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11 जून 2020

लैंड लीज पॉलिसी को अंतिम रूप दिया, उद्यमी 6 प्रतिशत वार्षिक की आरक्षित दर से भूमि पटटे पर ले सकेंगे

चण्डीगढ़(लहू की लौ)हरियाणा राज्य औद्योगिक एवं अवसंरचना विकास निगम (एचएसआईआईडीसी) ने प्रदेश में अधिक से अधिक निवेश आकर्षित करने और निवेशकों की भूमि से जुड़ी समस्याओं का समाधान करने के उद्देश्य से लैंड लीज पॉलिसी को अंतिम रूप दिया है जिसके तहत इच्छुक उद्यमी 6 प्रतिशत वार्षिक की आरक्षित दर से भूमि पट्टे पर ले सकेंगे।
यह जानकारी एचएसआईआईडीसी  के एस्टेट डिवीजन के प्रमुख  सुनील शर्मा ने आज पंचकूला में आयोजित वर्चुअल वैबडैस्क की बैठक के दौरान दी। निगम के प्रबंध निदेशक अनुराग अग्रवाल ने बैठक की अध्यक्षता की।
  सुनील शर्मा ने बताया कि ई-कामर्स कंपनी अमेजन ने प्रदेश में वेयरहाउसिंग में रुचि दिखाई है। इसी तरह एक बैटरी विनिर्माण कंपनी, जिसमें जापान का भी हिस्सा है, आईएमटी मानेसर में जमीन लेना चाहती है। उन्होंने कहा कि एचएसआईआईडीसी चाहता है कि हरियाणा में आने की इच्छुक कंपनियों को जल्द से जल्द भूमि आबंटित की जाए ताकि वे यहां अपना कारोबार शुरू कर सकें।
 उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री  मनोहर लाल और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला प्रदेश में अधिक से अधिक पूंजी निवेश आकर्षित करने के लिए प्रयासरत हैं। वे चीन, अमेरिका और जापान आदि देशों से भारत में आने की इच्छुक कंपनियों के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से रूबरू हुए हैं। उन लोगों द्वारा उठाए गए विषयों को देखते हुए एचएसआईआईडीसी ने सप्ताह में 3 दिन- सोमवार, बुधवार और शुक्रवार को वैब डैस्क के नाम से एक श्रंखला की शुरुआत की है। एचएसआईआईडीसी के प्रबंध निदेशक इसकी अध्यक्षता करते हैं और मौके पर ही उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है।
 सुनील शर्मा ने बताया कि कोविड-19 महामारी के चलते बदले हालात में हरियाणा सरकार और एचएसआईआईडीसी ने सूचना प्रौद्योगिकी के प्रति विशेष बल दिया है। उन्होंने बताया कि इस महामारी ने प्रदेश को कई चीजों में आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित किया है। पहले जहां हरियाणा में कई चीजों का निर्माण नहीं होता था, वहीं कोविड-19 के कारण अब प्रदेश में इन चीजों का निर्माण होने लगा है। हरियाणा में इस महामारी से पहले पीपीई किट्स और एन-95 मास्क का निर्माण नहीं होता था। लेकिन एचएसआईआईडीसी ने 9 अप्रैल, 2020 को व्हाट्सएप पर पीपीई किट्स के लिए एक प्लेटफार्म बना दिया था जिसके माध्यम से पीपीई किट्स के निर्माताओं, आपूर्तिकर्ताओं और व्यापारियों को एक मंच उपलब्ध करवाया गया। इससे एक नई शुरुआत हुई और उसी माध्यम से एचएसआईआईडीसी ने वैबिनार और वैब डैस्क की शुरुआत की। इसके माध्यम से सप्ताह में 3 दिन तक उच्चाधिकारी विभिन्न कंपनियों की समस्याएं सुनते हैं और उनका समाधान करते हैं।

10 जून 2020

सरकार की घोषणा लोगों के लिए महंगी, 2 रुपये वाला मास्क 10 में बेचा जा रहा

डबवाली(लहू की लौ)कोरोना संकट में मास्क के उपयोग का पता चला तो कीमतों में भारी उछाल आया। मौके को भुनाने के लिए लोगों ने मास्क का निर्माण शुरु कर दिया। अंधाधुंध तरीके से मास्क बनाए और बेचे गए। यह खेल यहीं नहीं रुका है। हरियाणा सरकार ने बाजारों को अनलॉक करने के साथ ही मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया। ऐसे में कीमतें स्थिर जरुर हो गई हैं, लेकिन लोगों से ठगी का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
लोगों को कैसे ठगा जा रहा है, इसके लिए मास्क को जानना बेहद जरुरी है। मास्क डबल या ट्रिपल लेयर कपड़े या प्लास्टिक का बना होता है। डिस्पोजेबल मास्क का थोक रेट 2 से 3 रुपये है। जबकि मेडिकल स्टोरों पर यह 8 से 10 रुपये में बेचा जा रहा है। इसमें सरकार भी कुछ नहीं कर सकती। कोरोना के कारण पहली बार लॉक डाऊन हुआ था, तब सरकार ने स्वयं ही डिस्पोजेबल मास्क का उपरोक्त मूल्य निर्धारित किया था। डबवाली के ग्रामीण आंचल को ही लेते हैं, ग्रामीण शहर जाने के लिए मास्क खरीदने सीधा मेडिकल पर जाते हैं और मास्क मांगते हैं। मेडिकल संचालक डबल लेयर डिस्पोजल पकड़ाकर उससे मनमाना दाम वसूल लेता है। यह तो रही ग्रामीण आंचल की बात।

