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Lahoo Ki Lau
16 नवंबर 2024
सरकार के कहने पर बिजाई की मंूग की फसल अब एमएसपी पर बेचने के लिए अधिकारियों के चक्कर निकाल रहे किसान
मूंग की फसल एमएसपी पर खरीद करवाने को लेकर उपायुक्त को सौंपा शिकायत पत्र, दी आंदोलन की चेतावनी
डबवाली (लहू की लौ ) हरियाणा सरकार अलग अलग फसल की बिजाई करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है। लेकिन किसान अपनी अलग बिजाई की हुई फसल को बेचने के लिए अधिकारियों के वायदों में उलझ कर परेशान हो गया है। यहां उसे इधर उधर भडक़ना पड़ रहा है। साथ ही उसे अपनी जेब से पैसा खर्च कर फसल को बेचने के प्रयास करते हुए कभी डबवाली तो कभी सिरसा के चक्कर निकालने पड़ रहे हैं।यह आरोप गांव राजपुरा रत्ताखेड़ा के किसान आत्मा पुत्र सीता राम ने लगाये हैं। एमएसपी पर खरीद के लिए उपायुक्त को मांग पत्र सौपा है।
मूंग फसल की एमएसपी पर खरीद करवाने को लेकर गांव राजपुरा व गोरीवाला के किसानों ने जिला उपायुक्त को शिकायत पत्र में किसानों आत्मा राम पुत्र सीताराम, विनोद कुमार पुत्र सीता राम, सन्दीप पारीक पुत्र आत्मा राम, अनीता पत्नी भीम सैन, हरकोरी पुत्री ओंकारमल, दर्शना देवी पुत्री खेतपाल सहित समस्त ग्रामीणों ने बताया कि वे गांव राजपुरा उपतहसील गोरीवाला व जिला सिरसा के स्थाई निवासी हैं।
हरियाणा सरकार द्वारा किसानों की सभी फसलों को एमएसपी पर खरीद किए जाने के बड़े-बड़े दावे किए जा रहे हंै, लेकिन मंडियों में अधिकारियों द्वारा किसानों की फसलों की बेकद्री की जा रही है। उन्होंने बताया कि उपरोक्त किसानों ने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपनी फसल दर्ज करवा रखी है। वे तीन बार सिरसा अनाज मण्डी की हैफेड की दुकान नं. 13 पर 2 बार मूंग की फसल का सैंपल लेकर आए व एक बार फसल की भरी हुई ट्रॉली लेकर आए, लेकिन अधिकारी हमारी फसल को लेने से मना कर देते हंै।
किसानों ने कहा कि उन्होंने बड़ी उम्मीद के साथ इस फसल को बोया था, लेकिन फसल की एमएसपी पर खरीद न होने के कारण किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालांकि उपायुक्त ने डीएम हैफेड मांगेराम को बुलाया था और उन्हें आदेश भी दिए थे, परंतु डीएम हैफेड का कहना है कि खरीद के बाद मूंग की फसल सीडब्ल्यूसी के वेयर हाउस में लगती है, जिसमें वेयर हाउस में तैनात रजनी मैडम इन्हें लगवाने से मना कर रहे हैं। उनका कहना है की मूंग का सैंपल ठीक नहीं है, जबकि किसानों ने कहा कि फसल में कोई खराबी नहीं है, लेकिन बावजूद इसके अधिकारियों द्वारा किसानों को बेवजह तंग किया जा रहा है। उन्होंने उपायुक्त से गुहार लगाई कि हैफेड अधिकारियों को निर्देश देकर उनकी मूंग की फसल को एमएसपी पर खरीद करवाएं, ताकि किसानों को समस्याओं का सामना न करना पड़े। वहीं किसानों ने चेतावनी भी दी है कि अगर एमएसपी पर फसल खरीद नहीं हुई तो आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
सरकार के कहने पर मंूग की फसल की बिजाई की
किसान आत्मा राम के अनुसार सरकार के कहने पर उसने मूंग की फसल बिजाई की थी। अब जब पक्क गई तो डबवाली हैफड़ के अधिकारियों ने गोदाम ना होने का कह सिरसा मंडी में भेज दिया। लेकिन वह सिरसा गया तो वहां भी उसे परेशान किया जा रहा है। वह फसल के साथ मंडी में पहुंचता है पर उसकी मूंग की फसल एमसपी पर लेने के लिए अधिकारी आना कानी कर रहे हैं। वह वापिस अपने गांव आ ट्रेक्टर ट्राली लेकर आ जाता है। जिससे उसका हजारों रूपये जेब से लग गया है।
डबवाली में मंूग की खरीद करने की मांग
