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Lahoo Ki Lau
05 सितंबर 2009
मोल में पानी ले पीने को मजबूर ग्रामीण
बनवाला (जसवंत जाखड़) गांव रिसालियाखेड़ा में जलघर कर्मियों की लापरवाही के चलते गांववासियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। गांववासियों के अनुसार पूरे गांव में अपर्याप्त जल सप्लाई के चलते गांववासियों को पानी मोल लेना पड़ रहा है।
गांववासी वार्ड नंबर 6 के नंबरदार बलबीर कुलरिया, प्रेम कुमार, करणी सिंह, ओमप्रकाश मदन लाल, सीताराम, बृजलाल, वार्ड नंबर 8 के महावीर सिंह, वार्ड नंबर 14 व 15 के साधूराम पंच, विनोद कुमार, बहादुर राम व सतबीर कुमार आदि ने बताया कि गांव में दो माह से पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हो रही जिसके कारण गांववासी खासे परेशान हैं वहीं दूसरी ओर जलघर कर्मचारी अक्सर ड्युटी से नदारद मिलते हैं और जलघर को ताला लगा रहता है। यदि कर्मचारियों से जलापूर्ति के विषय में कहा जाए तो वे झगड़ा करने पर उतारू हो जाते हैं। उन्होंने बताया कि अनेक लोगों ने रेगुलर कनेक्शन भी ले रखे हैं लेकिन पानी मोल लेना पड़ता है जबकि जलघर के नजदीक रहने वाले अनेक लोगों ने मोटरें लगा रखी हैं और सब्जियो घर में उगाते हैं। इसके अलावा बस स्टेंड के निकट पाइप लीक के कारण भी काफी पानी व्यर्थ चला जाता है। लोगों का कहना है कि जल सप्लाई 15 से 20 मिनट ही आती है और बंद हो जाती है और ज्यादातर लोगों तक पानी नहीं पहुंच पाता। गांव के 80 वर्षीय वृद्ध श्रीराम सुथार ने बताया कि जलघर कर्मी सही ढंग से ड्युटी नहीं दे रहे। गांववासियों ने मांग की है कि गांव में पर्याप्त जलापूर्ति दी जाए अन्यथा वे धरना प्रदर्शन आदि करने पर मजबूर हो जाएंगे।
इस विषय में जलघर कर्मियों से बात करने हेतु संवाददाता 9 बजकर 37 मिनट पर जब जलघर पहुंचा तो वहां ताला लगा था और बिजली का मेन स्विच कटा हुआ था। जलघर में किसी कर्मचारी के न होने के कारण उनसे बात नहीं हो सकी।
इस विषय में जनस्वास्थ्य विभाग डबवाली के कनिष्ठ अभियंता सुभाषचंद्र से बात की गई तो उन्होंने कहा कि शीघ्र ही जलघर में रैड डालकर चैक किया जाएगा कि जलघर कर्मी ड्युटी पर रहते हैं अथवा नहीं और यदि वे गैरहाजिर मिले तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि बस स्टेंड के निकट लीकेज को ठीक करवाकर जिन लोगों ने मोटरें लगा रखी हैं उन्हे हटा दिया जाएगा और पूरे गांव में जल सप्लाई पहुंचाई जाएगी।
जीप ने महिला को कुचला
डबवाली (लहू की लौ) गांव डबवाली में एक जीप दुर्घटना में चारा लेने जा रही महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसे इलाज के लिए अस्पताल लाया गया।
गांव डबवाली निवासी मूर्ति पत्नी सुखदेव सिंह ने बताया कि वह मूर्ति पत्नी श्रवण के साथ सिरसा रोड़ की ओर चारा लेने के लिए जा रही थी कि अचानक सिरसा की ओर से एक जीप उनकी ओर आई और इस जीप के पीछे ही एक और जीप थी जिसके साथ टोचन डाला हुआ था। टोचन अचानक टूट गया और जीप भी थोड़ा सा खिसक कर स्टार्ट हो गई। यह जीप जिसमें कोई भी आदमी नहीं था, सीधे मूर्ति देवी पत्नी श्रवण से टकराती हुई एक वहां खड़ी ट्रेक्टर-ट्राली से टकरा गई।
मूर्ति देवी के बाजू, टांग, सिर आदि पर चोटें आयीं और उसे तुरन्त दुर्घटना करने वाली जीप में डाल कर अस्पताल लाया गया।