वॉशेबल मास्क के नाम पर ठगी
शहर में स्थिति कोई ज्यादा भिन्न नहीं है। डबवाली की बात करें तो स्थानीय स्तर पर मास्क निर्माता हैं, इसके अलावा पंजाब के लुधियाना से काफी माल शहर में लाया गया। अब भी वॉशेबल मास्क का नाम देकर खूब बेचा जा रहा है। बताते हैं कि 50-60 रुपये तक मास्क बिका। सामने नेट, पीछे मुलायम कपड़े से बना बिना सर्टिफाइड यह मास्क खूब प्रचलित है।
डबल लेयर यह मास्क फिलहाल 15-17 रुपये में बिक रहा है। जोकि निर्माण मूल्य से दुगुनी कीमत है। वहीं सरकार को जीएसटी का चूना लगाया गया। चूंकि ये मास्क बिना बिल, बिना मार्का बिक रहे हैं।

मल्टी नेशनल कंपनियां मैदान में
देसी निर्माताओं के साथ-साथ स्वास्थ्य प्रॉडक्ट बनाने वाली कई मल्टी नेशनल कंपनियों के मास्क भी मैदान में पहुंचे हैं। ये मास्क भी वॉशेबल हैं। मल्टीनेशनल कंपनी की मुहर लगी होने के कारण इनकी कीमत करीब 65 से 70 रुपये है। अनिवार्य होने के कारण लोग रंग-बिरंगे मास्क को खरीदने में खूब रुची दिखा रहे हैं। हालांकि सीधे तौर पर उनकी जेब पर डाका डाला जा रहा है।

इस वर्ष करीब एक करोड़ 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे

चंडीगढ़ (लहू की लौ)हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री  कंवर पाल ने बताया कि वन विभाग द्वारा प्रदेश में वन क्षेत्र को 7 से 20 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है जिसके तहत इस वर्ष करीब एक करोड़ 25 लाख पौधे लगाए जाएंगे। राज्य के 1100 गांवों में 'कोविड वाटिकाÓ स्थापित की जाएंगी जिनमें औषधीय पौधे रोपित किए जाएंगे।
वन मंत्री आज यहां वन विभाग के प्रदेश मुख्यालय से वीडियो कान्फ्रैंसिंग द्वारा राज्य के वन अधिकारियों से समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करने के बाद मीडिया से बात कर रहे थे। इससे पूर्व हुई बैठक में वन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव आलोक निगम, प्रिंसिपल चीफ कजंरवेटर (वन एवं वन्य जीव) आलोक वर्मा, प्रिंसिपल चीफ कंजरवेटर (वन) अमरिंद्र कौर  के अलावा विभाग के अन्य वरिष्ठï अधिकारी उपस्थित थे। इस अवसर पर हरियाणा के वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवर पाल ने वन विभाग हरियाणा द्वारा तैयार की गई 'औषधीय पौधों की जानकारी से संबंधित पुस्तिकाÓ का भी विमोचन किया।
वन एवं पर्यावरण मंत्री कंवर पाल ने बताया कि वन विभाग द्वारा जो सवा करोड़ पौधे लगाए जाएंगे उनमें अधिकतर फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य है। ये पौधे स्कूल, कालेज, धार्मिक स्थलों, सडक़ किनारों के अलावा पंचायती जमीन पर लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि इन पौधों की देखभाल करने के लिए वृक्षमित्र नियुक्त किए जाएंगे ताकि शत-प्रतिशत पौधे जीवित रह सकें। उन्होंने बताया कि इस बार राज्य सरकार कीमती पौधे लगाने की अपेक्षा हरियाली बनाए रखने वाले पौधों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि  पर्यावरण संरक्षण के लिए पेड़-पौधों के अलावा वन्य जीव व पक्षियों का सुरक्षित होना भी आवश्यक है इसलिए उन पौधों को प्रमुखता दी जाएगी जिन पौधों के बड़े होने पर पक्षी उनमें घोसला बना सकें तथा उनके फल खाकर अपना गुजारा भी कर सकें।
उन्होंने बताया कि हरियाणा सरकार इस बार कई गांवों की पंचायती जमीन पर मॉडल के तौर पर बाग लगाएगी, अगर यह प्रयास सफल रहा तो बाद में इसको पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इससे जहां पंचायतों को अच्छी आमदनी होगी वहीं बाग के पेड़ 50 वर्ष तक क्षेत्र को हरा-भरा रखकर पर्यावरण को शुद्घ रखने में सहयोग करेंगे।
मीडिया से बात करने से पूर्व, वन मंत्री कंवर पाल ने वन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में उन गांवों की सूची तैयार करें जिनके पास पर्याप्त मात्रा में पंचायती जमीन है ताकि उनको बाग लगाने के लिए प्रेरित किया जा सके।  उन्होंने वन विभाग के जिला स्तर के अधिकारियों को यह भी कहा कि वे स्वयं भी अपने जिला में वन क्षेत्र बढ़ाने के लिए नया-आइडिया ला सकते हैं, अगर सकारात्मक परिणाम आए तो अन्य जिलों में भी उसको फलीभूत किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वे गांव में सरपंच, नंबरदार व अन्य मौजिज लोगों से पौधारोपण करवाएं ताकि वे भी इन पौधों से जुड़ाव महसूस कर सकें। अधिकारी समाज के लोगों को यह समझाएं कि पर्यावरण शुद्घ रखने के लिए पेड़-पौधे लगाने आवश्यक हैं ताकि असंतुलन के कारण कोविड-19 जैसी महामारी भविष्य में न फैल सकें। उन्होंने कहा कि विभागीय अधिकारी व कर्मचारी किसानों को राज्य सरकार की उस योजना को अच्छे-से समझाएं जिसमें किसान की जमीन के साथ लगती सरकारी भूमि पर पौधों की देखभाल करने से बिक्री के समय उसको भी सरकार द्वारा 50 प्रतिशत लाभ दिया जाता है।
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र में इस बात की भी समय-समय पर जांच करते रहें कि कोई व्यक्ति वन विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा न कर ले।

