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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

20 नवंबर 2024

20 Nov. 2024





 

खुलेआम हो रहा जनता के पैसे का दुरूपयोग, नगर परिषद के शौचालय बने समस्या


डबवाली(लहू की लौ)जनता की सुविधा के लिए नगर परिषद द्वारा लाखों रूपये लगाकर बनाये गये शौचालय लगता है सुविधामय ना होकर समस्या अधिक नजर आ रहें हैं। लगता है कि अधिकारी से लेकर जनप्रतिनिधि कहलाने वाले सभी मिल कर जनता के पैसे पर दीमक की तरह चिमट गये हैं। जनता के टैक्स रूपी पैसे को किस तरह खर्च दिखाकर उसे जेबों में भरा जाये इसका खेल विकास के नाम पर जोरों पर जारी है। लोग बोल-बोल कर थक जाते हैं, उनकी समस्या के समाधान के लिए कार्यालय में कहीं जगह ही नहीं है।

हम बात कर रहे हैं जनता की सुविधाओं के नाम पर बनाये गये डबवाली के शौचालयों की जो हाल ही में नगरपरिषद द्वारा उनका निर्माण कार्य करवाया गया था। लेकिन ये निर्माण कार्य अधिकारियों की दया के चलते ठेकेदार अपनी मन मनानी से कर जनता को ठेंगा दिखाते हुए इधर से उधर हो गया। लेकिन जब जनता इस निर्माण कार्य पर सवाल उठाती है तो ना सरकारी कार्यालय के बाबू सुनवाई करते हंै। ना जनता के चुने गये कहे जाने वाले जनप्रतिनिधि। इस पर ध्यान देते है। वह भी कुर्सी और जनता द्वारा भरे जा रहे टैक्स को चिमट गये हैं। विकास के नाम पर सरेआम घटिया कार्य पर तालियां बजाते नजर आते हैं। सवाल उठता है कि जनता अपनी समस्या किसे बताये जबकि उनकी सुनवाई ही नहीं हो रहीं। 

हाल ही में बने पुरानी सब्जी मंडी के बाहर सुलभ शौचालय में ना कोई महिला पुरूष के लिए साईन बोर्ड है। ना ही कोई सुविधा। सुविधा है तो वह भी दिखावे के नाम पर जो सभी को दूर से दिख जाती है। लेकिन पास जाते ही वह सुविधा दुविधा नजर आती है। यह सारा खेल नगर परिषद के अधिकारियों, चेयरमैन सहित जनप्रतिनिधियों को नजर नहीं आता, कारण समझाने की आम जन को जरूरत ही नहीं। इस मार्किट के दुकानदार टोनी, शामलाल, दीपक ने बताया यहां पानी की पाईप सडक़ पर साफ नजर आ रही है। शौचालय के बाहर बनाई गई सीवरेज हौज का ढक्कन तक नहीं है। जिसे दुकानदारों ने खुद ही लगाया है। और अन्दर लघुशंका करने के लिए लगाया गया सैट ऊंचा लगा दिया गया जिससे लघुशंका करने के लिए अपने पंजों के बल पर खड़े होकर प्रयोग करना पड़ता है। यहां वॉशविशन में टोंटी ंहै, पानी नाम मात्र का आता है और कई जगह तो पानी व्यर्थ ही वह रहा है। यहां तक कि रंग रोगन और लगाया गया पत्थर भी सहीं तरीके से नहीं लगा। साथ ही रखी गई मोटर अंदर खुले में पड़ी है जिसे कभी कोई भी उखाडक़र लेजा सकता है। सफाई नाम का शब्द ही गायब है। सीधे कहें तो जनता के पैसे का सदुपयोग की जगह दुरूपयोग हो रहा है।

दुकानदारों के अनुसार वह ठेकेदार से लेकर नगर परिषद के अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों को इसकी मौखिक शिकायत कर चुके हैं लेकिन सुनवाई के नाम पर कानों में इनके तेल डला हुआ है। जो उनकी आवाज कान के अंदर पहुंचते पहुंचते बाहर आ जाती है। और अनसुना कर दिया जाता है।

नैना सिंह चौटाला ने निभाया अपना चुनावी वायदा

डबवाली(लहू की लौ)ऐसा शायद पहली बार हो रहा है कि चुनाव हार जाने के बावजूद कोई नेता जनता से किया अपना हर वायदा पूरा कर रहा है। ऐसा ही डबवाली के गांव खुइयांमलकाना में देखने को मिला। जब अपना चुनाव के दौरान किया अपना वायदा निभाते हुए एक जरूरतमंद परिवार की बेटी की शादी में शामिल होकर 5100 शगुन व अन्य समान जैसे बेड, अलमारी व अन्य घरेलू जरूरी सामान भेंट किया। गांव खुइयांमलकाना के समस्त जेजेपी कार्यकर्ताओ व परिवार ने नैना सिंह चौटाला व दिग्विजय सिंह चौटाला का धन्यवाद किया है।

नशे के बढ़ते खतरे पर चिंता, 18 साल से कम उम्र के युवा बन रहे शिकार, सामूहिक प्रयास से हो रहा पुनर्वास

डबवाली (लहू की लौ) डबवाली और आसपास के क्षेत्रों में नशे की समस्या दिन-प्रतिदिन गहराती जा रही है। मनोरोग विशेषज्ञ और स्थानीय प्रशासन इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान दे रहे हैं। सरकारी अस्पताल डबवाली के मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. राजेश कुमार ने खुलासा किया कि नशे की लत अब 18 साल से कम उम्र के युवाओं में तेजी से फैल रही है। यह न केवल व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक स्तर पर भी गंभीर चिंता का विषय है।