किसानों ने डबवाली की अनाज मंडी में मंूग की खरीद शुरू करने की मांग की है। ताकि उन्हें अपनी फसल औने पौने भाव में ना बेचनी पड़ी। किसानों के अनुसार ऐलनाबाद में ही खरीद होती है। नहीं तो किसानों को राजस्थान के नौहर में मंूग बेचने के लिए जाना पड़ेगा। उन्हें एमएसपी से करीब 1800 रूपये प्रति क्विंटल कम रेट पर फसल बेचनी पड़ेगी। जिससे उन्हें लाखों रूपये का नुक्सान उठाना पड़ेगा।
15 नवंबर 2024
पूर्व विधायक की नर्सरी में फांसी पर लटका मिला ट्रैक्टर चालक
10 रुपये सैंकड़ा ब्याज पर लिये थे 80 हजार रुपये
डबवाली (लहू की लौ) तेजाखेड़ा में कांग्रेस नेता और पूर्व विधायक अमित सिहाग की अमित फ्रूट नर्सरी में वीरवार शाम को एक ट्रैक्टर चालक बलकरन सिंह फांसी पर लटका हुआ पाया गया। इस घटना की जानकारी मिलते ही डीएसपी रमेश कुमार, थाना सदर प्रभारी ब्रह्म प्रकाश और चौटाला पुलिस प्रभारी आनन्द बेनीवाल के साथ फॉरेंसिक एक्सपर्ट मौके पर जांच के लिए पहुंचे।
घटना का विवरण
कांग्रेस नेता व पूर्व विधायक अमित सिहाग की नर्सरी में पिछले चार महीनों से गंगा गांव का एक परिवार काम कर रहा था। बलकरन सिंह पुत्र जगदीप सिंह इस नर्सरी में ट्रैक्टर चालक के रूप में कार्यरत था और उसकी पत्नी बलजीत कौर भी वहां काम करती थी। वीरवार शाम को बलकरन सिंह नर्सरी में बने एक कमरे में पंखे से लटका हुआ पाया गया। इस घटना से वहां हडक़ंप मच गया।
मृतक के छोटे भाई जयकरण ने पुलिस को बताया कि बलकरन ने 10 रुपये सैंकड़ा की ब्याज दर पर 80 हजार रुपये का कर्ज लिया था। समय पर किश्तें चुकाने के बावजूद ब्याज की दर अधिक होने के कारण कुल देय राशि मूल राशि से ज्यादा हो गई, जिससे बलकरन पर कर्ज चुकाने का दबाव बढ़ता गया। जयकरण के अनुसार, इसी दबाव के चलते बलकरन ने आत्महत्या की होगी।
मृतक की पत्नी बलजीत कौर ने भी पुलिस को बताया कि फाइनेंसर द्वारा बार-बार पैसे की मांग की जा रही थी, जिससे उनका परिवार परेशान था। कर्ज चुकाने की समस्या के कारण ही वे परिवार सहित नर्सरी में काम करने आए थे, लेकिन कर्ज का दबाव इस कद्र बढ़ गया कि उनके पति ने आत्महत्या कर ली।
घटना कांग्रेस नेता की नर्सरी में होने के कारण डीएसपी रमेश कुमार ने सीन ऑफ क्राइम के फॉरेंसिक एक्सपर्ट अजमेर सिंह को बुलाकर जांच करवाई। पुलिस ने मृतक की पत्नी और भाई के बयान दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
14 नवंबर 2024
13 नवंबर 2024
एचडीएफसी बैंक में सॉयरन बजने से पुलिस में मचा हड़कंप मौके पर नहीं था कोई गार्ड या कर्मचारी
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डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार रात को एचडीएफसी बैंक की शाखा-2 में सॉयरन बजने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया। सॉयरन की आवाज सुनते ही थाना शहर प्रभारी, गोल बाजार पुलिस और अन्य पुलिस गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और सॉयरन बजने के कारण की जांच शुरू की।
यह घटना रात करीब 10:20 बजे हुई, जब अचानक बैंक का सॉयरन तेज आवाज में बजने लगा। करीब आधे घंटे तक लगातार सॉयरन की आवाज सुनाई देती रही, जिसके बाद गोल बाजार पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने देखा कि बैंक का गेट बंद था और कोई कर्मचारी भी मौके पर मौजूद नहीं था, जिससे सॉयरन बजने का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया।
एएसआई अशोक कुमार ने ने बैंक की शाखा-2 के मैनेजर सौरभ महेता से संपर्क किया और उन्हें घटना की जानकारी दी। इसके बाद, बैंक की चौटाला रोड शाखा के डिप्टी मैनेजर संदीप कुमार मौके पर पहुंचे। कुछ ही समय बाद, सुरक्षा गार्ड रविंद्र और दीपक भी घटनास्थल पर पहुंचे। गार्ड ने बैंक का शटर खोलकर अंदर का निरीक्षण किया, लेकिन सब कुछ सामान्य पाया। इसके बाद, सॉयरन को बंद कर दिया गया