06 जून 2020

चना किसानों से हो रहीं लूट-अभय सिंह

चंडीगढ़ (लहू की लौ) इनेलो नेता चौधरी अभय सिंह चौटाला ने बताया कि पिछले दिनों हिसार की मंडी में चना किसानों की लूट का मामला सामने आया कि सरकारी एजेंसी हैफेड द्वारा प्रति बोरी की तुलाई में करीब 5 किलो चने की ज्यादा की लूट की गई, इसमें करीब 250 रुपए प्रति बोरी किसानों को लूटा गया। दुर्भाग्य की बात तो ये है कि इस दौरान वहां जिला प्रशासन का कोई अधिकारी मौजूद नहीं था और किसानों को रातभर मंडियों में ही सोना पड़ा। किसानों से 100 रुपए आढ़त के नाम पर भी काटे गए जबकि सरकार पहले ही कह चुकी है कि चने की खरीद में किसान से कोई भी आढ़त का पैसा नहीं काटा जाएगा। इस दौरान किसानों ने मंडी प्रधान व सरकारी एजेंसी के अधिकारियों पर मिलीभगत का भी आरोप लगाया है। इससे साफ जाहिर होता है कि भाजपा-जजपा किसानों की आज तक की सबसे बड़ी अनेदखी करने वाली सरकार साबित हुई है।
उन्होंने कहा कि सरकारी एजेंसी द्वारा किसानों को लूटने का यह कोई पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी धान, गेहूं और सरसों की फसलों को लेकर किसानों को लूटने के मामले प्रदेश की जनता के सामने उजागर हो चुके हैं। हिसार की मंडी में चने की फसल के लिए किसान पहले दर-दर भटकता रहा फिर जब तोलने का समय आया तो प्रत्येक कट्टे में सरकारी एजेंसी हैफेड द्वारा प्रति कट्टा पांच किलोग्राम अधिक तोला गया। किसानों द्वारा जब ये चोरी पकड़ी गई तो सरकार की पोल खुल गई।
इनेलो नेता ने सरकार के उस दावे को खोखला करार देते हुए कहा कि जो सरकार ग्रेड-1 धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1835 से 1887 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ाने पर अपनी पीठ थपथपा रही है, वह तो मात्र 2.9 प्रतिशत की बढ़ौतरी है जबकि सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि उन्होंने न्यूनतम समर्थन मूल्य 50 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। इनेलो नेता ने कहा कि भाजपा-जजपा सरकार अपने आपको किसान हितैषी होने का ढिंढोरा पीट रही है।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के इस दौर में किसानों को किसी भी प्रकार की कोई राहत सरकार द्वारा नहीं दी गई है। ऊपर से मंडियों में किसानों को लूटने का सिलसिला बदस्तूर जारी है। चने के दाने का साइज छोटा बताकर खरीद न करना किसानों को बेवजह परेशान किया जा रहा है। किसानों से करीब 300 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से लेकर खराब चने की खरीद का मामला भी सामने आया है जबकि जिस किसान का चना अच्छी गुणवत्ता का है उसका चना नहीं खरीदा जा रहा है। हद तो तब हो गई जब किसानों से खाने के 60 रुपए सरकार द्वारा वसूले गए। 

05 जून 2020

हाई कोर्ट ने निजी स्कूल एसोसिएशन और सरकार को किया नोटिस, 15 जून तक देना होगा जवाब

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन द्वारा फीस बढ़ोतरी मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान
चंडीगढ़ (लहू की लौ) गए थे नमाज पढऩे रोजे गले पड़ गए। कुछ इसी तरह का वाक्या प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के साथ वीरवार को पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में हुआ। प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कोरोना संक्रमण काल में चल रहे लाकडाउन के दौरान फी
स वसूली और नए सत्र से फीस बढ़ोतरी मामले को लेकर पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय की शरण ली थी। इसी मामले में स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के प्रदेश अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार भी अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल के माध्यम से बच्चों के अभिभावकों का पक्षकार बन गए। वीरवार को मामले में पहली सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन की तरफ से अधिवक्ता अभिनव अग्रवाल ने माननीय हाईकोर्ट के न्यायाधीश राजमोहन के समक्ष हरियाणा एजुकेशन एक्ट 1995 के सेक्शन चैप्टर छह के सेक्शन 17(5) की विस्तृत चर्चा की और बताया कि प्रत्येक निजी स्कूल को हर साल ऑडिट बैलेंस सीट निदेशालय के समक्ष जमा कराने के आदेश दिए हुए हैं। संगठन ने शिक्षा निदेशालय को इस संबंध में एक शिकायत दी थी। जिस पर शिक्षा निदेशालय ने 18 दिसंबर 2019 को प्रदेश के सभी निजी स्कूलों को क्षेत्रीय कार्यालयों में अपने स्कूल की ऑडिट बैलेंस सीट 31 दिसंबर तक जमा कराने के आदेश दिए थे। इन आदेशों में निदेशालय ने यह भी स्पष्ट किया था कि निर्धारित अवधि में ऑडिट बैलेंस सीट जमा नहीं कराने पर फार्म छह अधूरा माना जाएगा। संगठन की तरफ से यह बात भी कोर्ट के समक्ष रखी गई कि अधिकांश निजी स्कूलों ने ऑडिट बैलेंस सीट शिक्षा निदेशालय के समक्ष जमा नहीं कराई है। इसी वजह से उनका फार्म छह भी अधूरा पड़ा है।
वहीं प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की पैरवी कर रहे अधिवक्ताओं की तरफ से भी कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कहा कि ये मसला सरकार और निजी स्कूलों के बीच का है, इसमें संगठन का कोई लेना देना नहीं है। निजी स्कूल एसोसिएशन ने बच्चों की फीस बढ़ोतरी करने व लाकडाउन अवधि के दौरान अभिभावकों से फीस लेने संबंधी बातें भी रखी। प्राइवेट स्कूलों की मांग थी कि फार्म नंबर छह के अनुसार बच्चों से फीस लेने की अनुमति दी जाए और सरकार ने जो आदेश किए हैं, उन्हें स्थगित कराया जाए। न्यायाधीश राजमोहन ने मामले की सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन द्वारा ऑडिट बैलेंस सीट संबंधी एक्ट का हवाला देते हुए इसकी अनुपालना नहीं करने अनुरोध पर हरियाणा सरकार और प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन को नोटिस जारी करते हुए 15 जून तक जवाब तलब किया है। हाई कोर्ट के कड़े रुख के बाद निजी स्कूल एसोसिएशन की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वहीं इस मसले में अब तक शिक्षा निदेशालय में ऑडिट बैंलेंस सीट जमा कराने से बचने वाले स्कूलों पर भी कार्रवाई की तलवार लटकना तय है। 