गांव डबवाली निवासी मूर्ति पत्नी सुखदेव सिंह ने बताया कि वह मूर्ति पत्नी श्रवण के साथ सिरसा रोड़ की ओर चारा लेने के लिए जा रही थी कि अचानक सिरसा की ओर से एक जीप उनकी ओर आई और इस जीप के पीछे ही एक और जीप थी जिसके साथ टोचन डाला हुआ था। टोचन अचानक टूट गया और जीप भी थोड़ा सा खिसक कर स्टार्ट हो गई। यह जीप जिसमें कोई भी आदमी नहीं था, सीधे मूर्ति देवी पत्नी श्रवण से टकराती हुई एक वहां खड़ी ट्रेक्टर-ट्राली से टकरा गई।
मूर्ति देवी के बाजू, टांग, सिर आदि पर चोटें आयीं और उसे तुरन्त दुर्घटना करने वाली जीप में डाल कर अस्पताल लाया गया।
पंजाब सरकार के खिलाफ उबले कर्मचारी
डबवाली (लहू की लौ) पंजाब बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने बोर्ड के निजीकरण के खिलाफ उपमण्डल डबवाली (मण्डी किलियांवाली) में रोष धरना दिया और सरकार को चेतावनी दी कि अगर सरकार ने निजीकरण की नीति न त्यागी तो कर्मचारी इससे भी गंभीर कदम उठाने के लिए बाध्य होंगे।
यह जानकारी देते हुए टीएसयू के उपमण्डल किलियांवाली प्रधान सुखदर्शन सिंह, कोषाध्यक्ष जगदीश राय, जगवीर सिंह, मोहन सिंह, कांति लाल ने संयुक्त रूप से बताया कि पंजाब सरकार ने बिजली बोर्ड को 15 सितम्बर को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। जिसका बोर्ड के कर्मचारी जोरदार विरोध करते हैं। उनके अनुसार भारत के पांच ऐसे राज्य हैं जिनमें अभी तक बिजली बोर्ड का निजीकरण नहीं हुआ है, जिसमें पंजाब भी शामिल हैं। लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपने स्वार्थों के लिए पंजाब बिजली बोर्ड का निजीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसे कर्मचारी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसके खिलाफ 8 सितम्बर को कर्मचारियों के सभी संगठन मिलकर चण्डीगढ़ में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार फिर भी अपनी जिद्द पर अड़ी रही और निजीकरण करने से न टली तो 15 सितम्बर को सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। मौके पर बिजली कर्मचारियों ने बादल सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
यह जानकारी देते हुए टीएसयू के उपमण्डल किलियांवाली प्रधान सुखदर्शन सिंह, कोषाध्यक्ष जगदीश राय, जगवीर सिंह, मोहन सिंह, कांति लाल ने संयुक्त रूप से बताया कि पंजाब सरकार ने बिजली बोर्ड को 15 सितम्बर को निजी हाथों में सौंपने का निर्णय लिया है। जिसका बोर्ड के कर्मचारी जोरदार विरोध करते हैं। उनके अनुसार भारत के पांच ऐसे राज्य हैं जिनमें अभी तक बिजली बोर्ड का निजीकरण नहीं हुआ है, जिसमें पंजाब भी शामिल हैं। लेकिन पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल अपने स्वार्थों के लिए पंजाब बिजली बोर्ड का निजीकरण करने का प्रयास कर रहे हैं। जिसे कर्मचारी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे और इसके खिलाफ 8 सितम्बर को कर्मचारियों के सभी संगठन मिलकर चण्डीगढ़ में एक विरोध प्रदर्शन आयोजित करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सरकार फिर भी अपनी जिद्द पर अड़ी रही और निजीकरण करने से न टली तो 15 सितम्बर को सभी कर्मचारी हड़ताल पर चले जाएंगे। मौके पर बिजली कर्मचारियों ने बादल सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की।
क्या हजकां सत्ता तक पहुंच सकेगी