थाना शहर प्रभारी शैलेंद्र कुमार, 112 नंबर गाड़ी के डयूटी पर तैनात एसआई कुलवीर सिंह और अन्य पुलिसकर्मी भी मौके पर पहुंचे। सॉयरन बजने के दौरान उस क्षेत्र के लोग भी बैंक के पास जमा हो गए थे। पुलिस की मौजूदगी में करीब एक घंटे में सॉयरन तीन से चार बार फिर से बजा।
सुरक्षा गार्ड रविंद्र कुमार ने बताया कि सॉयरन बजने का कारण धुंआ होना बताया, जिसके कारण बार- बार सॉयरन बज रहा था।
22 प्रतिशत नमी वाले धान से भरे जा रहे बैग, देसूजोधा मंडी में किसानों का हंगामा
किसान बोले-मार्केट कमेटी तथा प्रशासनिक अधिकारी सूचना के बावजूद मौके पर नहीं पहुंचे
बुधवार सुबह देसूजोधा मंडी में जुटेंगे किसान
डबवाली(लहू की लौ)मंगलवार शाम को देसूजोधा खरीद केंद्र पर बवाल हो गया। जब किसानों ने 22 प्रतिशत नमी वाले धान से बैग भर रहे एक व्यापारी को पकड़ लिया। किसानों के विरोध के बाद व्यापारी अपनी लेबर लेकर फुर्र हो गया। किसानों का आरोप है कि मार्केट कमेटी तथा एसडीएम कार्यालय में शिकायत देने के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जिससे किसानों में रोष फैल गया। किसानों ने प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी करके रोष जताया। किसानों के अनुसार बुधवार सुबह मंडी में मामले की जांच करवाई जाएगी।
किसान जसवीर सिंह भाटी शेरगढ़, हरबंस सिंह देसूजोधा, मनदीप ढिल्लों, सुंदरपाल, जसवंत सिंह, भूपिंद्र सिंह भोला, प्रितपाल सिंह, परमजीत च_ा, बलवीर सिंह, भजन सिंह, हरमंदर सिंह, गुरप्रेम सिंह देसूजोधा आदि ने बताया कि किसान करीब 15-15 दिनों से 17 प्रतिशत नमी वाला धान लेकर बैठे हैं। उनका धान खरीद नहीं किया जा रहा है, न ही तौल किया जा रहा है। जबकि 22 प्रतिशत नमी वाला धान तौला जा रहा है। सरेआम बैग भरे जा रहे हैं। यह सब सरकारी खरीद एजेसियों, राइस मिलर तथा मार्केट कमेटी की मिलीभगत से हो रहा है। इसके पीछे काट है। मनदीप ढिल्लों के अनुसार उनके पास साक्ष्य हैं, जिसके अनुसार 19 प्रतिशत नमी वाली धान को प्रति क्विंटल 13 से 15 किलोग्राम कटौती पर लिया जा रहा है। जबकि नियम 17 प्रतिशत नमी का है। किसान जगदेव सिंह ने इस संबंध में सारे साक्ष्य पेश किए हैं। लेकिन मार्केट कमेटी तथा अन्य प्रशासनिक अधिकारी सुनवाई नहीं कर रहे।
पंजाब के धान से भरी मंडी
किसान नेता जसवीरर सिंह भाटी, मनदीप सिंह ढिल्लों ने आरोप लगाया कि देसूजोधा मंडी पंजाब के धान से भरी पड़ी है। इस वजह से अनाज सड़ रहा है। मार्केट कमेटी की मिलीभगत से पड़ौसी सूबे का धान मंडी में पहुंचा है। अब उस धान को आढ़ती ठिकाने लगाने में जोर-शोर से जुटे हुए हैं। किसान नेता ने विजिलेंस जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसान को बुलाकर जांच की जाए, इससे बड़े मामले की खुलासा होगा।
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खरीद एजेंसी नमी की जांच करती है। एजेंसी के कहने पर धान से बैग भरे जाते हैं। हमारा कोई कसूर नहीं है। मार्केट कमेटी ने नमी की जांच की है और धान में 22 प्रतिशत नमी मिली है तो हमें इसकी जानकारी नहीं है।
-मोहित गोयल, आढ़ती, गोयल ट्रेडिंग कंपनी, देसूजोधा
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देसूजोधा मंडी में बैग में गीला धान भरा जा रहा है तो उसका कसूरवार आढ़ती है। एजेंसी का इसमें कोई लेनादेना नहीं है। मार्केट कमेटी को संबंधित आढ़ती के खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए। कार्रवाई का अधिकार मार्केट कमेटी का है। एजेंसी सरकार की हिदायतों के अनुसार खरीद करती है।
-बलकरण सिंह, निरीक्षक, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग डबवाली

















