कम उम्र के युवाओं में नशे की लत

डॉ. राजेश कुमार ने नशा पीडि़तों पर किए गए अध्ययन के आधार पर बताया कि इस लत का शिकार ज्यादातर युवा हैं, जिन्होंने इसे शौकिया तौर पर शुरू किया, लेकिन यह उनकी आदत बन गई। उन्होंने कहा, कई युवा मानसिक तनाव, अकेलेपन, घरेलू कलह, या शारीरिक थकावट को दूर करने के लिए नशे का सहारा लेते हैं। धीरे-धीरे यह लत बन जाती है और उनकी जिंदगी को बर्बाद करने लगती है।

नशे की लत के सामाजिक प्रभाव

नशा करने वाले युवाओं में चोरी, झगड़े, और अन्य अपराधों की प्रवृत्ति भी बढ़ती देखी गई है। नशे की वजह से कई युवाओं का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य खराब हो रहा है, जिससे उनका सामान्य जीवन प्रभावित हो रहा है। डॉ. राजेश ने कहा कि नशा एक बीमारी है और इसका इलाज संभव है।

पुनर्वास के लिए प्रयास जारी

डबवाली के सरकारी अस्पताल में नशा पीडि़तों को डॉक्टरों की देखरेख में उचित दवाइयां और काउंसलिंग दी जा रही है। मंगलवार को मट्टदादू गांव में नशा मुक्ति कैंप का आयोजन किया गया, जहां 40 से अधिक नशा पीडि़तों ने नशा छोडऩे की दवाइयां लीं। इन लोगों को सामाजिक धारा में वापस लाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

नशा छोडऩे के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति जरूरी डॉ. राजेश ने कहा कि नशा छोडऩे के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति और सही डॉक्टरी सलाह महत्वपूर्ण हैं। सही समय पर दी गई दवाइयां और मानसिक उपचार नशा पीडि़तों को इस दलदल से बाहर निकालने में मददगार हो सकती हैं।


सामाजिक जागरूकता और पुलिस का सहयोग


सरपंच प्रतिनिधि रणदीप सिंह मट्टदादू ने मट्टदादू गांव में नशा मुक्ति कैंप के दौरान कहा कि नशे की समस्या पर काबू पाने के लिए सामाजिक जागरूकता और सामूहिक प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नशे के खिलाफ लड़ाई में हर व्यक्ति को शामिल होना चाहिए। उन्होंने पुलिस और प्रशासन से पूरा सहयोग करने की बात कही। रणदीप सिंह ने कहा, नशे के कारण कई घर बर्बाद हो चुके हैं। अगर समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई तो यह हर घर में दस्तक देगा। हमें अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए नशा मुक्त समाज बनाना होगा।

अभियान की सफलता के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी डबवाली और आसपास के इलाकों में नशा मुक्ति कैंप और जागरूकता अभियानों के जरिए इस समस्या से लडऩे के लिए प्रयास जारी हैं। प्रशासन, डॉक्टर, और समाजसेवकों का मानना है कि सामूहिक प्रयास से नशे की इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है।

ये रहे मौजूद

डॉ. राजेश कुमार मनोरोग विशेषज्ञ, सीता राम काऊंसलर, लैब टैक्नीशियन अजीत कुमार, विनोद कुमार। पुलिस की ओर से एएसआई सुग्रीव, एसपीओ  जसविन्द्र, मंजू, एचसी शारदा मौजूद थे।

विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन अदित्य देवीलाल ने अनुसूचित वर्ग के लोगों के लिए काटी गई कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं की कमी पर ध्यानाकर्षण प्रस्ताव रखा

सिरसा में ओटू वियर की कैपेसिटी बढ़ाने और डबवाली में ऑटो मार्केट बनाने का मुद्दा उठाया

 ध्यानाकर्षण पर सवाल पूछे

 क्या 7 लाख रूपए से एक बस्ती में पक्की गलियां, पक्की नालियां, बिजली और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना संभव है?  क्या सरकार की तरफ से इन बस्तियों के लिए पर्याप्त बजट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है? महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना जो 2008 में शुरू की गई लगभग 15 साल बाद भी यह योजना धरातल पर लागू क्यों नहीं की गई? क्या सभी पंचायतों में जल्द से जल्द कार्य करवाने की कोई योजना सरकार के विचाराधीन है?


डबवाली (लहू की लौ) विधानसभा सत्र के चौथे और आखिरी दिन इनेलो द्वारा अदित्य देवीलाल की तरफ से दिए गए ध्यानाकर्षण प्रस्ताव को पढ़ते हुए इनेलो विधायक ने कहा कि वर्तमान बीजेपी और इनसे पहले रही कांग्रेस की सरकार ने विभिन्न आवास योजनाओं के तहत गरीब एवं अनुसूचित वर्ग के लोगों के लिए 100-100 गज के प्लाट आवंटित कर गांवों और शहरों में काटी गई कॉलोनियों में बिजली, पानी, सडक़़, स्कूल व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाओं की भारी कमी है। ये प्लाट पंचायत की जमीन पर काटे गए हैं जो लगभग सभी जगह गांवों से काफी दूर है जिसके कारण उनको जरूरी सुविधाओं का लाभ लेने के लिए दूर तक जाना पड़ता है। अत: इन कॉलोनियों में सरकार द्वारा सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाई जानी चाहिए।

ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर अदित्य देवीलाल ने सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछा कि पिछले दस वर्षों में इस योजना के तहत लगभग 320 करोड़ रूपए का बजट आवंटित किया गया और महात्मा गांधी ग्राम बस्ती योजना के तहत लगभग 4573 कॉलोनियों को नियमित किया गया अर्थात् प्रत्येक बस्ती के लिए लगभग 7 लाख रूपए आवंटित हुए। उनका सवाल है कि क्या 7 लाख रूपए से एक बस्ती में पक्की गलियां, पक्की नालियां, बिजली और स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना संभव है? अगर नहीं तो इन बस्तियों के लोगों के साथ भेदभाव क्यों हो रहा है? क्या सरकार की तरफ से इन बस्तियों के लिए पर्याप्त बजट बढ़ाने का कोई प्रस्ताव विचाराधीन है?

दूसरा सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछते हुए अदित्य ने कहा कि यह बताया जाए कि महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना जो 2008 में शुरू की गई लगभग 15 साल बाद भी यह योजना धरातल पर लागू क्यों नहीं की गई? इसके क्या कारण रहे?

  तीसरा सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछा कि जैसा उन्हें बताया गया कि अभी तक लगभग एक हजार ग्राम पंचायतों को इसके लिए चयनित किया गया है और अगर इस योजना की यही गति रही तो इस योजना के क्रियान्वयन में लंबा समय लग जाएगा। क्या इसे सभी पंचायतों में जल्द से जल्द करवाने की कोई योजना सरकार के विचाराधीन है? अगर है तो उसका ब्यौरा सदन में दिया जाए?

अदित्य देवीलाल ने सत्र के दौरान ओटू वियर चैनल का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सिरसा जिला में किसानों के लिए सबसे बड़ा पानी का स्त्रोत ओटू वियर है। इसकी कैपेसिटी 6 हजार क्यूजिक है। लेकिन हर साल बरसातों में लगभग 45 हजार क्यूजिक पानी इसमें आता है। यह किसानों के लिए पानी उनके खेतों तक पहुंचने का जरिया है। मेरी दरख्वास्त है कि ओटू चैनल की कैपेसिटी बढ़ाई जाए ताकि सिरसा जिला के हर गांव तक बरसाती पानी पहुंच सके। दूसरा, डबवाली में कोई ऑटो मार्किट नहीं है। हुड्डा की जमीन वहां है जिसमें ऑटो मार्केट बनाई जा सकती है। 

19 नवंबर 2024

अदित्य ने विधानसभा पटल पर डीएपी खाद किल्लत को लेकर किसानों की पैरवी

अग्निकांड स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करवाने की रखी मांग


डबवाली (लहू की लौ) डबवाली के विधायक अदित्य देवीलाल आमजन की समस्याओं को जहां लगातार विधानसभा के पटल पर बेबाकी से रख रहे हैं तो वहीं किसानों को डीएपी खाद के लिए उठानी पड़ रही परेशानी को सरकार के समक्ष रखने का कार्य कर रहे हैं। सोमवार को विधानसभा के तीसरे दिन विधायक अदित्य देवीलाल ने प्रदेश भर में डीएपी खाद की कमी को लेकर इस मुद्देे का गरमजोशी के साथ सदन पटल पर रखा। उन्होंने कहा कि उनके इलाके के किसान ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा प्रदेश के किसान डीएपी खाद को लेकर जहां कतारों में लगे हुए हैं तो किसान आंदोलोलित होकर सडक़ों पर उतरने को मजबूर हो रहा है। अदित्य ने कहा कि प्रति दिन सरकार की ओर से यह कहा जा रहा है कि प्रदेश में डीएपी खाद की कोई कमी नहीं लेकिन वास्तविकता यह है कि किसानों को पर्याप्त मात्रा में खाद नहीं मिल रही। उन्होंने कहा कि वर्तमान में गेंहू और सरसों की बिजाई का समय चल रहा है और ऐसे समय में किसानों को डीएपी खाद की कमी के चलते परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि यदि बुआई का समय निकल गया और खाद नहीं मिली तो किसान को भारी आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ेगा। इसी बीच विधानसभा अध्यक्ष द्वारा उन्हें बार-बार टोकने के बावजूद भी उन्होंने अपनी आवाज को पूरी तरह से बुलंद करते हुए कहा कि किसान वर्ग हर बार फसल बुआई के दौरान खाद की कमी को झेलने को मजबूर होता रहा है और आज भी मजबूर है। उन्होंने कहा कि कतार में लगे किसान और सडक़ों पर उतरे किसानों की परेशानी को सरकार को समझना चाहिए। उन्होंने कहा कि डीएपी खाद की कमी का मुख्य कारण जमाखोरी और कालाबाजारी है जब तक इस पर अंकुश नहीं लगाया जाएगा तब तक किसानों के हकों पर यूं ही डाका डलता रहेगा। उन्होंने कहा कि वे यह सब खामोशी से देखते हुए नहीं रह सकते। इसके लिए सरकार को उचित कदम उठाने चाहिए। इस पर कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा ने विधायक आदित्य देवीलाल के सवालों को जवाब देते हुए कहा कि सूबे में खाद की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि डीएपी की कालाबाजारी को लेकर 7 एफआईआर दर्ज की गईं और अब तक कुल 185 छापे मारे गए। कृषि मंत्री के जवाब पर आदित्य चौटाला ने कहा कि इतना भर कर देने से किसानों की समस्या को समाधान नहीं हो पा रहा। इसके लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसके अतिरिक्त डबवाली विधायक अदित्य ने सदन पटल पर नहरों और मोगो को पक्का करने के निर्माण कार्य के की बात को रखा तो वहीं उन्होंने कहा कि निर्माझा कार्य के दौरान पेड़ों को हटाते समय आवश्यक बातों का ध्यान रखे जाने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग के अधिकारियों सहित निर्माण करने वाले ठेकेदारों को भी विशेष हिदायत दी जाए।

