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06 जून 2020

स्कूल में 11 पौधे लगाकर शुरू किया पौधारोपण अभियान

डबवाली (लहू की लौ) शुक्रवार को विश्व पर्यावरण दिवस पर पांच साल से चलती आ रही मुहिम को आगे बढ़ाते हुए GPS  अगुणिया बास चौटाला स्कूल मे स्टॉफ व ग्रामीणों ने साथ मिलकर 11 पौधे स्कूल में लगाए।
इस मौके पर जन नायक युवा क्लब के साथियों ने संकल्प लिया कि पर्यावरण दिवस हम पूरे जून माह प्रति दिन पौधे लगाएंगे और आने वाले समय पर जो पौधे लगाए गए हैं उनकी देखरेख व नए पौधे लगाकर पूरे गांव को हरियाणा का सबसे ग्रीन गांव बनाया जाएगा।
इस मौके पर अध्यापक अरविंद शर्मा, अध्यापक भजन लाल,जेपी गोदारा, छोटू सहारण,पवन स्वामी, आंनद बिश्नोई,अनिल पुनिया, मुकेश खदरिया, महावीर स्वामी, कृष्ण सोनी।

नेहरू स्कूल में विश्व पर्यावरण दिवस पर ऑनलाइन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन


डबवाली (लहू की लौ) नेहरू सीनियर सेकेंडरी स्कूल मे विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर बच्चों में ऑनलाइन पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन करवाया गया इस प्रतियोगिता में नेहरू सीनियर सेकेंडरी स्कूल के विभिन्न छात्र छात्राओं ने भाग लिया  प्रतियोगिता  का मुख्य विषय पर्यावरण सुरक्षा था।
इस अवसर पर नेहरू सीनियर सेकेंडरी स्कूल के निर्देशक हरि प्रकाश शर्मा ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि पर्यावरण हमारे जीवन की एक ऐसी नींव है जो हमारे जीवन के प्रत्येक पक्ष से संबंधित है हमें हमारा पर्यावरण दूषित वस्तुओं से बचा कर रखना होगा आधुनिक युग में फैली कोरोना कि यह बीमारी भी हमारे पर्यावरण में उपस्थित विभिन्न प्राणियों के स्वास्थ्य को खराब कर रही है जिससे पूरे विश्व भर में यह विकट स्थिति उत्पन्न हो गई जिसका सामना आज पूरा विश्व कर रहा है इसीलिए हमें खुद को व अपने आसपास के पर्यावरण को साफ रख कर सहयोग देना चाहिए
 स्कूल के प्रधानाचार्य  जीवन सिंगला ने बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि पर्यावरण अर्थात् परि+आवरण। हमारे आस-पास का वातावरण। अगर हमारे आसपास का वातावरण दूषित होगा इसका सबसे ज्यादा प्रभाव हमारे अपने  स्वास्थ्य पर पड़ेगा उन्होंने बच्चों को वृक्ष लगाने की सलाह दी उन्होंने वृक्षों का महत्व बताते हुए कहा कि वृक्ष हमारे जीवन की अनमोल कुंजी है यह प्रकृति का वह उपहार है जिसकी कोई कीमत नहीं है क्योंकि वृक्षों से हमें छाया, ऑक्सीजन, औषधियां आदि वस्तुएं जिन पर हमारा जीवन निर्भर करता है, मिलती हैं इसीलिए हमें अपने आसपास पर्यावरण का ध्यान रखना चाहिए। प्रतियोगिता के आयोजन मे प्राध्यापक पुनीत सिंगला व पिंकी वर्मा  की मुख्य भूमिका रही।  अध्यापकों ने बच्चों को पर्यावरण बचाने के लिये प्रेरित किया।

