डबवाली (लहू की लौ): डबवाली की पुरानी सब्जी मंडी में चार दिन पहले रातों-रात एक खोखा रखे जाने से स्थानीय दुकानदारों में गहरा आक्रोश फैल गया है। लाख कोशिशों के बावजूद, दुकानदार यह पता नहीं लगा पाए हैं कि यह खोखा किसका है और इसे किसने रखवाया है। जब दुकानदारों ने इस बारे में नगर परिषद के चेयरमैन, ईओ, जेई और एक्सीयन से जानकारी मांगी, तो सभी ने खोखे के बारे में अनभिज्ञता जताई।
अतिक्रमण पर नगर परिषद की चुप्पी पर सवाल
दुकानदारों ने बताया कि शुक्रवार रात करीब 11 बजे कुछ लोग लड़कियों के स्कूल के पीछे और बीज की दुकान के मध्य खाली जगह पर यह खोखा रख गए थे। सोमवार को इसे पक्का करने के लिए ईंटें भी आ गईं। दुकानदार ओमप्रकाश, सुरेश अंगी, राज बतरा और पार्षद सुमीत अनेजा ने आरोप लगाया कि एक तरफ नगर परिषद रेहड़ी व फड़ी लगाने वालों का सामान तक उठा लेती है और दुकानों के आगे पड़े सामान को भी जब्त कर लेती है, वहीं रातों-रात रखे गए इस खोखे का पता न चल पाना नगर परिषद की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करता है। उन्होंने इसे नगर परिषद की मिलीभगत बताते हुए कहा कि यह सीधे तौर पर अतिक्रमण है, जिस पर कार्रवाई न करना नगर परिषद की भूमिका को संदिग्ध बनाता है।
दुकानदारों ने दी आंदोलन की चेतावनी
दुकानदारों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि जब रेहड़ी-फड़ी वालों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई होती है, तो इस खोखे पर चार दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? इससे साफ लगता है कि खोखे को रखवाने में नगर परिषद की संलिप्तता है। उन्होंने पूछा कि अगर नगर परिषद अतिक्रमण वाली जगहों पर खोखे लगवाने में कोई आपत्ति नहीं करती, तो फिर रेहड़ी-फड़ी वालों पर कार्रवाई क्यों की जाती है?दुकानदारों ने दो टूक शब्दों में मांग की है कि नगर परिषद बिना किसी देरी के इस अवैध खोखे को तुरंत हटवाए, अन्यथा वे आगामी रणनीति अख्तियार करने के लिए विवश होंगे और बड़ा विरोध प्रदर्शन करेंगे।
दुकानदारों ने मांगी बराबर जगह
दुकानदारों का यह भी कहना है कि यदि नगर परिषद इस खोखे को वैध मानती है और इसकी पर्ची काटी जाती है, तो उन्हें भी उतनी ही जगह दी जाए। सभी दुकानदार अपनी दुकानों के लिए नियमानुसार पर्ची कटवाने को तैयार हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी सुनवाई नहीं होती, तो वे इसका कड़ा विरोध करेंगे। दुकानदारों ने यह भी याद दिलाया कि रेहड़ी वालों के खिलाफ मामला पहले से ही हाईकोर्ट में चल रहा है, फिर भी नगर परिषद की नाक के नीचे सरेआम यह अतिक्रमण हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह किसकी शह पर हो रहा है, यह तो वक्त आने पर ही पता चलेगा।
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