इसके बाद अगले चरण में विधायक आदित्य देवीलाल ने कहा कि उनके विधानसभा क्षेत्र शहर डबवाली में स्थित अग्रिकांड स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक बनाने की बात रखी। उन्होंने कहा कि डबवाली शहर में हुए भीषण अग्निकांड में नन्हें बच्चों सहित 442 लोग इस हादसे में जान गवां बैठे थे। उनकी याद में बनाए गए अग्रिकांड स्मारक को राष्ट्रीय स्मारक बनाए जाने की मांग पिछले कई वर्षों से स्थानीय लोग उठा रहे हैं लेकिन सरकार इस ओर कोई कदम क्यों नहीं उठा रही? इस सवार के जवाब में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने जल्द ही इस पर विचार करने का आश्वासन दिया।

नई सब्जी मंडी क्षेत्र में मोबाइल छीनने की वारदात

डबवाली(लहू की लौ) डबवाली का नई सब्जी मंडी क्षेत्र पहले ही अपराधी तत्वों के निशाने पर है। इसी के मद्देनजर सोमवार शाम को एक प्रवासी युवक का मोबाइल छीनकर मोटरसाइकिल सवार तीन युवक चौटाला रोड़ की ओर फरार हो गए। घटना की सूचना मिलते ही डीएसपी (सिटी) रमेश कुमार और पुलिस की अन्य टीमें मौके पर पहुंचीं।


घटना का विवरण 

राजस्थान के जिला केकड़ी के कल्याणपुरा निवासी प्रधान जाट ने बताया कि वह अपने अन्य साथियों के साथ डबवाली से हैफेड के गोदाम से गेहूं लेकर प्रतापगढ़, राजस्थान के लिए ट्रकों पर आए थे। सोमवार को सब्जी मंडी के सामने ट्रक लगाकर शाम करीब 7:30 बजे खाना बना रहे थे। प्रधान जाट लस्सी लेने के लिए चला गया। जैसे ही वह अपना मोबाइल जेब में डालने लगा तो एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन युवक आए उसका एमआई का मोबाइल छीनकर फरार हो गए।

प्रधान जाट के अनुसार, उनके एमआई मोबाइल की कीमत करीब 20,000 रुपये थी। यह वारदात 7:40 बजे घटित हुई। आरोपियों ने स्वेटशर्ट पहन रखी थी और वे रेलवे अंडरब्रिज के पास स्थित कबीर बस्ती की तरफ भागते हुए कैमरे में कैद हुए।

घटना की सूचना तुरंत 112 नंबर पर दी गई। सूचना मिलते ही डीएसपी रमेश कुमार, थाना शहर प्रभारी शैलेन्द्र कुमार, सीआईए टीम और साइबर सेल मौके पर पहुंचे। पुलिस ने घटना स्थल का निरीक्षण किया और प्रधान जाट से पूरी जानकारी ली।

19 Nov. 2024





 

18 नवंबर 2024

गिदडख़ेड़ा गांव में लैंड हुआ पाकिस्तानी जहाजनुमा गुब्बारा, किसान ने किया पुलिस को सूचित

डबवाली (लहू की लौ) गिदडख़ेड़ा गांव में एक पाकिस्तानी जहाजनुमा गुब्बारा चौटाला माईनर की पटरी पर गिर गया। जिसे किसान अमन मान ने खेत में गेंहूं की बिजाई करते हुए देखा और इसकी सूचना पुलिस को दी। बताया जाता है कि इस क्षेत्र में गुब्बारे कहां से आ रहें हैं इसकी जांच आईबी द्वारा शुरू कर दी गई है।
अमन मान पुत्र मलकीत ङ्क्षसह ने बताया कि वह खेत में गेंहूं की बुआई के लिए खेत को तैयार कर रहे थे कि करीब 12.30 बजे दिन में एक जहाजनुमा गुब्बारा माईनर की पटरी पर आकर गिर गया जिस पर थोड़ा सा धागा भी बंधा हुआ था और वह हवा तेज होने के कारण उसके खेत में आ गया। जिस पर उसने उस पर ईंट रख दी और सूचना चौटाला पुलिस ओर सदर थाना को दी।
पाकिस्तानी गुब्बारा मिलने की सूचना पाकर मौके पर डीएसपी रमेश कुमार, थाना सदर प्रभारी ब्रह्म प्रकाश और चौटाला चौकी प्रभारी आंनद कुमार बेनीवाल मौके पर पहुंचे और उन्होंने सारी स्थिति को जांचा और अमन मान से सारी जानकारी प्राप्त की।

