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युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

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06 जून 2020

सिरसा सहित प्रदेश में सेनेटाइजर के 158 नमूने लिये

चंडीगढ़(लहू की लौ) हरियाणा खाद्य एवं औषध प्रशासन के राज्य औषध नियंत्रक नरेन्द्र आहूजा ने कहा कि स्वास्थ्य एवंगृहमंत्री अनिल विज के निर्देश  लोगों को उत्तम कोटी के हैंड सेनेटाइजर की उपलब्धता एवं गुणवत्ता बनाए रखने के लिए प्रदेशभर में विभिन्न कम्पनियों के सेनेटाइजर के 158 नमूने एकत्र किए हैं। इन नमूनों को जांच के लिए चंडीगढ़ स्थित लैब में भेज दिया है।
आहूजा ने बताया कि इस अभियान के दौरान गुरूग्राम से सबसे अधिक सेनेटाइजर के 25 नमूने एकत्र किए गए तथा फरीदाबाद से 19, सिरसा से 17 तथा अम्बाला से 9 नमूने लिए गए है। उन्होंने बताया कि भिवानी से 7, चरखी दादरी से एक, हिसार से 7, झज्जर से 9, कैथल से 4, करनाल से एक, मे
वात से 12, नारनौल से 5, पलवल से 4, पंचकूला से 8, पानीपत से 8, रेवाड़ी से 6, रोहतक से 10, सोनीपत से एक तथा यमुनानगर से 5 सैम्पल लिए गए।

