डबवाली | 'आपके खेत में लगे ट्रांसफार्मर के इर्द-गिर्द कोई अनजान व्यक्ति या गाड़ी चक्कर लगाती नजर आए, तो इसकी सूचना तुरंत हमें या थाना में दें। एरिया में ट्रांसफार्मर चोर घुसे हुए हैं। चोरों को पकड़वाने में आप गांव वासी बिजली निगम की मदद करें।Ó यह अनाऊसमेंट दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा ट्रांसफार्मर चोरी की बढ़ी घटनाओं के बाद गांवों में बने धार्मिक स्थलों पर करवाई जा रही है।
22 ट्रांसफार्मर चोरी
निगम के मण्डल डबवाली के अंतर्गत आने वाले उपमण्डल डबवाली, चौटाला तथा कालांवाली एरिया से टयूब्बैलों पर लगे ट्रांसफार्मर चोरी होने की घटनाओं में अप्रत्याशित रूप से बढ़ौतरी हुई है। निगम रिकॉर्ड के अनुसार 9 मार्च से लेकर अब 22 ट्रांसफार्मरों से कॉपर वायर तथा ऑयल चोरी हो चुका है। जिससे निगम को करीब दस लाख रूपए का नुक्सान हुआ है।
ऑयल का क्या होता है
निगम का मानना है कि ट्रांसफार्मर से चोरी की गई कॉपर वायर बाजार में आसानी से बिक जाती है। लेकिन निगम हैरान है कि ऑयल का क्या किया जाता है। चूंकि ट्रांसफार्मरों में भरा जाने वाला ऑयल विशेष प्रकार का ऑयल होता है। जोकि साधारण प्रयोग में नहीं आता। इस ऑयल की कीमत भी करीब 52 रूपए प्रति लीटर होती है। यह ऑयल अधिकांशतय: मोटर, स्टार्टर तथा स्टेबलाईजरों में यूज होता है। 10केवी क्षमता वाले ट्रांसफार्मर में करीब 50 लीटर तेल होता है। लेकिन ट्रांसफार्मर से कॉपर वायर के साथ-साथ तेल चोरी होने की एकाएक बढ़ती घटनाओं ने निगम के होश उड़ा दिए हैं।
निगम का रिकॉर्ड कहता है कि 9 मार्च 2011 से अब तक उपमण्डल डबवाली से 9, चौटाला से दो तथा कालांवाली से 11 ट्रांसफार्मरों से अज्ञात चोर सामान चुरा ले गए हैं। जिसकी आज तक भनक नहीं लग पाई है। लेकिन अब निगम ऐसी घटनाओं से निबटने के लिए गांव-गांव जाकर धार्मिक स्थल से चोरों को पकड़वाने की अनाऊसमेंट करवा रहा है।
निगम खुद परेशान
दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम मण्डल डबवाली के अभियंता वीके रंजन ने स्वीकार किया कि क्षेत्र में ट्रांसफार्मर से सामान चोरी करने की वारदातों में वृद्धि हुई है। इससे निगम भी परेशान है। अभियंता के अनुसार कंयूमर की खुद की जिम्मेवारी बनती है कि वे अपने ट्रांसफार्मर की निगरानी करे। लेकिन फिर भी ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए निगम उपरोक्त मुनादी क्षेत्र के गांवों में करवा रहा है। कुछ गांवों में मुनादी करवाई भी जा चुकी है। मण्डल अभियंता के अनुसार यह एक गैंग है जो कभी किसी क्षेत्र में तो कभी किसी क्षेत्र में उपरोक्त वारदातों को अंजाम देता है। लगता है यह गैंग डबवाली एरिया में आया हुआ है। उन्होंने यह भी बताया कि इस प्रकार का कार्य निगम का कार्य जानने वाला व्यक्ति ही कर सकता है। निगम इस पर नजर बनाए हुए है।
सिटी थाना के कार्यकारी प्रभारी एसआई महावीर सिंह ने बताया कि ट्रांसफार्मर चोरों को पकडऩे के लिए रात्रि गश्त बढ़ा दी गई है। ऐसी वारदातों में पूर्व में पकड़े गए अपराधियों से भी पूछताछ की जा रही है। जल्द आरोपी पुलिस के शिकंजे में होंगे।
Adsense
Lahoo Ki Lau
16 जुलाई 2011
एसडीओ अदालत में तलब
डबवाली (लहू की लौ) सिविल जज (वरिष्ठ मंडल) डॉ. अतुल मडिया की अदालत ने गांव चौटाला के मछली पालन ठेकेदार की याचिका पर सुनवाई करते हुए उपायुक्त सिरसा, उपमण्डल अधिकारी (ना.) डबवाली तथा ग्राम पंचायत चौटाला को 16 जुलाई को अपना पक्ष रखने के लिए तलब किया है।
गांव चौटाला के जगदीश चंद्र पुत्र त्रिलोक चंद ने सिविल जज (वरिष्ठ मंडल) डबवाली की अदालत में 13 जुलाई को एक याचिका दायर करके कहा था कि उसने 10 अप्रैल 2010 को गांव चौटाला के पंचायती तालाब को मछली पालन के लिए आठ वर्ष के लिए 1 लाख 45 हजार रूपए प्रति वर्ष के हिसाब से लीज पर लिया था। मौका पर 72 हजार 500 रूपए की राशि भी पंचायत को जमा करवा दी थी। इसे उसने बोली पर सबसे ऊंची बोली देकर लीज पर लिया था।
लीज पर लेने के बाद इस तालाब में मछली पालन के लिए तीन लाख रूपए की राशि का बीज भी डाल दिया। लेकिन ग्राम पंचायत ने उपायुक्त सिरसा को एक निवेदन भेजकर उसकी लीज कैंसल करने का अनुरोध किया। जिसे उपायुक्त ने उपमण्डल अधिकारी (ना.) को मार्क कर दिया। जिसका फैसला सुनाते हुए उपमण्डल अधिकारी (ना.) ने 2-6-2011 को आदेश दिए कि जगदीश ने मछली पालन की जो लीज ली है उसे कैंसल कर दिया गया है। जगदीश ने इसे प्रशासन की मनमानी करार देते हुए इस आदेश को गलत बताते हुए दीवानी अदालत में अपनी याचिका दायर करके इस फैसले पर स्थगन देने का अनुरोध किया।
अदालत ने याचिका की सुनवाई करते हुए इसी दिन आदेश जारी किए कि उपायुक्त सिरसा, उपमण्डल अधिकारी (ना.) डबवाली तथा ग्राम पंचायत 16 जुलाई को अदालत में प्रस्तुत होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करे।
गांव चौटाला के जगदीश चंद्र पुत्र त्रिलोक चंद ने सिविल जज (वरिष्ठ मंडल) डबवाली की अदालत में 13 जुलाई को एक याचिका दायर करके कहा था कि उसने 10 अप्रैल 2010 को गांव चौटाला के पंचायती तालाब को मछली पालन के लिए आठ वर्ष के लिए 1 लाख 45 हजार रूपए प्रति वर्ष के हिसाब से लीज पर लिया था। मौका पर 72 हजार 500 रूपए की राशि भी पंचायत को जमा करवा दी थी। इसे उसने बोली पर सबसे ऊंची बोली देकर लीज पर लिया था।
लीज पर लेने के बाद इस तालाब में मछली पालन के लिए तीन लाख रूपए की राशि का बीज भी डाल दिया। लेकिन ग्राम पंचायत ने उपायुक्त सिरसा को एक निवेदन भेजकर उसकी लीज कैंसल करने का अनुरोध किया। जिसे उपायुक्त ने उपमण्डल अधिकारी (ना.) को मार्क कर दिया। जिसका फैसला सुनाते हुए उपमण्डल अधिकारी (ना.) ने 2-6-2011 को आदेश दिए कि जगदीश ने मछली पालन की जो लीज ली है उसे कैंसल कर दिया गया है। जगदीश ने इसे प्रशासन की मनमानी करार देते हुए इस आदेश को गलत बताते हुए दीवानी अदालत में अपनी याचिका दायर करके इस फैसले पर स्थगन देने का अनुरोध किया।
अदालत ने याचिका की सुनवाई करते हुए इसी दिन आदेश जारी किए कि उपायुक्त सिरसा, उपमण्डल अधिकारी (ना.) डबवाली तथा ग्राम पंचायत 16 जुलाई को अदालत में प्रस्तुत होकर अपना पक्ष प्रस्तुत करे।
हजारों के मोबाइल चोरी
डबवाली (लहू की लौ) गांव अबूबशहर में बीती रात अज्ञात चोर एक टेलीकॉम शॉप में सेंध लगाकर करीब 60 हजार रूपए का सामान चुरा कर ले गए। जिसमें दो हजार रुपए की नकदी, 35 हजार रूपए के पुराने मोबाइल और 15 हजार रुपये की मोबाइल एसेसरी शामिल है। रामपुरा बिश्नोईयां के निवासी गोपी राम ने बताया कि शुक्रवार प्रात: उसने दुकान का शट्टर उठाया तो उसने देखा कि उसका सारा सामन बिखरा पड़ा है और चोर उसके पास रिपेयर के लिए आए 35 मोबाइल, दो हजार रूपए की नकदी और करीब 15 हजार रूपए की मोबाइल एसेसरी जिसमे चार्जर, बैटरी, मोबाइल की बॉडी चुरा कर ले गये। चोर दुकान के पीछे बने दरवाजे को तोड़कर अन्दर घुसे और इस वारदात को अंजाम दिया। चोरी की सूचना चौटाला पुलिस चौकी को दी गई है।
हजारों के मोबाइल चोरी
डबवाली (लहू की लौ) गांव अबूबशहर में बीती रात अज्ञात चोर एक टेलीकॉम शॉप में सेंध लगाकर करीब 60 हजार रूपए का सामान चुरा कर ले गए। जिसमें दो हजार रुपए की नकदी, 35 हजार रूपए के पुराने मोबाइल और 15 हजार रुपये की मोबाइल एसेसरी शामिल है। रामपुरा बिश्नोईयां के निवासी गोपी राम ने बताया कि शुक्रवार प्रात: उसने दुकान का शट्टर उठाया तो उसने देखा कि उसका सारा सामन बिखरा पड़ा है और चोर उसके पास रिपेयर के लिए आए 35 मोबाइल, दो हजार रूपए की नकदी और करीब 15 हजार रूपए की मोबाइल एसेसरी जिसमे चार्जर, बैटरी, मोबाइल की बॉडी चुरा कर ले गये। चोर दुकान के पीछे बने दरवाजे को तोड़कर अन्दर घुसे और इस वारदात को अंजाम दिया। चोरी की सूचना चौटाला पुलिस चौकी को दी गई है।
घूसखोरी के खिलाफ कामरेड 'लालÓ
डबवाली (लहू की लौ) वामपंथी दलों ने शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर टेलीफोन एक्सचैंज के सामने धरना दिया। केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करके जोरदार प्रदर्शन किया। बाद में पीएम के नाम एसडीओ को ज्ञापन सौंपा।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के जिला सचिव राजकुमार शेखूपुरिया, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष भाला राम भारूखेड़ा, अखिल भारतीय किसान सभा के सुरजीत सिंह ऐलनाबाद, सीटू के निरंजन सिंह हैबूआना, भारतीय खेत मजदूर यूनियन (सीपीआई) के अध्यक्ष कामरेड गणपत राम, किसान सभा के जिला उपप्रधान ओमप्रकाश कर रहे थे। राजकुमार शेखूपुरिया ने कहा कि राष्ट्रीय तथा प्रदेश स्तर पर भ्रष्टाचार और अपराध की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। राष्ट्रीय स्तर पर टेलीफोन विभाग का 2-जी स्पेक्ट्रम का महाघोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में गोलमाल, वोट के बदले नोट, आदर्श सोसाईटी घोटाला और अब कृष्णा-गोदावरी बेसिन से गैस निकालने के ठेके में रिलायंस कंपनी को लूट करने की खुली अनुमति दिए जाने का बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि लूटे गए सार्वजनिक धन की मात्रा इतनी बड़ी है जिसकी आम आदमी कल्पना भी नहीं कर सकता। उनके अनुसार उपरोक्त प्रकार के भ्रष्टाचार पर एक कारगार लोकपाल कानून ही नकेल कस सकता है।
चार घंटे के धरने और प्रदर्शन के बाद वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने भारत दूर संचार विभाग के एसडीई मनमोहन शर्मा को पीएम मनमोहन सिंह के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से वामंपथी दलों ने भ्रष्टाचार के विरूद्ध कारगार लोकपाल कानून बनाने, उच्चतर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन, चुनावों में धन-बल के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली समेत चुनाव सुधारों की पालना, विदेशी बैंकों में जमा धन तथा देश में मौजूद काले धन को जब्त करने, हरियाणा में रेडक्रॉस के धन का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पीएम से की है।