ज्ञातव्य रहे गांव मौजगढ़ में 14 अक्तूबर 2024 को मसीतां रोड़ पर धान के खेत में एक जहाज जैसा पाकिस्तानी गुब्बारा पाया गया था, जिस पर पाकिस्तान का झंडा भी अंकित था। गुब्बारे  पीआईए (पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस) लिखा हुआ था। यह गुब्बारा किसान बूटा सिंह के खेत में पाया गया था जिसका रंग सफेद रंग और हरें में था। इस से पूर्व गौरतलब है कि 1 साल पहले 15 अक्टूबर 2023 को गांव लोहगढ़ में भी ऐसा ही पाकिस्तानी जहाजनुमा गुब्बारा मिला था।

इस बार मिले गुब्बारे का रंग अलग
इस बार गांव गिदडख़ेड़ा में मिले जहाजनुमा गुब्बारे का रंग सफेंद और लाल है जिस पर पाकिस्तान का झंडा तो अंकित है साथ ही उस पर पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस लिखा हुआ है।

पाकिस्तानी जहाजनुमा गुब्बारे के मिलने की सूचना पाकर मौके का निरीक्षण किया गया। उसे सीज कर उच्च अधिकारियों को मामले की जानकारी उपलब्ध करवा दी गई है।
-ब्रह्म प्रकाश, थाना सदर प्रभारी

18 Nov. 2024





 

17 नवंबर 2024

17 Nov. 2024

 







धुंध के कारण बस ट्रक से टकराई, 15 यात्री घायल

डबवाली (लहू की लौ) शनिवार सुबह डबवाली से चंडीगढ़ जा रही एक बस सडक़ पर खड़े ट्रक से टकरा गई। इस हादसे में बस का अगला हिस्सा बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया और बस में सवार लगभग 15 यात्री घायल हो गए। घायलों को मंडी डबवाली एम्बुलेंस सर्विस के चालक कुलवंत सिंह ने तुरंत डबवाली के सरकारी अस्पताल पहुंचाया।

यह है घटना

पीआरटीसी के बठिंडा डिपो की बस सुबह करीब 4.20 पर डबवाली से चंडीगढ़ के लिए रवाना हुई थी। बस को कुलदीप सिंह पुत्र सुखदर्शन सिंह निवासी डबवाली चला रहा था। बस बठिंडा जिला के निकटवर्ती गांव रूलदूवाला से सवारी उठा कर भारत माला पर कुटी किशनपुरा ओवरब्रिज पर चढ़ी तो सडक़ पर खड़े एक ट्रक से कंडक्टर साइड से टकरा गई।

बस चालक कुलदीप सिंह ने बताया कि ट्रक पर कोई इंडीकेटर नहीं चल रहे थे और न ही कोई रेड रिफ्लेक्टर या सूचक चिन्ह लगे थे, जिससे सडक़ पर खड़े वाहन का पता चल सके। बस की टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि सभी यात्री इधर-उधर गिर गए। करीब 15 यात्री गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें से 7 घायलों को डबवाली के सरकारी अस्पताल पहुंचाया।

घायलों की सूची

कुलदीप सिंह (बस चालक), कुलविंद्र सिंह परिचालक ( पुत्र बेअन्त सिंह, निवासी सेखू), जशनदीप कौर (25) पुत्री कुलविंद्र सिंह निवासी डबवाली, गुरलाल सिंह (43) पुत्र सुखदेव सिंह निवासी पक्का कलां, मनप्रीत कौर (29) पुत्री सुखविंद्र सिंह, निवासी फतूहीवाला, गुरतेज सिंह (50) पुत्र जोरा सिंह निवासी गहरी बुट्टर, गंगन (29) पुत्र सोहन राम, शान्ति देवी पत्नी सोहन राम निवासीगण वार्ड नं. 7, डबवाली, तेज सिंह (49) पुत्र गुरतेज सिंह निवासी गहरी बुट्टर व अन्य 5-6 सवारियों को मामूली चोटें आईं।

मेला से लौटे श्रद्धालुओं से भरी थी बस

बस सवारियों से भरी हुई थी।। इसका कारण काफी लोग राजस्थान के कलैत मेला में दर्शन करके वापिस गांव लौट रहे थे। दूसरा सरकारी जॉब में लगे लोग थे।


एम्बुलेंस चालक कुलवंत सिंह बने मददगार

डबवाली और पंजाब के कुुट्टी किशनपुरा में हुए इस बस हादसे सहित अन्य घटनाओं में एम्बुलेंस चालक कुलवंत सिंह ने फुर्ती से काम किया। उन्होंने अकेले ही करीब 12 घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया।

प्रदेश और जनता के हितों की लड़ाई मजबूती से लड़ेंगे, फिर से किसानों और जनता के बीच में जाएंगे: अभय सिंह चौटाला

इनेलो की राष्ट्रीय/राज्य कार्यकारिणी बैठक में विधानसभा चुनाव में हुई हार पर किया गया मंथन, चार प्रस्ताव किए गए पास, संगठन किया भंग

चंडीगढ़ (लहू की लौ) शनिवार को चंडीगढ़ स्थित जाट भवन में इनेलो की राष्ट्रीय/राज्य कार्यकारिणी की बैठक की गई जिसमें हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मिली हार पर मंथन किया गया तथा बैठक में पहुंचे पदाधिकारियों एवं विधानसभा का चुनाव लड़े उम्मीदवारों ने हार के कारणों पर खुलकर अपनी बातों को रखा। बैठक की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला ने की। इस बैठक में प्रदेशाध्यक्ष रामपाल माजरा, आरएस चौधरी, महेंद्र सिंह मलिक, प्रकाश भारती, अदित्य देवीलाल और अर्जुन चौटाला भी मौजूद रहे। बैठक में कानून व्यवस्था, पराली जलाने, बढ़ रहे डेंगू और विधानसभा के लिए बदले में दी गई जमीन का विरोध करने जैसे मुद्दों पर प्रस्ताव पास किए गए। पार्टी संगठन का पुनर्गठन किया जाएगा जिसके लिए संगठन को भंग किया गया।