जनता व कर्मचारियों की मांग नहीं तो परिवहन विभाग का निजीकरण क्यों-तालमेल कमेटी

डबवाली (लहू की लौ)स्टेज कैरिज स्कीम 2016 रद्द करने व लम्बित मांगों को लागू करने के प्रति गम्भीर नहीं सरकार। सभी डिपुओं की तालमेल कमेटी 8 जून को महाप्रबंधकों के माध्यम से महानिदेशक राज्य परिवहन को ज्ञापन सौंप कर विभाग के निजीकरण पर रोक लगाने व मांगों को लागू करने की पुरजोर मांग की जाएगी।*
हरियाणा रोड़वेज कर्मचारी तालमेल कमेटी के वरिष्ठ नेता व हरियाणा रोड़वेज वर्कर्स यूनियन संबंधित सर्व कर्मचारी संघ के प्रदेश महासचिव सरबत सिंह पूनिया, सिरसा डिपो के प्रधान मदनलाल खोथ व डबवाली सब डिपो के प्रधान पृथ्वी सिंह चाहर ने सयुंक्त ब्यान में बताया गत दिवस परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा के साथ बातचीत में तालमेल कमेटी ने स्टेज कैरिज स्कीम 2016 के खिलाफ तर्कों सहित लिखित सुझाव व एतराज़ देकर परिवहन विभाग के निजीकरण का डटकर विरोध किया। फिर भी  कर्मचारियों के एतराज़ व सुझाव को दरकिनार करके कोरोना महामारी की आड़ में विभाग का निजीकरण कर रही हैं सरकार। कर्मचारी नेताओं ने जोर देकर कहा प्रदेश की जनता, छात्र-छात्राओं, जनप्रतिनिधियों व रोड़वेज कर्मचारियों की परिवहन विभाग के निजीकरण की मांग नहीं फिर भी सरकार प्राइवेट बसों को रूट परमिट देकर विभाग को बर्बाद करने पर क्यों अड़ी हुई है?उन्होंने कहा प्राइवेट बसें सरकार को भी भारी आर्थिक नुकसान पहुंचा रही है, एक प्राइवेट बस प्रति माह सरकार को एकमुश्त 14 हजार रुपये टैक्स दे रही है जबकि हरियाणा रोड़वेज की एक बस प्रति माह 40 हजार से 60 हजार रुपये टैक्स दे रही है।उन्होंने बताया स्टेज कैरिज स्कीम के तहत मुख्य मार्गों पर परमिट देना मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन है। कर्मचारी नेताओं ने जोर देकर कहा परिवहन विभाग के निजीकरण व प्राइवेट बसें चलने से जनता को बेहतर परिवहन सेवा नहीं मिलेगी व स्थाई रोजगार के अवसर समाप्त हो जाएंगे। कर्मचारी नेताओं ने कहा स्टेज कैरिज स्कीम 2016 के तहत प्राइवेट बसों को रूट परमिट देने बारे अचानक आनन-फानन में स्टेज कैरिज स्कीम 2016 को लागू करने की सरकार की क्या मजबूरी हो गई। एक तरफ तो देश व प्रदेश की जनता कोरोना महामारी के संकट से जूझ रही है, दूसरी तरफ सरकार जल्द बाजी में स्टेज कैरिज स्कीम लागू करके निजीकरण की प्रक्रिया शुरू करके विभाग को तहस-नहस करने पर तुली हुई है। कर्मचारी नेताओं ने कहा सरकार रोड़वेज कर्मचारियों के विरोध के चलते निवर्तमान परिवहन मंत्री कृष्ण लाल पंवार की अध्यक्षता 13 जून  2017 में हुई मीटिंग में स्टेज कैरिज स्कीम को रद्द कर चुकी हैं, अब फिर सरकार  इस स्कीम को लागू करके वादाखिलाफी कर रही हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार प्राइवेट रूट परमिट देने की स्कीम को संशोधन करने की बजाए रद्द करें। पूंजीपतियों का मोह छोड़ कर विभाग में बढ़ती आबादी अनुसार 14 हजार सरकारी बसें शामिल करें ताकि आम जनता व छात्र-छात्राओं को बेहतर व सुरक्षित परिवहन सेवा मिलने के साथ 84 हजार बेरोजगारों को स्थाई रोजगार मिल सकें। उन्होंने बताया स्टेज कैरिज स्कीम को रद्द करने व लम्बित मांगों को लागू करने की मांग को लेकर सभी डिपूओं की तालमेल कमेटी अपने अपने डिपो में 8 जून को महाप्रबंधकों के माध्यम से महानिदेशक राज्य परिवहन को ज्ञापन भेजेंगी। उसके बाद तालमेल कमेटी की एक दर्जन टीमों द्वारा 16 जून से 29 जून तक सभी डिपुओं में कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित करके विभाग के निजीकरण का विरोध किया जाएगा।
कर्मचारी नेताओं ने कहा परिवहन मंत्री के साथ 6 जनवरी को हुई बैठक में मानी गई मांगों को लागू ना करके सरकार कर्मचारियों को आन्दोलन के लिए मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कोरोना महामारी के दौरान मौत के मुंह में रह कर कर्मचारी जोखिम भरी ड्यूटी कर रहे हैं। परन्तु सरकार द्वारा पीपीई किट सहित सभी उपकरणों का प्रबंध नहीं किया जा रहा। उन्होंने 50 लाख रूपये एक्शग्रेसिया बीमा पॉलिसी में शामिल करने, जोखिम भत्ता व इंसेंटिव देने, लॉकडाउन के समय विभाग को करोड़ों रूपये के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार द्वारा आर्थिक पैकेज देने के अलावा तीन वर्ष का बकाया बोनस देने, 2002 से पहले के भर्ती कर्मचारियों को नियुक्ति तिथि से पक्का करने,परिचालकों का ग्रेड पे बढ़ाने, कर्मशाला कर्मचारियों के कटौती किये राजपत्रित अवकाश पहले की तरह लागू करने, 2016 में भर्ती चालकों को पक्का करने,परिचालकों को ई टिक्टींग मशीन उपलब्ध करवाने, विभाग में बढ़े हुए किराये को राउंड फिगर में लागू करने, शिक्षा भत्ता व रोके गए डीए व एलटीसी का भुगतान करने,सभी खाली पदों पर पक्की भर्ती करने व सभी श्रेणियों के खाली पड़े प्रॅमोशनल पदों पर प्रमोशन करने आदि मांगों को अनेक मीटिंगों में मान लेने के बाद भी लागू नहीं करने से कर्मचारियों में भारी रोष है।

