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Lahoo Ki Lau

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14 जून 2020

हरियाणा में महाविद्यालय में परीक्षाएं 1 जुलाई से 31 जुलाई 2020 तक आयोजित करने का निर्णय

चंडीगढ़ (लहू की लौ) हरियाणा सरकार ने राज्य के विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों तथा तकनीकी शिक्षा से जुड़े संस्थानों में अंतिम वर्ष की कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं पारंपरिक तरीके से 1 जुलाई से 31 जुलाई 2020 तक आयोजित करने का निर्णय लिया है। इन परीक्षाओं के परिणाम 7 अगस्त 2020 तक घोषित किए जाएंगे।
एक सरकारी प्रवक्ता ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि विद्यार्थियों के हितों को देखते हुए हरियाणा सरकार ने उच्चतर शिक्षा विभाग तथा तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत आने वाले संस्थानों के अंतिम वर्ष की कक्षा में पढऩे वाले विद्यार्थियों की परीक्षाएं पहले की तरह करवाने का निर्णय लिया है, लेकिन इस दौरान भारत सरकार के गृह मंत्रालय एवं हरियाणा सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार सोशल डिस्टेंसिंग, सैनेटाइजिंग आदि का पूर्ण रूप से अनुपालन किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि परीक्षाओं के दौरान विद्यार्थियों के लिए छात्रावास नहीं खोले जाएंगे, लेकिन सामाजिक दूरियों के मानदंडों का कड़ाई से पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि हरियाणा से बाहर के जो विद्यार्थी इस दौरान कोई परीक्षा नहीं दे सकते हैं तो उनके लिए पिछली सभी परीक्षाओं का औसत लिया जा सकता है या वे बाद में खुद परीक्षा में शामिल होकर परीक्षा देने या ग्रेड में सुधार के लिए विकल्प चुन सकते हैं।
उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि इंटरमीडिएट समैस्टर के सभी विद्यार्थी अगली कक्षा में प्रमोट कर दिए जाएंगे, जिसमें उनके पिछली कक्षा में प्राप्त अंकों का 50 प्रतिशत को वर्तमान समैस्टर के आंतरिक मूल्यांकन या असाइनमेंट के 50 प्रतिशत अंकों के साथ जोड़ा जाएगा। सरकार ने यह भी कहा कि यदि कोई विश्वविद्यालय कैंपस डिपार्टमैंटस के ऐसे विद्यार्थियों की परीक्षा लेने का इरादा रखता है, तो वह ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जिन विद्यार्थियों का कोई पेपरबकाया है तो उन्हें परीक्षा से छूट देकर अगले समैस्टर में प्रमोट किया जा सकता है और रि-अपीयर आगे ले जा सकते हैं।
प्रवक्ता के अनुसार प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को केवल आंतरिक मूल्यांकन की गणना के आधार पर अगली कक्षा में प्रमोट किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि जहां पर प्रैक्टिकल परीक्षाएं अभी तक संचालित नहीं हो पाई हैं वहां पर विद्यार्थियों की पिछली सभी प्रैक्टिकल परीक्षाओं के औसत आधार पर या पिछली समैस्टर में थ्योरी की परीक्षाओं के औसत 80 प्रतिशत अंकों का आधार माना जा सकता है, इनमें जिसमें भी अधिक अंक बनते हैं उसको आधार मान सकते हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालयों द्वारा अपने 'यूनिवर्सिटी टीचिंग डिपार्टमैंटसÓ में एडमिशन व्यक्तिगत स्तर पर आयोजित किए जाएंगे, जबकि उच्चतर शिक्षा विभाग द्वारा स्नातक स्तर और स्नातकोत्तर स्तर के कॉलेजों के लिए पहले की तरह केंद्रीकृत ऑनलाइन एडमिशन किए जाएंगे।

10 जून 2020

पीजी स्टूडेंट व रिसर्च स्कॉलर के लिए खुल सकती है यूनिवर्सिटी, दुष्यंत चौटाला मिले राज्यपाल से

चण्डीगढ़(लहू की लौ) हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री  दुष्यंत चौटाला ने आज राजभवन में हरियाणा के राज्यपाल  सत्यदेव नारायण आर्य से मुलाका०त कर विभिन्न विषयों पर बातचीत की।
बातचीत के दौरान राज्यपाल आर्य ने कोविड-19 संक्रमण से निपटने के लिए अब तक सरकार द्वारा उठाए गए कदमों एवं प्रबंधों के बारे भी उप-मुख्यमंत्री से जानकारी प्राप्त की। उप-मुख्यमंत्री ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण प्रदेश में ही नहीं बल्कि पूरे देश में औद्योगिक, वाणिज्य व अन्य आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हुई हैं।
राज्यपाल ने कोरोना महामारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। इसके साथ-साथ उन्होंने विभिन्न विभागों के अधिकारियों, कर्मचारियों, सामाजिक-धार्मिक संगठनों तथा स्वयंसेवी संस्थाओं के कार्य की भी प्रशंसा की।
उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चैटाला, जिनके पास राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग भी है ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना संक्रमण से निपटने में केन्द्र सरकार द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों व मापदंडों का पूर्णत:पालन किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि होना चिंता का विषय है। इस समय आमजन को और अधिक जागरूक रहने के जरूरत है। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए हुए हैं कि संबंधित क्षेत्रों में सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति बिना मास्क के बाहर न निकले। इसके साथ-साथ सोशल डिस्टेंसिंग की भी पालना करवाई जाए।
उप-मुख्यमंत्री ने राज्यपाल, जो प्रदेश के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं, से  विश्वविद्यालयों में लॉकडाउन के कारण प्रभावित अनुसंधान और शैक्षणिक गतिविधियों को पुन: संचालित करने पर भी चर्चा की और इसके लिए विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से बातचीत कर आगे की कार्य योजना तैयार की जानी चाहिए ताकि केन्द्र सरकार की तरफ से भविष्य में आने वाले अनलॉक-2 की गाइडलाईन के अनुरूप इन गतिविधियों को आगे बढ़ाया जा सके। इसके अतिरिक्त, उन्होंने विभिन्न कक्षाओं के सैमेेस्टर की तिथियों में संशोधन करने पर भी राज्यपाल से चर्चा की।