प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) के जिला सचिव राजकुमार शेखूपुरिया, अखिल भारतीय खेत मजदूर यूनियन के जिला अध्यक्ष भाला राम भारूखेड़ा, अखिल भारतीय किसान सभा के सुरजीत सिंह ऐलनाबाद, सीटू के निरंजन सिंह हैबूआना, भारतीय खेत मजदूर यूनियन (सीपीआई) के अध्यक्ष कामरेड गणपत राम, किसान सभा के जिला उपप्रधान ओमप्रकाश कर रहे थे। राजकुमार शेखूपुरिया ने कहा कि राष्ट्रीय तथा प्रदेश स्तर पर भ्रष्टाचार और अपराध की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है। राष्ट्रीय स्तर पर टेलीफोन विभाग का 2-जी स्पेक्ट्रम का महाघोटाला, कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन में गोलमाल, वोट के बदले नोट, आदर्श सोसाईटी घोटाला और अब कृष्णा-गोदावरी बेसिन से गैस निकालने के ठेके में रिलायंस कंपनी को लूट करने की खुली अनुमति दिए जाने का बड़ा घोटाला सामने आ रहा है। उन्होंने कहा कि लूटे गए सार्वजनिक धन की मात्रा इतनी बड़ी है जिसकी आम आदमी कल्पना भी नहीं कर सकता। उनके अनुसार उपरोक्त प्रकार के भ्रष्टाचार पर एक कारगार लोकपाल कानून ही नकेल कस सकता है।
चार घंटे के धरने और प्रदर्शन के बाद वामपंथी दलों के कार्यकर्ताओं ने भारत दूर संचार विभाग के एसडीई मनमोहन शर्मा को पीएम मनमोहन सिंह के नाम एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से वामंपथी दलों ने भ्रष्टाचार के विरूद्ध कारगार लोकपाल कानून बनाने, उच्चतर न्यायपालिका में भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए राष्ट्रीय न्यायिक आयोग का गठन, चुनावों में धन-बल के उपयोग पर अंकुश लगाने के लिए अनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली समेत चुनाव सुधारों की पालना, विदेशी बैंकों में जमा धन तथा देश में मौजूद काले धन को जब्त करने, हरियाणा में रेडक्रॉस के धन का दुरूपयोग करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग पीएम से की है।
पीएचसी पर ताला जड़कर ग्रामीणों ने मांगा डॉक्टर का तबादला
डबवाली (लहू की लौ) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह के पीछे लगा एएनएम से छेड़छाड़ का भूत उनका पीछा नहीं छोड़ रहा है। डेपूटेशन से वापिस पीएचसी में ज्वाईन करवाने पर गांव के लोग भड़क उठे और उन्होंने शुक्रवार को पीएचसी पर ताला जड़ दिया। बाद में डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ से आश्वासन पाने के बाद ग्रामीणों ने ताला खोल दिया।
बीते मई माह में पीएचसी देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह पर गांव मांगेआना स्थित सबसैंटर में तैनात एएनएम ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। यह मामला पुलिस से लेकर एएनएम एसोसिएशन तक पहुंचा। कई दिन तक यह मामला ज्वलंत बना रहा। आखिर में डॉ. गुरजीत सिंह का वहां से तबादला और माफी मांगने पर मामला ठंडा पड़ गया था। स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर डॉ. गुरजीत सिंह तथा पीएचसी में ही कार्यरत उनकी धर्मपत्नी डॉ. अमनदीप कौर को डेपूटेशन पर दड़बा कलां भेज दिया गया था। लेकिन वहां से लौटते ही गांव देसूजोधा के ग्रामीणों ने बवाल खड़ा कर दिया। ग्रामीणों की मांग पर एकबारगी फिर डॉक्टर दम्पत्ति को डेपूटेशन पर भेज दिया गया। इसके बाद पीएचसी में चिकित्सक का पद रिक्त रहा। इस पद को भरने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर दम्पत्ति को पुन: देसूजोधा पीएचसी में भेज दिया। उन्होंने 4 जुलाई को ज्वाईन कर लिया। लेकिन गुरूवार से यह डॉक्टर दम्पत्ति छुट्टी पर है। जिससे पीएचसी में आने वाले मरीजों को परेशान का सामना करना पड़ रहा है।
ब्लाक समिति डबवाली के वाईस चेयरमैन कुलदीप सिंह, अमी चंद पंच, दर्शन सिंह, यादविंद्र सिंह, काला सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रेम सिंह प्रधान गुरूद्वारा साहिब देसूजोधा, संतोख सिंह, करतार सिंह, हरफूल सिंह, अंग्रेज सिंह, गुरमीत सिंह, बीरबल सिंह, लखबीर ढिल्लों ने बताया कि उपरोक्त डॉ. गुरजीत सिंह तथा उनकी पत्नी डॉ. अमनदीप कौर दो दिन से छुट्टी पर चल रहे हैं। जिससे पीएचसी में इलाज कराने आने वालों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार सुबह करीब 5.30 बजे गांव देसूजोधा के दर्शन सिंह की भतीजी बिट्टू को डिलीवरी के लिए लाया गया था। लेकिन चिकित्सक न होने के कारण उसे जरूरी उपचार नहीं दिया गया। वहीं गांव फुल्लो में हुए एक झगड़े में घायल जसविंद्र कौर पीएचसी में इलाज के लिए तड़पती रही। जिससे गांव में रोष पनप गया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि एएनएम से छेड़छाड़ के आरोपों में घिरे डॉक्टर को वे पीएचसी में नहीं रखना चाहते। डेपूटेशन होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें पुन: देसूजोधा में भेज दिया। पीएचसी में काफी समय तक उपरोक्त ग्रामीणों की अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट तरसेम चंद से नोंक-झोंक होती रही। फार्मासिस्ट ने सीएमओ से भी मोबाइल पर उनकी बात करवाई। लेकिन बात नहीं बनी। ग्रामीण डॉक्टर के तबादले तथा पीएचसी में व्यवस्था सुधार पर अड़े रहे। सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने भी मोबाइल पर ग्रामीणों से बातचीत की। उन्हें समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अपनी जिद्द पर काबिज रहे। उन्होंने पीएचसी के मुख्य गेट पर ताला जड़कर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। लेकिन पीएचसी में डिलीवरी के लिए आई गांव की महिला के स्वास्थ्य तथा डॉ. एमके भादू से सोमवार तक कार्रवाई करने का आश्वासन पाने के बाद पंद्रह मिनट बाद ताला खोल दिया।
इस संबंध में डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि पीएचसी में चिकित्सक न होने के कारण उपरोक्त डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी। गुरूवार को डॉ. गुरजीत सिंह ने कहा था कि उनके प्रति गांव में माहौल खराब है। इसके चलते उन्हें छुट्टी पर जाने की सलाह दी गई थी। भादू के अनुसार चिकित्सक के तबादले के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को पहले ही सिफारिश भेजी जा चुकी है।
बीते मई माह में पीएचसी देसूजोधा के प्रभारी डॉ. गुरजीत सिंह पर गांव मांगेआना स्थित सबसैंटर में तैनात एएनएम ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया था। यह मामला पुलिस से लेकर एएनएम एसोसिएशन तक पहुंचा। कई दिन तक यह मामला ज्वलंत बना रहा। आखिर में डॉ. गुरजीत सिंह का वहां से तबादला और माफी मांगने पर मामला ठंडा पड़ गया था। स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर डॉ. गुरजीत सिंह तथा पीएचसी में ही कार्यरत उनकी धर्मपत्नी डॉ. अमनदीप कौर को डेपूटेशन पर दड़बा कलां भेज दिया गया था। लेकिन वहां से लौटते ही गांव देसूजोधा के ग्रामीणों ने बवाल खड़ा कर दिया। ग्रामीणों की मांग पर एकबारगी फिर डॉक्टर दम्पत्ति को डेपूटेशन पर भेज दिया गया। इसके बाद पीएचसी में चिकित्सक का पद रिक्त रहा। इस पद को भरने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर दम्पत्ति को पुन: देसूजोधा पीएचसी में भेज दिया। उन्होंने 4 जुलाई को ज्वाईन कर लिया। लेकिन गुरूवार से यह डॉक्टर दम्पत्ति छुट्टी पर है। जिससे पीएचसी में आने वाले मरीजों को परेशान का सामना करना पड़ रहा है।
ब्लाक समिति डबवाली के वाईस चेयरमैन कुलदीप सिंह, अमी चंद पंच, दर्शन सिंह, यादविंद्र सिंह, काला सिंह, गुरप्रीत सिंह, गुरप्रेम सिंह प्रधान गुरूद्वारा साहिब देसूजोधा, संतोख सिंह, करतार सिंह, हरफूल सिंह, अंग्रेज सिंह, गुरमीत सिंह, बीरबल सिंह, लखबीर ढिल्लों ने बताया कि उपरोक्त डॉ. गुरजीत सिंह तथा उनकी पत्नी डॉ. अमनदीप कौर दो दिन से छुट्टी पर चल रहे हैं। जिससे पीएचसी में इलाज कराने आने वालों को भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। शुक्रवार सुबह करीब 5.30 बजे गांव देसूजोधा के दर्शन सिंह की भतीजी बिट्टू को डिलीवरी के लिए लाया गया था। लेकिन चिकित्सक न होने के कारण उसे जरूरी उपचार नहीं दिया गया। वहीं गांव फुल्लो में हुए एक झगड़े में घायल जसविंद्र कौर पीएचसी में इलाज के लिए तड़पती रही। जिससे गांव में रोष पनप गया। ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि एएनएम से छेड़छाड़ के आरोपों में घिरे डॉक्टर को वे पीएचसी में नहीं रखना चाहते। डेपूटेशन होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग ने उन्हें पुन: देसूजोधा में भेज दिया। पीएचसी में काफी समय तक उपरोक्त ग्रामीणों की अस्पताल में तैनात फार्मासिस्ट तरसेम चंद से नोंक-झोंक होती रही। फार्मासिस्ट ने सीएमओ से भी मोबाइल पर उनकी बात करवाई। लेकिन बात नहीं बनी। ग्रामीण डॉक्टर के तबादले तथा पीएचसी में व्यवस्था सुधार पर अड़े रहे। सिविल अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने भी मोबाइल पर ग्रामीणों से बातचीत की। उन्हें समझाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण अपनी जिद्द पर काबिज रहे। उन्होंने पीएचसी के मुख्य गेट पर ताला जड़कर स्वास्थ्य विभाग के खिलाफ नारेबाजी की। लेकिन पीएचसी में डिलीवरी के लिए आई गांव की महिला के स्वास्थ्य तथा डॉ. एमके भादू से सोमवार तक कार्रवाई करने का आश्वासन पाने के बाद पंद्रह मिनट बाद ताला खोल दिया।
इस संबंध में डबवाली के सरकारी अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ डॉ. एमके भादू ने बताया कि पीएचसी में चिकित्सक न होने के कारण उपरोक्त डॉक्टर की नियुक्ति की गई थी। गुरूवार को डॉ. गुरजीत सिंह ने कहा था कि उनके प्रति गांव में माहौल खराब है। इसके चलते उन्हें छुट्टी पर जाने की सलाह दी गई थी। भादू के अनुसार चिकित्सक के तबादले के लिए स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों को पहले ही सिफारिश भेजी जा चुकी है।
14 जुलाई 2011
सौ-सौ गज प्लाट की रजिस्टरी के लिए गरीबों से उगाही
डबवाली (लहू की लौ) सिर छुपाने के लिए सरकार द्वारा देय सौ-सौ गज के प्लाटों की रजिस्टरी करवाने के लिए गांवों से आए गरीबों से तहसील कार्यालय में जनरेटर में तेल डलवाने के नाम पर 30-30 रूपए की उगाही की गई। एसडीएम ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं।