बाल मन्दिर स्कूल में वृक्षारोपण कर विश्व पर्यावरण दिवस मनाया

डबवाली (लहू की लौ) बाल मन्दिर स्कूल में शुक्रवार को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर अभिभावको ने वृक्षारोपण करके पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया।
प्रिंसीपल सुरेन्द्र कुमार कौशिक ने विद्यालय प्रशासनिक कार्यालय में आए हुए अभिभावकों से आज वृक्षारोपण करवा कर पर्यावरण दिवस मनाया। इसके बाद बातचीत करते हुए प्रिंसीपल कौशिक ने कहा कि स्वच्छ शुद्ध, हरित पर्यावरण के लिए बाल मंदिर की अपनी अनूठी पहचान है और इसी पहचान में चार चांद लगाने के लिए विद्यालय परिसर में प्रतिवर्ष वन महोत्सव, विश्व पर्यावरण दिवस, पृथ्वी दिवस या किसी शुभावसर पर वृक्षारोपण किया जाता है और पृथ्वी एवं पर्यावरण को सुन्दर, स्वच्छ बनाए रखने में योगदान दिया जाता है। इस मौके पर अभिभावकों ने अपने वक्तव्य में कहा कि इतने विशाल परिसर को साफ सुथरा और हरा भरा बनाए रखना नि:संदेह प्रशंसनीय है।
प्रिंसीपल सुरेन्द्र कौशिक ने उपस्थित अभिभावकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि लॉकडाऊन से जो पर्यावरण में सुधार हुआ है वो पिछले 60 वर्षों में किए गए प्रयासों से भी नहीं हुआ। प्रकृति अब दूल्हन की तरह सज संवर कर सुन्दर रूप में हमारे सामने है। हमने अब अपने आचार व्यवहार से इसे दूषित और शोषित नहीं करना है। आज विश्व पर्यावरण दिवस पर शुभ संकल्प लेना चाहिए कि हम सदैव इसे स्वस्थ एवं स्वच्छ रखेंगे। पर्यावरण की सुरक्षा हमारे जीवन की सुरक्षा है।

05 जून 2020

पर्यावरण की सीमा : मायके से लाई हरियाली की विरासत, ससुराल में बिखेरी खुशबू

डबवाली (लहू की लौ) पर्यावरण से मित्रता समय की जरुरत
है। प्रयास हमें घर से करना होगा। जैसा की 45 वर्षीय सीमा सग्गू कर रही हैं। देहरादून की वादियों में पली-बढ़ी यह बेटी डबवाली में विवाहिता हैं। ससुराल में मायके जैसी हरियाली तथा पक्षियों की चहचहाट करने का सपना देखा था। ख्यालों को हकीकत में बुनना शुरु किया। पौधारोपण करने लगी, पेड़ बड़े होते गए तो धीरे-धीरे कुछ नया करने की ठानी। घर से पड़े टूटे मटकों, चाय के कप, ईंट-पत्थरों आदि ढेर सारा वेस्ट मेटीरियल इक्ट्ठा कर लिया। वेस्ट पर पेंटिंग करके उसे बेस्ट बना दिया। ऊंचे पेड़ों पर पेंटिंग किए चाय के कपों को लटकाकर उसमें पौधे लगा दिए। अब एक पौधे पर अनेक पौधे बढ़ते दिखाई देते हैं।
सीमा सग्गू की इस बगिया में पौधों के साथ बांस, नारियल या फिर टोकरी में पराली डालकर सकोरे लटकाए हुए हैं, पूरा दिन पक्षियों की चहचहाट रहती है। अत्याधिक गर्मी या सर्दी से पौधों को बचाने के लिए ग्रीन हाऊस बना रखा है, तो कहीं छात्ता तले पौधे ऊंचाई छूते नजर आते हैं। अब तो ससुराली सीमा को पर्यावरण मित्र कहते नहीं थकते।

घर में हो पर्यावरण की सीमा, घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य
शहरों में जमीन लगातार कम होती जा रही है, तो वहीं विकास के लिए पेड़ों की अंधाधुंध कटाई जारी है। ऐसे में पर्यावरणीय हालात बिगड़ते जा रहे हैं। इसलिए पर्यावरण संरक्षण के लिए घर की सीमा का ही प्रयोग करना होगा। अपने इस प्रयास को सीमा ने अगले एक वर्ष में घर-घर तक पहुंचाने का लक्ष्य निर्धारित किया है।

पौधों का संरक्षण ही संकल्प
सीमा सग्गू का लक्ष्य है कि जितने पौधे उनकी बगिया में लगे हैं, उनको संरक्षित रखना। ताकि ये निरंतर बढ़ते जाएं और बहुत बड़े पेड़ बन जाएं। पौधों को किसी तरह की बीमारी न लगे, इसलिए उनकी बच्चों की तरह परवरिश करना।

देहरादून में चारों ओर हरियाली है, मेरा घर प्रकृत्ति की अनुपम धरोहर है। ऐसा इसलिए क्योंकि वहां के लोग पर्यावरण का महत्व जानते हैं। वैसा नजारा मैं सब जगह देखना चाहती हूं। हरियाली ही मेरा एजेंड़ा है, इस पर ही मैं काम कर रही हूं।
-सीमा सग्गू, डबवाली