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Lahoo Ki Lau

युवा दिलों की धड़कन, जन जागृति का दर्पण, निष्पक्ष एवं निर्भिक समाचार पत्र

22 सितंबर 2011

बेवफाई पर ट्रेन के आगे लेटी


दोनों ने खाई थी साथ मरने की सौगंध, फोन करने के बावजूद नहीं पहुंचा प्रेमी
डबवाली (लहू की लौ) आशिक के फोन न उठाने पर गुस्से में आई प्रेमिका गाड़ी के आगे आकर अपनी दोनों टांगें कटवा बैठी। दोनों में करीब बीस बरस से प्रेम चल रहा था। गंभीर हालत में उसे बठिंडा के एक अस्पताल में एडमिट करवाया गया है।
बुधवार को बठिंडा से कंटेनर लोड़ किए मालगाड़ी डबवाली के लिए आ रही थी। जिसे संत राम चला था। जबकि गाड़ी पर एएलपी के तौर पर पंकज कुमार तथा गार्ड के रूप में सीता राम नियुक्त थे। सुबह करीब 7.30 बजे जस्सी बागवाली के निकट खेतों की ओर से आई एक महिला अचानक पटरी पर लेट गई। यह देखकर संत राम ने अचानक ब्रेक लगा दी। लेकिन रूकते-रूकते गाड़ी उसकी टांगों को काट गई। गाड़ी करीब आधा घण्टा वहीं रूकी रही। तीनों ने बड़ी मुश्किल से महिला को बाहर निकाला। महिला की गंभीर हालत को देखते हुए उसे उपचार के लिए डबवाली के रेलवे स्टेशन पर ले आए। यहां से डबवाली जन सहारा सेवा संस्था के सदस्यों ने उसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। प्राथमिक उपचार के बाद चिकित्सक ने उसे सिरसा रैफर कर दिया। लेकिन उसके परिजन उसे बेहतर इलाज के लिए बठिंडा ले गए।
सरकारी अस्पताल में घायल महिला ने अपनी पहचान 35 वर्षीय अमरजीत कौर निवासी जस्सी बागवाली के रूप में करवाते हुए बताया कि वह पंजाब के गांव नगला की रहने वाली है। उसकी शादी 1989 में जस्सी बागवाली (जिला बठिंडा) निवासी धन्ना राम के साथ हुई थी। उसके दो बेटे जसविंद्र सिंह तथा हरविंद्र हैं। करीब बीस साल पहले उसका गांव जस्सी बागवाली के गुलाब सिंह नामक व्यक्ति से प्रेम हो गया। गुलाब भी शादीशुदा है। उनके प्रेम प्रसंगों के बारे में दोनों परिवारों को पता है। जिसके चलते दोनों के घरों में क्लेश रहने लगा।
महिला के अनुसार वे दोनों अलग-अलग नहीं रहना चाहते थे। इसी के चलते गुलाब ने उसे डबवाली में किराए पर कमरा लेकर दे दिया। यहां वह दो साल रही। डेढ़ माह पूर्व ही वह गांव जस्सी बागवाली लौटी थी। लेकिन गुलाब के घर में क्लेश फिर भी कम नहीं हुआ। चार दिन पूर्व गुलाब ने उसकी सौगंध खाते हुए साथ-साथ मरने का वचन किया था। साथ-साथ मरने के लिए दोनों ने बुधवार सुबह का समय रखा। वह सुबह 6.30 बजे गुलाब के खेत में पहुंच गई। लेकिन गुलाब नहीं आया। उसने कई दफा उसका फोन मिलाया। लेकिन उसने अपना मोबाइल नहीं उठाया। आखिर में मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया। प्रेमी की इस बेवफाई के कारण वह मरने के लिए रेल पटरी पर लेट गई।
मालगाड़ी के एएलपी पंकज कुमार ने बताया कि गाड़ी को देखकर महिला तेजी से खेतों से निकलकर पटरी पर लेट गई। उन्होंने गाड़ी के ब्रेक लगा दिए। लेकिन फिर भी गाड़ी के कुछ डिब्बे उसकी टांगों से गुजर गए।
जीआरपी बठिंडा के प्रभारी एसआई कर्म सिंह ने बताया कि उपरोक्त मामले की जानकारी उन्हें मिली है। घायल अमरजीत कौर बठिंडा के एक अस्पताल में उपचाराधीन है। उसके ब्यानों के आधार पर आगामी कार्रवाई की जाएगी।
मुझे अंधे प्रेम की सजा मिली
मेरी शादी पंद्रह साल की उम्र में कर दी गई थी। दो बेटों की मां होने के बावजूद उसने गुलाब से मुहब्बत की। उसने बीस साल तक उसकी हर बात मानी। उसकी बात का पलट कर जवाब तक नहीं दिया। रामां मण्डी में मनमीत ब्यूटी पार्लर चलाया। गुलाब की खातिर वह भी छोड़ दिया। उसके प्यार पर अपना परिवार तक कुर्बान कर दिया। उसके कहने पर मरने के लिए राजी हुई। लेकिन कसम देकर वह नहीं आया। मेरे अंधे प्यार की सजा मुझे मेरे परिवार से बिछुड़कर तथा दोनों टांगें कटवाकर मिली है। -अमरजीत कौर

गंदे पानी की आपूर्ति पर बिफरी महिलाएं, दो दिन की अल्टीमेटम


डबवाली (लहू की लौ) शहर के सीवरेज का गंदा पानी निकालने के लिए जनस्वास्थ्य विभाग को जमीन नहीं मिल रही है। वहीं पाईपों में रूका गंदा पानी पेयजल आपूर्ति के समय घरों में सप्लाई हो रहा है। शहर में लोग बीमार पडऩे लगे हैं। वहीं लोगों में विरोध के स्वर भी गूंजने लगे हैं। बुधवार को दिन उगते ही महिलाएं विभाग के कार्यालय पहुंची। महिलाओं ने जमकर बवाल काटा। वहां उपस्थित कनिष्ठ अभियंता को दो दिन के भीतर समस्या का हल करने की चेतावनी दे डाली है। शहर के सीवरेज का गंदा पानी निकालने के लिए डिस्पोजल की भूमि छोटी पड़ गई है। जिसके चलते तीन दिनों से सीवरेज का पानी पाईपों में जमा है। पाईपें धीरे-धीरे भर रही हैं। वहीं नहरबंदी के कारण पानी की समस्या भी गहरा गई है। टयूब्बैल के पानी को स्टॉक किए गए पानी के साथ मिलाकर पेयजल आपूर्ति की जा रही है। लेकिन आपूर्ति में सीवरेज का गंदा पानी मिक्स होकर घरों तक पहुंच रहा है। जिससे लोग बीमार पड़ रहे हैं। बुधवार को शहर के पुराना हनुमान मंदिर क्षेत्र की महिलाएं जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में पहुंची। मौका पर उपस्थित कनिष्ठ अभियंता सतपाल रोज को खूब खरी-खोटी सुनाई। प्रवीण रानी, आशा रानी, अंजू, संतोष देवी, पूजा, किरण, रीना, सीमा ने बताया कि उनके क्षेत्र में पेयजल की आपूर्ति नहीं हो रही है। लेकिन जब भी पानी आता है तो सीवरेज युक्त पानी। यह पिछले चार साल से हो रहा है। वे कई बार विभाग को लिखित शिकायत दर्ज करवा चुकी है। लेकिन आज तक उनकी समस्या का हल नहीं हुआ। अब तो हालात और भी गंभीर हो गए हैं। पिछले कुछ दिनों से बदबूदार काला पानी उनके घरों में आ रहा है। परिवार के सदस्य बीमार पड़ रहे हैं। क्षेत्र में ऐसा कोई घर नहीं, जिसका सदस्य उल्टी, दस्त रोग का शिकार न हो।
इन महिलाओं ने कनिष्ठ अभियंता को दो दिन के भीतर समस्या का हल करके स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति करवाने की चेतावनी दी। महिलाओं के अनुसार अगर दो दिन के भीतर उनकी समस्या का समाधान नहीं होता तो वे कार्यालय का घेराव करने को बाध्य होंगी।
जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता सतपाल रोज ने बताया कि पंजाब में नहरबंदी चल रही है। नहरों में पानी आने में कुछ दिन लगेंगे। स्टॉक किए गए पानी तथा टयूब्बैल के पानी को मिलाकर शहर के लोगों को पेयजल आपूर्ति की जा रही है। उन्होंने स्वीकार किया कि सीवरेज का पानी निकालने के लिए विभाग के पास जमीन नहीं है। जिसके चलते पानी पाईपों में रूका पड़ा है। कुछ जगहों पर यह पानी मिक्स होकर घरों में आ रहा है। ऐसी जगहों को चिन्हित करके ठीक किया जा रहा है।