04 जून 2020

हरियाणा सरकार ने नगर पालिका क्षेत्र में 30 जून तक के लिए संचालन प्रक्रिया की जारी

चंडीगढ़(लहू की लौ) हरियाणा सरकार ने 30 जून, 2020 तक नगरपालिका सीमाओं के भीतर बाजार क्षेत्रों में सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के लिए मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) जारी की है।
शहरी स्थानीय निकाय विभाग के एक प्रवक्ता ने आज इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि रात्रि 9 बजे से सुबह 5 बजे तक लोगों के आवागमन के संबंध में लगाए गए रात्रि कफ्र्यू का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक वस्तुओं के अलावा सभी अनुमत दुकानें प्रात: 9 बजे से सायं 7 बजे तक खुलेंगी। ऐसे सभी बाजार क्षेत्रों में आने वाले सभी लोगों अर्थात् दुकानदारों के साथ-साथ आगंतुकों या ग्राहकों को बाजार क्षेत्रों में सामाजिक दूरी (दो गज की दूरी) सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने बताया कि दुकानदारों को हाथ के संपर्क से बचने के लिए दस्ताने और मास्क पहनने होंगे और मानव संपर्क में आने वाले सभी बिंदुओं जैसे कि दरवाजे, हैंडल आदि को बार-बार सेनेटाइज करना होगा।
उन्होंने बताया कि दुकानदारों को अपनी दुकानों पर कम से कम स्टाफ को बुलाना होगा ताकि दुकानों पर भीड़ न हो और वे अपने स्टाफ को वैकल्पिक रूप से पारियों में बुला सकते हैं। बड़े प्रवेश बिंदुओं और एसी दुकानों पर सुरक्षा गार्ड को सैनेटाइजर और थर्मल स्कैनर उपलब्ध किया जाना चाहिए। उन्होंने बताया कि दुकानदार और सेल्समेनस को ग्राहकों को अटेंड करते हुए हमेशा मास्क पहनना होगा और यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई भी ग्राहक थर्मल स्कैनिंग, सैनेटाइजेशन और मास्क के बिना दुकान में प्रवेश न करें। यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि दुकान में एक समय पर दुकानदार, हेल्पर और ग्राहक सहित 5 से अधिक व्यक्ति उपस्थित नहीं हों।
प्रवक्ता ने बताया कि ग्राहकों या आगंतुकों को मास्क पहनना होगा और उन्हें आपस में कम से कम छह फीट की दूरी रखते हुए कतार में खड़े होने को कहा जाएगा। दुकानों के बाहर नियमित आधार पर आवश्यक दूरी पर गोले बनाए जाएंगे ताकि ग्राहक या आगंतुक वहां खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार कर सकें। उन्होंने बताया कि बाजार के प्रवेश और निकास बिंदुओं पर थर्मल स्केनिंग प्रणाली के साथ अस्थायी अवरोधक बनाए जाएं ताकि ग्राहकों या आगंतुकों के आवागमन के दौरान सामाजिक दूरी सुनिश्चित की जा सके।
उन्होंने स्पष्ट किया कि नगरपालिका के कर्मचारी ऐसे बाजार स्थलों या क्षेत्रों की दिन और रात के समय नियमित अंतराल पर उचित सफाई और स्वच्छता सुनिश्चित करेंगे। इसके अलावा, खुले या बाजार क्षेत्रों में थूकने पर चालान किया जाएगा। जन साधारण या ग्राहकों को जागरूक करने के लिए दुकानदारों या स्ट्रीट वेंडर्स को 'आरोग्यसेतु मोबाइल एपÓ डाउनलोड करने के लिए एक पब्लिक नोटिस लगाना होगा और वे उन्हें एप डाउनलोड करने और नियमित रूप से इस एप पर अपनी स्वास्थ्य स्थिति को अपडेट करने के लिए प्रोत्साहित करेंगे। इसके अलावा, दुकानदार यह सुनिश्चित करेंगे कि उनके सभी कर्मचारी आरोग्यसेतु मोबाइल एप इंस्टॉल करें और उसका नियमित रूप से उपयोग करें।
प्रवक्ता ने बताया कि यदि किसी नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में भीड़भाड़ वाले बाजारों में केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा निर्धारित किए गए सामाजिक दूरी बनाए रखने के मानदंडों को लागू करना संभव नहीं है तो संबंधित उपायुक्त द्वारा संबंधित नगर निगम के आयुक्त के परामर्श से बाजारों आदि में 50 प्रतिशत दुकाने खोलने जैसे प्रोटोकॉल को अधिसूचित करने के लिए आवश्यक उपाय किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि बाजार खोलने के दौरान सभी नगर पालिका क्षेत्रों (नगरनिगमों/परिषदों /समितियों) में सामाजिक दूरी के साथ-साथ स्वच्छता बनाए रखने के सभी मानकों का पालन करना आवश्यक होगा।
उन्होंने बताया कि फूड रेस्तरां और फूड एग्रीगेटर्स जैसे ज़ोमेटो, स्विगी आदि को खाद्य पदार्थों की होम डिलीवरी के लिए रसोई संचालित करने की अनुमति है। रसोई चलाने की अधिकतम समय सीमा सायं 8 बजे होगी और सभी माध्यमों से होम डिलीवरी का कार्य रात्रि 8.30 बजे या इससे पहले पूरा किया जाना सुनिश्चित करना होगा ताकि कोई भी डिलीवरी बॉय रात्रि 9 बजे के बाद बाहर सडक़ों पर न हो। ऐसी रसोइयों में खाना बनाते समय स्वच्छता के सभी मानकों का पालन सुनिश्चित करना होगा, जिसमें मास्क, दस्ताने, टोपी आदि पहनना  शामिल है। यह भी सुनिश्चित करना होगा कि रसोई में काम करने वाले स्टाफ या डिलीवरी बॉयज़ को कोई बीमारी या सर्दी-जुकाम का कोई लक्षण नहीं है। उन्होंने बताया कि मालिक द्वारा दैनिक आधार पर स्टाफ की थर्मल स्कैनिंग और नियमित आधार पर मेडिकल चैकअप किया जाना भी सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि होम डिलीवरी के दौरान डिलीवरी बॉयज़ के लिए दस्ताने और मास्क पहनना अनिवार्य होगा। साथ ही, वस्तुओं की डिलीवरी करते समय उन द्वारा ग्राहकों के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान नहीं लिया जाएगा। अदायगी के लिए ऑनलाइन इलेक्ट्रॉनिक मोड पर बल दिया जाएगा ताकि संपर्क से बचना और सामाजिक दूरी बनाए रखना सुनिश्चित किया जा सके। इसके अलावा, नगर पालिकाओं को भी इन दिशानिर्देशों का प्रचार-प्रसार करने का प्रयास करना चाहिए ताकि दुकानदार या रेहड़ीवालों या फल और सब्जी विक्रेताओं आदि को सामाजिक दूरी बनाए रखने के बारे में जागरूक किया जा सके।
उन्होंने बताया कि इन दिशा-निर्देशों को लागू करने के लिए उपायुक्त द्वारा गठित संयुक्त टीमें जारी निर्देशों के अनुसार व्यापक जाँच करेंगी और उल्लंघनकर्ताओं का चालान करना सुनिश्चित करेंगी। नगरपालिकाएं ई-मेल ह्यह्वस्रड्ड.द्धड्डह्म्4ड्डठ्ठड्डञ्च4ड्डद्धशश.ष्श.द्बठ्ठ पर दैनिक समेकित रिपोर्ट भेजेंगी।
प्रवक्ता ने बताया कि नाई एवं मिठाई की दुकानों और बैंक्वेट या मैरिज हॉलस के संबंध में पहले से जारी दिशा-निर्देश ही लागू रहेंगे। ऐसे बाजार, जहां दैनिक आधार पर दुकानें खोलने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, वहां लॉकडाउन से पहले प्रचलित साप्ताहिक बंद प्रणाली लागू होगी। हालांकि, भीड़भाड़ वाले बाजार, जहां दुकानों को रोजाना खोलने पर प्रतिबंध है, वहां 22 मई, 2020 के निर्देशों में साप्ताहिक बंद की शर्त को शामिल किया गया है।
उन्होंने बताया कि एसओपी का अनुपालन करते हुए केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा 30 मई, 2020 को जारी लॉकडाउन संबंधी दिशानिर्देशों का भी पूरी तरह से पालन करना होगा और इनमें कोई छूट नहीं दी जाएगी। सभी नगरपालिकाओं द्वारा इनका व्यापक प्रचार-प्रसार करने की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने बताया कि अब तक ये निर्देश दुकानों को खोलने से संबंधित हैं और इन्हें खोले रखने की अवधि आवश्यक वस्तुओं की दुकानों पर लागू नहीं होगी।
प्रवक्ता ने बताया कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन की अवधि को 30 जून,2020 तक बढ़ा दिया गया है और कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों में चरणबद्ध ढंग से (अनलॉक-1) निषिद्ध गतिविधियों को फिर से खोला जाएगा। इसके अलावा, जिला प्रशासन द्वारा कंटेनमेंट जोन में दुकानों आदि को बंद करने से संबंधित लगाए गए प्रतिबंध आगामी आदेशों तक लागू रहेंगे।

