Adsense

Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

nagar parishad लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
nagar parishad लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

29 नवंबर 2024

डबवाली में नगरपरिषद के फर्जी पत्र से हो गई रजिस्टरी

प्रोपर्टी डीलर, नंबरदार, पार्षद प्रतिनिधि समेत सात लोगों के खिलाफ केस दर्ज करने की शिकायत दी


डबवाली (लहू की लौ) नगरपरिषद की फर्जी रिपोर्ट तैयार करके रजिस्टरी करवाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। राजफाश होने के बाद नायब तहसीलदार रवि को रजिस्टरी रद्द करनी पड़ी। वहीं फर्जी रिकार्ड तैयार करके रजिस्टरी करवाने वाले पार्षद प्रतिनिधि, नंबरदार, प्रोपर्टी डीलर समेत अन्य के खिलाफ केस दर्ज करने के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है।

यह है मामला

नायब तहसीलदार ने पुलिस को लिखे पत्र में कहा है कि 26 नवंबर को रजिस्टरी के लिए कागजात आए थे। प्रथम पक्ष डबवाली निवासी आत्मा राम, मोती राम था। दूसरा पक्ष डबवाली निवासी हेमराज तथा सुनील थे। रजिस्टरी के लिए नगरपरिषद डबवाली का पत्र दिया गया। जिसके अनुसार 99 वर्ग गज़ जमीन नगरपरिषद रकबे में होने की तसदीक की गई थी। पत्र पर संदेह हुआ तो सत्यापन करवाने के लिए उसे वाट्सएप के जरिए नगरपरिषद अधिकारियों को भेजा गया। नप कार्यालय ने उक्त पत्र फर्जी होने की रिपोर्ट दी। नायब तहसीलदार के अनुसार उक्त रजिस्टरी को रद्द किया गया।

नायब तहसीलदार ने शिकायत में स्पष्ट किया है कि रजिस्टरी करवाने के लिए 25 नवंबर की शाम को संजीव शर्मा उर्फ विक्की तथा नंबरदार गुरचरण सिंह पेश हुए थे। उन्हें बताया था कि वसीका में किल्ला नंबर का विवरण नहीं है। 26 नवंबर को खुद को पार्षद बताने वाला साहिल पेश हुआ। उसने नगरपरिषद का उक्त फर्जी पत्र पेश किया था।

फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करके वसीका पंजीकरण करवाने पर डबवाली निवासी दो सगे भाईयों आत्मा राम, मोती राम, भूमि खरीदने वाले डबवाली निवासी हेमराज, सुनील, प्रोपर्टी डीलर संजीव शर्मा उर्फ विक्की, खुद को पार्षद बताने वाले साहिल तथा नंबरदार गुरचरण सिंह के विरुद्ध पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई गई है।

----

मामला वार्ड नंबर 20 स्थित चौहान नगर का है। यहां जमीन लाल डोरे की है। उस जमीन का फर्जी तसदीक पत्र जारी करके रजिस्टरी करवाई गई है। नायब तहसीलदार ने रिपोर्ट मांगी थी। हमने जांच की तो तसदीक पत्र फर्जी मिला था।

-राकेश पूनिया, एक्सीयन नगरपरिषद डबवाली

डबवाली में सीसीटीवी कैमरे बने भ्रष्टाचार का शिकार, सुरक्षा के नाम पर लाखों की लूट


डबवाली (लहू की लौ)नगर परिषद द्वारा सुरक्षा की दृष्टि से लगाए गए सीसीटीवी कैमरे अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं। करीब चार साल पहले नगर परिषद ने शहर में अपराधिक घटनाओं पर काबू पाने के लिए लगभग 128 कैमरे लगाए थे, लेकिन अब इनमें से सिर्फ 5 कैमरे ही चालू हैं। लाखों रुपये खर्च कर लगाए गए इन कैमरों का रखरखाव पुलिस और नगर परिषद के बीच की खींचतान में फंसा हुआ है।

यह मामला तब सामने आया जब शहर में वारदातें बढऩे के कारण तत्कालीन डीएसपी कुलदीप सिंह बैनिबाल ने नगर परिषद को कैमरे लगाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद नगर परिषद ने करीब 50 लाख रुपये खर्च कर डबवाली में कैमरे लगाए, ताकि शहर को तीसरी आंख की नजर से सुरक्षित किया जा सके। लेकिन ये कैमरे भी शुरू होने के बाद कुछ ही महीनों में खराब हो गए। अब इस भ्रष्ट व्यवस्था ने शहरवासियों की सुरक्षा को सवालों के घेरे में डाल दिया है।