डबवाली (लहू की लौ) हजकां में अगर किसी की रणनीति इस समय चल रही है तो वह कुलदीप बिश्नोई की नहीं बल्कि भजनलाल की रणनीति चल रही है। इसी के चलते ही भाजपा से तालमेल करने के लिए हजकां ने बसपा को साथ छोडऩे के लिए मजबूर किया। ऐसा राजनीतिक पर्यवेक्षकों का सोचना है।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार हरियाणा में आया राम गया राम के सूत्रधार चौ. भजनलाल स्वयं को राजनीति के पीएचडी कहते रहे हैं और उन्होंने अपनी इस दक्षता को प्रकट करते हुए चौ. देवीलाल के पास बहुमत होते हुए भी उसके विधायकों को अपने पाले में लाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इस बार भी कुछ ऐसा ही खेल भजनलाल खेलने जा रहे हैं।
कहा तो यह जाता है कि हजकां ने बसपा से तालमेल करके एक तीर से दो शिकार किये हैं। एक तो बसपा को बदनाम कर दिया की उसके नेता कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं और दूसरा उसके अच्छे कार्यकर्ताओं को अपने खेमें में खींचने में सफलता हासिल कर ली। परिणामस्वरूप बसपा में विद्रोह हो गया और वे अपने ही राज्य अध्यक्ष के खिलाफ खड़े हो गये।
अब हजकां का भाजपा से गठबंधन की चर्चा फैलाकर हजकां बनने के समय की हवा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षक यह भी मानते हैं कि भाजपा के सहयोग से हजकां शहरों में अपना अच्छा स्थान बना सकेगी। लेकिन दूसरी ओर भाजपा नेताओं का बार-बार अकेला चलो का नारा देना और किसी भी पार्टी से किसी भी सूरत में गठबंधन न करने का राग अलापना हजकां से दूरी बनाये रख सकता है। अगर भाजपा, हजकां से समझौता भी करती है तो जनता में भाजपा की छवि उसी प्रकार धुंधली हो जाएगी। जिस प्रकार से बंसीलाल को धोखा देने के बाद भाजपा धरातल में ही धंस गई थी। राजनीतिक पर्यवेक्षकों की माने तो भजनलाल लाल की वर्तमान रणनीति विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाती है, ये तो आने वाला समय ही बताएगा और यह रणनीति क्या हजकां को सत्ता तक ले जाएगी। इस प्रश्न का उत्तर भी 22 अक्तूबर को घोषित विधानसभा चुनाव के परिणाम बताएंगे।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार हरियाणा में आया राम गया राम के सूत्रधार चौ. भजनलाल स्वयं को राजनीति के पीएचडी कहते रहे हैं और उन्होंने अपनी इस दक्षता को प्रकट करते हुए चौ. देवीलाल के पास बहुमत होते हुए भी उसके विधायकों को अपने पाले में लाकर सत्ता पर कब्जा कर लिया था। इस बार भी कुछ ऐसा ही खेल भजनलाल खेलने जा रहे हैं।
कहा तो यह जाता है कि हजकां ने बसपा से तालमेल करके एक तीर से दो शिकार किये हैं। एक तो बसपा को बदनाम कर दिया की उसके नेता कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं और दूसरा उसके अच्छे कार्यकर्ताओं को अपने खेमें में खींचने में सफलता हासिल कर ली। परिणामस्वरूप बसपा में विद्रोह हो गया और वे अपने ही राज्य अध्यक्ष के खिलाफ खड़े हो गये।
अब हजकां का भाजपा से गठबंधन की चर्चा फैलाकर हजकां बनने के समय की हवा बनाने का प्रयास किया जा रहा है। राजनीतिक पर्यवेक्षक यह भी मानते हैं कि भाजपा के सहयोग से हजकां शहरों में अपना अच्छा स्थान बना सकेगी। लेकिन दूसरी ओर भाजपा नेताओं का बार-बार अकेला चलो का नारा देना और किसी भी पार्टी से किसी भी सूरत में गठबंधन न करने का राग अलापना हजकां से दूरी बनाये रख सकता है। अगर भाजपा, हजकां से समझौता भी करती है तो जनता में भाजपा की छवि उसी प्रकार धुंधली हो जाएगी। जिस प्रकार से बंसीलाल को धोखा देने के बाद भाजपा धरातल में ही धंस गई थी। राजनीतिक पर्यवेक्षकों की माने तो भजनलाल लाल की वर्तमान रणनीति विधानसभा चुनाव में क्या गुल खिलाती है, ये तो आने वाला समय ही बताएगा और यह रणनीति क्या हजकां को सत्ता तक ले जाएगी। इस प्रश्न का उत्तर भी 22 अक्तूबर को घोषित विधानसभा चुनाव के परिणाम बताएंगे।