बुधवार को गांव तिगड़ी तथा लखुआना के गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत सौ-सौ गज के दिए गए प्लाटों की संबंधित पंचायतों ने तहसील कार्यालय में रजिस्टरी करवानी थी। इस कार्य के लिए 120 लोग पहुंचे हुए थे। बिजली का कट होने के कारण तहसील में रजिस्टरी संबंधी कार्य ठप्प पड़ा था। सौ-सौ गज के प्लाटों की रजिस्टरी का कार्य शुरू करने के लिए तहसील कार्यालय ने बीडीपीओ कार्यालय से जनरेटर की मांग की। बिना तेल के जनरेटर उपलब्ध हो गया।
गांव तिगड़ी निवासी गोरा, लखवीर ,हरबिलास, सुक्खा आदि ने बताया कि वे लोग दिहाड़ी मजदूरी करके पेट पालते हैं। आज उन्हें सौ-सौ गज के प्लाट की रजिस्ट्री देने के लिए तहसील कार्यालय में बुलाया गया था। यहां लाईट न होने के कारण जनरेटर में तेल डालने के लिए उनसे 30-30 रूपए की उगाही की गई।
खेत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष कामरेड गणपत राम ने कहा कि जनरेटर में तेल डलवाने के नाम पर मजदूरों से 30-30 रूपए की उगाही करके प्रशासन मजदूरों का शोषण कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्लाट लेने आए मजदूरों ने उनसे उगाही करने की जानकारी उसे दी है। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाए जाने तथा दोषियों को दंडित करने की मांग की है।
इस संदर्भ में गांव तिगड़ी के सरपंच गुलाब सिंह तथा लखुआना के सरपंच रामजी लाल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व वे लोग प्लाट धारकों के साथ प्लाटों की रजिस्टरी करवाने के लिए तहसील में आए थे। लेकिन उस दिन कंप्यूटर खराब थे। जिसके चलते उन्हें उस दिन वापिस जाना पड़ा। जिसके कारण मजदूरों को मजदूरी की हानि हुई। बुधवार को लाईट न होने के कारण फिर से उनका नुक्सान होना था। उन्होंनें मजदूरों की भलाई के लिए बीडीपीओ ऑफिस के लेखाकर रामकिशन से बात की। उन्होंने कहा कि जनरेटर की व्यवस्था हो गई है। तेल की व्यवस्था वे कर दें। उनको तेल पर खर्च की गई राशि कार्यालय से मिल जाएगी।
खुफियां तंत्र से मिली जानकारी
इस संबंध में नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई ने बताया कि खुफिया तंत्र से उन्हें भी गरीबों से उगाही की जानकारी मिली है। अगर ऐसा हुआ है तो यह दुर्भाग्यापूर्ण है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि बीडीपीओ कार्यालय से जनरेटर की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था।
मैंने कुछ नहीं कहा
बीडीपीओ कार्यालय के लेखाकार रामकिशन ने बताया कि तहसील कार्यालय के आदेश पर उन्होंने जनरेटर उपलब्ध करवा दिया था। इसमें तेल सरपंचों ने डलवाना था। सरपंचों को तेल पर खर्च राशि का बीडीपीओ कार्यालय से कोई भुगतान नहीं किया जाएगा और न ही उन्होंने सरपंचों को तेल की राशि देने संबंधी कोई आश्वासन दिया है।
लिए हैं तो वापिस होंगे पैसे
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि उनके समक्ष भी उगाही करने का मामला आया है। उन्होंने बीडीपीओ ऑफिस के लेखाकार रामकिशन को निर्देश दिए गए हैं कि अगर गरीबों से उगाही की गई है तो उन्हें वापिस लौटाकर इसकी रिपोर्ट उन्हें दें।
बुधवार को गांव तिगड़ी तथा लखुआना के गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन करने वाले लोगों को महात्मा गांधी ग्रामीण बस्ती योजना के तहत सौ-सौ गज के दिए गए प्लाटों की संबंधित पंचायतों ने तहसील कार्यालय में रजिस्टरी करवानी थी। इस कार्य के लिए 120 लोग पहुंचे हुए थे। बिजली का कट होने के कारण तहसील में रजिस्टरी संबंधी कार्य ठप्प पड़ा था। सौ-सौ गज के प्लाटों की रजिस्टरी का कार्य शुरू करने के लिए तहसील कार्यालय ने बीडीपीओ कार्यालय से जनरेटर की मांग की। बिना तेल के जनरेटर उपलब्ध हो गया।
गांव तिगड़ी निवासी गोरा, लखवीर ,हरबिलास, सुक्खा आदि ने बताया कि वे लोग दिहाड़ी मजदूरी करके पेट पालते हैं। आज उन्हें सौ-सौ गज के प्लाट की रजिस्ट्री देने के लिए तहसील कार्यालय में बुलाया गया था। यहां लाईट न होने के कारण जनरेटर में तेल डालने के लिए उनसे 30-30 रूपए की उगाही की गई।
खेत मजदूर यूनियन के अध्यक्ष कामरेड गणपत राम ने कहा कि जनरेटर में तेल डलवाने के नाम पर मजदूरों से 30-30 रूपए की उगाही करके प्रशासन मजदूरों का शोषण कर रहा है। उन्होंने बताया कि प्लाट लेने आए मजदूरों ने उनसे उगाही करने की जानकारी उसे दी है। उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करवाए जाने तथा दोषियों को दंडित करने की मांग की है।
इस संदर्भ में गांव तिगड़ी के सरपंच गुलाब सिंह तथा लखुआना के सरपंच रामजी लाल ने बताया कि कुछ दिन पूर्व वे लोग प्लाट धारकों के साथ प्लाटों की रजिस्टरी करवाने के लिए तहसील में आए थे। लेकिन उस दिन कंप्यूटर खराब थे। जिसके चलते उन्हें उस दिन वापिस जाना पड़ा। जिसके कारण मजदूरों को मजदूरी की हानि हुई। बुधवार को लाईट न होने के कारण फिर से उनका नुक्सान होना था। उन्होंनें मजदूरों की भलाई के लिए बीडीपीओ ऑफिस के लेखाकर रामकिशन से बात की। उन्होंने कहा कि जनरेटर की व्यवस्था हो गई है। तेल की व्यवस्था वे कर दें। उनको तेल पर खर्च की गई राशि कार्यालय से मिल जाएगी।
खुफियां तंत्र से मिली जानकारी
इस संबंध में नायब तहसीलदार हरिओम बिश्नोई ने बताया कि खुफिया तंत्र से उन्हें भी गरीबों से उगाही की जानकारी मिली है। अगर ऐसा हुआ है तो यह दुर्भाग्यापूर्ण है। उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि बीडीपीओ कार्यालय से जनरेटर की व्यवस्था करने के लिए कहा गया था।
मैंने कुछ नहीं कहा
बीडीपीओ कार्यालय के लेखाकार रामकिशन ने बताया कि तहसील कार्यालय के आदेश पर उन्होंने जनरेटर उपलब्ध करवा दिया था। इसमें तेल सरपंचों ने डलवाना था। सरपंचों को तेल पर खर्च राशि का बीडीपीओ कार्यालय से कोई भुगतान नहीं किया जाएगा और न ही उन्होंने सरपंचों को तेल की राशि देने संबंधी कोई आश्वासन दिया है।
लिए हैं तो वापिस होंगे पैसे
एसडीएम डॉ. मुनीश नागपाल ने बताया कि उनके समक्ष भी उगाही करने का मामला आया है। उन्होंने बीडीपीओ ऑफिस के लेखाकार रामकिशन को निर्देश दिए गए हैं कि अगर गरीबों से उगाही की गई है तो उन्हें वापिस लौटाकर इसकी रिपोर्ट उन्हें दें।
तस्करी करता गुरूद्वारा का सेवादार काबू
डबवाली (लहू की लौ) सदर डबवाली पुलिस ने चूरा पोस्त तस्करी में उपमण्डल में स्थित एक गुरूद्वारा के सेवादार तथा उसके साथी को काबू किया है। दोनों राजस्थान के हनुमानगढ़ से 14 किलोग्राम चूरा पोस्त लेकर हीरो होंडा स्पलेण्डर बाईक पर डबवाली की ओर आ रहे थे। आरोपियों को बुधवार को अदालत में पेश किया गया। अदालत ने दोनों को न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
थाना सदर डबवाली के सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम मंगलवार शाम को गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें मुखबरी मिली कि बाईक सवार दो व्यक्ति संगरिया की ओर से डबवाली की ओर जा रहे हैं। उनके पास चूरा पोस्त है। मुखबर की सूचना पर सहायक उपनिरीक्षक ने अपनी टीम के साथ गांव अबूबशहर के पास नाका लगा लिया और वाहनों पर नजर बढ़ा दी। जांच अधिकारी सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम ने बताया कि इसी दौरान पुलिस टीम को संगरिया साईड से एक बाईक आता हुआ दिखाई दिया। उसे रूकने का इशारा किया गया। लेकिन पुलिस को देखकर चालक ने बाईक को वापिस मोडऩा चाहा। शक के आधार पर पुलिस ने बाईक सवारों की तालाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस को बाईक पर रखे प्लास्टिक बैग से चूरा पोस्त बरामद हुई। बाईक सवारों को चूरा पोस्त तथा बाईक सहित काबू कर लिया गया।
जांच अधिकारी के अनुसार आरोपियों के खिलाफ मादक पदार्थ तस्करी अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान बूटा सिंह (21) पुत्र राजू उर्फ हरबंस सिंह निवासी रामां तथा बलवीर सिंह (55) पुत्र गुरदित्ता सिंह निवासी तरखानवाला (पंजाब) हाल गांव फुल्लों के रूप में हुई है।
सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम के अनुसार बलवीर सिंह उपमण्डल के गांव फुल्लो में स्थित गुरूद्वारा में सेवादार है। जबकि बूटा सिंह दिहाड़ीदार मजदूर है। दोनों काफी समय से चूरा पोस्त तस्करी में संलिप्त है। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे राजस्थान से 800 रूपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से चूरा पोस्त लाते हैं और आगे उसे 1000 से 1200 रूपए प्रति किलोग्राम से बेचते हैं। पकड़ी गई 14 किलोग्राम चूरा पोस्त को उन्होंने हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक अज्ञात व्यक्ति से खरीदा था।
बुधवार को पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को उनसे बरामद हुए बाईक, चूरापोस्त के साथ उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
थाना सदर डबवाली के सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम मंगलवार शाम को गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें मुखबरी मिली कि बाईक सवार दो व्यक्ति संगरिया की ओर से डबवाली की ओर जा रहे हैं। उनके पास चूरा पोस्त है। मुखबर की सूचना पर सहायक उपनिरीक्षक ने अपनी टीम के साथ गांव अबूबशहर के पास नाका लगा लिया और वाहनों पर नजर बढ़ा दी। जांच अधिकारी सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम ने बताया कि इसी दौरान पुलिस टीम को संगरिया साईड से एक बाईक आता हुआ दिखाई दिया। उसे रूकने का इशारा किया गया। लेकिन पुलिस को देखकर चालक ने बाईक को वापिस मोडऩा चाहा। शक के आधार पर पुलिस ने बाईक सवारों की तालाशी ली। तलाशी के दौरान पुलिस को बाईक पर रखे प्लास्टिक बैग से चूरा पोस्त बरामद हुई। बाईक सवारों को चूरा पोस्त तथा बाईक सहित काबू कर लिया गया।
जांच अधिकारी के अनुसार आरोपियों के खिलाफ मादक पदार्थ तस्करी अधिनियम के तहत अभियोग दर्ज किया गया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान बूटा सिंह (21) पुत्र राजू उर्फ हरबंस सिंह निवासी रामां तथा बलवीर सिंह (55) पुत्र गुरदित्ता सिंह निवासी तरखानवाला (पंजाब) हाल गांव फुल्लों के रूप में हुई है।