पत्नी सहित चार पर मामला दर्ज


मास्टर गुरमीत सिंह आत्महत्या प्रकरण, विसरा की रिपोर्ट के लिए रिमाईंडर भेजा
डबवाली (लहू की लौ) एसएस मास्टर गुरमीत सिंह को आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप में शहर पुलिस ने तीन माह बाद चार जनों पर दफा 306 के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास तेज कर दिए हैं। वहीं विसरे की रिपोर्ट प्राप्त करने के लिए पुलिस ने संबंधित लैब को दूसरी दफा रिमाईंडर भेजा है।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि गांव कालझराणी के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले एसएस मास्टर गुरमीत सिंह का शव संदिग्ध परिस्थितियों में 15 जून को अलीकां रोड़ पर खेतों में पड़ा मिला था। इसकी जांच का जिम्मा शहर थाना प्रभारी डबवाली महा सिंह रंगा को सौंपा। करीब दो माह तक चली जांच के बाद शहर प्रभारी ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में शहर प्रभारी महा सिंह रंगा ने कहा है कि गुरमीत सिंह की शादी अबूबशहर की राजेंद्र कौर के साथ हुई थी। इस दौरान राजेंद्र कौर का परिवार डबवाली के प्रेमनगर में आ बसा। शादी के कुछ देर बाद ही वह गुरमीत पर डबवाली में रहने का दबाव डालने लगी। लेकिन गुरमीत अपने माता-पिता तथा भाई-बहनों के साथ रहने का इच्छुक था। लेकिन राजेंद्र कौर ने गुरमीत तथा उसके परिजनों पर दहेज प्रताडऩा का आरोप लगाकर मामला दर्ज करवा दिया। अपने परिवार को बचाने के लिए गुरमीत डबवाली बसने पर राजी हो गया। जिसके तुरंत बाद राजेंद्र कौर ने केस वापिस ले लिया।
रिपोर्ट के अनुसार मास्टर अपने ससुराल घर के नजदीक प्रेमनगर में ही मकान बनाकर रहने लगा। इस मकान पर उसने पैसा लगाया। लेकिन राजेंद्र कौर ने मकान अपने नाम करवा लिया। गुरमीत गांव कालझराणी में रहकर अपने माता-पिता की सेवा करने के साथ-साथ भाई-बहनों को पढ़ाना-लिखाना चाहता था। लेकिन यह बात उसके ससुरालियों को अखरती थी। 15 जून 2011 से पूर्व मृतक ने एक प्लॉट का सौदा किया था। वह प्लॉट को अपने नाम करवाना चाहता था। लेकिन उसकी पत्नी राजेंद्र कौर तथा सास जसपाल कौर प्लाट को अपने नाम करवाना चाहती थी। इसके लिए ससुराली उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त करने लगे। ससुरालियों द्वारा मजबूर करने पर ही गुरमीत ने आत्महत्या की। डीएसपी के अनुसार जांच रिपोर्ट के आधार पर मृतक गुरमीत सिंह की पत्नी राजेंद्र कौर, सास जसपाल कौर, ससुर बलवीर सिंह तथा साले बेअंत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज करके आगामी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। डीएसपी के अनुसार विसरे की रिपोर्ट के लिए पहले भी रोहतक तथा करनाल स्थित लैबों को लिखा गया था। अब पुन: रिमाईंडर निकाला गया है।

डीएपी खाद को लेकर किसानों ने काटा बवाल


डबवाली (लहू की लौ) नई अनाज मण्डी स्थित हैफेड की सोसाईटी पर डीएपी खाद को लेकर हुई किसानों तथा सोसाईटी अधिकारी में हुई मारपीट के बाद सोसाईटी पर पुलिस तैनात कर दी गई है। किसानों में खाद के वितरण को लेकर हैफेड के खिलाफ गहरा रोष पाया जा रहा है। वहीं उपमण्डलाधीश ने नंबर सिस्टम लागू करते हुए खाद वितरण के आदेश जारी किए हैं।
खाद लेने के लिए गांव बिज्जूवाली, अहमदपुर दारेवाला, गंगा, जण्डवाला बिश्नोईयां, सुकेराखेड़ा, नुहियांवाली के किसान बुधवार सुबह 5 बजे से सोसाईटी के आगे जमा थे। करीब 10 बजे सोसाईटी के अधिकारियों ने पुलिस सुरक्षा के बीच खाद वितरित करने का फरमान सुना दिया। सुबह से खाद की इंतजार में बैठे किसान भड़क उठे। सैंकड़ों किसान उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल के कार्यालय में पहुंचे। यहां जमकर बवाल काटा। उपमण्डलाधीश के समक्ष खाद वितरण में बरती जा रही लापरवाही का जिक्र किया।
किसान जयदयाल नंबरदार, रामप्रताप, प्रेम कुमार, बलविंद्र सिंह सरपंच, मक्खन लाल, चमकौर सिंह, सुखवंत सिंह, हरनेक सिंह, गुलाब सिंह, आसा राम, नेकी राम ने बताया कि प्रति राशन कार्ड पर पांच बैग डीएपी खाद देने का प्रावधान है। लेकिन लाईन में लगे होने के बावजूद खाद उपलब्ध नहीं करवाई जा रही। बल्कि खाद को ब्लैक के जरिए चोरी मोरी से बेचा जा रहा है। किसानों के अनुसार गांवों में सोसाईटियां बनी हुई है। वहां खाद न देकर किसान को 25-30 किलोमीटर दूर डबवाली में खाद देने का आश्वासन दिया जाता है। लेकिन इसके बावजूद भी खाद मुहैया नहीं करवाई जाती। वे पिछले दो दिनों से लाईन में लगकर खाद मिलने का इंतजार कर रहे हैं। उपमण्डलाधीश ने किसानों को समय पर खाद उपलब्ध करवाने का आश्वासन देकर शांत किया।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि डीएपी खाद लेने के लिए लाईन में लगने वाले प्रत्येक किसान को नंबर लिखी पर्ची दी जाएगी। इस नंबर के आधार पर ही किसान को खाद दी जाएगी। प्रति राशन कार्ड के आधार पर पांच बैग डीएपी देने के निर्देश दिए गए हैं। मंगलवार देर शाम को किसानों और सोसाईटी अधिकारी लीलाधर के बीच हुई मारपीट के बाद कानून व्यवस्था को देखते हुए सोसाईटी पर पुलिस तैनात कर दी गई है।

प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण


डबवाली (लहू की लौ) बुधवार को नगरपालिका ने अतिक्रमण के खिलाफ अभियान छेड़ते हुए कलोनी रोड़ और मुख्य बाजार में पालिका की जमीन पर पड़ा दुकानदारों का सामान कब्जे में ले लिया। दोपहर को उपमंडलाधीश डॉ. मुनीष नागपाल ने  नगरपालिका अधिकारियों की अपने कार्यालय में बैठक ली। उन्हें उपायुक्त सिरसा से आये आपात आदेशों से अवगत करवाया। जिसमेें कहा गया कि पालिका अतिक्रमण के खिलाफ अभियान छेड़ कर 26 सितम्बर को होने वाली बैठक में इस संबंधी रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
बैठक के बाद नगरपालिका सचिव राजा राम भुक्कल के नेतृत्व में पालिका अभियन्ता फूल सिंह, भवन अभियन्ता सुमित ढांडा, सैनेटरी इंस्पेक्टर अविनाश सिंगला ने एसआई घड़सा राम के साथ कलोनी रोड़ से अतिक्रमण के खिलाफ अभियान शुरू किया। यह अभियान मुख्य बाजार तक चला। अभियान शाम को 3.30 पर शुरू हुआ और 5 बजे तक जारी रहा। कलोनी रोड़ तथा मेन बाजार से अतिक्रमण स्थल पर रखे गये सामान को दो ट्रालियों में भर कर पालिका में ले जाया गया।