प्रेस वार्ता के दौरान इनेलो के प्रधान महासचिव अभय सिंह चौटाला ने बताया कि विधानसभा चुनाव में आम चर्चा थी कि हम 15 से 20 सीटें जीतने जा रहे थे। लेकिन आखिरी के दो दिनों में अचानक बड़ा फेर बदल हुआ। हमें उम्मीद थी कि बसपा और इनेलो तीसरी ताकत उभर कर आएगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ उसके क्या कारण रहे। ऐसे में चुनाव में पार्टी के नेताओं की क्या भूमिका रही। साथ ही संगठन को मजबूत करने के लिए राय ली गई। उन्होंने कहा कि बैठक में सभी की यह राय है कि पार्टी के संगठन में नए लोगों को अहम् भूमिका देनी चाहिए। साथ ही सभी पदों पर 4 साल के बाद उम्मीदवार का बदलाव किया जाना चाहिए ताकि नए साथी पार्टी से जुड़ सकें। उन्होंने सभी निर्णय लेने के लिए ओपी चौटाला को अधिकृत करने के लिए प्रस्ताव रखा ताकि बदलाव किया जा सके। 

अभय सिंह चौटाला ने बताया कि अब प्रदेश की जनता पूरी तरह से यह जान चुकी है कि जो भूपेंद्र हुड्डा हमें बीजेपी की बी टीम कहते थे, वही भाजपा को सत्ता में लेके आए हैं। भूपेंद्र हुड्डा को डर था कि यदि इनेलो सत्ता में आ गई तो उसके लिए मुश्किल समय शुरू हो जाएगा। हम यह चाह रहे थे कि बीजेपी और कांग्रेस सत्ता से दूर रहे। लेकिन भूपेंद्र हुड्डा भाजपा को हराने की बजाय इनेलो को हराने में लगा रहा। बीजेपी ने पहले इनेलो के टुकड़े किए फिर जेजेपी के साथ गठबंधन किया। अब जेजेपी पार्टी पूरी तरह से खत्म हो चुकी है। जहां बीजेपी ने जात पात को बढ़ावा दिया भूपेंद्र हुड्डा ने भी इसमें कोई कोर कसर नहीं छोड़ी। भाजपा आज भी जाति पाति का जहर घोलकर के आगे बढऩा चाहती है। विधानसभा के अंदर बीजेपी के एक सदस्य ने जाति विशेष को लेकर कटाक्ष किया।

नई विधानसभा बनाने पर भूपेंद्र हुड्डा द्वारा 60-40 के रेशो वाले बयान पर कहा कि हुड्डा को चंडीगढ़ के बारे में पूरी जानकारी नहीं है। चंडीगढ़ हरियाणा का है। शाह आयोग की रिपोर्ट में साफ साफ लिखा था कि या तो चंडीगढ़ या फिर 107 हिन्दी भाषी गांव हरियाणा को दिए जाएं। राजीव लोंगोवाल समझौते में भी यह साफ लिखा हुआ था। हरियाणा को बचाने के लिए किसी ने सबसे बड़ा संघर्ष किया तो चौधरी देवी लाल ने किया। एसवाइएल पर भी अगर किसी ने लड़ाई लड़ी तो इनेलो ने लड़ी। हम किसी भी कीमत पर चंडीगढ़ पंजाब को नहीं जाने देंगे। यदि चंडीगढ़ चाहिए तो 107 हिंदी भाषी गांव हरियाणा में जोड़े जाए। मुख्यमंत्री नायब सैनी अगर यह कहे कि जमीन के बदले जमीन लेंगे तो इसका हम विरोध करते हैं। यह बीजेपी सरकार की कमजोरी है कि वह जमीन के एवज में जमीन दे रही है। उन्होंने कहा कि हरियाणा विधानसभा का मामला आगे नहीं बढ़ेगा और यह सिर्फ खबरों और विवादों तक ही सीमित रहेगा। आगे विधानसभा सीट बढऩे पर पूछे गए सवाल के जवाब में कहा कि उसके लिए मौजूदा हरियाणा विधानसभा में ही एक्सटेंशन किया जाए।

सुखबीर बादल द्वारा अकाली दल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने पर पूछे गए सवाल पर कहा कि किसको बनाना है किसको नहीं यह उनकी पार्टी का अंदरूनी मामला है।

यह सरकार किसानों की सबसे बड़ी विरोधी है। पराली को लेकर किसानों को परेशान किया जा रहा है। सच्चाई यह है कि पराली जलाने से मात्र 3 प्रतिशत प्रदूषण होता है बाकी 97 प्रतिशत प्रदूषण कारखानों और वाहनों से होता है। किसानों पर जुर्माना लगाने की बजाय सरकार को कारखानों और वाहनों पर लगाम लगानी चाहिए।

हरियाणा में बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड : कुमारी सैलजा


चंडीगढ़ (लहू की लौ)अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि आर्थिक विकास एवं संपन्नता की दृष्टि से भारत में अग्रणी माना जाने वाला हरियाणा अपने ही एक विभाग- नागरिक संसाधन सूचना डिपार्टमेंट की लापरवाही के कारण एक बिलो पॉवर्टी लाइन (बीपीएल) राज्य बन गया है क्योंकि इसकी कुल आबादी का 70 प्रतिशत गरीबी रेखा से नीचे पहुंच गई है। बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड है। सरकार को बताना चाहिए कि उनके विकास के दावों के बावजूद इतनी बड़ी आबादी गरीब कैसे हो गई?