हरियाणा सरकार ने ऋण संबंधी दिक्कत को दूर करने के लिए शिकायत पोर्टल किया लांच

चंडीगढ़(लहू की लौ)हरियाणा में एमएसएमई को 'आत्मनिर्भर भारत अभियानÓ आर्थिक पैकेज के तहत, राज्य सरकार ने ऋण प्राप्त करने के बारे में एमएसएमई की शिकायतें प्राप्त करने के लिए 'हरियाणा उधम सहयोगÓ  के नाम से एक समर्पित पोर्टल शुरू किया है।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के  प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि देश में कोविड-19 महामारी का आर्थिक प्रभाव काफी हद तक विघटनकारी रहा है। इस महामारी के कारण देशभर में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार ने इन उद्योगों को ऋण सुविधाएं प्रदान करने के लिए एक महत्वाकांक्षी 'आत्मनिर्भर भारत अभियानÓ
आर्थिक पैकेज लॉन्च किया है। इस आर्थिक पैकेज में संशोधित परिभाषाओं के अनुसार खुदरा व्यापारी, व्यापारी, दुकानदारों आदि समेत सभी एमएसएमई को शामिल किया गया है।
यदि उन्हें ऋण से संबंधित चुनौतियां पेश आती हैं तो वे इस पोर्टल के माध्यम से दर्ज करवा सकते हैं। उन्होंने बताया कि दर्ज की गई शिकायतों की दैनिक आधार पर बैंकों के साथ पैरवी की जाएगी और उनका तेजी से समाधान किया जाएगा।
उद्यमी एमएसएमई के लिए वित्त संबंधित शिकायतों को उठाने के लिए सरल हरियाणा पोर्टल (द्धह्लह्लश्चह्य://ह्यड्डह्म्ड्डद्यद्धड्डह्म्4ड्डठ्ठड्ड.द्दश1.द्बठ्ठ) पर पंजीकरण करने के बाद शिकायत फार्म भरकर अपनी समस्या को दर्ज करवा सकते हैं।

