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12 जून 2020

राजस्थान सीमा से लाइव राजस्थान ने शहरी क्षेत्र में प्रवेश रोका, बाइपास से इंट्री कर सकते हैं हरियाणा-पंजाब के लोग


बाइपास पर पहचान पत्र दिखाकर स्क्रीनिंग के बाद राजस्थान दे रहा प्रवेश

पड़ौसी सूबे के मूल निवासियों को अधिक परेशानी, बाहर जाने के लिए अनुमति जरुरी हुई


डबवाली (लहू की लौ) हरियाणा-पंजाब के लोगों के लिए राजस्थान में इंट्री बैन नहीं है। स्क्रीनिंग के बाद उन्हें प्रवेश दिया जा रहा है। सीमा पर उन्हें पहचान पत्र दिखाना होता है, वे कहां जा रहे हैं, सिर्फ यहीं बताना होता है। पड़ौसी सूबे ने स्थानीय नागरिकों के लिए सीमा सील की है। स्थानीय नागरिक बिना पास राजस्थान से बाहर नहीं जा सकते।
लाइव रिपोर्ट :
हरियाणा के आखिरी छोर पर स्थित गांव चौटाला से करीब चार किलोमीटर की दूरी पर राजस्थान पुलिस ने स्वामी केशवानंद महाविद्यालय ग्रामोत्थान के सामने सीमा सील कर रखी है। किसी को संगरिया शहर में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा। राजस्थान पुलिस के 8-10 जवानों के साथ-साथ भारत स्काऊटस के वॉलंटियर्स योगेश के नेतृत्व में डयूटी कर रहे हैं। हरियाणा, पंजाब के अतिरिक्त राजस्थान के मूल निवासी को भी इस गेट से इंट्री नहीं दी जा रही। लोग राजस्थान के मूल निवासी होने के प्रमाण पत्र तक दिखा रहे हैं, सभी को संगरिया बाइपास के रास्ते से आने के लिए कहा जा रहा है। यह गेट केवल उनके लिए ही खोला जा रहा है, जिनके पास सूबे से बाहर जाने के लिए राजस्थान सरकार की अनुमति है। संगरिया के मूल निवासी हरप्रीत को गेट पर रोका गया है। कार में उसके साथ उसकी पत्नी तथा बच्चा है। तीनों चौटाला से वापिस घर जा रहे हैं। उन्हें आगे नहीं बढऩे दिया जा रहा। बाइक पर पत्नी, बच्चे संग बठिंडा से लौटा संगरिया का रमेश कुमार भी जाम में फंसा हुआ है। उसका कहना है कि वह ससुराल गया था। पंजाब, हरियाणा सीमा क्रॉस करने में मुझे कोई परेशानी नहीं आई। अपने सूबे पहुंचा हूं तो सीमा पर रोक लिया गया। कहते हैं कि संगरिया बाइपास के रास्ते आओ।

राजस्थान से बाहर जाने वालों को परमिशन जरुरी है। अन्य प्रदेशों से आने वालों को शहर की सीमा पर रोका जा रहा है। उन्हें संगरिया बाइपास से आने के लिए कहा जा रहा है। क्योंकि वहां स्क्रीनिंग हो रही है। राजस्थान में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति से पूरी जानकारी जुटाई जा रही है। हां, बसें तो पूरी तरह से बंद हैं।
-अनिल कुमार
(संगरिया शहर की सीमा पर तैनात राजस्थान का अध्यापक)

राजस्थान को सुरक्षित रखने के लिए हम वालंटियर्स सेवारत हैं। हमारा कार्य लोगों को जागरुक करना है। संगरिया शहर के प्रवेश द्वार को बंद किया गया है। यहां से किसी को इंट्री नहीं दी जा रही।
-योगेश कुमार, भारत स्काऊट

01 जून 2020

जोधपुर से 1 किलो 800 ग्राम अफीम दूध लेकर आ रहा चौटाला आइटीआइ का माली दोस्त समेत गिरफ्तार