वृद्ध का शव नहर से मिला
डबवाली (लहू की लौ) गांव मिठड़ी से तीन दिन पूर्व घर से गये एक वृद्ध का शव वीरवार को गांव खुईयांमलकाना की भाखड़ा नहर में तैरता हुआ पुलिस को मिला।
मिठड़ी निवासी राजा सिंह ने बताया कि उसका पिता गुरदेव ङ्क्षसह पुत्र चेतन सिंह तीन दिन पूर्व घर से यह कहकर गया था कि वह डबवाली से दवाई लेने के लिए जा रहा है। लेकिन इसके बाद वापिस नहीं लौटा। उन्होंने रिश्तेदारी और यहां-तहां उसकी खोज की। लेकिन नहीं मिला। वीरवार शाम को उन्हें सूचना मिली कि गुरदेव का शव खुईयांमलकाना की नहर में तैर रहा है। वे मौका पर पहुंचे और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी।
मौका पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लिया और धारा 174 सीआरपीसी के तहत कार्यवाही करते हुए डबवाली सिविल अस्पताल से शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव को उसके वारिसों को सौंप दिया।
अवैध रूप से प्लेटफार्म पर रूके लोगों को हटाया
डबवाली (लहू की लौ) रेलवे पुलिस ने रेलवे स्टेशन के आस-पास सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए अब रेलवे प्लेटफार्म पर बिना किसी कारण के रूकने वाले व्यक्तियों को खदेडऩा शुरू कर दिया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार वीरवार रात को प्लेटफार्म पर ठहरे भिखारियों को जीआरपी ने खदेड़ दिया और इसके साथ ही मुसाफिरखाना में रूके उन यात्रियों को भी अपने गंतव्य स्थानों पर चले जाने के लिए कहा जो रेलगाड़ी से उतरकर मुसाफिरखाना में रूक गये थे। लेकिन ये लोग कहां जाना है के बारे में अपना बताने में असफल रहे थे।
इधर गंगानगर और अलवर से डबवाली आये दिहाड़ीदार मजदूरों ने बताया कि वे लोग कपास चुनने के लिए इस क्षेत्र में आये हैं और रात को 1 बजे आने वाली सवारी गाड़ी से वे उतरे थे और आराम करने के लिए मुसाफिरखाना में ठहर गये थे। जब उनसे यह पूछा गया कि उन्होंने जाना कहा था तो उन्होंने बताया कि उन्हें स्वयं को मालूम नहीं कि उनका ठिकाना कौन सा होगा। जो भी उन्हें दिहाड़ी पर लेजाएगा वे वहीं चले जाएंगे। उनका आरोप था कि उन्हें सुरक्षा कर्मचारियों ने मुसाफिरखाना में रूकने नहीं दिया और भगा दिया।
इनेलो ने जारी की 42 प्रत्याशियों की सूची
डबवाली (लहू की लौ) इनेलो ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशियों की पहली सूची जारी करते हुए आज 42 उम्मीदवारों के नामों की सूची जारी कर दी है। इनेलो प्रमुख व पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी ओमप्रकाश चौटाला ने पार्टी प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष अशोक अरोड़ा को थानेसर, पूर्व कृषि मंत्री जसविंद्र सिंह संधू को पेहवा व पूर्व मंत्री जगदीश नैयर को होडल से पार्टी प्रत्याशी बनाया गया है। उचानाकलां से ओमप्रकाश चौटाला चुनाव लड़ेंगे।
पूर्व डिप्टी स्पीकर गोपीचंद गहलोत बादशाहपुर से, पार्टी के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष शेरसिंह बडशामी लाडवा से, पूर्व डिप्टी स्पीकर व पूर्व मंत्री डा. वासुदेव शर्मा को भिवानी, पूर्व मंत्री श्रीमती कांता देवी को झज्जर व पूर्व विधायक बिशनलाल सैनी को रादौर से पार्टी प्रत्याशी बनाया गया है। पूर्व विधायक नफेसिंह राठी को बहादुरगढ़, पूर्व विधायक बलबीर सिंह बाली को मेहम, पूर्व विधायक श्रीमती स्वतंत्रबाला चौधरी को फतेहाबाद व कृष्ण गोपाल त्यागी को गन्नौर से इनेलो प्रत्याशी बनाया गया है।