सहायक उपनिरीक्षक आत्मा राम के अनुसार बलवीर सिंह उपमण्डल के गांव फुल्लो में स्थित गुरूद्वारा में सेवादार है। जबकि बूटा सिंह दिहाड़ीदार मजदूर है। दोनों काफी समय से चूरा पोस्त तस्करी में संलिप्त है। पूछताछ में दोनों ने स्वीकार किया कि वे राजस्थान से 800 रूपए प्रति किलोग्राम के हिसाब से चूरा पोस्त लाते हैं और आगे उसे 1000 से 1200 रूपए प्रति किलोग्राम से बेचते हैं। पकड़ी गई 14 किलोग्राम चूरा पोस्त को उन्होंने हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन के पास एक अज्ञात व्यक्ति से खरीदा था।
बुधवार को पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को उनसे बरामद हुए बाईक, चूरापोस्त के साथ उपमण्डल न्यायिक दण्डाधिकारी डॉ. अतुल मडिया की अदालत में पेश किया। जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
पानी में डूबने से बच्चे की मौत
डबवाली (लहू की लौ) मंगलवार गांव गंगा के एक परिवार के लिए अमंगल साबित हुआ। सुबह की खुशियां शाम ढलते-ढलते मातम में बदल गई। घर में गूंजती किलकारी सदा के लिए खामोश हो गई।
गांव गंगा का 22 वर्षीय जसविंद्र सिंह मंगलवार को अपने खेत में कार्यरत था। घर पर उसकी पत्नी मनप्रीत कौर तथा डेढ़ वर्षीय बेटा गुरविंद्र सिंह था। शाम करीब 5.30 बजे मनप्रीत कौर रसोई में काम में व्यस्त थी। इसी दौरान गुरविंद्र खेलता हुआ 3 फुट चौड़ी तथा 2 फुट गहरी डिग्गी (पशुओं की खेल) के पास आ गया। डिग्गी में करीब पौने दो फुट पानी था। यहां खेलते-खेलते वह डिग्गी में गिर गया। कुछ समय बाद मनप्रीत कौर रसोई से बाहर आई तो उसने गुरविंद्र की तालाश आरंभ की। बेटे की तालाश में वह कभी इधर तो कभी उधर दौड़ी। इसकी जानकारी उसने पड़ौसियों को भी दी। करीब डेढ़ घंटा तक ग्रामीण दौड़ धूप करते रहे। अचानक मनप्रीत का ध्यान डिग्गी की ओर गया। डेढ़ वर्षीय गुरविंद्र डिग्गी में डूबा हुआ था। पड़ौस में रहने वाले गुरमेल सिंह ने इसकी जानकारी जसविंद्र सिंह को दी। गुरविंद्र को शाम करीब 8 बजे इलाज के लिए तुरंत डबवाली के एक निजी अस्पताल में लाया गया। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जसविंद्र सिंह का यही एक बेटा था।
मामले के जांच अधिकारी गोरीवाला पुलिस चौकी के एएसआई गोपाल राम ने बताया कि मृतक गुरविंद्र के पिता जसविंद्र सिंह ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि उसके डेढ़ वर्षीय बेटे की मृत्यु पानी में डूबने से हुई है। जसविंद्र के ब्यान के आधार पर पुलिस ने इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुए शव का डबवाली के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
गांव गंगा का 22 वर्षीय जसविंद्र सिंह मंगलवार को अपने खेत में कार्यरत था। घर पर उसकी पत्नी मनप्रीत कौर तथा डेढ़ वर्षीय बेटा गुरविंद्र सिंह था। शाम करीब 5.30 बजे मनप्रीत कौर रसोई में काम में व्यस्त थी। इसी दौरान गुरविंद्र खेलता हुआ 3 फुट चौड़ी तथा 2 फुट गहरी डिग्गी (पशुओं की खेल) के पास आ गया। डिग्गी में करीब पौने दो फुट पानी था। यहां खेलते-खेलते वह डिग्गी में गिर गया। कुछ समय बाद मनप्रीत कौर रसोई से बाहर आई तो उसने गुरविंद्र की तालाश आरंभ की। बेटे की तालाश में वह कभी इधर तो कभी उधर दौड़ी। इसकी जानकारी उसने पड़ौसियों को भी दी। करीब डेढ़ घंटा तक ग्रामीण दौड़ धूप करते रहे। अचानक मनप्रीत का ध्यान डिग्गी की ओर गया। डेढ़ वर्षीय गुरविंद्र डिग्गी में डूबा हुआ था। पड़ौस में रहने वाले गुरमेल सिंह ने इसकी जानकारी जसविंद्र सिंह को दी। गुरविंद्र को शाम करीब 8 बजे इलाज के लिए तुरंत डबवाली के एक निजी अस्पताल में लाया गया। यहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया। जसविंद्र सिंह का यही एक बेटा था।
मामले के जांच अधिकारी गोरीवाला पुलिस चौकी के एएसआई गोपाल राम ने बताया कि मृतक गुरविंद्र के पिता जसविंद्र सिंह ने पुलिस को दिए ब्यान में कहा है कि उसके डेढ़ वर्षीय बेटे की मृत्यु पानी में डूबने से हुई है। जसविंद्र के ब्यान के आधार पर पुलिस ने इत्तफाकिया मौत की कार्रवाई करते हुए शव का डबवाली के सरकारी अस्पताल से पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसे उसके वारिसों को सौंप दिया।
भुजिया टेस्टी न लगने पर सालों ने जीजा पर किया हमला
डबवाली (लहू की लौ) लालपरी के साथ रखा गया भुजिया पसंद न आने पर कुछ लोग अपने जीजा के गल पड़ गए। गाली-गलौज होने के बाद मामला झगड़े तक जा पहुंचा। इन लोगों ने अपने जीजा पर हमला कर दिया। बीच में आए पिता-पुत्र अपना सिर फुटवा बैठे। जिन्हें घायल अवस्था में सरकारी अस्पताल में लाया गया। झगड़ा मंगलवार रात करीब 9.30 बजे कबीर बस्ती में हुआ।
कबीर बस्ती में रह रहे लाला राम भाट (30) ने बताया कि पीपेरन हाल गांव शेरगढ़ में रह रहे उसके साले राज, कृष्ण, प्रताप तथा ठाकर मंगलवार को उसके यहां आए हुए थे। उनके लिए उसने शराब का बंदोबस्त किया हुआ था। शराब के साथ उसने भुजिया भी रख दिया। लेकिन उसके सालों को भुजिया पसंद नहीं आया। वे लोग उससे गाली-गलौज करने लगे। उसने भी गाली निकाल दी। तैश में आए उपरोक्त चारों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। उसके पिता बल्लू राम (70) तथा भाई राजू (22) ने उसे उनसे छुड़वाने का प्रयास किया। लेकिन उनकी एक न चली। आरोपियों ने वहां पड़ा तेजधार हथियार उठा लिया उसे बचा रहे उसके पिता बल्लू राम के सिर पर दे मारा। उसके भाई से भी मारपीट की। उसने भागकर अपनी जान बचाई।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पुलिस के पास एमएलआर आई है। घायलों के ब्यानों के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
कबीर बस्ती में रह रहे लाला राम भाट (30) ने बताया कि पीपेरन हाल गांव शेरगढ़ में रह रहे उसके साले राज, कृष्ण, प्रताप तथा ठाकर मंगलवार को उसके यहां आए हुए थे। उनके लिए उसने शराब का बंदोबस्त किया हुआ था। शराब के साथ उसने भुजिया भी रख दिया। लेकिन उसके सालों को भुजिया पसंद नहीं आया। वे लोग उससे गाली-गलौज करने लगे। उसने भी गाली निकाल दी। तैश में आए उपरोक्त चारों ने उसे पकड़कर पीटना शुरू कर दिया। उसके पिता बल्लू राम (70) तथा भाई राजू (22) ने उसे उनसे छुड़वाने का प्रयास किया। लेकिन उनकी एक न चली। आरोपियों ने वहां पड़ा तेजधार हथियार उठा लिया उसे बचा रहे उसके पिता बल्लू राम के सिर पर दे मारा। उसके भाई से भी मारपीट की। उसने भागकर अपनी जान बचाई।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पुलिस के पास एमएलआर आई है। घायलों के ब्यानों के बाद आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
एनएच पर पड़े रहे घायल, किसी ने नहीं उठाए
डबवाली (लहू की लौ) गांव सांवतखेड़ा-खुईयांमलकाना के बीच एक बाईक स्लिप करने से दो युवक घायल हो गए। वहां से गुजर रहे वाहनों ने घायलों को उठाने तक की जहमत नहीं उठाई। बाद में घायलों ने अपने किसी परिचित को फोन करके मौके पर बुलाया। परिचित ने लोगों के सहयोग से दोनों को उपचार के लिए सरकारी अस्पताल में पहुंचाया।
मेडिसन का स्टॉकिस्ट सिरसा निवासी राकेश (23) अपने कजन हर्ष उर्फ डिम्पल (25) निवासी सिरसा के साथ स्पलेण्डर प्लस बाईक पर डबवाली में मेडिसन के ऑर्डर लेने के लिए आ रहा था। बाईक को राकेश चला रहा था। गांव सांवतखेड़ा-खुईयांमलकाना के बीच सड़क पर पड़े एक पत्थर से टकराकर उनकी बाईक पलट गई। जिससे दोनों घायल हो गए। राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 पर घायल अवस्था में पड़े दोनों युवकों को उठाने का किसी ने प्रयास नहीं किया। घायल राकेश ने हिम्मत जुटाते हुए कालांवाली में आए मेडिसन का ऑर्डर लेने आए अपने एक परिचित जुगनू को दुर्घटना के बारे में सूचित किया। सूचना पाकर मौका पर पहुंचे जुगनू ने लोगों की मदद से घायलों को उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को सिरसा रैफर कर दिया।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पुलिस के पास एमएलआर आई है। बाईक स्लिप होने की वजह से दोनों घायल हुए हैं।
मेडिसन का स्टॉकिस्ट सिरसा निवासी राकेश (23) अपने कजन हर्ष उर्फ डिम्पल (25) निवासी सिरसा के साथ स्पलेण्डर प्लस बाईक पर डबवाली में मेडिसन के ऑर्डर लेने के लिए आ रहा था। बाईक को राकेश चला रहा था। गांव सांवतखेड़ा-खुईयांमलकाना के बीच सड़क पर पड़े एक पत्थर से टकराकर उनकी बाईक पलट गई। जिससे दोनों घायल हो गए। राष्ट्रीय राजमार्ग नं. 10 पर घायल अवस्था में पड़े दोनों युवकों को उठाने का किसी ने प्रयास नहीं किया। घायल राकेश ने हिम्मत जुटाते हुए कालांवाली में आए मेडिसन का ऑर्डर लेने आए अपने एक परिचित जुगनू को दुर्घटना के बारे में सूचित किया। सूचना पाकर मौका पर पहुंचे जुगनू ने लोगों की मदद से घायलों को उपचार के लिए डबवाली के सरकारी अस्पताल में पहुंचाया। चिकित्सक ने प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को सिरसा रैफर कर दिया।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि पुलिस के पास एमएलआर आई है। बाईक स्लिप होने की वजह से दोनों घायल हुए हैं।
सरकार से लड़ाई के मूड में होमगार्ड
डबवाली (लहू की लौ) होमगार्ड जवान अपने हक के लिए सरकार से आर-पार की लड़ाई के मूड़ में हैं। इसके लिए उन्होंने सरकार को चेतावनी भरे लिहजे से अपनी मांगों के समर्थन में एक संदेश भेजा है। जवानों ने बुधवार को हरियाणा के गृह राज्य मंत्री गोपाल काण्डा के नाम कांग्रेसी नेता जग्गा सिंह बराड़ को एक ज्ञापन सौंपा।