03 जून 2020

विदेशों में भेजने के नाम पर की गई धोखाधड़ी एवं कबूतरबाजी की जांच करेगी एसआईटी -विज

चंडीगढ़(लहू की लौ)हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने कहा कि प्रदेश में कबूतरबाजी की घटनाओं पर नकेल कसने के लिए करनाल रेंज की आईजीपी  भारती अरोड़ा की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय विशेष जांच समिति (एसआईटी) का गठन किया गया है। यह समिति राज्य में अब तक के विदेशों में भेजने के नाम पर की गई धोखाधड़ी एवं कबूतरबाजी की घटनाओं के मामलों की जांच करेगी।
गृहमंत्री ने बताया कि इस समिति में छ: वरिष्ठï पुलिस अधिकारियों को भी शामिल किया गया है। इनमें आईपीएस नाजनीन भसीन, राहुल शर्मा, हिमांशु गर्ग, लोकेन्द्र सिंह, शशांक कुमार तथा मोहित हांडा शामिल किए गए हैं। यह समिति राज्य में धोखाधड़ी से विदेश में भेजने वाले तथा मानव तस्करी से भी जुड़े एवं अन्य कबूतरबाजी जैसे सभी प्रकार के मामलों की गहनता से जांच तथा उचित कार्रवाई करेगी।
विज ने कहा कि कबूतरबाजी के तहत अमेरिका ने 135 लोगों को भारत में भेजा है, जिनमें से 75 लोग हरियाणा के निवासी हैं। इससे पहले 19 मई को भी अमेरिका द्वारा 73 लोगों को डिपोट किया गया था, जिसके कारण हमने 73 एफआईआर दर्ज की हैं और इनकी गहनता से जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस प्रकार के मामले अन्य देशों से भी हो सकते हैं। इसलिए हमने ऐसे सभी मामलों एवं फर्जीवाडे की जांच के लिए उक्त एसआईटी का गठन किया है। उन्होंने कहा कि इससे विदेश भेजने के नाम पर होने वाले फर्जीवाड़े पर अंकुश लगाया जाएगा। इससे पहले भी यदि कोई पीडि़त व्यक्ति इस प्रकार की धोखाधड़ी एवं फर्जीवाडा का शिकार हुआ है तो वह उक्त समिति से सम्पर्क कर सकता हैं।
गृहमंत्री ने कहा कि ऐसे पीडि़त लोगों की दास्तां बड़ी ही दयनीय रही है, जिन्हें नाजायज तरीके से अमेरिका भेजने के लिए जंगल तथा समुद्र के रास्तों का प्रयोग किया गया। इतना ही नही इन लोगों को विदेशों में भेजने के लिए ट्रक, कैंटर में लटका कर ले जाया जाता रहा तथा भूखे प्यासे रखते हुए अनेक प्रकार की यातनाएं भी देने की बातें सामने आ रही है। ऐसे लोगों को अमेरिका पहुंते ही गिरफ्तार कर लिया गया, जिन्हें अब भारत में वापिस भेजा गया है।

01 जून 2020

मेरा पानी -मेरी विरासत, एक किलो चावल पैदा करने में 3 हजार लीटर पानी का दोहन-मुख्यमंत्री