लसाड़ा ने बढ़ाई दिलों की धड़कनें


डबवाली (लहू की लौ) पंजाब-हरियाणा को बाढ़ से बचाने के लिए बना लसाड़ा नाला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। बेमौसमी बरसात, फैक्ट्रियों तथा सीवरेज के गंदे पानी से लबालब हुआ नाला टूट की कगार पर पहुंच गया है। पानी ओवरफ्लो होकर सड़क पर आ गया है। नैशनल हाईवे नं. 64 के साथ-साथ नाले से दो किलोमीटर दूर स्थित बठिंडा-बीकानेर रेलमार्ग कभी भी बंद हो सकते हैं। पंजाब ड्रेनज विभाग ने नाले पर चौकसी कड़ी कर दी है। वहीं नाला के उफनते ही हरियाणा-पंजाब की राजनीति भी उफनने की संभावना बन गई है।
साल 1963 में भारत सरकार ने लसाड़ा नाले का निर्माण संयुक्त पंजाब में करवाया था। जिसका मुख्य उद्देश्य बरसात के समय आने वाली बाढ़ से मुक्ति दिलाना था। ताकि फालतू पानी को नाले की मदद से राजस्थान के सूखाग्रस्त इलाके में छोड़ा जा सके। यह नाला पंजाब के जिला लुधियाना के गांव तमोट से चलकर लुधियाना, बरनाला, संगरूर, बठिंडा तथा हरियाणा के जिला सिरसा से होता हुआ राज्य के अंतिम छोर पर राजस्थान सीमा के निकट खत्म होता है। नाला करीब 255 किलोमीटर लम्बा है। जिसका 200 किलोमीटर क्षेत्र पंजाब में तथा 55 किलोमीटर क्षेत्र हरियाणा में आता है।
साल 1992 की हरियाणा सरकार ने अपने क्षेत्र में इस नाले को बंद करके जमीन किसानों को वापिस दे दी। लेकिन अधिक बरसात, फैक्ट्रियों तथा सीवरेज के गंदे पानी से यह नाला हर साल उफनता है। नाले के उफनते ही डबवाली-बठिंडा मार्ग पर आने वाले गांवों में रहने वाले लोगों के दिलों की धड़कन तेज हो जाती है। इस बार बेमौसमी बरसात के कारण पानी खतरे के निशान से भी ऊंचा चला गया है। डबवाली से महज सात किलोमीटर दूर स्थित गांव पथराला के निकट पानी डबवाली-बठिंडा मार्ग के नजदीक जा लगा है। वहीं यहां से रेलमार्ग की दूरी भी महज दो किलोमीटर है।
सूचना पाकर पंजाब डे्रनज विभाग मानसा के एक्सीयन विजय गर्ग ने स्थिति का जायजा लिया। इस मौके पर गांव पथराला, डूमवाली, कुटी, चकरूलदू सिंह वाला, जस्सी बागवाली, गुरथरी, मशाना, धुनेवाला, शेरगढ़, कोटफत्ता के ग्रामीणों ने ड्रेनेज को हरियाणा क्षेत्र में खोलने की मांग की। ग्रामीणों के अनुसार अगर हरियाणा अपने क्षेत्र में ड्रेन को नहीं खोलता तो इसके लिए पंजाब सरकार को इसका हल ढूंढऩा ही होगा। गांव पथराला के सरपंच लुधर सिंह, बाबा जीवन सिंह स्पोट्र्स क्लब के उपप्रधान अवतार सिंह, राम सिंह, सुक्खा ने बताया कि डे्रन से पानी बाहर बह रहा है। एक आध-बारिश से पानी गांव में घुस सकता है। पंचायत ने अपने तौर पर गांव की ओर मिट्टी से भरे बैग लगाकर बांध को ऊंचा और मजबूत कर दिया है। ऐसे में पानी डबवाली-बठिंडा मार्ग पर जाएगा। सरपंच के अनुसार वे कई दफा ड्रेनेज विभाग के अधिकारियों को पत्र लिखकर ड्रेनेज का स्थाई हल निकालने की गुहार लगा चुके हैं। लेकिन कोई परिणाम नहीं निकल रहे।
पंजाब डे्रनज विभाग मण्डल मानसा के अभियंता विजय गर्ग ने बताया कि विभाग लसाड़ा नाला पर लगातार नजर बनाए हुए है। पीछे से पानी कम करवा दिया गया है। हरियाणा में पड़ते नाले को खुलवाने के लिए वे कई दफा अपने उच्च अधिकारियों के साथ-साथ मुख्य सचिव, पंजाब को पत्र लिख चुके हैं। लेकिन पत्र घूम कर पुन: उनके पास आ जाता है। यह मामला सीएम टू सीएम है। उन्होंने स्वीकार किया कि अगर इस समस्या का जल्द कोई हल न सुझाया गया तो आने वाले समय में काफी नुक्सान उठाना पड़ सकता है। इस मसले पर वे दोबारा अपने उच्च अधिकारियों को लेटर लिखकर गंभीर होती स्थिति के बारे में अवगत करवाएंगे।

साहब! ससुर के साथ भाग आई मेरी बहू


डबवाली (लहू की लौ) शहर पुलिस में दर्ज हुए दहेज प्रताडऩा के एक मामले पर बवाल खड़ा हो गया है। आरोप है कि शिकायतकात्री अपने ससुर के साथ भागकर डबवाली में बस गई। अपने ससुरालियों की जमीन हथियाने के मकसद से उपरोक्त केस दर्ज करवा दिया। डीएसपी डबवाली मामले की जांच कर रहे हैं।
डबवाली की अग्रवाल धर्मशाला के नजदीक रहने वाली सोनू रानी ने बठिंडा जिला की संगत मण्डी के निवासी अपने पति जनकराज, जेठ राजेन्द्र कुमार, सास कौशल्या देवी, ननद उषा पर दहेज में दो लाख रूपए मांगने का आरोप लगाते हुए अदालत में इस्तगासा दायर किया। इस्तगासा पर सुनवाई करते हुए अदालत ने दफा 156 (3) सीआरपीसी के तहत पुलिस को मामला दर्ज करके जांच करने के आदेश दिए। अदालत के आदेश पर पुलिस ने उपरोक्त चारों के खिलाफ दफा 498/406/323 के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी।
मामले की जांच डीएसपी बाबू लाल ने अपने हाथों में लेते हुए दोनों पक्षों को मंगलवार को अपने कार्यालय में तलब किया। संगत मण्डी निवासी कौशल्या देवी तथा उसकी बेटी उषा जांच में शामिल होने के लिए आई। 65 वर्षीय कौशल्या देवी पत्नी वेदप्रकाश ने बताया कि उसकी छोटे बेटे जनकराज की शादी साल 2005 में डबवाली निवासी सोनू रानी के साथ हुई थी। उनके दो बच्चे पांच वर्षीय गरिमा तथा तीन वर्षीय धु्रव हैं। कौशल्या देवी ने मामले को झूठा बताते हुए आरोप लगाया कि पांच माह पूर्व उसकी बहू अपने ससुर वेदप्रकाश के साथ घर से हजारों रूपए तथा सामान लेकर फरार हो गई। जिसकी शिकायत उन्होंने थाना संगत में दर्ज करवा रखी है। उसने  यह भी आरोप लगाया कि गांव फुल्लो मिट्ठी में पड़ी उनकी पांच बीघा जमीन को सोनू ने अपने नाम करवा लिया। अब वह अपने ससुर के साथ मिलकर संगत मण्डी में स्थित उनके घर को अपने नाम करवाना चाहती है।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि बीती 15 सितंबर को सोनू की शिकायत पर शहर पुलिस ने संगत मण्डी के जनकराज, कौशल्या देवी, राजेन्द्र तथा उषा रानी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। कौशल्या देवी ने अपना पक्ष रखते हुए उपरोक्त बात का जिक्र किया है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। जांच में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