नगर परिषद और पुलिस दोनों एक-दूसरे पर कैमरों की मरम्मत की जिम्मेदारी डाल रहे हैं, जबकि जब कोई घटना घटती है, तो पुलिस दुकानों और अन्य जगहों पर लगे सीसीटीवी कैमरों का सहारा लेकर अपराधियों तक पहुंचने की कोशिश करती है। ऐसे में पुलिस को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है, क्योंकि अधिकांश कैमरे बंद पड़े हैं और कई घटनाओं की जांच मुश्किल हो गई है। चाहे वह ठगी हो, मोटरसाइकिल चोरी हो या फिर स्नैचिंग की वारदात हो, इन कैमरों के खराब होने से पुलिस के हाथ खाली रह जाते हैं।


एसपी कैमरों को लेकर गंभीर

पूर्व एसपी सुमेर सिंह भी नगर परिषद को कैमरों की स्थिति को लेकर चेतावनी दे चुके थे, और अब भी वही हालात बने हुए हैं। इस मामले में एसपी सिद्धांत जैन गंभीर नजर आ रहे हैं, और उन्होंने इस कैमरों को सही करवाने के लिए वीरवार को बैठक भी की है।


भ्रष्ट तंत्र का भंडाफोड़ हो सकता है।

सूत्रों से यह भी जानकारी मिली है कि जब कैमरे लगाए जा रहे थे, तो उस वक्त बड़े पैमाने पर कमीशन की चर्चा थी। अगर इन कैमरों की सही तरीके से जांच की जाए, तो इस भ्रष्ट तंत्र का भंडाफोड़ हो सकता है। लेकिन सवाल यह है कि इस जांच को कौन करेगा।


नगर परिषद का बयान

हमारी और से पुलिस प्रशासन के कहने पर शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। जिनका कंट्रोल रूम शहर थाना में स्थित है। कैमरों के रखरखाव की जिम्मेदारी पुलिस विभाग की है। हम उच्च अधिकारियों से बात कर इसे जल्द सही करने का प्रयास करेंगे।

-राजेंद्र सोनी, ईओ, नगर परिषद, डबवाली


 एसपी सिद्धांत जैनका बयान

सीसीटीवी कैमरों का कंट्रोल शहर थाना में है, लेकिन इनकी मेंटेनेंस और वैधता की जिम्मेदारी नगर परिषद की है। हम खुद इन्हें ठीक करवाने के लिए प्रयासरत हैं। इसके लिए आज बैठक भी हुई है, और हम जल्द इसे शुरू करने का प्रयास करेंगे।

- सिद्धांत जैन, एसपी, डबवाली


इस भ्रष्टाचार का पर्दाफाश अब समय की बात है, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या इसके खिलाफ कोई ठोस कदम उठाया जाएगा, या फिर इस मामले में भी सबकुछ उसी ढर्रे पर चलता रहेगा।

27 नवंबर 2024

लाखों रुपये खर्च करने के बावजूद नगर परिषद की सफाई व्यवस्था सौ फीसदी ड्रामेबाजी

लोगों के टैक्स का पैसा फिजूल बहाया जा रहा



डबवाली (लहू की लौ) डबवाली में नगर परिषद की लचर सफाई व्यवस्था व  सफाई के नाम पर शहर के गली-चौराहों में लगाए जा रहे कूड़े के ढेर अब असहनीय हो रहे हैं। शहर में अब   नगर परिषद चेयरमैन, ईओ व सैनिटरी इंस्पेक्टर को कानूनी कार्यवाही के चेतावनी नोटिस के भेजने के बाद गली मोहल्लों की सफाई संभव हो रही है।