फसल बोने के वक्त  पहली किस्त 2 हजार बाद में 5 हजार रूपए
चंडीगढ़(लहू की लौ)हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा है कि किसान धान की फसल लगाने की बजाए भूजल संरक्षण के दृष्टि
ïगत मक्का, तिलहन इत्यादि फसलों को लगाकर आने वाली पीढिय़ों के लिए विरासत में जलयुक्त भूमि देने का मार्ग प्रशस्त करें। 'मेरा पानी मेरी विरासत' योजना हरियाणा सरकार द्वारा इसी संदर्भ में उठाया गया एक महत्वपूर्ण कदम हंै, जिसमें आम किसान स्वेच्छा से धान को त्यागकर दूसरी फसलें लेने के साथ-साथ हरियाणा सरकार से 7000 रूपए प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि लेने का हकदार भी होगा।
मुख्यमंत्री ने कैथल मेें किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की ये सरकार राजनीतिक तौर पर न सोचकर इससे आगे की बात सोचती है ताकि आने वाले समय में प्राकृतिक वातावरण किसानों के लिए लम्बे समय तक बना रहे। उन्होंने कहा कि पानी का संकट गहरा है, कहीं पानी कम है तो कहीं ज्यादा है, कहीं सूखा है तो कहीं बाढ़ की स्थिति बनी रहती है। वातावरण के संतुलन व पेयजल के साथ सिंचाई हेतु भी पानी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि पानी का कुशल प्रबंधन ही आने वाली फसलों को पानी युक्त भूमि विरासत में दे पाए, इसके लिए कम पानी में फसलों को लेना सबसे बड़ी पहल है और इसके लिए फव्वारा, टपका सिंचाई की तरफ भी प्रदेश आगे बढ़ा है। उन्होंने बताया कि गुमथला गढू में शुरू की गई एक परियोजना से फव्वारा सिंचाई के माध्यम से जो धान पैदा हुआ है वह आम तौर पर लगाए जाने वाले धान से कम नहीं है। इस बात पर पिहोवा क्षेत्र से आए किसानों ने भी सहमति व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले वर्ष जल ही जीवन योजना शुरू करने में कुछ बिलम्ब हुआ। इस वर्ष मेरा पानी मेरी विरासत योजना के संदर्भ में अपै्रल मास में ही इसे कार्य रूप देना प्रारम्भ कर दिया गया था ताकि किसान अपनी आने वाली पीढिय़ों के लिए सूखी जमीन छोडकऱ न जाए। उन्होंने कहा कि वर्ष 2008 से भूजल स्तर निरन्तर नीचे जा रहा है और किसान को हर वर्ष बोर में नई पाईप डालनी पड़ती है। इस प्रकार पिछले दस साल में पानी 100 फुट नीचे चला गया है। संकट और न गहराए इसलिए मेरा पानी मेरी विरासत योजना के माध्यम से किसानों से अपील की गई है वे स्वेच्छा से जल बचाने की तरफ कदम बढ़ाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि  इस योजना के तहत चिन्हित आठ खंडो में जिनका भूजल स्तर 40 मीटर व उससे अधिक है, वहां के किसानों को पचास प्रतिशत वैकल्पिक फसलें लगाने की सलाह दी है । किसानो को  मक्का, कपास, बाजरा, दलहन, सब्जियां व फल की खेती धान के क्षेत्र में लगाने को कहा । दूसरी फसल लगाने के लिए किसानों को 7000 रूपए प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। दो ऐकड़ से कम भूमि वाले किसान अपनी इच्छा से कोई भी फसल लगा सकते है । उन्होंने कहा कि वैकल्पिक फसल उगाने पर ड्रिप सिंचाई के अंतर्गत 85 प्रतिशत अनुदान राशि की भी व्यवस्था है। उन्होंने कहा कि धान की जगह मक्का, बाजरा, कपास व दाल उगाने पर फसल का बीमा सरकारी खर्च पर होगा और न्यूनतम सर्मथन मूल्य पर सरकारी खरीद की गारंटी भी है। उन्होंने कहा कि बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में किसान यदि चारे की बुआई करता है तो उसको प्रदेश सरकार खरीदेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा पिछले तीन साल में बाजरे व सरसों का एक-एक दाना खरीदा गया है। उन्होंने दोहराया कि मक्का लगाने वाले किसानों की शत-प्रतिशत खरीद सरकार करेगी।

पहली किस्त 2 हजार बाद में 5 हजार रूपए
मुख्यामंत्री ने कहा कि धान की जगह वैकल्पिक फसलें लगाने वालों को 7 हजार रूपए प्रति एकड़ मिलने के साथ-साथ प्रधानमंत्री फसल योजना का लाभ भी मिलेगा । उन्होंने कहा कि जो किसान सहमत हो, वह तुरन्त अपनी पंजीकरण करवा दें। फसल बोने के वक्त पहली किस्त के तौर पर 2 हजार रूपए तथा बाद में 5 हजार रूपए की राशि प्रदान की जाएगी। इन चिन्हित आठ खंडो के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में डी.एस. आर.  माध्यम से धान के विकल्प पर भी विचार किया जाएगा।

लॉकडाउन-4 खत्म, अनलोक-1 शुरू
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा कोरोना के चलते किसानों की फसल खरीदने के लिए वैकल्पिक खरीद केंद्र बनाए गए थे, ताकि किसी भी किसान को परेशानी न हो। उन्होंने कहा कि इस सीजन की किसानों की पेमैंट अगर बकाया है तो तुरंत संबंधित किसान को दिलवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन-4 खत्म हो गया है, स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अब अनलोक-1 जारी किया गया है। जो व्यक्ति दिशा-निर्देशों की अवहेलना करेगा, उसके लिए जुर्माने का प्रावधान भी किया गया है।

एक किलो चावल पैदा करने में 3 हजार लीटर पानी का दोहन होता है

मुख्यामंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार भविष्य को लेकर भी योजनाएं बना रही है। आने वाली पीढ़ी के लिए प्रकृति की अनमोल देन, जल को बचाना बहुत जरूरी है, जो पानी आज हमारे पास है, उसका हमें उचित इस्तेमाल करना है। उन्होंने कहा कि पानी को बचाने के लिए सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली बहुत लाभकारी है। उन्होंने कहा कि एक किलो चावल पैदा करने में 3 हजार लीटर पानी का दोहन होता है, इसलिए हमें अपने व आने वाली पीढ़ी हेतू जल बचाने के लिए फसल विविधिकरण को अपनाना होगा, जिससे अनमोल पानी की बचत होगी। उन्होंने कहा कि एक अपील के माध्यम से किसानों का आह्वान किया गया है कि धान की बजाए अन्य फसल लगाकर पानी की बचत करें।

राष्ट्रव्यापी अनलॉक के दौरान और अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता-दुष्यंत चौटाला

चण्डीगढ़ (लहू की लौ) हरियाणा के उपमुख्यमंत्री  दुष्यंत चौटाला ने प्रदेश के लोगों से आह्वïान किया है कि अनलॉक-। के तहत चरणबद्घ तरीके से खोले जा रहे राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के दौरान वे और अधिक सतर्क रहें और सावधानियां बरतें क्योंकि औद्योगिक एवं वाणिज्यिक गतिविधियां बढऩे से अर्थव्यवस्था का एक बड़ा हिस्सा खुल गया है। इस कड़ी में पहले की तरह सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करना अनिवार्य है।
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि जैसा कि रविवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में लॉकडाउन से जुड़े कई अनछुए पहलुओं से लोगों को अवगत कराया है। अब सरकारी प्रयासों के साथ-साथ हम सब की जिम्मेदारी है कि केन्द्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अनलॉक-। चरण के दिशा-निर्देशों की पूर्णत: पालना की जाए।
उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के प्रभारी दुष्यंत चौटाल ने कहा है कि
कोरोना वायरस के चलते विश्व की अर्थव्यवस्था पर असर पड़ा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। एमएसएमई व बड़े उद्योगों के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए अब औद्योगिक श्रमिकों को भी कौशल विकास का प्रशिक्षण देना होगा। भारत सरकार ने इसके लिए नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं और हरियाणा ने भी अलग से एमएसएमई निदेशालय स्थापित किया है।