मीडिया को जारी बयान में कुमारी सैलजा ने कहा कि हैरानी की बात यह भी है कि जिन निर्धन लोगों को वास्तव में बीपीएल कार्ड और उसका लाभ मिलना चाहिए था वह उनको नहीं मिला। बीते साल ही जारी प्रति व्यक्ति आय के आंकड़े में हरियाणा दूसरे नंबर पर है। जहां पर प्रति व्यक्ति सालाना आय 2,96,685 रुपये होने का दावा किया जा रहा है तो फिर इतने बीपीएल लोग कैसे हैं और कहां से आ गए। उन्होंने कहा कि भाजपा के पास बताने के लिए कोई उपलब्धि नहीं है। दस साल में भाजपा ने हरियाणा की 70 प्रतिशत आबादी को गरीब बना दिया। अब सरकार इसका जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि बढ़ते बीपीएल परिवार सरकार की नाकामी का रिपोर्ट कार्ड है। सरकार को बताना चाहिए कि उनके विकास के दावों के बावजूद  इतनी बड़ी आबादी कैसे गरीब  हो गई?  

उन्होंने कहा कि अगर डाटा में हेरफेर के कारण बीपीएल लोगों की संख्या बढ़ी है तो उन सरकारी कर्मचारियों को इसके लिए उत्तरदायी ठहराकर दंडित करना चाहिए। अगर परिवार पहचान पत्र में कोई भी व्यक्ति अपनी आय घोषित करता है तो उसके सत्यापन की जिम्मेदारी सरकार की बनती है पर शायद इसी जांच तक नहीं करवाई जाती। उन्होंने कहा कि सरकार को इस पर अपना पक्ष जनता के समक्ष जरूर रखना चाहिए कि क्या प्रदेश में बीपीएल लोगों की संख्या बढ़ रही है, बढ़ रही है तो क्यों बढ़ रही है, एक ओर प्रति व्यक्ति आय बढऩे का दावा किया जा रहा है तो बीपीएल लोग कहां से बढ़ रहे हैं। हरियाणा की कुल आबादी दो करोड़ 80 लाख आंकी जा रही है, दिसंबर 2022 में 1.24 करोड़ बीपीएल लोग थे जो अब बढक़र 1.98 करोड हो गए हैं।

16 नवंबर 2024

16 Nov. 2024





 

सरकार के कहने पर बिजाई की मंूग की फसल अब एमएसपी पर बेचने के लिए अधिकारियों के चक्कर निकाल रहे किसान

मूंग की फसल एमएसपी पर खरीद करवाने को लेकर उपायुक्त को सौंपा शिकायत पत्र, दी आंदोलन की चेतावनी

डबवाली (लहू की लौ ) हरियाणा सरकार अलग अलग फसल की बिजाई करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। लेकिन किसान अपनी अलग बिजाई की हुई फसल को बेचने के लिए अधिकारियों के वायदों में उलझ कर परेशान हो गया है।  यहां उसे इधर उधर भडक़ना पड़ रहा है। साथ ही उसे अपनी जेब से पैसा खर्च कर फसल को बेचने के प्रयास करते हुए कभी डबवाली तो कभी सिरसा के चक्कर निकालने पड़ रहे हैं। 

यह आरोप गांव राजपुरा रत्ताखेड़ा के किसान आत्मा पुत्र सीता राम ने लगाये हैं। एमएसपी पर खरीद के लिए उपायुक्त को मांग पत्र सौपा है।

मूंग फसल की एमएसपी पर खरीद करवाने को लेकर गांव राजपुरा व गोरीवाला के किसानों ने जिला उपायुक्त को शिकायत पत्र में किसानों आत्मा राम पुत्र  सीताराम, विनोद कुमार पुत्र सीता राम, सन्दीप पारीक पुत्र आत्मा राम, अनीता पत्नी भीम सैन, हरकोरी पुत्री ओंकारमल, दर्शना देवी पुत्री खेतपाल सहित समस्त ग्रामीणों ने बताया कि वे गांव राजपुरा उपतहसील गोरीवाला व जिला सिरसा के स्थाई निवासी हैं। 

हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की सभी फसलों को एमएसपी पर खरीद किए जाने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हंै, लेकिन मंडियों में अधिकारियों द्वारा किसानों की फसलों की बेकद्री की जा रही है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल दर्ज करवा रखी है। वे तीन बार सिरसा अनाज मण्डी की हैफेड की दुकान नं. 13 पर 2 बार मूंग की फसल का सैंपल लेकर आए व एक बार फसल की भरी हुई ट्रॉली लेकर आए, लेकिन अधिकारी हमारी फसल को लेने से मना कर देते हंै।