पूर्व विधायक कृष्ण पंवार इसराना से, पूर्व युवा इनेलो जिलाध्यक्ष नरेंद्र सांगवान घरौंडा से, पार्टी कार्यकारिणी के सदस्य डा. अशोक कश्यप इंद्री से, मामूराम गौंदर नीलोखड़ी से, पार्टी के शहरी प्रधान राजूधानक खरखौदा से, पार्टी व्यापार प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कुमार मित्तल पानीपत शहर से इनेलो प्रत्याशी बनाए गए हैं। हिसार के जिलाध्यक्ष रणवीर सिंह गंगवा को नलवा से, पार्टी के जिलाध्यक्ष पदम जैन को सिरसा से व जिला पार्षद स. चरणजीत सिंह को कालांवाली से पार्टी प्रत्याशी बनाया गया है।
पूर्व विधायक ज्ञानचंद ओड रतिया से, पूर्व विधायक व पार्टी के जिलाध्यक्ष निशान सिंह कम्बोज टोहाना से, पार्टी किसान प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष दिलबाग सिंह को यमुनानगर से और हलका प्रधान डा. कपूर सिंह नरवाल को बरौदा से इनेलो प्रत्याशी बनाया गया है। हरियाणा लोकसेवा आयोग के पूर्व सदस्य प्रदीप चौधरी को कालका, पार्टी अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष फूलसिंह बाल्मीकि को गुहला चीका से, युवा इनेलो के जिलाध्यक्ष अतुल मलिक को गोहाना, सैनिक प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष कर्नल रघुबीर सिंह को बाढड़ा, पार्टी के भिवानी जिलाध्यक्ष मा. धर्मपाल ओबरा को लोहारू, कर्नल गजराज सिंह को तोशाम व पार्टी महिला प्रकोष्ठ की प्रदेशाध्यक्ष श्रीमती शीला भ्यान को बरवाला व सीमा देवी को उकलाना से इनेलो प्रत्याशी बनाया गया है।
सतीश नांदल को गढ़ी सांपला किलोई, पार्टी राज्य कार्यकारिणी के सदस्य परमिंदर सिंह ढुल को जुलाना, हलकाध्यक्ष केहर सिंह रावत को हथीन, आजाद बाल्मीकि को बवानीखेड़ा, नागाराम बाल्मीकि कलानौर, पार्टी कार्यकारिणी के सदस्य रामसिंह कोडवा को नारायणगढ़, शशिबाला तेवतिया को पिरथला व पिरथी सिंह नंंबरदार कालवन को नरवाना से पार्टी प्रत्याशी बनाया गया है।
शिक्षक राष्ट्र निर्माता है
5 सितम्बर पर विशेष
5 सितम्बर का दिन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन की स्मृति में अध्यापक दिवस के रूप में श्रद्धा एवं विश्वास से मनाया जाता है। इस दिन सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा तथा राज्य सरकारों एवं भारत सरकार द्वारा उन प्रतिभावान अध्यापकों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सफलताएं प्राप्त की हो तथा जो शेष समाज के लिए अनुकरणीय बन गये हों। भारत में 10+2+3 शिक्षा प्रणाली के सूत्रधार डॉ. दौलत सिंह कोठारी ने 1968 ईं. में कोठारी आयोग की रिपोर्ट में लिखा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है। वह आचार्य है, जो अपने आचरण से आदर्श उदाहरण बनता है। वह गुरू है जो ज्ञान की गुरूता से परिपक्व है। वह कक्षा में राष्ट्र की भावी पीढ़ी को ढालता है। यह कथन शत् प्रतिशत सत्य है। आज सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में अग्रणीय भूमिका निभाने वाले सभी यशस्वी व्यक्तित्वों का निर्माण किसी शिक्षक ने ही तो किया है। आज डॉक्टर मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद पर