एसटीएफ हिसार ने मुखबरी के आधार पर दबोचा, चौटाला गांव के पूर्व सरपंच का बेटा है माली रामचंद्र
अंतरराजीय सीमा क्रॉस की, राजस्थान के पांच जिलों से होते हुए चौटाला गांव में ले आए अफीम दूध
डबवाली(लहू की लौ)स्पैशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) हिसार ने गांव चौटाला में संगरिया रोड पर कार सवार दो युवकों को 1 किलो 800 ग्राम अफीम दूध समेत गिरफ्तार किया है। आरोपितों की पहचान गांव चौटाला के कांकरिया वास निवासी रामचंद्र (35) तथा संगरिया के वार्ड नं. 23 निवासी वेदप्रकाश (30) के रुप में हुई है। दोनों जिला जोधपुर (राजस्थान) के कस्बा ओसिया से डेढ़ लाख रुपये में अफीम खरीदकर लाए थे। अफीम को आगे दोगुणी कीमत पर बेचना था। पुलिस के अनुसार नशा तस्कर 29 मई को चौटाला से जोधपुर के लिए रवाना हुए थे। शनिवार देर शाम को ओएसवीएन कॉन्वेंट स्कूल के सामने हरियाणा नंबर की इटियोस कार में सवार दोनों अफीम समेत पकड़े गए। एसटीएफ के एसआइ महेंद्र सिंह की शिकायत पर चौटाला पुलिस ने उपरोक्त दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत केस दर्ज किया है। पुलिस ने नशा तस्करों को रविवार को उपमंडल न्यायिक दंडाधिकारी विनय शर्मा की अदालत में पेश किया। अदालत ने दोनों का तीन दिवसीय पुलिस रिमांड जारी किया है।

पूर्व सरपंच का बेटा है रामचंद्र, आइटीआइ में करता है नौकरी
नशा तस्करी में पकड़ा गया रामचंद्र चौटाला गांव के पूर्व सरपंच कृष्ण बिश्नोई का बेटा है। वह पिछले करीब 10 सालों से चौटाला आइटीआइ में डीसी रेट पर माली के पद पर कार्यरत है। पूर्व सरपंच के मुताबिक करीब चार साल पूर्व उसका बेटा 100 ग्राम अफीम समेत राजस्थान में पकड़ा गया था। उस मामले में वह बरी हो गया था। लेकिन एक साल से उसकी गतिविधियां संदिग्ध प्रतीत हो रही थी। उसके पास गाडिय़ां आती-जाती रहती थीं। करीब 8 माह पहले उसे टोका था कि वह गलत धंधा कर रहा है, तो उसने कहा था कि वह कुछ गलत नहीं कर रहा। रात 8.30 बजे उसे सूचना मिली थी कि रामचंद्र पकड़ा गया है। इधर दूसरा आरोपित वेदप्रकाश कार चालक है। उसके पिता राजस्थान में एक निजी बस चलाते हैं।

एसटीएफ हैरान-1900 किलोमीटर में किसी ने रोका तक नहीं
चौटाला से जोधपुर के कस्बा ओशिया की दूरी करीब 950 किलोमीटर है। मतलब आने-जाने पर 1900 किलोमीटर का सफर तय होता है। नशा तस्करों के लिए यह बेहद आसान सफर रहा। चूंकि नशा तस्करों के पास ई-पास नहीं था। बगैर ई-पास वे राजस्थान का जिला हनुमानगढ़, सूरतगढ़, बीकानेर, मेड़ता सिटी क्रॉस करके जोधपुर पहुंच गए। फिर वापिस आ गए। एसटीएफ यह देखकर हैरान है। हालांकि पुलिस मुख्य नशा तस्कर को पकडऩे के साथ-साथ चोर रास्तों का मेप भी तैयार करेगी।


लॉक डाऊन मे 1 किलो 800 ग्राम अफीम खरीदने के लिए जोधपुर जाना और फिर जोधपुर से वापिस आना गंभीर मामला है। कहीं रास्ते पर चैकिंग नहीं हुई? मेरे साथ एएसआइ बलजीत सिंह, मुख्य सिपाही जलौरा सिंह, विजय कुमार, सिपाही विवेक कुमार थे। हम चौटाला बस अड्डा पर मौजूद थे, तभी मुखबरी मिली थी। पता चला है कि दोनों आरोपित 2-3 बार जोधपुर के कस्बा ओसिया से अफीम ला चुके हैं।
-एसआइ महेंद्र सिंह, एसटीएफ हिसार