हैफेड सोसाईटी में किसानों और अधिकारियों में मारपीट


डबवाली (लहू की लौ) अभी बिजाई का सीजन भी नहीं है, लेकिन इसके बावजूद डीएपी खाद लेने के लिए किसानों की लम्बी लाईने सहकारी समितियों के समक्ष लगी हुई हैं। खाद को लेकर सहकारी समितियों के अधिकारियों तथा किसानों के बीच झगड़े भी हो रहे हैं।
मंगलवार को गांव बिज्जूवाली के बुधराम, दारेवाला के नुपा राम, गोदीकां के कुलदीप सिंह, उग्रसैन, गोरीशंकर, सुरिंद्र, अबूबशहर के काला लहोरिया, राजा सिधू, गुरजीत सिंह लहोरिया भी खाद लेने के लिए डबवाली की अनाज मण्डी में स्थित सहकारी समिति हैफेड में आए हुए थे। इन किसानों के अनुसार वे लोग लाईन में लगे हुए थे। लेकिन इसके बावजूद भी उन्हें खाद नहीं दी गई। बल्कि झगड़ा करके उन्हें हैफेड की सोसाईटी से बाहर निकाल दिया गया। इन किसानों ने आरोप लगाया कि सोसाईटी के मैनेजर लीलाधर ने उनके कपड़े भी फाड़ डाले।
हैफेड के मैनेजर लीलाधर ने आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि जो भी किसान लाईन में लगा, उसे खाद मिल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि किसानों ने उससे गाली-गलौज। उनके अनुसार किसानों को संबंधित पैक्स में ही खाद उपलब्ध करवाई जा रही है। लेकिन पैक्स से एडवाईस बनाने के लिए कहा गया है। जिस पैक्स की एडवाईस उनके पास आती है, उन्हें खाद भिजवाई जा रही है। उनके अनुसार डबवाली पैक्स से संबंधित डबवाली, सांवतखेड़ा और नीलियांवाली में आज खाद उपलब्ध करवा दी गई है। जबकि बुधवार को शेरगढ़, खुईयां और अबूबशहर में भी खाद उपलब्ध करवा दी जाएगी।
लीलाधर के अनुसार बिजाई का मौसम नहीं है। 15 अक्टूबर से बिजाई शुरू होनी है। लेकिन इसके बावजूद किसान डीएपी लेने के लिए सोसाईटियों पर आने शुरू हो गए हैं। उनके अनुसार इसका कारण डीएपी के रेट भविष्य में बढऩे की संभावना है। इसलिए किसान चाहते हैं कि अभी से ही खाद खरीद ली जाए। उनके अनुसार इस समय डबवाली हल्का में एक लाख छब्बीस हजार बैग खाद के पड़े हैं। खाद की कमी नहीं है। उनके अनुसार इनमें से 47 हजार बैग पुराने रेट 600 रूपए प्रति बैग के हिसाब से उपलब्ध करवाए जाने हैं। इसके अतिरिक्त बैग बढ़े हुए रेटों पर दिए जाएंगे।

छित्तर-परेड़ से बचने के लिए चोर ने रख ली पिस्तौल


 डबवाली (लहू की लौ) नशा करके चोरी करते पकड़े जाने पर लोगों की खातिरदारी सह चुके एक युवक ने नजायज तरीके से देसी पिस्तौल खरीद ली। ताकि पकड़े जाने की सूरत में लोगों को डरा कर फरार हो सके।
शहर पुलिस ने रविवार को 32 बोर पिस्तौल तथा एक जिन्दा कारतूस के साथ गांव पक्काकलां के 21 वर्षीय छिन्दा को काबू किया था। सोमवार को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिय़ा की अदालत में पेश करके एक दिन के रिमांड पर ले लिया। रिमांड के दौरान पुलिस ने पिस्तौल सप्लायर का पता जानने का प्रयास किया। शहर पुलिस के प्रभारी महा सिंह रंगा ने बताया कि छिन्दा की निशानदेही पर पुलिस ने हनुमानगढ़ की सुरेशिया बस्ती तथा संगरिया के रेलवे स्टेशन के ईर्द-गिर्द कई जगह रेड़ की। लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
थाना प्रभारी के अनुसार छिन्दा शहर में चोरी के एक मामले में आरोपी है। वहीं नशा करके सामान चुरा लेजाना उसका पेशा है। अपनी गतिविधियों के चलते शहर में कई बार मार खा चुका है। लेकिन चोरी करते उसे कोई दिक्कत न आए और पकड़े जाने की सूरत में हथियार के बल पर फरार हो सके, इसके लिए उसने 32 बोर देसी पिस्तौल खरीद ली।
रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद मंगलवार को छिन्दा को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।

18 सितंबर 2011

गंदा है, पर धंधा है


डबवाली (लहू की लौ) सिटी पुलिस के शिकंजे में आई लुटेरनों के हाथ काफी लम्बे हैं। उनके गैंग में अधिकतर महिलाएं हैं। वारदात को अंजाम देने के लिए किराए की गाड़ी करती हैं। गैंग का मुख्य निशाना धार्मिक स्थलों पर भरने वाले मेले होते हैं। महिलाओं ने इसे धंधा बना लिया है। जिन्हें कानून का भय तक नहीं है। कुछ दिन सलाखों के पीछे रहने के बाद कानून को धत्ता बताते हुए महिलाएं पुन: लूटपाट शुरू कर देती हैं।
सिटी पुलिस ने वार्ड नं. 7 की 65 वर्षीय कोशल्या देवी की शिनाख्त पर कोर्ट परिसर में दो महिलाओं को काबू किया था। महिलाओं ने 3 अगस्त 2011 की दोपहर को उपरोक्त वृद्धा को लूटा था। वृद्धा के पहनी सोने की चूडिय़ां और बालियां उताकर महिलाएं अपने साथियों समेत कार के जरिए फरार हो गई थीं। लेकिन बीती 14 सितंबर को पेशी भुगतने के लिए कोर्ट में आई महिलाओं को वृद्धा ने पहचानकर पुलिस के हवाले कर दिया था। पकड़ी गई महिलाओं ने अपनी पहचान अमरजीत कौर पत्नी करनैल सिंह, जैलो पत्नी हम्बी सिंह निवासी संगरूर के रूप में करवाई। पुलिस ने महिलाओं को अदालत में पेश करके तीन दिन का रिमांड प्राप्त किया। तीन दिन के रिमांड के दौरान महिलाओं की निशानदेही पर शहर पुलिस को सोने की दो चूडिय़ां तथा एक बाली बरामद हुई। वहीं पुलिस गैंग की तीसरी सदस्य अमरो पत्नी महेंद्र सिंह निवासी संगरूर को पकडऩे में भी कामयाब रही। महिलाओं ने अपने चौथी साथी महिला का नाम बिन्द्र कौर पत्नी लाल सिंह निवासी संगरूर बताया है। जबकि कार चालक की पहचान नाभा निवासी ईसर सिंह के रूप में करवाई है। पुलिस दोनों की तालाश में जुट गई है।
रिमांड के दौरान महिलाओं ने पुलिस के समक्ष कई अहम खुलासे किए हैं। जांच अधिकारी एएसआई रामनिवास ने बताया कि पुलिस पूछताछ के दौरान पता चला है कि गैंग काफी लम्बा है। लूटपाट का कार्य करते हुए इस गैंग को करीब बीस बरस हो गए हैं। गैंग में महिलाओं की संख्या अधिक है। पंजाब के संगरूर से संबंध रखने वाला गैंग पहले एकजुट था। लेकिन अब यह दो भागों में विभाजित हो गया है। यह गैंग पंजाब, हरियाणा, राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश में अपनी गतिविधियां चलता है। जिसका मुख्य लक्ष्य धार्मिक स्थलों पर आयोजित होने वाले कार्यक्रम या मेले होते हैं। वारदात को अंजाम देने के लिए गैंग की सदस्य चार-पांच महिलाएं निकलती हैं। जो कार चालक को लालच देकर अपने साथ ले आती हैं।
जांच अधिकारी के अनुसार उपरोक्त चारों राज्यों में इस गैंग पर कई मुकद्दमें दर्ज हैं। लेकिन सलाखों से बाहर आने के बाद महिला सदस्य पुन: लूटपाट करनी शुरू कर देती हैं। गैंग ने इसे अपना प्रोफेशन बना लिया है। एएसआई रामनिवास के अनुसार लूटपाट करने के साथ-साथ गैंग पोस्त की तस्करी भी करता है।
जांच अधिकारी ने बताया कि रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद शनिवार को तीनों महिलाओं को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया गया।  अदालत ने तीनों को बोस्र्टल जेल हिसार भेजने के आदेश दिए। उन्होंने यह भी बताया कि बचे दो आरोपी बिन्द्र कौर तथा ईसर सिंह भी जल्द पुलिस की गिरफ्त में होंगे।