होमगार्ड जवान शाखा डबवाली के अध्यक्ष विनोद कुमार, महावीर सिंह, राजेश, डिम्पल, राजू, हरपाल, महेंद्र, सोहन लाल, मोती लाल, राम सिंह के नेतृत्व में इक्ट्ठे हुए और जग्गा सिंह बराड़ के निवास स्थान पर पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में गृह राज्य मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जवानों ने कहा कि वे लोग भारतीय खाद्य निगम और हरियाणा वेयर हाऊस के गोदामों में सिक्योरिटी हेतू मात्र 150 रूपयों में डियूटी करते हैं। जबकि आम आदमी की मजदूरी 300 रूपए से लेकर 350 रूपए तक है। कमरतोड़ महंगाई में दी जा रही मजदूरी से उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। इसके विपरीत पड़ौसी सूबे पंजाब में होमगार्ड जवानों को 300 रूपए प्रतिदिन गुजारा भत्ता दिया जाता है। लगातार डियूटी दी जाती है। जबकि हरियाणा में होमगार्ड जवानों को रोजगार देने के नाम पर साल भर में महज 89 दिन ही काम दिया जाता है।
जवानों ने ज्ञापन के जरिए गृह राज्यमंत्री से गुजारा भत्ता बढ़ाकर 350 रूपए, परेड़ का भत्ता बढ़ाकर 150 रूपए, हर माह की 1 तारीख को भत्ता देने, दूसरे राज्यों की भांति रेगुलर रोजगार दिए जाने की मांग की है। इन जवानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों की ओर सरकार कोई ध्यान नहीं देती है तो वे सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोलने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन के बाद कांग्रेस नेता जग्गा सिंह बराड़ ने होमगार्ड जवानों को ज्ञापन को गृह राज्य मंत्री तक पहुंचाकर उनकी समस्याएं हल करने का आश्वासन दिया।
होमगार्ड जवान शाखा डबवाली के अध्यक्ष विनोद कुमार, महावीर सिंह, राजेश, डिम्पल, राजू, हरपाल, महेंद्र, सोहन लाल, मोती लाल, राम सिंह के नेतृत्व में इक्ट्ठे हुए और जग्गा सिंह बराड़ के निवास स्थान पर पहुंचे। यहां उन्होंने अपनी मांगों के समर्थन में गृह राज्य मंत्री के नाम एक ज्ञापन सौंपा। जवानों ने कहा कि वे लोग भारतीय खाद्य निगम और हरियाणा वेयर हाऊस के गोदामों में सिक्योरिटी हेतू मात्र 150 रूपयों में डियूटी करते हैं। जबकि आम आदमी की मजदूरी 300 रूपए से लेकर 350 रूपए तक है। कमरतोड़ महंगाई में दी जा रही मजदूरी से उन्हें परिवार चलाना मुश्किल हो गया है। इसके विपरीत पड़ौसी सूबे पंजाब में होमगार्ड जवानों को 300 रूपए प्रतिदिन गुजारा भत्ता दिया जाता है। लगातार डियूटी दी जाती है। जबकि हरियाणा में होमगार्ड जवानों को रोजगार देने के नाम पर साल भर में महज 89 दिन ही काम दिया जाता है।
जवानों ने ज्ञापन के जरिए गृह राज्यमंत्री से गुजारा भत्ता बढ़ाकर 350 रूपए, परेड़ का भत्ता बढ़ाकर 150 रूपए, हर माह की 1 तारीख को भत्ता देने, दूसरे राज्यों की भांति रेगुलर रोजगार दिए जाने की मांग की है। इन जवानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगों की ओर सरकार कोई ध्यान नहीं देती है तो वे सरकार के विरूद्ध मोर्चा खोलने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन के बाद कांग्रेस नेता जग्गा सिंह बराड़ ने होमगार्ड जवानों को ज्ञापन को गृह राज्य मंत्री तक पहुंचाकर उनकी समस्याएं हल करने का आश्वासन दिया।
कार्रवाई की मांग को लेकर डीसी से मिले सरपंच
डबवाली (लहू की लौ) बीडीपीओ डबवाली राम सिंह की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। मसीतां स्टेडियम निर्माण घपले में फंसे बीडीपीओ के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग को लेकर डबवाली ब्लाक के बीस गांवों के सरपंच बुधवार को सिरसा में उपायुक्त युद्धवीर सिंह ख्यालिया तथा सांसद अशोक तंवर से मिले।
सरपंच एसोसिएशन ब्लाक डबवाली के अध्यक्ष शिवराज सिंह ने बताया कि सरपंचों ने उपायुक्त से शिकायत की कि बीडीपीओ डबवाली राम सिंह के खिलाफ दो विभागों के अधिकारियों की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन उसके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाकर उसे गिरफ्तार करे। उपायुक्त ने सरपंचों को बताया कि मामला उनके ध्यान में है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
सरपंचों ने सांसद अशोक तंवर से मुलाकात करके बीडीपीओ पर विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली ग्रांट में तथाकथित कमीशन मांगने का आरोप लगाया। सांसद ने उन्हें इस मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सरपंच सुरजीत सिंह देसूजोधा, हरबंस सिंह जोगेवाला, भरत सिंह बनवाला, राजा राम बिज्जूवाली, गुरदीप कौर रामपुरा बिश्नोईयां, देवीलाल चकजालू, इंदिरा देवी मुन्नांवाली, गोदीकां से सरपंच प्रतिनिधि गिरधारी लाल बिस्सू उपस्थित थे।
सरपंच एसोसिएशन ब्लाक डबवाली के अध्यक्ष शिवराज सिंह ने बताया कि सरपंचों ने उपायुक्त से शिकायत की कि बीडीपीओ डबवाली राम सिंह के खिलाफ दो विभागों के अधिकारियों की अलग-अलग जांच रिपोर्ट के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है। प्रशासन उसके खिलाफ पुलिस में केस दर्ज करवाकर उसे गिरफ्तार करे। उपायुक्त ने सरपंचों को बताया कि मामला उनके ध्यान में है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
सरपंचों ने सांसद अशोक तंवर से मुलाकात करके बीडीपीओ पर विकास कार्यों के लिए दी जाने वाली ग्रांट में तथाकथित कमीशन मांगने का आरोप लगाया। सांसद ने उन्हें इस मामले की जांच करवाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर सरपंच सुरजीत सिंह देसूजोधा, हरबंस सिंह जोगेवाला, भरत सिंह बनवाला, राजा राम बिज्जूवाली, गुरदीप कौर रामपुरा बिश्नोईयां, देवीलाल चकजालू, इंदिरा देवी मुन्नांवाली, गोदीकां से सरपंच प्रतिनिधि गिरधारी लाल बिस्सू उपस्थित थे।
वन वीक में होगा फैसला
डबवाली (लहू की लौ) जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी में डिस्पोजल के निर्माण के लिए प्रशासन अड़ा हुआ है। दूसरी ओर इसका विरोध कर रहे ग्रामीण अपनी जिद्द पर कायम है। बुधवार को दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। तीखी नोक-झोंक के बाद धरनाकारियों ने अपनी स्थिति स्पष्ट करने के लिए प्रशासन से सात दिन का समय मांगा।
डिस्पोजल बनाने के लिए आज पंजाब वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के एक्सीयन प्रमोद चंद, एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल, नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस दल-बल के साथ पहुंचे। थाना लम्बी प्रभारी गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में 150 के करीब सुरक्षाकर्मी अपने साजो-सामान के साथ मौका पर उपस्थित थे। इस मौके पर ग्रामीणों ने इन अधिकारियों का स्वागत काली झण्डिया दिखाकर किया। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने धरनाकारियों को चारों ओर से घेर लिया।
थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने धरनाकारी ग्रामीणों को समझाते-बुझाते हुए कहा कि सरकार उनकी भलाई के लिए 60 लाख रूपए की राशि खर्च करके यहां डिस्पोजल बना रही है। ये डिस्पोजल कवर्ड होगा। अगर उन्हें इससे कोई शिकायत है, तो वे निर्भय होकर बताएं। उन्होंने आश्वासन दिलाया कि संबंधित विभाग उन्हें लिखित रूप से यह लिखकर देगा कि इस डिस्पोजल से न तो बदबू आएगी और न ही मच्छर आदि उनके गांव में पनपेगा। लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए। कुछ देर बाद किसान नेता चरणजीत सिंह, बलकरण सिंह, हीरा सिंह, कामरेड रमेश मंगला, सुरेंद्र कुमार पटवारी, सुरेंद्र पाल सिंह, मिट्ठू सिंह, रिछपाल सिंह, चानन सिंह, बलवंत सिंह, नाहर सिंह, मुख्तियार सिंह आदि ने विचार-विमर्श के बाद मौका पर उपस्थित नायब तहसीलदार को आश्वासन दिलाया कि उन्हें एक सप्ताह का समय इस समस्या के समाधान के लिए दिया जाए। एक सप्ताह के बाद वे इस स्थल पर न तो धरना देंगे और न ही इस संबंध में यहां एकत्रित होंगे।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह तथा थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने अपने अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद धरनाकारियों को सात दिन का समय देते हुए कहा कि अगर वे इस संबंध में कोई अन्य निर्णय नहीं करवा सके, तो इस स्थान पर डिस्पोजल बनना तय है। अगर फिर भी ग्रामीण कोई हरकत करते हैं, तो उनकी कोई सुनवाई नहीं होगी।
डिस्पोजल बनाने के लिए आज पंजाब वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के एक्सीयन प्रमोद चंद, एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल, नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह के नेतृत्व में पुलिस दल-बल के साथ पहुंचे। थाना लम्बी प्रभारी गुरप्रीत सिंह के नेतृत्व में 150 के करीब सुरक्षाकर्मी अपने साजो-सामान के साथ मौका पर उपस्थित थे। इस मौके पर ग्रामीणों ने इन अधिकारियों का स्वागत काली झण्डिया दिखाकर किया। दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। माहौल तनावपूर्ण हो गया। पुलिस ने धरनाकारियों को चारों ओर से घेर लिया।
थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने धरनाकारी ग्रामीणों को समझाते-बुझाते हुए कहा कि सरकार उनकी भलाई के लिए 60 लाख रूपए की राशि खर्च करके यहां डिस्पोजल बना रही है। ये डिस्पोजल कवर्ड होगा। अगर उन्हें इससे कोई शिकायत है, तो वे निर्भय होकर बताएं। उन्होंने आश्वासन दिलाया कि संबंधित विभाग उन्हें लिखित रूप से यह लिखकर देगा कि इस डिस्पोजल से न तो बदबू आएगी और न ही मच्छर आदि उनके गांव में पनपेगा। लेकिन ग्रामीण टस से मस नहीं हुए। कुछ देर बाद किसान नेता चरणजीत सिंह, बलकरण सिंह, हीरा सिंह, कामरेड रमेश मंगला, सुरेंद्र कुमार पटवारी, सुरेंद्र पाल सिंह, मिट्ठू सिंह, रिछपाल सिंह, चानन सिंह, बलवंत सिंह, नाहर सिंह, मुख्तियार सिंह आदि ने विचार-विमर्श के बाद मौका पर उपस्थित नायब तहसीलदार को आश्वासन दिलाया कि उन्हें एक सप्ताह का समय इस समस्या के समाधान के लिए दिया जाए। एक सप्ताह के बाद वे इस स्थल पर न तो धरना देंगे और न ही इस संबंध में यहां एकत्रित होंगे।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह तथा थाना लंबी प्रभारी गुरप्रीत सिंह ने अपने अधिकारियों से विचार-विमर्श करने के बाद धरनाकारियों को सात दिन का समय देते हुए कहा कि अगर वे इस संबंध में कोई अन्य निर्णय नहीं करवा सके, तो इस स्थान पर डिस्पोजल बनना तय है। अगर फिर भी ग्रामीण कोई हरकत करते हैं, तो उनकी कोई सुनवाई नहीं होगी।
पानी दा टैंकर तीन सौ रूपए विच..