सुशोभित हैं। क्या वे अपने उन शिक्षकों को भूल सकते हैं जिन्होंने उनकी प्रतिभा को विकसित किया। कभी नहीं। जैसे माली एक-एक पौधे को संवारता है, कारीगर एक-एक पत्थर को तराशता है और सुन्दर मूर्ति बनाता है। वैसे ही शिक्षक एक-एक बालक के गुणों को विकसित करता है। कोई चिकित्सक बन जाता है तो कोई इंजीनियर। कोई प्रशासनिक अधिकारी बन जाता है तो कोई व्यापारी। कोई विधानसभा सदस्य बन जाता है, तो कोई संसद सदस्य। कोई प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित करता है तो कोई राष्ट्रपति के पद को। कोई पत्रकार बन जाता है तो कोई किसान। इसलिए शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं। लेकिन शिक्षक के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने विषय का इतना ज्ञान तो अवश्य प्राप्त कर ले जिससे उस द्वारा पढ़ाये गये छात्र संतुष्ट हो सकें और उनके हर प्रश्न का उत्तर देने में समर्थ हो सकें। शिक्षक नित्यप्रति अपने घर पर 3-4 घण्टे अवश्य अपने विषय का अध्ययन करें और पूरी तैयारी के साथ कक्षा में जायें। शिक्षक श्यामपट्ट, चाक और डस्टर को सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग करें। यह भी आवश्यक है कि श्यामपट्ट लेख आकर्षक और सुस्पष्ट हो ताकि हर विद्यार्थी को समझने में कठिनाई न हो। शिक्षक का बाह्य व्यक्तित्व प्रभावशाली हो। वेष साफ-सुथरा और सादा हो। कक्षा में विभिन्न परिवारों से आये बच्चों के साथ शिक्षक का व्यवहार ममतापूर्ण होना चाहिए। केवल इतना ही नहीं बल्कि बच्चों के माता-पिता से भी पारिवारिक सम्बन्ध रखने चाहिए। इससे शिक्षक की समाज में अपनी गरिमा बढ़ती है। शिक्षक के अन्त: करण में समाज के प्रति सेवा और समर्पण का भाव हो। निश्चित रूप से ऐसा शिक्षक अपने पद के साथ न्याय करने में समर्थ होगा। वर्तमान शिक्षा प्रणाली का जन्म सन् 1835 में हुआ। इसके प्रवत्र्तक लॉड मैकाले, जो ईस्ट इण्डिया कम्पनी की शिक्षा समिति के प्रथम अध्यक्ष थे, उसने तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड विलियम बैरिंग को सिफारिश की थी कि भारत में अंग्रेजी शासन को चलाने के लिए ऐसे बाबू पैदा किये जायें जो रंग-नस्ल से तो भारतीय हो, लेकिन अपने रहन-सहन, आचार-विचार, बोलचाल तथा वेषभूषा में पूर्ण रूप से अंग्रेजों की कार्बन कॉपी लगे। आज आजादी के 62 वर्षों बाद भी शिक्षा प्रणाली में कोई विशेष परिवर्तन नहीं है। शिक्षित युवा शक्ति रोजगार की तालाश में है। एक अनार सौ बीमार की कहावत चरितार्थ हो रही है। सरकारी पदों की प्राप्ति के लिए आज जितनी विकट समस्या है, पहले कभी नहीं थी। आज इंग्लैंड, कनाड़ा, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में जाने की होड़ लगी है, शिक्षित भारतीय नवयुवकों में। क्योंकि वहां रोजगार के साधन उपलब्ध हैं। आज भारत से विदेशों को युवा शक्ति का पलायन हो रहा है, जिसे रोकना आवश्यक है। आधुनिक शिक्षा के नाम पर सांस्कृतिक आक्रमण रोकना भी अति आवश्यक है। भारत का मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपनी ओर से प्रयत्नशील है कि शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हो। बहुत कुछ किया जा चुका है। लेकिन बहुत कुछ करना भी शेष है। राष्ट्र निर्माण के पुनीत कार्य में शिक्षक, छात्र, अभिभावक एवं प्रशासक सभी मिलकर अपनी-अपनी भूमिका निभायें। -कृष्ण वोहरा सेवानिवृत्त प्रिंसीपल 641, जेल ग्राऊंड, सिरसा (हरि.)