01 जून 2020

किराए पर रह रहे लोगों की कुंडली बना रही पुलिस

डबवाली(लहू की लौ)सिरसा जिला में बढ़ते क्राइम को देखते हुए पुलिस चौकन्नी हो गई है। जिला पुलिस कप्तान डॉ. अरुण नेहरा के आदेशों पर कार्रवाई करते हुए रविवार को डबवाली पुलिस ने ऐसे लोगों की कुंडली जुटानी शुरु की जो किराए के मकानों में रह रहे हैं। इसके लिए पुलिस ने 9 टीमों का गठन किया। वार्ड नं. 1 से 6, 10 तथा 17 में डोर टू डोर सर्वे करके 145 किराएदारों का डेटा जुटाया।
पुलिस ने किराएदारों से पूछा कि वे कितने समय से डबवाली में रह रहे हैं। इससे पहले वे कहां रहते थे। पुलिस ने यह भी पता लगाने का प्रयास किया कि परिवार में कोई व्यक्ति सर्विस में तो नहीं है। पुलिस का अभियान शाम तक जारी रहा। शहर थाना प्रभारी सत्यवान ने बताया कि मकान मालिकों को हिदायत दी गई है कि वे जिसे अपना मकान किराए पर दें, वे उसका पहचान पत्र जरुर लें। इसकी सूचना पुलिस को दें। जब तक संबंधित व्यक्ति के बारे में पता न चल जाए, वे उसे किराए पर मकान न दें। रविवार को अभियान के दौरान जो डेटा सामने आएगा, उसे संबंधित थानों में पहुंचाकर उपरोक्त के बारे में क्राइम रिकॉर्ड प्राप्त किया जाएगा। अगर किसी ने गलत जानकारी दी होगी तो संबंधित के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

29 मई 2020

युवा उद्यमशील बनने के लिए अग्रसर हों-दुष्यंत चौटाला

चंडीगढ़ (लहू की लौ) हरियाणा के उप मुख्यमंत्री  दुष्यंत चौटाला ने युवाओं का आह्वान किया है कि वे उद्यमशील बनने की ओर भी अग्रसर हों क्योंकि केन्द्र सरकार ने कुटीर, लघु, सूक्ष्म और मध्यम उद्यमों की परिभाषा को बदलकर इनके पूंजी निवेश व वार्षिक कारोबार का दायरा भी बढ़ाया है। इसी कड़ी में एमएसएमई उद्यमियों को सभी प्रकार के विभागीय अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी करने व उद्यम स्थापित करने के लिए अन्य प्रक्रियाओं की सुविधाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध करवाने के लिए हरियाणा सरकार ने अपने उद्योग विभाग में अलग से एमएमएमई निदेशालय गठित करने का निर्णय लिया गया है।
उप-मुख्यमंत्री जिनके पास उद्योग एवं वाणिज्य विभाग का प्रभार भी है, ने इस सम्बन्ध में आज यहां जानकारी देते हुए बताया कि भविष्य में इन उद्योगों में आर्थिक लेन-देन तो बढ़ेगा ही और साथ ही देश के औद्योगिक एवं आर्थिक विकास में बड़े उद्योगों की
तरह इनकी भूमिका भी महत्वपूर्ण होगी।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि केन्द्र सरकार के हाल ही में घोषित किये गए आर्थिक पैकेज का मुख्य उद्देश्य लॉकडाउन के चौथे चरण के बाद औद्योगिक एवं अन्य वाणिज्यिक गतिविधियों को अपनी पहले जैसी सामान्य स्थिति की ओर बढ़ाना है, जो राज्य सरकार की प्राथमिकता भी है।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि इस आर्थिक पैकेज से वित्त वर्ष 2020-21 की दूसरी तिमाही के बाद देश के सकल घरेलू उत्पाद को पुन$:पटरी पर लाया जा सकेगा तथा यह पैकेज औद्योगिक विकास के लिए एमएसएमई उद्योगों के लिए एक लिवरेज का काम करेगा।
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार ने इससे पहले भी एमएसएमई उद्यमियों के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। उन्होंने कहा कि आगामी अगस्त माह तक नई उद्यम प्रोत्साहन नीति-2020 को तैयार किया जा रहा है, एमएसएमई पर भी मुख्य रूप से फोकस किया जाएगा।
दुष्यंत चौटाला ने कहा कि कृषि एवं सम्बद्ध क्षेत्र तथा विनिर्माण क्षेत्र के साथ-साथ सेवा क्षेत्र का सकल घरेलू उत्पाद दर में महत्वपूर्ण योगदान है तथा हरियाणा में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, विशेषकर गुरुग्राम में सेवा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर विस्तार हुआ है। केन्द्र सरकार द्वारा सेवा क्षेत्र को एमएमएमई में शामिल करने की घोषणा से प्रदेश के राजस्व में भी निश्चित रूप से वृद्धि होगी। 