डबवाली (लहू की लौ) पानी दा टैंकर तीन सौ रूपए विच, लेना ए ता ले लो। जी हां! गांव सांवतखेड़ा में पीने के पानी पर बोली लग रही है। गांव के चौराहे पर कुछ लोग पानी के टैंकर लेकर आते हैं और फिर पानी की बोली लगाते हैं, जो 250 रूपए से शुरू होकर 350 तक पहुंच जाती है।
जनस्वास्थ्य विभाग के गांव मांगेआना में स्थित जलघर से मांगेआना और गांव सांवतखेड़ा को पेयजल की आपूर्ति होती है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से यह आपूर्ति बंद पड़ी है। जिसके चलते गांव मांगेआना तथा गांव सांवतखेड़ा में पानी के लिए हाहाकार मची हुई है। लोग मोल लेकर पानी पीने को मजबूर हैं। गांव सांवतखेड़ा में तो हालत यहां तक है कि लोग पानी की बोली देकर खरीद रहे हैं।
गांव सांवतखेड़ा के सरपंच रणजीत सिंह ने बताया कि मांगेआना स्थित जलघर में बने दो वाटर स्टोरेज टैंकों का बैड खराब हो गया है। जिसके कारण स्टोरेज के लिए जो भी पानी टैंकों में डाला जाता है, वह धरती में बह जाता है। जिसके चलते उनके गांव को पानी नहीं मिल रहा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि गांव में बोली पर पानी बिक रहा है। वाटर टैंक लेकर कुछ लोग गांव की चौपाल में आते हैं और बोली पर पानी बेच जाते हैं। जोकि 250 से लेकर 350 रूपए प्रति टैंक के हिसाब से बिक रहा है। सरपंच ने कहा कि हरिजन बस्ती में पानी की कमी को पूरा करने के लिए वह खर्चे पर टैंक मंगवाकर पेयजल की आपूर्ति करेगा।
गांव मांगेआना के सरपंच जगसीर सिंह ने बताया कि उनके गांव में भी वाटर स्टोरेज टैंक का बैड खराब हो जाने से पेयजल की दिक्कत आ रही है। लेकिन फिर भी गांव में तीसरे दिन कुछ सप्लाई हो जाने से राहत महसूस की जा रही है। लेकिन पानी की दिक्कत बनी हुई है।
जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता हरभजन सिंह ने बताया कि मनरेगा के तहत हाल ही में उक्त वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई करवाई गई थी। इस दौरान एक टैंक के बैड को नुक्सान पहुंचा था। इस टैंक के बैड के टूट जाने से पानी जमीन में जा रहा है। जबकि दूसरा स्टोरेज टैंक भी रिस रहा है। लेकिन उसकी गति कम है। टैंक की रिपेयर के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। फिर भी पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
जनस्वास्थ्य विभाग के गांव मांगेआना में स्थित जलघर से मांगेआना और गांव सांवतखेड़ा को पेयजल की आपूर्ति होती है। लेकिन पिछले एक सप्ताह से यह आपूर्ति बंद पड़ी है। जिसके चलते गांव मांगेआना तथा गांव सांवतखेड़ा में पानी के लिए हाहाकार मची हुई है। लोग मोल लेकर पानी पीने को मजबूर हैं। गांव सांवतखेड़ा में तो हालत यहां तक है कि लोग पानी की बोली देकर खरीद रहे हैं।
गांव सांवतखेड़ा के सरपंच रणजीत सिंह ने बताया कि मांगेआना स्थित जलघर में बने दो वाटर स्टोरेज टैंकों का बैड खराब हो गया है। जिसके कारण स्टोरेज के लिए जो भी पानी टैंकों में डाला जाता है, वह धरती में बह जाता है। जिसके चलते उनके गांव को पानी नहीं मिल रहा। उन्होंने इस बात की पुष्टि की कि गांव में बोली पर पानी बिक रहा है। वाटर टैंक लेकर कुछ लोग गांव की चौपाल में आते हैं और बोली पर पानी बेच जाते हैं। जोकि 250 से लेकर 350 रूपए प्रति टैंक के हिसाब से बिक रहा है। सरपंच ने कहा कि हरिजन बस्ती में पानी की कमी को पूरा करने के लिए वह खर्चे पर टैंक मंगवाकर पेयजल की आपूर्ति करेगा।
गांव मांगेआना के सरपंच जगसीर सिंह ने बताया कि उनके गांव में भी वाटर स्टोरेज टैंक का बैड खराब हो जाने से पेयजल की दिक्कत आ रही है। लेकिन फिर भी गांव में तीसरे दिन कुछ सप्लाई हो जाने से राहत महसूस की जा रही है। लेकिन पानी की दिक्कत बनी हुई है।
जनस्वास्थ्य विभाग के कनिष्ठ अभियंता हरभजन सिंह ने बताया कि मनरेगा के तहत हाल ही में उक्त वाटर स्टोरेज टैंकों की सफाई करवाई गई थी। इस दौरान एक टैंक के बैड को नुक्सान पहुंचा था। इस टैंक के बैड के टूट जाने से पानी जमीन में जा रहा है। जबकि दूसरा स्टोरेज टैंक भी रिस रहा है। लेकिन उसकी गति कम है। टैंक की रिपेयर के लिए विभाग के पास बजट नहीं है। फिर भी पानी की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा।
....सासू मां इसकी इजाजत नहीं देती
डबवाली (लहू की लौ) भले ही 21वीं सदी विज्ञान का युग कहलाती है, लेकिन फिर भी भारतीय समाज से एक बच्चे के बाद दूसरे बच्चे की इच्छा भय के कारण या फिर लड़की बाद लड़के की इच्छा जनसंख्या वृद्धि का कारण बन रही है। यह बात परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर पर सामने आई है।
बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतू प्रदेश भर में जनंसख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। पखवाड़े के तहत सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर खोले गए हैं। इन काऊंटरों पर आने वाले दम्पत्ति काऊंटर प्रभारी से कई प्रकार के क्रॉस प्रश्न करते हैं। डबवाली के सरकारी अस्पताल में चल रहे काऊंटर पर परिवार नियोजन के संबंध में जानकारी दे रही स्वास्थ्य कर्मी से एक दम्पत्ति ने सवाल किया कि उनके एक बच्चा है, हम आगे और बच्चा नहीं चाहते। इसके लिए हम क्या करें? स्वास्थ्य कर्मी ने उन्हें नलबंदी या नसबंदी की सलाह दी। लेकिन दम्पत्ति ने कहा कि सासू मां उन्हें इसकी इजाजत नहीं देती। वे कहती हैं कि एक बच्चा होने पर न जाने कब क्या घटित हो जाए, तो फिर आगे का वंश कैसे चलेगा। इस पर स्वास्थ्य कर्मी ने महिला को कॉपर टी लगवाने या माला डी का विकल्प सुझाया। लेकिन दम्पत्ति ने इसे भी बहाना बनाकर टाल दिया।
इधर कबीर बस्ती की एक दम्पत्ति ने स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि उसके एक बेटा और दो बेटियां हैं। उसने कहा कि दो बेटियां भी एक और लड़के की इच्छा के चलते ही हुई हैं। इसलिए वे चाहते हैं कि अब विराम लगे और उनका ऑप्रेशन हो। कबीर बस्ती निवासी पिंटू तथा वीणा के अनुसार अब उन्हें समझ में आया है कि लड़कों की इच्छा के चलते जनसंख्या वृद्धि नहीं होनी चाहिए। इस पर नियंत्रण जरूरी है।
दम्पत्ति का यही डर बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा दिए जा रहे हम एक-हमारा एक के नारे पर भारी दिख रहा है। हम एक-हमारा एक को स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को समाज के भीतर फैली उपरोक्त विचाराधारा का तोड़ निकालना होगा। फिलहाल जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कर्मी इस डर से जूझते दिख रहे हैं।
अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ एमके भादू ने बताया कि परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर से दम्पत्ति लाभ उठा रहे हैं। काऊंटर प्रभारी राज वर्मा दम्पत्ति का उचित मार्गदर्शन कर रही हैं। काऊंटर पर परामर्श के लिए आ रहे दम्पत्ति में एक संतान के प्रति अजीबोगरीब डर देखा जा रहा है। दम्पत्ति से विचार-विमर्श करने के बाद साफ जाहिर है कि इसी डर की वजह से वे दूसरा बच्चा पैदा करने की चाह रखते हैं। स्वास्थ्य कर्मी दम्पत्ति के डर को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
बढ़ती आबादी पर नियंत्रण के लिए लोगों को प्रेरित करने हेतू प्रदेश भर में जनंसख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जा रहा है। पखवाड़े के तहत सरकारी अस्पतालों में परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर खोले गए हैं। इन काऊंटरों पर आने वाले दम्पत्ति काऊंटर प्रभारी से कई प्रकार के क्रॉस प्रश्न करते हैं। डबवाली के सरकारी अस्पताल में चल रहे काऊंटर पर परिवार नियोजन के संबंध में जानकारी दे रही स्वास्थ्य कर्मी से एक दम्पत्ति ने सवाल किया कि उनके एक बच्चा है, हम आगे और बच्चा नहीं चाहते। इसके लिए हम क्या करें? स्वास्थ्य कर्मी ने उन्हें नलबंदी या नसबंदी की सलाह दी। लेकिन दम्पत्ति ने कहा कि सासू मां उन्हें इसकी इजाजत नहीं देती। वे कहती हैं कि एक बच्चा होने पर न जाने कब क्या घटित हो जाए, तो फिर आगे का वंश कैसे चलेगा। इस पर स्वास्थ्य कर्मी ने महिला को कॉपर टी लगवाने या माला डी का विकल्प सुझाया। लेकिन दम्पत्ति ने इसे भी बहाना बनाकर टाल दिया।
इधर कबीर बस्ती की एक दम्पत्ति ने स्वास्थ्य कर्मी ने कहा कि उसके एक बेटा और दो बेटियां हैं। उसने कहा कि दो बेटियां भी एक और लड़के की इच्छा के चलते ही हुई हैं। इसलिए वे चाहते हैं कि अब विराम लगे और उनका ऑप्रेशन हो। कबीर बस्ती निवासी पिंटू तथा वीणा के अनुसार अब उन्हें समझ में आया है कि लड़कों की इच्छा के चलते जनसंख्या वृद्धि नहीं होनी चाहिए। इस पर नियंत्रण जरूरी है।