17 सितंबर 2011

चण्डीगढ़ से आए फैक्स संदेश ने उड़ा दी नींद


दो पटवारियों तथा नायब तहसीलदार पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप, एसडीएम ने भेजे नोटिस
डबवाली (लहू की लौ) चण्डीगढ़ से फैक्स के माध्यम से आई एक शिकायत ने तहसील परिसर को हिलाकर रख दिया है। जिसमें दो पटवारियों के साथ-साथ नायब तहसीलदार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया है। शिकायत भेजने वाले ने अपनी पहचान गांव डबवाली निवासी हरदयाल सिंह के रूप में करवाते हुए शिकायत सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम जारी की है। शिकायत के बाद डबवाली प्रशासन हरदयाल सिंह की खोज में निकल गया है। दो दिन की माथापच्ची के बाद भी प्रशासन के हाथ खाली हैं। वहीं एसडीएम ने शिकायत पर कार्रवाई करते हुए सुनवाई के लिए 20 सितंबर की तारीख मुकर्रर की है। शिकायतकर्ता की पहचान न होने की स्थिति में प्रशासन गांव डबवाली में रहने वाले हरदयाल सिंह नाम के सभी व्यक्तियों को नोटिस जारी करेगा।
बुधवार शाम को उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल को फैक्स के जरिए चण्डीगढ़ से (फोन नं. 0172-3910148) एक शिकायत प्राप्त मिली। यह शिकायत प्रदेश के सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नाम  लिखी हुई है। साथ में शिकायत की एक कॉपी डीसी सिरसा को भेजने का भी जिक्र किया गया है। भेजने वाले ने अपनी पहचान गांव डबवाली निवासी हरदयाल सिंह के रूप में करवाई है। शिकायतकर्ता ने सीएम को लिखा है कि डबवाली तहसील में व्यापक पैमाने पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। आपके सिरसा आगमन के दौरान भी इस बात को आपके कानों तक पहुंचाया जा चुका है। लेकिन भ्रष्टाचार रूकने का नाम नहीं ले रहा। पटवारी अमी लाल, भूप सिंह तथा नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई भ्रष्टाचार फैलाए हुए हैं। पटवारियों ने अपने आगे अस्सिटेंट पटवारी रखे हुए हैं, जो लोगों की जेबें खाली करवा लेते हैं। लगता है डबवाली तहसील के लिए एक और अन्ना हजारे की जरूरत है। अन्ना हजारे बने बिना तहसील में फैला भ्रष्टाचार खत्म नहीं किया जा सकता।
शिकायत के बाद तहसील परिसर में बवंडर खड़ा हो गया है। प्रशासनिक अधिकारी कई मर्तबा गांव डबवाली जाकर शिकायतकर्ता की खोज कर चुके हैं। हरदयाल सिंह नाम के व्यक्तियों के घरों के दरवाजे खटखटाकर शिकायत आपने भेजी है क्या, पूछ रहे हैं। लेकिन दो दिनों के बाद भी स्थिति ज्यों की त्यों हैं। मामले की जांच एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल खुद कर रहे हैं।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने उपरोक्त शिकायत मिलने की पुष्टि करते हुए बताया कि शिकायत के आधार पर पटवारी अमी लाल, भूप सिंह तथा नायब तहसीलदार हरि ओम बिश्नोई को नोटिस भेजकर 20 सितंबर को अपना पक्ष रखने को कहा गया है। वहीं शिकायतकर्ता गांव डबवाली निवासी हरदयाल सिंह नामक व्यक्ति को भी अपना पक्ष रखने के लिए कहा जाएगा। लेकिन अपनी शिकायत में शिकायतकर्ता ने अपना पूरा पता नहीं लिखा है। अगर शिकायतकर्ता सामने नहीं आता तो ऐसे हालातों में प्रशासन गांव डबवाली के सभी हरदयाल सिंह नामक व्यक्तियों को नोटिस जारी करने की स्थिति में होगा।
इधर नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई, पटवारी भूप सिंह तथा अमी लाल ने उपरोक्त शिकायत में लगाए गए आरोपों को निराधार करार दिया है। पटवारी भूप सिंह ने बताया कि वह शहर डबवाली का पटवारी है, न कि गांव डबवाली का।

तांबा चोर कानून के मास्टर


सुबह साढ़े 5 बजे थाना सदर पर पड़ी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की रेड़
डबवाली (लहू की लौ) ट्रांसफार्मरों से तांबा चोरी करने वाला गैंग कानूनी किताब का भी मास्टर है। पुलिस का शिकंजा कसता देख पंजाब एण्ड हरियाणा हाईकोर्ट का सहारा लेकर शिकंजे से बाहर निकलने का प्रयास कर रहा है। गुरूवार को सुबह 5.30 बजे हाईकोर्ट के वारंट ऑफिसर ने सदर पुलिस डबवाली में रेड़ की।
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम के मण्डल डबवाली के खेतों में लगे बिजली के करीब पचास ट्रांसफार्मर से तांबा और तेल चोरी हो चुका है। जिला की डबवाली, कालांवाली, रोड़ी तथा औढ़ां पुलिस ने अपना खुफिया तंत्र स्थापित करते हुए तांबा चोरी करने वाले गैंग के कुछ सदस्यों को काबू किया। उपरोक्त थानों की कार्यवाही के दौरान गैंग के आठ सदस्य पकड़े गए। पकड़े गए आरोपियों ने पुलिस पूछताछ के दौरान अपने साथियों की पहचान करवाते हुए गैंग के संबंध में अहम खुलासे किए। दूसरी ओर अपने पर पुलिस का शिकंजा कसता देख गैंग ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की शरण ली है। पुलिस पर नजायज हिरासत में रखने का आरोप लगाते हुए जस्टिस तेज प्रताप सिंह मान की अदालत में अर्जी दाखिल की। अर्जी पर कार्रवाई करते हुए जस्टिस ने हाईकोर्ट के वकील सुखविंद्र सिंह को वारंट ऑफिसर बनाकर भेजा। वारंट ऑफिसर ने गुरूवार को सुबह 5.30 बजे थाना सदर डबवाली में दस्तक दी। हाईकोर्ट की रेड़ से स्थानीय पुलिस के साथ-साथ जिला पुलिस में हड़कंप मच गया। लेकिन वारंट ऑफिसर को कोई सफलता नहीं मिली।
पुलिस से मिली जानकारी अनुसार पुलिस के हत्थे चढ़े इस गैंग में पंजाब, हरियाणा तथा राजस्थान के करीब 30 से 35 सदस्य हैं। सभी सदस्य एक समुदाय से संबंधित हैं और रिश्तेदार हैं। इनमें से कुछ बिजली के कार्य का काम जानते हैं। इस गैंग के पास पिकअप गाडिय़ां हैं। एक वारदात को 5 से 7 व्यक्ति अंजाम देते हैं। चोरी का माल बेचने के बाद मिले पैसों को आपस में मिल-बैठकर बांट लेते हैं। गैंग के कुछ सदस्य कानून के अच्छे जानकर हैं, तभी तो हाईकोर्ट को अपनी ढाल बनाकर पुलिस के कसते शिकंजे से बाहर निकलने का प्रयास कर रहे हैं।
डीएसपी बाबू लाल ने बताया कि उपरोक्त गैंग के सभी सदस्य बावरिया समाज से संबंध रखते हैं। ये लोग आपस में रिश्तेदार हैं। लेकिन अब उल्टा चोर कोतवाल को डांटे वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हैं। पुलिस कार्रवाई को प्रभावित करने की मंशा से पुलिस पर आरोप लगाकर हाईकोर्ट के जरिए रेड करवा रहे हैं। अब तक थाना सदर डबवाली में दो बार तथा रोड़ी थाना में एक बार रेड़ डलवा चुके हैं। लेकिन पुलिस अपने काम में पूरी पारदर्शिता बरत रही है। पकड़े गए ट्रांसफार्मर चोरों ने गैंग के बाकी सदस्यों की पहचान करवाई है। जिन्हें जल्द काबू कर लिया जाएगा। डीएसपी के अनुसार गैंग के बाकी सदस्यों के काबू में आते ही जिला के विभिन्न थानों में हुई ट्रांसफार्मर से तांबा और ऑयल चोरी की गुत्थियां सुलझ जाएंगी।

प्रेमिका से मांगे बीस लाख!



