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23 नवंबर 2024

गांव पन्नीवाला मोरीकां में नशा पीडि़त युवक की मौत

एक ग्रामीण ने लिखा : अगर इसी तरह चलता रहा तो ज्यादा टाईम नहीं लगना पिंड खाली होन च


डबवाली(लहू की लौ) नशा गांवो में युवाओं को लील रहा है। कुछ ग्रामीण सरेआम कहने लगे हैं कि यदि नशे से युवाओं की मौत होती रही तो एक दिन गांव भी खाली होने में समय नहीं लगेगा। यह मामला गांव पन्नीवाला मोरिकां का है। गांव में नशे पीडि़त एक युवक की मौत के बाद कुछ नौजवान ने इंटरनेट मीडिया पर भी ऐसा मैसेज लिख कर डाला है। यहां बुधवार को एक नौजवान युवक की मौत हो गई थी। जिसे ग्रामीण नशा पीडि़त युवक बताते हैं। लेकिन परिवार वालों ने किसी भी प्रकार की पुलिस कार्यवाही या सूचना किसी को उपलब्ध नहीं करवाई है। 

यह है मामला 

ग्रामीण बताते है कि गांव में पिछले 9-10 माह में 10 से 12 नशा पीडि़त युवक नशे की बलि चढ़ गये हैं। दो माह पूर्व नशा पीडि़त की मौत हुई थी जिसने रात को इंजेक्शन लगाया था लेकिन वह युवक गांव में बनी  नाली भी पार नहीं कर सका था। जो कि सुबह करीब 4 बजे नाली में मुंह के बल टीका लगा मृत अवस्था में मिला था। तब भी किसी ग्रामीण ने पुलिस को सूचना देने की कोशिश नहीं की। उस युवक की उम्र महज 16 से 17 साल बताई जाती है।

इधर बुधवार को भी संदीप नामक युवक की मौत हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि युवक नशा करने का आदी था। लेकिन बुधवार को उसकी मौत का कारण उन्हें पता नहीं। संदीप के भाई की मौत भी लगभग दो वर्ष पूर्व नशे के कारण हो गई थी। माता पिता के दो ही बेटे थे। जो नशे ने छीन लिये। एक ग्रामीण ने अपने इंटरनेट मीडिया पर युवक की मौत के बाद लिखा है कि गांव पन्नीवाला मोरीकां में नशे से मरने वाले युवकों की उम्र महज 16 से 26 साल ही है। एक घर के दो बच्चे थे, दोनों ही नशे की भेंट चढ़ गये। इसी तरह चलता रहा तो ज्यादा टाईम नहीं लगना पिंड खाली होन च, पर ओऊदों बहुत दुख लगदा है जदों कोई महीने दो महीने बाद युवा नशे दी बलि चढ़ जादां है।


अब प्रशासन और ग्रामीणों में नशे के खिलाफ आगे कौन आयेगा

नशा गांव में चारों तरफ फैला है, यह ग्रामीण खुलकर बोलते हैं। लेकिन पुलिस को सूचना देने और जिनकी मौत नशे से हो चुकी है, उनके बारे में खुलकर बताने से गुरेज करते हैं। कहते हंै जाने वाला चला गया है। अब उनका नाम बताने से परिवार वालों को दुख होगा। लेकिन ग्रामीण सरकार और प्रशासन से गांव में नशा मुक्ति के लिए अभियान चलाने की गुहार तो लगाते हैं। लेकिन प्रशासन को नशे के कारण हुई मौतों के बारें में बताने से गुरेज कर रहे हैं। जितने भी ग्रामीणों से बात हुई बस उन्होंने अपना नाम ना छापने को कहा। लेकिन गांव में नशे के खिलाफ लडऩे को हर कोई आगे आने को दिखा। पहल कौन करेगा। अब प्रशासन और ग्रामीणों में नशे के खिलाफ आगे कौन आयेगा। यह अब भविष्य में देखना होगा।


काले पीलिया और एचआईवी पॉजीटिव!