बता दें कि समूचे शहर की तरह नगर सुधार मंडल पार्क कॉलोनी, (वार्ड 15) में कई-कई सप्ताह तक सफाई कर्मचारी नहीं पहुंच रहे। वहीं नगर परिषद ने कॉलोनी के मुख्य द्वार व नगर सुधार मण्डल पार्क के आगे कूड़े का डंप लगवा रखा है। जिससे नगर सुधार मण्डल डबवाली द्वारा काटी हुई रिहायशी कॉलोनी में मच्छर-मक्खियों व गन्दगी की भरमार है। शहर व कॉलोनी में दयनीय सफाई व्यवस्था के चलते हुए स्वतन्त्रता सेनानी गुरदेव सिंह शांत के बेटे इकबाल सिंह शांत ने नगर परिषद चेयरमैन, ईओ और सैनेटरी इंस्पेक्टर को ईमेल व व्हाट्सएप से कानूनी कार्यवाही हेतु जमीनी हकीकत की तस्वीरों सहित अग्रिम चेतावनी नोटिस भेज दिया। जिसमें उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सात दिनों सफाई व्यवस्था सुचारू नहीं हुई तो वे संबंधित अधिकारियों के खिलाफ वाईनेम न्यायालय में केस दायर करेंगे। 

मसला सिर्फ कॉलोनी में सफाई व्यवस्था का नहीं हैं। शहर में सफाई व्यवस्था पर नगर परिषद द्वारा प्रति माह लाखों रुपए खर्च करने के बावजूद सफाई की स्थिति जीरो है। सफाई के नाम पर सौ फीसदी ड्रामेबाजी हो रही है। सफाई व्यवस्था के जरिये सरकार को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। उन्होंने नगर परिषद को विकास को सफाई के नाम पर कथित भ्रष्टाचार व गैर योजनाबद्ध विकास का अड्डा है। नगर परिषद की कमान ग़ैरकाबिल हाथों में है। जिसके चलते चंद अधिकारी खुद को शहर का मालिक होने का भ्रम पाले हुए हैं। नगर परिषद अधिकारी महज अपने कार्यालय तक सीमित हैं। जबकि बाहर शहर में अतिक्रमण व सफाई की व्यवस्था लगातार बिगड़ रही है। कोई देखने वाला नहीं है। ऐसे घटिया हालात अब असहनीय हो रहे हैं। डबवाली शहर के लोगों का टैक्स का पैसा बेफिजूल बहाया जा रहा है। शहर के लोगों को बिना किसी राजनीति के जागरूकता व एकजुटता से आगे आना चाहिये।

22 नवंबर 2024

सिल्वर जुबली चौक का सौंदर्यीकरण कार्य शुरू, नगर परिषद खर्च करेगी 31 लाख रुपये


डबवाली(लहू की लौ)डबवाली का प्रसिद्ध सिल्वर जुबली चौक, जो पिछले लंबे समय से जर्जर हालत में था, अब नए रूप में नजर आएगा। नगर परिषद ने चौक के सौंदर्यीकरण का कार्य शुरू कर दिया है, जिसमें लगभग 31 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। इस परियोजना का शुभारंभ नगर परिषद के चेयरमैन टेकचंद छाबड़ा ने नारियल फोडक़र किया।

सौंदर्यीकरण की योजना

नगर परिषद के वाइस चेयरमैन अमनदीप बांसल ने जानकारी देते हुए बताया कि सिल्वर जुबली चौक के सौंदर्यीकरण के तहत चौक के चारों ओर ग्रेनाइट पत्थर और स्टील की ग्रिल लगाई जाएगी। इसके अलावा, चौक के मध्य में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधे और घास लगाए जाएंगे।

बांसल ने बताया कि यह परियोजना शहर के सौंदर्य और विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है। चौक को जर्जर हालत से बाहर निकाल कर इसे शहर का आकर्षण केंद्र बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इस मौके पर पूर्व पार्षद पवन बांसल और ठेकेदार के मुलाजिम भी उपस्थित थे।

डिवाइडर का भी होगा सौंदर्यीकरण

इसके साथ ही नगर परिषद ने एनएच (राष्ट्रीय राजमार्ग) पर स्थित डिवाइडरों को भी सुंदर बनाने की योजना बनाई है। डिवाइडरों के बीच में हरियाली बढ़ाने के लिए पौधे लगाए जाएंगे और उन्हें आकर्षक बनाया जाएगा। यह योजना शहर को पर्यावरण के अनुकूल और अधिक खूबसूरत बनाने की दिशा में एक और कदम है।

पहले भी खर्च हुए लाखों, लेकिन गुणवत्ता पर सवाल

गौरतलब है कि इससे पहले भी सिल्वर जुबली चौक पर लाखों रुपये खर्च किए जा चुके हैं। चौक को छोटा करने के नाम पर भारी बजट लगाया गया था, लेकिन निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया गया।