दम्पत्ति का यही डर बढ़ती जनसंख्या पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए सरकार द्वारा दिए जा रहे हम एक-हमारा एक के नारे पर भारी दिख रहा है। हम एक-हमारा एक को स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग को समाज के भीतर फैली उपरोक्त विचाराधारा का तोड़ निकालना होगा। फिलहाल जनसंख्या स्थिरता पखवाड़े के दौरान स्वास्थ्य कर्मी इस डर से जूझते दिख रहे हैं।
अस्पताल के कार्यकारी एसएमओ एमके भादू ने बताया कि परिवार नियोजन सेवा व सहायता काऊंटर से दम्पत्ति लाभ उठा रहे हैं। काऊंटर प्रभारी राज वर्मा दम्पत्ति का उचित मार्गदर्शन कर रही हैं। काऊंटर पर परामर्श के लिए आ रहे दम्पत्ति में एक संतान के प्रति अजीबोगरीब डर देखा जा रहा है। दम्पत्ति से विचार-विमर्श करने के बाद साफ जाहिर है कि इसी डर की वजह से वे दूसरा बच्चा पैदा करने की चाह रखते हैं। स्वास्थ्य कर्मी दम्पत्ति के डर को दूर करने का प्रयास कर रहे हैं।
50 हजार के लालच में रिक्शा चालक ने तीन हजार गंवाए
डबवाली (लहू की लौ) यहां की एक ट्रांस्पोर्ट में कार्यरत रिक्शा चालक 50 हजार रूपए पाने के लालच में आकर अपने तीन हजार रूपये तथा मोबाइल खो बैठा।
जीटी रोड़ पर स्थित एक ट्रांस्पोर्ट में कार्यरत रिक्शा चालक शंकर (25) को मंगलवार को तीन हजार रूपए वेतन के रूप में प्राप्त हुए थे। वह इस राशि को जमा करवाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक में चला गया। वहां पर उसे दो लड़के मिले। जिन्होंने स्वयं को अमृतसर का बताते हुए कहा कि उनके पास एक लाख रूपए है। वे इस राशि को इक्ट्ठा जमा नहीं करवा सकते। अगर वे इसमें उनकी मदद करे तो वे उसके शुक्रगुजार होंगे। इसी दौरान इन युवकों से उससे कहा कि वह तीन हजार रूपए की राशि जमा करवाने के लिए बैंक में आया है। एक युवक ने शंकर को लालच देते हुए कहा कि उसकी तीन हजार रूपए की राशि उसके साथी को जमा करवाने के लिए दे देते हैं और वे दोनों एक लाख रूपए की राशि को आपस में बांट लेंगे। शंकर युवक के लालच में आ गया और तीन हजार रूपए की राशि उसने दे दी।
तीनों शंकर की रिक्शा में एक गेस्ट हाऊस पर आए और वहां चाय पीने के बहाने बैठ गए। इसी दौरान उन्होंने एक युवक को राशि जमा करवाने के लिए भेज दिया और दूसरे युवक ने रूमाल में लिपटी हुई एक लाख रूपए की राशि शंकर को यह कहकर थमा दी कि वह भी अभी थोड़ी देर में आया। वह जाता हुआ शंकर का मोबाइल भी ले गया। लेकिन बाद में नहीं लौटा। इधर रूमाल में लिपटी राशि जब शंकर ने खोली तो वह यह देखकर हैरान रह गया कि उसमें केवल कागज ही थे, नोट एक भी नहीं।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि उनके पास शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।
जीटी रोड़ पर स्थित एक ट्रांस्पोर्ट में कार्यरत रिक्शा चालक शंकर (25) को मंगलवार को तीन हजार रूपए वेतन के रूप में प्राप्त हुए थे। वह इस राशि को जमा करवाने के लिए भारतीय स्टेट बैंक में चला गया। वहां पर उसे दो लड़के मिले। जिन्होंने स्वयं को अमृतसर का बताते हुए कहा कि उनके पास एक लाख रूपए है। वे इस राशि को इक्ट्ठा जमा नहीं करवा सकते। अगर वे इसमें उनकी मदद करे तो वे उसके शुक्रगुजार होंगे। इसी दौरान इन युवकों से उससे कहा कि वह तीन हजार रूपए की राशि जमा करवाने के लिए बैंक में आया है। एक युवक ने शंकर को लालच देते हुए कहा कि उसकी तीन हजार रूपए की राशि उसके साथी को जमा करवाने के लिए दे देते हैं और वे दोनों एक लाख रूपए की राशि को आपस में बांट लेंगे। शंकर युवक के लालच में आ गया और तीन हजार रूपए की राशि उसने दे दी।
तीनों शंकर की रिक्शा में एक गेस्ट हाऊस पर आए और वहां चाय पीने के बहाने बैठ गए। इसी दौरान उन्होंने एक युवक को राशि जमा करवाने के लिए भेज दिया और दूसरे युवक ने रूमाल में लिपटी हुई एक लाख रूपए की राशि शंकर को यह कहकर थमा दी कि वह भी अभी थोड़ी देर में आया। वह जाता हुआ शंकर का मोबाइल भी ले गया। लेकिन बाद में नहीं लौटा। इधर रूमाल में लिपटी राशि जब शंकर ने खोली तो वह यह देखकर हैरान रह गया कि उसमें केवल कागज ही थे, नोट एक भी नहीं।
सिटी थाना प्रभारी इंस्पेक्टर महा सिंह ने बताया कि उनके पास शिकायत नहीं आई है। शिकायत आने पर कार्रवाई की जाएगी।
12 जुलाई 2011
'लाशों पर बना दो डिस्पोजलÓ
आबादी में डिस्पोजल के विरोध में उतरे नरसिंह कलोनी वासी, टीम बैरंग लौटाई
डबवाली (लहू की लौ) मालवा बाईपास पर जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी में डिस्पोजल का निर्माण करने आए पंजाब सरकार के वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया।
जिला श्री मुक्तसर साहिब की मण्डी किलियांवाली तथा जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी के गंदे पानी की निकासी के लिए पिछले दो सालों से डिस्पोजल बनाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है। लेकिन इस डिस्पोजल का क्षेत्र आबादी में आ जाने पर ग्रामीण इस स्थान पर डिस्पोजल बनाए जाने के खिलाफ हैं। ग्रामीणों के अनुसार डिस्पोजल आबादी से दूर बनाए जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।
डिस्पोजल बनाने के लिए सोमवार को नायब तहसीलदार लम्बी लखविंद्र सिंह, वाटर सप्लाई एण्ड सेनीटेशन विभाग के एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल गिदड़बाहा तथा ठेकेदार फर्म हरदेव सिंह एण्ड कंपनी गोनियाना के पार्टनर रमन सिंह मौका पर पहुंचे। इसकी भनक पाकर ग्रामीण आनन-फानन में वहां जमा हो गए। उन्होंने डिस्पोजल बनाए जाने का विरोध शुरू कर दिया। नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह ने लोगों को समझा-बुझाकर मन बदलने की पुरजोर की। लेकिन ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कहा कि डिस्पोजल उनकी लाशों पर ही बन पाएगा। वे किसी भी सूरत में डिस्पोजल नहीं बनने देंगे। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए सरकार की उपरोक्त टीम बैरंग लौट गई।
मौका पर उपस्थित पंजाब खेत मजदूर यूनियन जिला श्री मुक्तसर साहिब के अध्यक्ष नानक चन्द सिंघेवाला, पंजाब किसान सभा के जिलाध्यक्ष चरणजीत सिंह बनवाला, गांव नरसिंह कलोनी निवासी सुरेंद्र कुमार, बलवंत सिंह, रिछपाल, मिट्ठू, मुख्तियार सिंह, चानन सिंह, जंगीर कौर, वीरपाल कौर, बलवीर कौर, किरणा, हरजीत कौर, अमृतपाल कौर, तविंद्र कौर, सुदेश कुमारी, माया देवी ने बताया कि डिस्पोजल आबादी में आता है। आबादी में डिस्पोजल को बनाए जाने से गंदे पानी की बदबू के चलते वहां उन्हें रहना मुश्किल हो जाएगा। इसके अतिरिक्त गंदे पानी के कारण बीमारियां भी फैलेंगी। उनकी मांग है कि डिस्पोजल को आबादी से बाहर बनाया जाए। लेकिन सरकार और प्रशासन जिद्द पकड़कर आबादी में ही डिस्पोजल बनाने पर अड़े हुए हैं। हालांकि रात को भी प्रशासनिक अधिकारियों ने डिस्पोजल बनाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण महिलाओं के रोष को देखकर अधिकारियों को वहां से भागना पड़ा।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह ने बताया कि डिस्पोजल के लिए उन्होंने लोगों का रोष देखा है। वे लोगों की आवाज को अपने उच्च अधिकारियों तक पहुंचा देंगे।
ठेकेदार फर्म हरदेव सिंह एण्ड कंपनी गोनियाना के पार्टनर रमन सिंह ने बताया कि दो माह पूर्व ही उन्हें डिस्पोजल का ठेका अलॉट हुआ है। विभाग जब भी उन्हें जमीन उपलब्ध करवा देगा, वे काम शुरू कर देंगे। लेकिन लोगों के विरोध के चलते उन्हें डिस्पोजल का काम करने में मुश्किल आ रही है।
डबवाली (लहू की लौ) मालवा बाईपास पर जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी में डिस्पोजल का निर्माण करने आए पंजाब सरकार के वाटर सप्लाई एवं सेनीटेशन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों ने खदेड़ दिया।
जिला श्री मुक्तसर साहिब की मण्डी किलियांवाली तथा जिला बठिंडा के गांव नरसिंह कलोनी के गंदे पानी की निकासी के लिए पिछले दो सालों से डिस्पोजल बनाने का प्रयास सरकार द्वारा किया जा रहा है। लेकिन इस डिस्पोजल का क्षेत्र आबादी में आ जाने पर ग्रामीण इस स्थान पर डिस्पोजल बनाए जाने के खिलाफ हैं। ग्रामीणों के अनुसार डिस्पोजल आबादी से दूर बनाए जाने पर उन्हें कोई एतराज नहीं है।
डिस्पोजल बनाने के लिए सोमवार को नायब तहसीलदार लम्बी लखविंद्र सिंह, वाटर सप्लाई एण्ड सेनीटेशन विभाग के एसडीई सुखदर्शन सिंह, जेई गंगा राम गोयल गिदड़बाहा तथा ठेकेदार फर्म हरदेव सिंह एण्ड कंपनी गोनियाना के पार्टनर रमन सिंह मौका पर पहुंचे। इसकी भनक पाकर ग्रामीण आनन-फानन में वहां जमा हो गए। उन्होंने डिस्पोजल बनाए जाने का विरोध शुरू कर दिया। नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह ने लोगों को समझा-बुझाकर मन बदलने की पुरजोर की। लेकिन ग्रामीणों ने दो टूक शब्दों में कहा कि डिस्पोजल उनकी लाशों पर ही बन पाएगा। वे किसी भी सूरत में डिस्पोजल नहीं बनने देंगे। ग्रामीणों के भारी विरोध को देखते हुए सरकार की उपरोक्त टीम बैरंग लौट गई।