5 सितम्बर का दिन पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एस. राधाकृष्णन की स्मृति में अध्यापक दिवस के रूप में श्रद्धा एवं विश्वास से मनाया जाता है। इस दिन सामाजिक एवं शैक्षणिक संस्थाओं द्वारा तथा राज्य सरकारों एवं भारत सरकार द्वारा उन प्रतिभावान अध्यापकों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में विशेष सफलताएं प्राप्त की हो तथा जो शेष समाज के लिए अनुकरणीय बन गये हों। भारत में 10+2+3 शिक्षा प्रणाली के सूत्रधार डॉ. दौलत सिंह कोठारी ने 1968 ईं. में कोठारी आयोग की रिपोर्ट में लिखा कि शिक्षक राष्ट्र निर्माता है। वह आचार्य है, जो अपने आचरण से आदर्श उदाहरण बनता है। वह गुरू है जो ज्ञान की गुरूता से परिपक्व है। वह कक्षा में राष्ट्र की भावी पीढ़ी को ढालता है। यह कथन शत् प्रतिशत सत्य है। आज सामाजिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों में अग्रणीय भूमिका निभाने वाले सभी यशस्वी व्यक्तित्वों का निर्माण किसी शिक्षक ने ही तो किया है। आज डॉक्टर मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री पद पर सुशोभित हैं। क्या वे अपने उन शिक्षकों को भूल सकते हैं जिन्होंने उनकी प्रतिभा को विकसित किया। कभी नहीं। जैसे माली एक-एक पौधे को संवारता है, कारीगर एक-एक पत्थर को तराशता है और सुन्दर मूर्ति बनाता है। वैसे ही शिक्षक एक-एक बालक के गुणों को विकसित करता है। कोई चिकित्सक बन जाता है तो कोई इंजीनियर। कोई प्रशासनिक अधिकारी बन जाता है तो कोई व्यापारी। कोई विधानसभा सदस्य बन जाता है, तो कोई संसद सदस्य। कोई प्रधानमंत्री के पद को सुशोभित करता है तो कोई राष्ट्रपति के पद को। कोई पत्रकार बन जाता है तो कोई किसान। इसलिए शिक्षक राष्ट्र निर्माता हैं। लेकिन शिक्षक के लिए यह आवश्यक है कि वह अपने विषय का इतना ज्ञान तो अवश्य प्राप्त कर ले जिससे उस द्वारा पढ़ाये गये छात्र संतुष्ट हो सकें और उनके हर प्रश्न का उत्तर देने में समर्थ हो सकें। शिक्षक नित्यप्रति अपने घर पर 3-4 घण्टे अवश्य अपने विषय का अध्ययन करें और पूरी तैयारी के साथ कक्षा में जायें। शिक्षक श्यामपट्ट, चाक और डस्टर को सहायक सामग्री के रूप में प्रयोग करें। यह भी आवश्यक है कि श्यामपट्ट लेख आकर्षक और सुस्पष्ट हो ताकि हर विद्यार्थी को समझने में कठिनाई न हो। शिक्षक का बाह्य व्यक्तित्व प्रभावशाली हो। वेष साफ-सुथरा और सादा हो। कक्षा में विभिन्न परिवारों से आये बच्चों के साथ शिक्षक का व्यवहार ममतापूर्ण होना चाहिए। केवल इतना ही नहीं बल्कि बच्चों के माता-पिता से भी पारिवारिक सम्बन्ध रखने चाहिए। इससे शिक्षक की समाज में अपनी गरिमा बढ़ती है। शिक्षक के अन्त: करण में समाज के प्रति सेवा और समर्पण का भाव हो। निश्चित रूप से ऐसा शिक्षक अपने पद के साथ न्याय करने में समर्थ होगा। वर्तमान शिक्षा प्रणाली का जन्म सन् 1835 में हुआ। इसके प्रवत्र्तक लॉड मैकाले, जो ईस्ट इण्डिया कम्पनी की शिक्षा समिति के प्रथम अध्यक्ष थे, उसने तत्कालीन गवर्नर जनरल लार्ड विलियम बैरिंग को सिफारिश की थी कि भारत में अंग्रेजी शासन को चलाने के लिए ऐसे बाबू