पांच माह पहले हुई थी लव मैरिज,युवती की शिकायत पर मामला दर्ज

डबवाली (लहू की लौ) कोर्ट मैरिज के जरिए विवाह बंधन में बंधे एक प्रेमी जोड़े पर चढ़ा प्यार का भूत पांच माह बाद उतर गया। प्रेमिका ने अपने प्रेमी तथा उसके परिवार वालों पर मारपीट करने के साथ-साथ दहेज के रूप में 20 लाख रूपए मांगने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। युवती के ब्यान पर शहर पुलिस ने लड़के वालों पर मामला दर्ज करके अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
कुछ समय पूर्व वार्ड नं. 15 में रहने वाले एक अग्रवाल परिवार से संबंध रखने वाली रजनी नामक युवती तथा वार्ड नं. 1 निवासी एक सुनार परिवार से संबंध रखने वाले चरणजीत नामक युवक में प्रेम संबंध थे। अप्रैल 2011 में अपने परिजनों को चकमा देकर प्रेमी जोड़ा घर से भाग गया। इस जोड़े ने चण्डीगढ़ हाईकोर्ट में शादी रचा ली। शादी के कुछ दिनों बाद अपनी मैरिज का सबूत लेकर यह जोड़ा अचानक शहर थाना में पहुंचा और पुलिस प्रोटेक्शन की मांग की। सूचना पाकर दोनों के परिजन भी थाना में आ गए। दोनों परिवारों में काफी खटपट हुई। लेकिन रजनी अपने माता-पिता के खिलाफ ब्यान देकर अपने पति चरणजीत के साथ चलती बनी।
मामले की जांच कर रहे शहर थाना पुलिस के एएसआई रामनिवास ने बताया कि पुलिस को दी शिकायत में रजनी ने कहा है कि उसकी चरणजीत के साथ लव मैरिज हुई थी। मैरिज के कुछ देर बाद ही चरणजीत तथा उसके परिजनों ने दहेज के लिए उससे मारपीट करनी शुरू कर दी। उससे दहेज के रूप में 20 लाख रूपए की मांग की। लेकिन जब उसने लव मैरिज का वास्ता दिया तो उसे जान से मारने की धमकी दी गई। एएसआई के अनुसार ससुरालियों की मारपीट से बचती हुई रजनी शहर थाना पहुंची। रजनी के उपरोक्त ब्यान के आधार पर उसके पति चरणजीत, सास, ससुर तथा देवर के खिलाफ भारतीय दण्ड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।

मास्टर गुरमीत को आत्महत्या के लिए ससुरालियों ने किया मजबूर


लम्बे इंतजार के बाद जांच अधिकारी ने डीएसपी को सौंपी जांच रिपोर्ट
डबवाली (लहू की लौ) एसएस मास्टर गुरमीत सिंह की संदिग्ध मौत पर बना सस्पेंस शहर थाना प्रभारी की रिपोर्ट ने हटा दिया है। डीएसपी को सौंपी अपनी जांच रिपोर्ट में जांच अधिकार ने साफ कर दिया है कि गुरमीत को आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया। यह काम किसी ओर ने नहीं बल्कि उसकी पत्नी तथा ससुरालियों ने मिलकर किया। रिपोर्ट के आधार पर शहर पुलिस ने चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की अनुमति मांगी है।
गांव कालझराणी के सरकारी स्कूल में पढ़ाने वाले एसएस मास्टर गुरमीत सिंह का शव संदिग्ध परिस्थितियों में 15 जून को अलीकां रोड़ पर खेतों में पड़ा मिला था। मास्टर के परिजनों ने जांच की मांग को लेकर एसपी से मुख्यमंत्री तक का दरवाजा खटखटाया। एसपी सिरसा सत्येंद्र गुप्ता ने जांच का जिम्मा शहर थाना प्रभारी डबवाली महा सिंह रंगा को सौंपा।
करीब दो माह तक चली जांच के बाद शहर प्रभारी ने डीएसपी बाबू लाल को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी है। जांच रिपोर्ट में करीब 150 पन्ने हैं। जिसमें मृतक से जुड़े कई दस्तावेज भी संलग्न हैं। रिपोर्ट में शहर प्रभारी महा सिंह रंगा ने कहा है कि गुरमीत सिंह की शादी अबूबशहर की राजेंद्र कौर के साथ हुई थी। इस दौरान राजेंद्र कौर का परिवार डबवाली के प्रेमनगर में आ बसा। शादी के कुछ देर बाद ही वह गुरमीत पर डबवाली में रहने का दबाव डालने लगी। लेकिन गुरमीत अपने माता-पिता तथा भाई-बहनों के साथ रहने का इच्छुक था। लेकिन राजेंद्र कौर ने गुरमीत तथा उसके परिजनों पर दहेज प्रताडऩा का आरोप लगाकर मामला दर्ज करवा दिया। अपने परिवार को बचाने के लिए गुरमीत डबवाली बसने पर राजी हो गया। जिसके तुरंत बाद राजेंद्र कौर ने केस वापिस ले लिया।
रिपोर्ट के अनुसार मास्टर अपने ससुराल घर के नजदीक प्रेमनगर में ही मकान बनाकर रहने लगा। इस मकान पर उसने पैसा लगाया। लेकिन राजेंद्र कौर ने मकान अपने नाम करवा लिया। गुरमीत गांव कालझराणी में रहकर अपने माता-पिता की सेवा करने के साथ-साथ भाई-बहनों को पढ़ाना-लिखाना चाहता था। लेकिन यह बात उसके ससुरालियों को अखरती थी। 15 जून 2011 से पूर्व मृतक ने एक प्लॉट का सौदा किया था। वह प्लॉट को अपने नाम करवाना चाहता था। लेकिन उसकी पत्नी राजेंद्र कौर तथा सास जसपाल कौर प्लाट को अपने नाम करवाना चाहती थी। इसके लिए ससुराली उसे मानसिक रूप से प्रताडि़त करने लगे। ससुरालियों द्वारा मजबूर करने पर ही गुरमीत ने आत्महत्या की। अपनी रिपोर्ट के साथ जांच अधिकारी ने मास्टर गुरमीत से जुड़े दस्तावेज संलग्न किए हैं। दस्तावेजों में उसके घर के कागजात, पर्सनल डायरी, बैंक डिटेल, पिता मोहर सिंह के साथ-साथ रूपचंद, सुखदेव सिंह तथा राजेंद्र कौर के ब्यानों की कॉपी   शामिल है।
डीएसपी बाबू लाल ने उपरोक्त पुष्टि करते हुए बताया कि जांच अधिकारी शहर थाना प्रभारी महा सिंह रंगा की जांच रिपोर्ट उन्हें मिली है। जिसमें मास्टर गुरमीत को आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोपी उसकी पत्नी राजेंद्र कौर, सास जसपाल कौर, ससुर बलवीर सिंह तथा साले बेअंत सिंह को ठहराया है। जांच अधिकारी ने उपरोक्त चारों पर दफा 306/34आईपीसी के तहत मुकद्दमा दर्ज करके कार्रवाई करने की अनुमति मांगी है। रिपोर्ट को आवश्यक कार्रवाई के लिए एसपी सिरसा सत्येंद्र गुप्ता के पास भेजा जाएगा। डीएसपी के अनुसार जांच के दौरान यह तो रहस्य खुला है कि गुरमीत को ससुरालियों ने आत्महत्या के लिए मजबूर किया। लेकिन उसने आत्महत्या किस वस्तु से की इसका खुलासा अभी नहीं हुआ है। विसरे की रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।

चौटाला रोड़ का निर्माण शुरू


दो चरणों में होगा निर्माण, पहले चरण पर खर्च होंगे 1135 लाख
डबवाली (लहू की लौ) गुरूवार से डबवाली-संगरिया मार्ग का निर्माण कार्य शुरू हुआ। कार्य शुरू करने से पूर्व ठेकेदार ने विधि-विधान से पूजा अर्चना की। लड्डू बांटकर पीडब्ल्यूडी के एक्सीयन की देखरेख में कार्य शुरू करवाया। लेकिन 31 किलोमीटर इस रोड़ के निर्माण को सरकार ने दो भागों में विभाजित करके लोगों की मुश्किलों को बढ़ा दिया है। चूंकि द्वितीय चरण के लिए विभाग की ओर से भेजी गई योजना पर सरकार ने मुहर नहीं लगाई है। हालांकि डबवाली-संगरिया रोड़ का निर्माण काफी समय से राजनीतिक हल्कों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इस रोड़ को लेकर हरियाणा विधानसभा में सियासत कई मर्तबा गर्माई। विपक्ष ने इसे क्षेत्रीय राजनीति का मुद्दा बनाते हुए कई बार सीएम भूपिंद्र सिंह हुड्डा पर तीर चलाए। लेकिन इस मुद्दे पर गुरूवार को विराम लग गया। फर्म मै. रमेश चन्द्र, सिरसा के मालिक अमित चावला ने डबवाली पहुंचकर इसका निर्माण शुरू करवाया। इस मौके पर पीडब्ल्यूडी बीएण्डआर के एक्सीयन एमएस सांगवान, जेई प्रेम कुमार सहित विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे।
एक्सीयन एमएस सांगवान ने बताया कि सड़क का निर्माण दो चरणों में किया जाएगा। प्रथम चरण में 2.15 किलोमीटर से लेकर 13 किलोमीटर तक निर्माण कार्य किया जाएगा। जिसमें 9 किलोमीटर तक सड़क को सात मीटर से 10 मीटर तक चौड़ा बनाया जाएगा। उससे आगे वल्र्ड लाईफ का क्षेत्र होने के कारण 13 किलोमीटर तक सड़क को 7 मीटर चौड़ा रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस कार्य पर 1135 लाख रूपए की राशि खर्च आएगी। उनके अनुसार ठेकेदार ने उपरोक्त चरण का कार्य एक साल के भीतर पूरा करना है। लेकिन उनकी कोशिश रहेगी यह कार्य अप्रैल 2012 तक पूरा हो जाए। एक्सीयन के अनुसार द्वितीय चरण के तहत गोल चौक (0) से लेकर 2.15 किलोमीटर तथा 13 से 31 किलोमीटर तक  सड़क निर्माण का अस्टीमेट बनाकर सरकार के पास भेजा गया है। इस पर करीब साढ़े 23 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी। सरकार से द्वितीय चरण के निर्माण की मंजूरी मिलते ही निर्माण कार्य के लिए विभाग अपनी आगामी प्रक्रिया शुरू कर देगा।
ठेकेदार अमित चावला के अनुसार इस रोड़ का निर्माण कार्य जल्द पूरा करना उनकी प्राथमिकता रहेगी, ताकि लोगों को परेशानी न आए।