मौका पर उपस्थित पंजाब खेत मजदूर यूनियन जिला श्री मुक्तसर साहिब के अध्यक्ष नानक चन्द सिंघेवाला, पंजाब किसान सभा के जिलाध्यक्ष चरणजीत सिंह बनवाला, गांव नरसिंह कलोनी निवासी सुरेंद्र कुमार, बलवंत सिंह, रिछपाल, मिट्ठू, मुख्तियार सिंह, चानन सिंह, जंगीर कौर, वीरपाल कौर, बलवीर कौर, किरणा, हरजीत कौर, अमृतपाल कौर, तविंद्र कौर, सुदेश कुमारी, माया देवी ने बताया कि डिस्पोजल आबादी में आता है। आबादी में डिस्पोजल को बनाए जाने से गंदे पानी की बदबू के चलते वहां उन्हें रहना मुश्किल हो जाएगा। इसके अतिरिक्त गंदे पानी के कारण बीमारियां भी फैलेंगी। उनकी मांग है कि डिस्पोजल को आबादी से बाहर बनाया जाए। लेकिन सरकार और प्रशासन जिद्द पकड़कर आबादी में ही डिस्पोजल बनाने पर अड़े हुए हैं। हालांकि रात को भी प्रशासनिक अधिकारियों ने डिस्पोजल बनाने का प्रयास किया। लेकिन ग्रामीण महिलाओं के रोष को देखकर अधिकारियों को वहां से भागना पड़ा।
नायब तहसीलदार लखविंद्र सिंह ने बताया कि डिस्पोजल के लिए उन्होंने लोगों का रोष देखा है। वे लोगों की आवाज को अपने उच्च अधिकारियों तक पहुंचा देंगे।
ठेकेदार फर्म हरदेव सिंह एण्ड कंपनी गोनियाना के पार्टनर रमन सिंह ने बताया कि दो माह पूर्व ही उन्हें डिस्पोजल का ठेका अलॉट हुआ है। विभाग जब भी उन्हें जमीन उपलब्ध करवा देगा, वे काम शुरू कर देंगे। लेकिन लोगों के विरोध के चलते उन्हें डिस्पोजल का काम करने में मुश्किल आ रही है।
दबंगों के डर से दलित परिवार ने छोड़ा शहर
डबवाली (लहू की लौ) पड़ौस में रहने वाले दबंग युवकों से तंग आया वार्ड नं. 13 का एक दलित परिवार हरियाणा से पलायन करके पंजाब में चला गया है। इस परिवार का आरोप है कि शिकायत के बावजूद पुलिस ने आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इधर राज्य से परिवार के पलायन की खबर मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए एक युवक को हिरासत में ले लिया।
वाल्मीकि मोहल्ले में रह रहे 58 वर्षीय रामदेव के घर पर पड़ौस में रहने वाले कुछ दबंग युवकों ने 29 जून 2011 को हमला कर दिया था। जिससे उसके बेटे अजय तथा पुत्रवधू सरोज पत्नी बिट्टू के चोटें आई थी। पीडि़त परिवार इस मामले को पुलिस में ले गया। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 58 वर्षीय रामदेव के अनुसार वह पिछले 28 सालों से अपनी पत्नी राज रानी के साथ यहां रह रहा है। यहीं अपने दो बेटों बिट्टू, अजय तथा बेटी रचना की परवरिश की। बेटों की शादियां की। लेकिन उसके पड़ौस में रहने वाले कुछ दबंग युवक उसके घर पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। बीती 24 जून को उसके छोटे बेटे अजय की शादी में उन्होंने रूकावट डालने का प्रयास किया। 29 जून को उसके घर पर हमला करके अजय तथा गर्भवती पुत्रवधू सरोज के चोटें मारी। सरोज बठिंडा के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन है। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में भी की। लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। रामदेव के अनुसार पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने के कारण दबंगों के हौसला इतना बढ़ गया कि वे लोग उन पर कार्रवाई न होने देने की फब्तियां कसने लगे हैं। पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने तथा दबंगों के हौसले को देखते हुए वे पंजाब में किराए के मकान में शिफ्ट हो गए हैं।
सिटी थाना प्रभारी महा सिंह ने बताया कि उपरोक्त शिकायत के आधार पर पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। इस मामले में सोमवार को पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिससे पूछताछ की जा रही है।
वाल्मीकि मोहल्ले में रह रहे 58 वर्षीय रामदेव के घर पर पड़ौस में रहने वाले कुछ दबंग युवकों ने 29 जून 2011 को हमला कर दिया था। जिससे उसके बेटे अजय तथा पुत्रवधू सरोज पत्नी बिट्टू के चोटें आई थी। पीडि़त परिवार इस मामले को पुलिस में ले गया। लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। 58 वर्षीय रामदेव के अनुसार वह पिछले 28 सालों से अपनी पत्नी राज रानी के साथ यहां रह रहा है। यहीं अपने दो बेटों बिट्टू, अजय तथा बेटी रचना की परवरिश की। बेटों की शादियां की। लेकिन उसके पड़ौस में रहने वाले कुछ दबंग युवक उसके घर पर कब्जा करने का प्रयास कर रहे हैं। बीती 24 जून को उसके छोटे बेटे अजय की शादी में उन्होंने रूकावट डालने का प्रयास किया। 29 जून को उसके घर पर हमला करके अजय तथा गर्भवती पुत्रवधू सरोज के चोटें मारी। सरोज बठिंडा के एक निजी अस्पताल में उपचाराधीन है। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस में भी की। लेकिन पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी है। रामदेव के अनुसार पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने के कारण दबंगों के हौसला इतना बढ़ गया कि वे लोग उन पर कार्रवाई न होने देने की फब्तियां कसने लगे हैं। पुलिस द्वारा कार्रवाई न किए जाने तथा दबंगों के हौसले को देखते हुए वे पंजाब में किराए के मकान में शिफ्ट हो गए हैं।
सिटी थाना प्रभारी महा सिंह ने बताया कि उपरोक्त शिकायत के आधार पर पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है। इस मामले में सोमवार को पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। जिससे पूछताछ की जा रही है।
बलेरो सवारों ने ट्रक के शीशे तोड़े, लूट का प्रयास
डबवाली (लहू की लौ) गांव जगमालवाली के पास साईकलों के भरे एक ट्रक को बलेरो सवार लोगों ने लूटने का प्रयास किया। इस दौरान ट्रक पर बरसायी गई ईंटों से ट्रक का परिचालक घायल हो गया।
ट्रक चालक जगसीर सिंह (26) पुत्र तेजा सिंह निवासी डोड ने बताया कि वह पंजाब के लुधियाना से शनिवार शाम को साईकिल भर कर अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ था। लेकिन रविवार को अपने गांव डोड से रात्रि 9.30 बजे रवाना होने से पूर्व ट्रक परिचालक कुलविन्द्र सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी सेमां को साथ लिया। वह लोग तलबंडी साबो होकर बाया कालांवाली से डबवाली की ओर आ रहे थे। उनका ट्रक जैसे ही कालांवाली क्रॉस करके जगमालवाली के पास पहुंचा तो उसने देखा कि एक बलेरो गाड़ी उनका पीछा कर रही है, इतनी देर में ही तेजगति से उनके ट्रक को क्रॉस करके बलेरो गाड़ी आगे आकर खड़ी हो गई। लेकिन उन्होंने ट्रक को नहीं रोका। थोड़ी ही दूरी पर इन लोगों ने पम्प के निकट उन पर पथराव शुरू कर दिया। जिससे ट्रक का शीश टूट कर परिचालक के पेट में जा लगा। इसके बावजूद भी वह अपने ट्रक को बचाता हुआ गांव डबवाली के नाका तक ले आया और वहां तैनात पुलिस को घटना की जानकारी दी।
थाना कालांवाली के प्रभारी विक्रम नेहरा ने बताया कि घटना की सूचना उन्हें मिली है और अभी तक ट्रक चालक और परिचालक के ब्यान होने हैं। इसके बाद ही कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। लेकिन फिर भी अपने स्तर पर इस मामले की पुलिस जांच कर रही है।
ट्रक चालक जगसीर सिंह (26) पुत्र तेजा सिंह निवासी डोड ने बताया कि वह पंजाब के लुधियाना से शनिवार शाम को साईकिल भर कर अहमदाबाद के लिए रवाना हुआ था। लेकिन रविवार को अपने गांव डोड से रात्रि 9.30 बजे रवाना होने से पूर्व ट्रक परिचालक कुलविन्द्र सिंह पुत्र जरनैल सिंह निवासी सेमां को साथ लिया। वह लोग तलबंडी साबो होकर बाया कालांवाली से डबवाली की ओर आ रहे थे। उनका ट्रक जैसे ही कालांवाली क्रॉस करके जगमालवाली के पास पहुंचा तो उसने देखा कि एक बलेरो गाड़ी उनका पीछा कर रही है, इतनी देर में ही तेजगति से उनके ट्रक को क्रॉस करके बलेरो गाड़ी आगे आकर खड़ी हो गई। लेकिन उन्होंने ट्रक को नहीं रोका। थोड़ी ही दूरी पर इन लोगों ने पम्प के निकट उन पर पथराव शुरू कर दिया। जिससे ट्रक का शीश टूट कर परिचालक के पेट में जा लगा। इसके बावजूद भी वह अपने ट्रक को बचाता हुआ गांव डबवाली के नाका तक ले आया और वहां तैनात पुलिस को घटना की जानकारी दी।
थाना कालांवाली के प्रभारी विक्रम नेहरा ने बताया कि घटना की सूचना उन्हें मिली है और अभी तक ट्रक चालक और परिचालक के ब्यान होने हैं। इसके बाद ही कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। लेकिन फिर भी अपने स्तर पर इस मामले की पुलिस जांच कर रही है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ (Atom)