ग्रामीणों ने यह भी दावा किया है कि यदि प्रशाासन की ओर से गांव में मैडीकल चैकअप कैम्प लगता है तो नशा पीडि़तों की संख्या तो काफी निकलेगी। साथ में नशा पीडि़त काले पीलिया और एचआईवी पॉजीटिव भी मिलेंगे। क्योंकि एक ही सीरींज को अपने नशे की तड़प मिटाने के लिए प्रयोग करते थे।

06 जून 2020

चार साल बाद कुवैत से घर लौट रहा युवक कोरोना पॉजिटिव मिला

डबवाली के गांव मौजगढ़ का रहने वाला है युवक
डबवाली(लहू की लौ) कुवैत से लौटा डबवाली के मौजगढ़ का रहने वाला 30 वर्षीय युवक कोरोना पॉजिटिव मिला है। वह सिरसा के शहीद भगत सिंह खेल स्टेडियम में क्वारंटाइन था। रिपोर्ट आने के बाद बृहस्पतिवार रात को उसे कोविड अस्पताल में शिफ्ट किया गया है। कोरोना संक्रमित मिले युवक के भाई ने बताया कि 1 जून को वह दिल्ली एयरपोर्ट पर पहुंचा था। वहां उसकी जांच हुई थी। जांच में वह बिल्कुल सही था, इसके बाद उसे जयपुर (राजस्थान) लाया गया। फिर एक गाड़ी में दो पुलिसकर्मी उसे कैथल के रास्ते सिरसा लेकर आए थे। सिरसा के शहीद भगत सिंह खेल स्टेडियम के एक
कमरे में उसे दो युवकों के साथ क्वारंटाइन किया गया था। वे उससे मिलने सिरसा गए थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से मिलने नहीं दिया गया। उसके भाई में किसी तरह के लक्षण नहीं थे, उसकी रिपोर्ट निगेटिव थी। रात को उसे कोविड अस्पताल में शिफ्ट किया गया।

चार साल बाद लौटा बेटा, भाई बोला-सब जगह रिपोर्ट निगेटिव थी
बताया जाता है कि जून 2016 में गांव मौजगढ़ का लड़का कार्य करने के लिए कुवैत गया था। फिलहाल वहां पर फर्नीचर बनाने का कार्य कर रहा था। इससे पहले छह माह तक एक सैलून पर कार्य किया था। करीब चार साल बाद वह वापिस देश लौटा था। उसके भाई ने बताया कि दिल्ली एयरपोर्ट के बाद उसकी जयपुर में भी स्क्रीनिंग की गई थी। रिपोर्ट निगेटिव आई थी। सिरसा लौटते ही उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई।

स्वास्थ्य विभाग ने निभाई अपनी जिम्मेवारी
अनलॉक सीजन-1 में सिरसा जिला में कोरोना मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग गंभीरता से कार्य कर रहा है। विदेशों से वापिस भारत आ रहे लोगों पर नजर रखी जा रही है। गांव या घर जाने से पूर्व उसे क्वारंटाइन करके उनकी सैंपलिंग की जा रही है। इसी कड़ी में कुवैत से लौटे युवक की घर जाने से पहले सैंपलिंग की गई थी। रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद उसका उपचार शुरु किया गया था।

एक्टिव मामलों की संख्या 6 हुई
डबवाली में कोरोना के एक्टिव मरीजोंकी संख्या छह हो गई है। इससे पहले केमिस्ट, अदालत का नाजर, गांव अलीकां की राजकीय प्राथमिक पाठशाला का इंचार्ज, उसकी पत्नी तथा गुजरात से डबवाली लौटी एक महिला कोरोना संक्रमित मिले थे। जिनका कोविड अस्पताल सिरसा में उपचार चल रहा है।