किसानों ने कहा कि उन्होंने बड़ी उम्मीद के साथ इस फसल को बोया था, लेकिन फसल की एमएसपी पर खरीद न होने के कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि उपायुक्त ने डीएम हैफेड मांगेराम को बुलाया था और उन्हें आदेश भी दिए थे, परंतु डीएम हैफेड का कहना है कि खरीद के बाद मूंग की फसल सीडब्ल्यूसी के वेयर हाउस में लगती है, जिसमें वेयर हाउस में तैनात रजनी मैडम इन्हें लगवाने से मना कर रहे हैं। उनका कहना है की मूंग का सैंपल ठीक नहीं है, जबकि किसानों ने कहा कि फसल में कोई खराबी नहीं है, लेकिन बावजूद इसके अधिकारियों द्वारा किसानों को बेवजह तंग किया जा रहा है। उन्होंने उपायुक्त से गुहार लगाई कि हैफेड अधिकारियों को निर्देश देकर उनकी मूंग की फसल को एमएसपी पर खरीद करवाएं, ताकि किसानों को समस्याओं का सामना न करना पड़े। वहीं किसानों ने चेतावनी भी दी है कि अगर एमएसपी पर फसल खरीद नहीं हुई तो आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।


सरकार के कहने पर मंूग की फसल की बिजाई की

किसान आत्मा राम के अनुसार सरकार के कहने पर उसने मूंग की फसल बिजाई की थी। अब जब पक्क गई तो डबवाली हैफड़ के अधिकारियों ने गोदाम ना होने का कह सिरसा मंडी में भेज दिया। लेकिन वह सिरसा गया तो वहां भी उसे परेशान किया जा रहा है। वह फसल के साथ मंडी में पहुंचता है पर उसकी मूंग की फसल एमसपी पर लेने के लिए अधिकारी आना कानी कर रहे हैं। वह वापिस अपने गांव आ ट्रेक्टर ट्राली लेकर आ जाता है। जिससे उसका हजारों रूपये जेब से लग गया है। 


30 एकड़ में की मंूग की बिजाई

आत्मा राम के अनुसार उसने 30 एकड़ में मंूग की बिजाई की है। जिससे 100 क्विंटल के करीब झाड़ हुआ है। वह इसे बेचने के लिए मंडियों और अधिकारियों के चक्कर काट रहा है। जब उसने उपायुक्त से शिकायत की तो उसका 70 क्विंटल का टोकन कटा है। अब भी उसे उम्मीद नहीं है कि उसकी फसल अधिकारी एमएसपी पर खरीद करेंगे।
 


डबवाली में मंूग की खरीद करने की मांग

किसानों ने डबवाली की अनाज मंडी में मंूग की खरीद शुरू करने की मांग की है। ताकि उन्हें अपनी फसल औने पौने भाव में ना बेचनी पड़ी। किसानों के अनुसार ऐलनाबाद में ही खरीद होती है। नहीं तो किसानों को राजस्थान के नौहर में मंूग बेचने के लिए जाना पड़ेगा। उन्हें एमएसपी से करीब 1800 रूपये प्रति क्विंटल कम रेट पर फसल बेचनी पड़ेगी। जिससे उन्हें लाखों रूपये का नुक्सान उठाना पड़ेगा।

15 नवंबर 2024

15 Nov. 2024





 

पूर्व विधायक की नर्सरी में फांसी पर लटका मिला ट्रैक्टर चालक

10 रुपये सैंकड़ा ब्याज पर लिये थे 80 हजार रुपये

डबवाली (लहू की लौ) तेजाखेड़ा में कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अमित सिहाग की अमित फ्रूट नर्सरी में वीरवार शाम को एक ट्रैक्टर चालक बलकरन सिंह फांसी पर लटका हुआ पाया गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही डीएसपी रमेश कुमार, थाना सदर प्रभारी ब्रह्म प्रकाश और चौटाला पुलिस प्रभारी आनन्द बेनीवाल के साथ फॉरेंसिक एक्सपर्ट मौके पर जांच के लिए पहुंचे।

घटना का विवरण

कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक अमित सिहाग की नर्सरी में पिछले चार महीनों से गंगा गांव का एक परिवार काम कर रहा था। बलकरन सिंह पुत्र जगदीप सिंह इस नर्सरी में ट्रैक्टर चालक के रूप में कार्यरत था और उसकी पत्नी बलजीत कौर भी वहां काम करती थी। वीरवार शाम को बलकरन सिंह नर्सरी में बने एक कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया गया। इस घटना से वहां हडक़ंप मच गया।

मृतक के छोटे भाई जयकरण ने पुलिस को बताया कि बलकरन ने 10 रुपये सैंकड़ा की ब्याज दर पर 80 हजार रुपये का कर्ज लिया था। समय पर किश्तें चुकाने के बावजूद ब्याज की दर अधिक होने के कारण कुल देय राशि मूल राशि से ज्यादा हो गई, जिससे बलकरन पर कर्ज चुकाने का दबाव बढ़ता गया। जयकरण के अनुसार, इसी दबाव के चलते बलकरन ने आत्महत्या की होगी।

मृतक की पत्नी बलजीत कौर ने भी पुलिस को बताया कि फाइनेंसर द्वारा बार-बार पैसे की मांग की जा रही थी, जिससे उनका परिवार परेशान था। कर्ज चुकाने की समस्या के कारण ही वे परिवार सहित नर्सरी में काम करने आए थे, लेकिन कर्ज का दबाव इस कद्र बढ़ गया कि उनके पति ने आत्महत्या कर ली।

घटना कांग्रेस नेता की नर्सरी में होने के कारण डीएसपी रमेश कुमार ने सीन ऑफ क्राइम के फॉरेंसिक एक्सपर्ट अजमेर सिंह को बुलाकर जांच करवाई। पुलिस ने मृतक की पत्नी और भाई के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।