सरकार को जगाने के लिए कांग्रेस ने चलाया स्पीक अप इंडिया अभियान

विधायक अमित सिहाग ने काला बैंड पहन कर उत्तर प्रदेश सरकार के खिलाफ जताया विरोध
डबवाली (लहू की लौ)हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग  ने कहा कि वह देश का नागरिक होने के नाते कहना चाहता है कि जब कोई मरीज आईसीयू में होता है तो डॉक्टर की सोच ये होती है कि उसे कैसे बचाना है न कि ये की मरीज आईसीयू से बाहर आने पर उसके स्वास्थ्य को और बेहतर कैसे किया जाएगा। आज हमारा छोटा किसान, मजदूर वर्ग, मध्यम वर्ग, दुकानदार आर्थिक आईसीयू में हैं। सरकार की प्राथमिकता ये होनी चाहिए थी कि वो इनकी आजीविका के लिए प्रबंध करती पर सरकार ने जिस तरह के पैकेज की घोषणा की है वो एक छलावे की तरह है जिस से पता चलता है कि सरकार आमजन को आर्थिक रूप से बचाने के लिए गंभीर दिखाई नहीं दे रही।
   अमित सिहाग ने सरकार से मांग की कि जरुरतमंद परिवारों के खातों में एक मुश्त 10000 रूपए डाले जाएं एवम् छह महीनों तक उन्हें 7500 रूपए हर महीने दिए जाएं ताकि वे इस आपदा की स्थिति में अपना जीवन यापन आसानी से कर सकें। उन्होंने कहा कि ऐसा करने से उनकी जेब में पैसा होगा तो वो अपनी जरूरत का सामान खरीदेंगे जिस से मांग बढ़ेगी तो अर्थव्यस्था को बढ़ावा मिलेगा।
   विधायक ने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था ग्रामीण क्षेत्रों पर आधारित है। आज उसे उभारने की जरूरत है। हरियाणा में बेरोजगारी की दर आज 42 फीसदी हो गई है। सरकार को बेरोजगारी की रोकथाम के लिए मनरेगा के तहत करवाए जाने वाले काम को100 दिन से बढ़ा कर 200 दिन किया जाना चाहिए।
    विधायक ने हरियाणा सरकार को चेताते हुए कहा कि सरकार ने धान की खेती न करने का जो तुगलकी फरमान जारी किया है वो बिल्कुल ग़लत है। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि पानी को बचाने के लिए धान की खेती को रोका जा रहा है हम भी पानी को बचाना चाहते हैं पर आज के समय में किसान आर्थिक रूप से आईसीयू में पड़ा है। इस समय उन्हें उभारने की जरूरत है। पानी को बचाने के लिए तो अगले साल  चर्चा कर फैसला लिया जा सकता है सरकार को इस समय ऐसे प्रयोग नहीं करने चाहिए।
   विधायक ने कहा की लॉकडाउन के समय अधिकतर दुकानों के बंद होने के बावजूद भी बिजली और पानी के बड़े बड़े बिल भेजे जा रहे हैं। सरकार को इन बिलों को तुरंत माफ करने का काम कर आमजन को राहत देनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार प्रजातंत्र को मजबूत करने की बात करती है। प्रजातंत्र में विपक्ष की भूमिका बहुत अहम होती है। अत: सरकार को विपक्ष की बात को सुन कर जनहित में फैसले लेने चाहिए। उन्होंने जनता को आह्वान करते हुए कहा कि वो अपनी आवाज को बुलंदी से रखें ताकि सरकार सुनने के लिए विवश हो।
    विधायक ने आज काला बैंड बांध कर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवम् उन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार करने पर विरोध जताया जो मजदूरों की सहायता करने के लिए गए थे।