22 जिलों के वहां की उत्पादकता के अनुसार अलग-अलग कलस्टर बनाए जांएगे
जिसमें एग्रो बेसड उद्योग जैसे माइक्रो फूड प्रोसेसिंग यूनिट, एग्रो प्रोसेसिंग कलस्टर, कोल्ड चैन, बैकवर्ड-फारवर्ड लिंकेज, आप्रेशन ग्रीन तथा फलों एवं सब्जियों की उत्पादकता को बढ़ावा देने की केन्द्र सरकार की 'एक जिला-एक उत्पादÓ योजना को प्रमुख रूप से शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के माध्यम से युवाओं के लिए रोजगार की विशाल संभावनाएं तलाशना उनका मुख्य उद्देश्य है।


टिड्डïी दल के लिए हाई अलर्ट 
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में  हरियाणा सहित अन्य राज्यों में टिड्डïी दल के संभावित आक्रमण पर चिंता व्यक्त की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को एहतियाती तौर पर कदम उठाने होंगे ताकि हम इससे कृषि क्षेत्र को होने वाले नुकसान से बचा सकें। चौटाला के अनुसार हरियाणा में भी कृषि विभाग को टिड्डïी दल के लिए हाई अलर्ट पर रखा गया है। 

31 मई 2020

कैंसर व किडनी रोग से पीडि़त नागरिकों को मिलेगी पेंशन

चंडीगढ़(लहू की लौ) हरियाणा में अब कैंसर व किडनी रोग से पीडि़त नागरिकों को 2250 रुपए प्रतिमाह के हिसाब से पेंशन देने का फैसला लिया गया है।
इस मामले में हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री ओम प्रकाश यादव ने बताया कि इन नागरिकों को पेंशन देने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने सहमति दे दी है। उन्होंने कहा कि ऐसे नागरिकों को आर्थिक मदद देना बहुत ही जरूरी है। प्रदेश सरकार ने इनकी समस्या को सुनते हुए यह फैसला लिया है और यह बहुत ही सराहनीय कदम है। यादव ने इस ऐतिहासिक फैसले पर मुख्यमंत्री का आभार भी जताया है।
उन्होंने एक अन्य महत्वपूर्ण योजना का जिक्र करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के एक देश एक राशन कार्ड की अवधारणा को हरियाणा प्रदेश ने सबसे पहले सिरे चढ़ाने की शुरुआत की है। इस मामले में मुख्यमंत्री खुद अधिकारियों की बैठक ले चुके हैं।
उन्होंने बताया कि अब दूसरे प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को हरियाणा में आने पर अलग से राशन कार्ड बनवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी बल्कि उसी राशन कार्ड से वे यहां भी अपना राशन ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से ले सकेंगे। यह योजना उन सभी प्रदेशों के प्रवासियों के लिए शुरू हो जाएगी जिनके यहां राशन कार्ड को आधार कार्ड से ऑनलाइन जोड़ दिया गया है।

29 मई 2020

युवा उद्यमशील बनने के लिए अग्रसर हों-दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़ (लहू की लौ) हरियाणा के उप मुख्यमंत्री  दुष्यंत चौटाला ने युवाओं का आह्वान किया है कि वे उद्यमशील बनने की ओर भी अग्रसर हों क्योंकि केन्द्र सरकार ने कुटीर, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को बदलकर इनके पूंजी निवेश व वार्षिक कारोबार का दायरा भी बढ़ाया है। इसी कड़ी में एमएसएमई उद्यमियों को सभी प्रकार के विभागीय अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने व उद्यम स्थापित करने के लिए अन्य प्रक्रियाओं की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाने के लिए हरियाणा सरकार ने अपने उद्योग विभाग में अलग से एमएमएमई निदेशालय गठित करने का निर्णय लिया गया है।
उप-मुख्यमंत्री जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने इस सम्बन्ध में आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में इन उद्योगों में आर्थिक लेन-देन तो बढ़ेगा ही और साथ ही देश के औद्योगिक एवं आर्थिक विकास में बड़े उद्योगों की
तरह इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि केन्द्र सरकार के हाल ही में घोषित किये गए आर्थिक पैकेज का मुख्य उद्देश्य लॉकडाउन के चौथे चरण के बाद औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की ओर बढ़ाना है, जो राज्य सरकार की प्राथमिकता भी है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस आर्थिक पैकेज से वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के बाद देश के सकल घरेलू उत्पाद को पुन$:पटरी पर लाया जा सकेगा तथा यह पैकेज औद्योगिक विकास के लिए एमएसएमई उद्योगों के लिए एक लिवरेज का काम करेगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इससे पहले भी एमएसएमई उद्यमियों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी अगस्त माह तक नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020 को तैयार किया जा रहा है, एमएसएमई पर भी मुख्य रूप से फोकस किया जाएगा।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र तथा विनिर्माण क्षेत्र के साथ-साथ सेवा क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद दर में महत्वपूर्ण योगदान है तथा हरियाणा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, विशेषकर गुरुग्राम में सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा सेवा क्षेत्र को एमएमएमई में शामिल करने की घोषणा से प्रदेश के राजस्व में भी निश्चित रूप से वृद्धि होगी।