स्टूडेंटस ने किया कक्षाओं का बहिष्कार


डबवाली (लहू की लौ) गुरूनानक कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एण्ड टेक्नॉलोजी डूमवाली में बुधवार को खूब हंगामा हुआ। कॉलेज में नियुक्त क्लर्क का विरोध जताते हुए स्टूडेंटस ने कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। स्टूडेंटस ने नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया। क्लर्क को कॉलेज से बाहर निकालकर गेट पर ताला जड़ दिया। दोपहर करीब 12 बजे तक चले हंगामे के बीच क्लर्क को हटाए जाने का आश्वासन पाकर स्टूडेंटस ने अपना आंदोलन वापिस लिया। इधर कॉलेज के चतुर्थश्रेणी कर्मी भी क्लर्क के विरोध में आंदोलन में सम्मलित दिखे।
बुधवार को हर रोज की तरह कॉलेज ओपन हुआ। अचानक काफी संख्या में स्टूडेंटस कॉलेज परिसर में जमा हो गए। कॉलेज में नियुक्त क्लर्क कम एकाऊंटैंट अमन के विरोध में नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन करने लगे। लेक्चरार बोर्ड पर क्लर्क के खिलाफ नारे लिखकर कॉलेज गेट पर लगा दिया। कुछ देर बाद अमन कॉलेज पहुंचा। लेकिन एमबीए, बीबीए, बीसीए, एमएससी (आईटी), बीएससी (एफटी) स्टूडेंटस ने उन्हें कॉलेज से बाहर निकालकर मेन गेट पर ताला जड़ दिया और कक्षाओं का बहिष्कार कर दिया। सूचना पाकर मौका पर आए कॉलेज प्रबंधक समिति के नीरज जिन्दल ने विद्यार्थियों को समझाया-बुझाया। उनसे आश्वासन पाकर छात्र शांत हुए और कक्षाओं में लौट गए।
स्टूडेंट ब्रह्मपाल, कुलजीत, जसप्रीत, प्रिंस, नीरज ने बताया कि कॉलेज में कार्यरत क्लर्क अमन स्टूडेंटस तथा गुरूओं के रिश्तों में खटास पैदा कर रहा है। अक्सर तरह-तरह की बातें बनाकर स्टाफ सदस्यों तथा छात्राओं का जीना दूभर कर दिया है। क्लर्क के कारण बीते दिवस कम्युनिकेशन ट्रेड की इंस्ट्रक्टर कॉलेज छोडऩे को बाध्य हो गई हैं। जब छात्राओं ने इसका कारण जाना तो उन्होंने क्लर्क को इसके लिए दोषी ठहराया। इसलिए उनसे रहा नहीं गया और आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया।
कॉलेज प्रबंधक समिति के नीरज जिन्दल ने बताया कि विद्यार्थियों की मांग पर क्लर्क कम एकाऊंटैंट अमन को हटा दिया गया है।

वृद्धा ने पकड़वाई लुटेरन


डबवाली (लहू की लौ) 65 साल की एक बुजुर्ग महिला को लूटना लुटेरा गैंग के लिए महंगा पड़ गया। कोर्ट परिसर में एक मामले में पेशी भुगतने आई दो लुटेरन को वृद्धा ने पहचान कर पुलिस के हवाले कर दिया। करीब डेढ़ माह पूर्व कार सवार पांच जनों ने वृद्धा को अपना निशाना बनाया था। पकड़ी गई महिलाओं की पहचान अमरजीत कौर पत्नी करनैल सिंह व जैलो पत्नी हम्बी सिंह निवासी वार्ड नं. 21, रामनगर बस्ती, सगरूर (पंजाब)के रूप में हुई। पूछताछ के दौरान पुलिस ने महिलाओं के तीन अन्य साथियों की भी पहचान कर ली है। जिनमें दो महिलाएं तथा एक पुरूष शामिल है। पुलिस ने बुधवार को दोनों महिलाओं को उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश करके तीन दिन का पुलिस रिमांड हासिल कर लिया।
मामले की विस्तार से जानकारी देते हुए शहर डबवाली थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह रंगा ने बताया कि बीती 3 अगस्त को शहर डबवाली के वार्ड नं. 7 निवासी कोशल्या देवी चौटाला रोड़ पर एक बैंक मेें गई थी और जब वापिस आ रही थी तो उपरोक्त आरोपियों ने उसे कार में बैठा लिया और शहर से बाहर गांव जोगेवाला रोड़ पर सुनसान स्थान पर ले जा कर उसके कानों की बालियां और बाजू में पहने दो कड़े छीन लिए। वृद्धा को वहीं उतारकर से फरार हो गए। इस संबंध में कोशल्या देवी की शिकायत पर भारतीय दण्ड संहिता की दफा 356, 379 के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
यूं पकड़ी गईं आरोपी
वृद्धा कौशल्या देवी का बेटा डबवाली कोर्ट परिसर में चाय की दुकान चलाता है। मंगलवार को वह दुकान पर गई हुई थी। इसी दौरान आरोपी महिलाएं एक मामले में पेश होने के लिए कोर्ट में आई हुई थी। महिला ने दोनों को पहचान लिया। इसकी सूचना शहर पुलिस को दे दी। पुलिस ने बिना मौका गंवाए दोनों महिलाओं को काबू कर लिया। आरोपी पंजाब के संगरूर से हैं। जो डबवाली से करीब 160 किलोमीटर दूर है। थाना प्रभारी के अनुसार इतनी दूर से केवल डबवाली में ही नहीं बल्कि रास्ते में भी यह गिरोह लोगों को निशाना बनाता होगा। रिमांड के दौरान पंजाब, हरियाणा तथा अन्य प्रांतों में हुई विभिन्न छीनाझपटी की वारदाते सुलझने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होने बताया की घटना के बाकी तीन आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस की एक टीम पंजाब के सगरूर क्षेत्र में जाएगी।
लुटेरन की पहचान के लिए पहुंची शामो देवी
इस गिरोह का निशाना विशेषकर वृद्ध महिलाएं ही बनती थी। बीते दिनों गांव चौटाला के बस अड्डा  के निकट गांव सिंघेवाला की 65 वर्षीय शामो देवी के कानों में पहनी दो बालियां कार सवार चार महिलाएं उतार ले गई थीं। शहर पुलिस की गिरफ्त में आई दो लुटेरन की पहचान के लिए वृद्धा बुधवार को शहर थाना में पहुंची। लेकिन वृद्धा ने दोनों की पहचान अपने साथ घटित वारदात में शामिल महिलाओं के रूप में नहीं की। पुलिस ने आशंका जाहिर की है कि गिरोह में काफी संख्या में महिलाएं तथा पुरूष शामिल हो सकते हैं। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है। पुलिस ने सारा ध्यान संगरूर स्थित सांसी बस्ती पर केंद्रित कर लिया है।

