सभी माध्यमों से होम डिलीवरी का कार्य रात्रि 8.30 बजे या इससे पहले पूरा किया जाना सुनिश्चित करना होगा ताकि कोई भी डिलीवरी बॉय रात्रि 9 बजे के बाद बाहर सडक़ों पर न हो। ऐसी रसोइयों में खाना बनाते समय स्वच्छता के सभी मानकों का पालन सुनिश्चित करना होगा, जिसमें मास्क, दस्ताने, टोपी आदि पहनना  शामिल है। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि रसोई में काम करने वाले स्टाफ या डिलीवरी बॉयज़ को कोई बीमारी या सर्दी-जुकाम का कोई लक्षण नहीं है। उन्होंने बताया कि मालिक द्वारा दैनिक आधार पर स्टाफ की थर्मल स्कैनिंग और नियमित आधार पर मेडिकल चैकअप किया जाना भी सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि होम डिलीवरी के दौरान डिलीवरी बॉयज़ के लिए दस्ताने और मास्क पहनना अनिवार्य होगा। साथ ही, वस्तुओं की डिलीवरी करते समय उन द्वारा ग्राहकों के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान नहीं लिया जाएगा। अदायगी के लिए ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक मोड पर बल दिया जाएगा ताकि संपर्क से बचना और सामाजिक दूरी बनाए रखना सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा, नगर पालिकाओं को भी इन दिशानिर्देशों का प्रचार-प्रसार करने का प्रयास करना चाहिए ताकि दुकानदार या रेहड़ीवालों या फल और सब्जी विक्रेताओं आदि को सामाजिक दूरी बनाए रखने के बारे में जागरूक किया जा सके।
उन्होंने बताया कि इन दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए उपायुक्त द्वारा गठित संयुक्त टीमें जारी निर्देशों के अनुसार व्यापक जाँच करेंगी और उल्लंघनकर्ताओं का चालान करना सुनिश्चित करेंगी। नगरपालिकाएं ई-मेल ह्यह्वस्रड्ड.द्धड्डह्म्4ड्डठ्ठड्डञ्च4ड्डद्धशश.ष्श.द्बठ्ठ पर दैनिक समेकित रिपोर्ट भेजेंगी।
प्रवक्ता ने बताया कि नाई एवं मिठाई की दुकानों और बैंक्वेट या मैरिज हॉलस के संबंध में पहले से जारी दिशा-निर्देश ही लागू रहेंगे। ऐसे बाजार, जहां दैनिक आधार पर दुकानें खोलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, वहां लॉकडाउन से पहले प्रचलित साप्ताहिक बंद प्रणाली लागू होगी। हालांकि, भीड़भाड़ वाले बाजार, जहां दुकानों को रोजाना खोलने पर प्रतिबंध है, वहां 22 मई, 2020 के निर्देशों में साप्ताहिक बंद की शर्त को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि एसओपी का अनुपालन करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 30 मई, 2020 को जारी लॉकडाउन संबंधी दिशानिर्देशों का भी पूरी तरह से पालन करना होगा और इनमें कोई छूट नहीं दी जाएगी। सभी नगरपालिकाओं द्वारा इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक ये निर्देश दुकानों को खोलने से संबंधित हैं और इन्हें खोले रखने की अवधि आवश्यक वस्तुओं की दुकानों पर लागू नहीं होगी।
प्रवक्ता ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन की अवधि को 30 जून,2020 तक बढ़ा दिया गया है और कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों में चरणबद्ध ढंग से (अनलॉक-1) निषिद्ध गतिविधियों को फिर से खोला जाएगा। इसके अलावा, जिला प्रशासन द्वारा कंटेनमेंट जोन में दुकानों आदि को बंद करने से संबंधित लगाए गए प्रतिबंध आगामी आदेशों तक लागू रहेंगे।