उस समय के  विधायक अमित सिहाग ने चौक का दौरा किया था, लेकिन जमीनी स्तर पर सुधार की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। परिणामस्वरूप, चौक की स्थिति और खराब हो गई। अब इस नए सौंदर्यीकरण परियोजना के तहत चौक को पूरी तरह से नया स्वरूप देने का प्रयास किया जा रहा है।

शहर के लिए नई उम्मीद

इस बार की योजना और कार्यों की गुणवत्ता पर सभी की निगाहें टिकी हैं। चौक के सौंदर्यीकरण का यह प्रयास डबवाली को न केवल बेहतर बुनियादी ढांचा देने का काम करेगा बल्कि शहरवासियों के लिए गर्व का विषय भी बनेगा। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि 31 लाख रुपये से हो रहा यह सुधार कब तक टिकाऊ साबित होता है।

15 जून 2020

सरकार ने डबवाली को दी रोड स्वीपिंग मशीन, जल्द डस्ट फ्री नजर आएगा शहर

जीपीएस सिस्टम युक्त है मशीन, हर रोज 30 किलोमीटर सफाई करने में सक्षम

डबवाली(लहू की लौ)डबवाली शहर जल्द डस्ट फ्री नजर आएगा।। इसके लिए शहरी स्थानीय निकाय (यूएलबी) ने डबवाली नगरपरिषद को करीब 72 लाख रुपये कीमत की रोड स्वीपिंग मशीन उपलब्ध करवाई है। यह मशीन हर रोज 10 घंटे कार्य करके 30 किलोमीटर रोड को डस्ट फ्री कर सकेगी। नगरपरिषद का दावा है कि करीब 50 कर्मचारियों का कार्य अकेले यह मशीन कर सकती है। डस्ट साफ करने के लिए मशीन में तीन ब्रश लगे हैं। मशीन में वेक्यूम के जरिए तीन टन मिट्टी उठाने की क्षमता है। करीब 500 लीटर का टैंक है। शहर को आसानी से सैनिटाइज किया जा सकता है। इस मशीन में सीसीटीवी कैमरों के साथ-साथ जीपीएस एडजस्ट है। बताया जाता है कि जैसे-जैसे मशीन चलेगी, जीपीएस के जरिए रिपोर्टिंग यूएलबी कार्यालय में होगी। डबवाली समेत हरियाणा के 44 स्थानों पर सरकार ने उपरोक्त रोड स्वीपिंग मशीन उपलब्ध करवाई है।

कंपनी की है मशीन, नगरपरिषद देगी किराया
हरियाणा सरकार ने एक कंपनी से टाइअप करके नगरपरिषदों को रोड स्वीपिंग मशीन उपलब्ध करवाई है। बताया जाता है कि संबंधित कंपनी मशीन को चलाने के लिए चालक तथा हेल्पर उपलब्ध करवाएगी। सुपरविजन भी स्वंय करेगी। डबवाली नगरपरिषद हर माह 4.70 लाख रुपये किराया देगी। इसके साथ ही मशीन को चलाने के लिए डीजल भी उपलब्ध करवाएगी।

ड्रीम प्रॉजेक्ट पूरा हुआ
पार्षद विनोद बांसल ने बताया कि मई 2016 में नगरपरिषद के चुनाव के बाद प्रारंभिक बैठकों में शहर की मशीनरीकरण से सफाई की मांग सरकार से की गई थी। प्रस्ताव पारित करके शहर के लिए दो छोटी रोड स्वीपिंग मशीन मांगी गई थी। सरकार ने पॉलिसी निर्णय के तहत यह पूरे प्रदेश में लागू कर दिया। अब शहर डबवाली की सड़कें चकाचक नजर आएंगी।

रोड स्वीपिंग मशीन डबवाली पहुंच गई है। डबवाली को जल्द डस्ट फ्री करने के लिए कार्य शुरु होगा। मशीन कंपनी द्वारा संचालित होगी। चालक तथा हेल्पर मिलेंगे, तो मैंटीनेंस का खर्च भी संबंधित कंपनी वहन करेगी। शहर के लिए यह बहुत बड़ी सौगात है।
-ऋषिकेश चौधरी, सचिव, नगरपरिषद डबवाली