चौटाला में 300 प्रभावित मकानों की पहचान, सर्वे जारी


डबवाली (लहू की लौ) बरसात से बुरी तरह से प्रभावित गांव चौटाला के ग्रामीणों का कहना है कि जब उनके गांव में प्रशासन आ जाता है, तो आसमान से पानी की एक बूंद भी नहीं गिरती। इसे संयोग कहें या कुछ ओर। लेकिन यही सच है। जितनी बार भी गांव में बाढ़ जैसी स्थिति बनी है, उस समय प्रशासन के पहुंचने के बाद बरसात नहीं हुई। पिछले पांच दिनों से प्रशासन ने गांव में तंबू गाड़े हुए हैं। बेमौसमी बरसात से हुए नुक्सान का आंकलन किया जा रहा है। अब तक करीब 300 घर बरसात से प्रभावित मिले हैं। यह सर्वे करीब सप्ताह भर तक चलेगा। वहीं चौटाला पुलिस चौकी की लेटरिंग और बाथरूम जमीन में धंसने की वजह से पुलिसकर्मी मुसीबत में फंस गए हैं।
लगातार पांच दिनों से हुई बरसात से गांव में भारी क्षति हुई। चार पंप सैट तथा दो वीटी पंप की मदद से गांव की गलियों में भरे पांच-पांच फुट पानी को गौशाला, चारा मण्डी तथा अन्य जमीन पर जोहड़ बनाकर निकाला गया। सबसे दिलचस्प पहलू यह रहा कि गांव चौटाला से जुड़ी राजनीतिक हस्तियों ने अपने गांव को बचाने के लिए प्रयास किए। जिला परिषद के चेयरमैन डॉ. सीता राम, मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी डॉ. केवी सिंह तथा कांग्रेस नेता रणजीत सिंह मौके पर पहुंचे। इन नेताओं के समक्ष ग्रामीणों ने गांव में बोर स्थापित करवाने की मांग की। ग्रामीणों की मांग पर नेताओं ने बोर स्थापित करने की घोषणा की। वहीं सिंचाई विभाग की ओर से खोदे गए जोहड़ों को और गहरा किया जा रहा है, ताकि बारिश आने की स्थिति में गांव को डूबने से बचाया जा सके।
उपमण्डलाधीश डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि गांव चौटाला की गलियों से पानी पूरी तरह निकल चुका है। जोहड़ों को दो से तीन फुट गहरा किया जा रहा है। कानूनगो हरजंट सिंह, पटवारी दलीप कुमार, शिवप्रकाश, पंचायत सदस्य आत्मप्रकाश, रामकुमार, रामप्रताप, रणधीर तथा हरी राम गांव में हुए नुक्सान का आंकलन कर रहे हैं। मंगलवार तक हुए सर्वे में करीब 300 घर प्रभावित मिले हैं। पूरा कंपलीट सर्वे होने में कुछ दिन और लग सकते हैं। आवश्यक कार्रवाई के लिए सर्वे रिपोर्ट को सरकार के पास भेजा जाएगा।
उधर गांव चौटाला में बनी पुलिस चौकी के लेटरिंग और बाथरूम धंस गए हैं। जिसकी वजह से पुलिस कर्मियों को काफी मुश्किल पेश आ रही है। चौकी में बंद पड़ी लेटरिंग को पुन: खोला जा रहा है।
इधर ग्रामीण आश्चर्यजनक बात बता रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव चौटाला में जब भी कभी मुसीबत आती है, तो प्रशासन के आने के बाद हल हो जाती है। जब से प्रशासनिक अधिकारी उनके गांव में आए हैं, तब से बरसात की एक बूंद भी गांव में नहीं गिरी।

बेमौसमी बरसात से 60 फीसदी कॉटन खत्म


डबवाली (लहू की लौ) मौसम के बदले मिजाज ने कॉटन हार्ट डबवाली में छेद करते हुए किसानों को भारी हानि पहुंचाई है। बरसात से यहां टिण्डे गिरे, वहीं गर्मी बढ़ जाने से पौधे भी मुरझा गए। मोटे अनुमान के अनुसार मौसम के बदले इसे मिजाज ने 60 प्रतिशत कॉटन की फसल को नुक्सान पहुंचाया है।
कृषि उपमण्डल डबवाली के तहत 90 गांव आते हैं। इन गांवों में करीब 85 हजार हेक्टेयर में कॉटन की बिजाई की गई है। कॉटन के मामले में डबवाली उपमण्डल को जिला सिरसा का हार्ट कहा जाता है। पिछले काफी अरसे से इस उपमण्डल के किसानों के लिए सफेद सोना ही जीविका का मुख्य साधन है। लेकिन बे मौसमी बरसात ने सफेद सोना पैदा करने वाले किसानों के सपनों पर पानी फेर दिया है। किसान सर्वजीत सिंह, इन्द्र सैन, जोरावर सिंह, इकबाल सिंह ने बताया कि बरसात से पूर्व उनके खेतों में फसल बहुत अच्छी खड़ी थी। टिण्डे लग चुके थे। कुछ टिण्डे खिल भी रहे थे। लेकिन अचानक मौसम में परिवर्तन हुआ। बेमौसमी बरसात उनके खेतों में कहर बनकर बरपी। जिससे पौधे पर लगे टिण्डे गिर गए। बरसात के बाद अचानक तपिश बढ़ी। जिससे लहलहाते पौधे झुलस गए।
उपमण्डल कृषि अधिकारी कार्यालय के अधिकारियों ने बेमौसमी बरसात के बाद नब्बे गांवों में सर्वे किया। सर्वे में 60 प्रतिशत कॉटन की फसल को नुक्सान पहुंचने की बात सामने आई है।
इस बात की पुष्टि करते हुए एडीओ राधेश्याम ने बताया कि कॉटन बेल्ट कहे जाने वाले गांव अबूबशहर, तेजाखेड़ा, चौटाला, सुकेराखेड़ा, जण्डवाला बिश्नोईयां, आसाखेड़ा, सकताखेड़ा, लोहगढ़ में बरसात से भारी नुक्सान हुआ है। खेतों में जमा हुए बरसाती पानी के बाद अचानक तेज खिली धूप ने पौधे को झुलसाकर रख दिया है।

दिमागी बुखार तथा डेंगू के रोगी मिले


डबवाली (लहू की लौ) गांव खुईयांमलकाना में सबसे खतरनाक मलेरिया मिलने से स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है। अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ ने गांव में सर्वे के साथ-साथ फोगिंग करवाने के आदेश जारी किए हैं। वहीं शहर डबवाली के पब्लिक क्लब क्षेत्र में डेंगू का संभावित मरीज मिलने से लोगों में दहशत व्याप्त है।
गांव खुईयांमलकाना के 55 वर्षीय हरनेक पुत्र बीरबल सिंह को कुछ दिनों से बुखार चढ़ रहा था। सोमवार को उसे डबवाली के एक निजी अस्पताल में लाया गया। लेकिन उसकी हालत को गंभीर देखते हुए चिकित्सक ने उसे सरकारी अस्पताल में रैफर कर दिया। सरकारी अस्पताल में डॉ. भारत भूषण ने मरीज की रिपोर्ट देखी। जिसमें मलेरिया के साथ-साथ प्लेटलेटस की संख्या मात्र 27 हजार पाई गई। मरीज की गंभीर हालत को देखते हुए उन्होंने उसे तुरंत सिरसा रैफर कर दिया।
इधर वार्ड नं. 4 के पब्लिक क्लब क्षेत्र में मास्टर नत्थू राम अग्रवाल वाली गली में 25 वर्षीय युवक हरमन में डेंगू रोग के लक्षण पाए जाने के कारण उसे उपचार के लिए एक निजी अस्पताल में लाया गया। यहां से प्राथमिक उपचार के बाद सिरसा रैफर कर दिया गया। हरमन को दो दिन पूर्व बुखार हुआ था। उपचार के बाद भी उस पर कोई असर नहीं हुआ। रविवार को उसके परिजन उसे एक निजी अस्पताल में ले आए। यहां उसके ब्लड का टैस्ट किया गया। जांच में प्लेटलेटस कम पाए गए। उसकी हालत को देखते हुए उसे सिरसा रैफर कर दिया गया।
सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि उक्त दोनों मामले स्वास्थ्य विभाग के ध्यान में हैं। गांव खुईयांमलकाना के हरनेक सिंह को फाल्सीफार्म (सबसे खतरनाक मलेरिया) हुआ है। यह बुखार मच्छरों के काटने से होता है। यह बुखार ब्रेन पर प्रभाव डालता है। मंगलवार को गांव खुईयांमलकाना में सर्वे करवाया जाएगा। फाल्सीफार्म का रोगी मिलने के कारण वहां फोगिंग भी करवाई जाएगी। भादू के अनुसार शहर में मिले डेंगू के संभावित रोगी के घर सोमवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी। पब्लिक क्लब क्षेत्र में भी सर्वे करवाया जाएगा।