पैदा किये जायें जो रंग-नस्ल से तो भारतीय हो, लेकिन अपने रहन-सहन, आचार-विचार, बोलचाल तथा वेषभूषा में पूर्ण रूप से अंग्रेजों की कार्बन कॉपी लगे। आज आजादी के 62 वर्षों बाद भी शिक्षा प्रणाली में कोई विशेष परिवर्तन नहीं है। शिक्षित युवा शक्ति रोजगार की तालाश में है। एक अनार सौ बीमार की कहावत चरितार्थ हो रही है। सरकारी पदों की प्राप्ति के लिए आज जितनी विकट समस्या है, पहले कभी नहीं थी। आज इंग्लैंड, कनाड़ा, संयुक्त राज्य अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों में जाने की होड़ लगी है, शिक्षित भारतीय नवयुवकों में। क्योंकि वहां रोजगार के साधन उपलब्ध हैं। आज भारत से विदेशों को युवा शक्ति का पलायन हो रहा है, जिसे रोकना आवश्यक है। आधुनिक शिक्षा के नाम पर सांस्कृतिक आक्रमण रोकना भी अति आवश्यक है। भारत का मानव संसाधन विकास मंत्रालय अपनी ओर से प्रयत्नशील है कि शिक्षा के क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन हो। बहुत कुछ किया जा चुका है। लेकिन बहुत कुछ करना भी शेष है। राष्ट्र निर्माण के पुनीत कार्य में शिक्षक, छात्र, अभिभावक एवं प्रशासक सभी मिलकर अपनी-अपनी भूमिका निभायें। -कृष्ण वोहरा सेवानिवृत्त प्रिंसीपल 641, जेल ग्राऊंड, सिरसा (हरि.)
04 सितंबर 2009
3014 केन्द्र संवेदनशील घोषित
डबवाली (लहू की लौ) विधानसभा चुनावों के लिए हरियाणा चुनाव कार्यालय ने केंद्र सरकार से 125 कम्पनियों की मांग की है। चुनावों को पूरी तरह सुरक्षित निष्पक्ष व सौहार्दपूर्ण वातावरण में निपटाए जाने के लिए प्रदेश भर में अतिरिक्त सुरक्षाबल की जरूरत महसूस की गई है। हरियाणा के चुनाव आयुक्त सज्जन सिंह ने आज बताया कि प्रदेश में कुल 12894 मतदान केंद्रों में से 3014 केंद्रों को संवेदनशील अथवा अतिसंवेदनशील घोषित किया गया है। इन बूथों पर अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात करने के लिए केंद्र सरकार से 125 कम्पनियों की मांग की गई है। आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू हो चुकी है तथा सभी राजनैतिक दलों को आदर्श आचार संहिता का पालन करने के निर्देश जारी कर दिए गए हैं। उन्होंने प्रदेश की प्रशासनिक व्यवस्था और आम जनता से चुनाव को सौहार्दपूर्ण वातावरण में सम्पन्न करवाने में सहयोग देने की अपील की है।
चीनी का अवैध स्टॉक बरामद
औढ़ां (जितेन्द्र गर्ग) कुछ व्यापारी मुनाफा कमाने के चक्कर में चीनी की जमाखोरी करने में लगे हुए हैं, जबकि सरकार ने चीनी की जमाखोरी पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। बकायदा जिला प्रशासन ने जमाखोरी पर लगाम कसने के लिए 3 सदस्यीय कमेटी का गठन भी किया हुआ है। बावजूद इसके लालच के वशीभूत अनेक व्यापारी अपनी कारगुजारी से बाज नहीं आ रहे। ओढां के गांव घुक्कांवाली में पुलिस व खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की टीम ने एक घर से चीनी का अवैध भण्डारण पकड़ा है। इस घर से पुलिस ने 113 क्ंिवटल चीनी का स्टॉक कब्जे में लिया है। भण्डारण करने वाले व्यापारी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। ओढां पुलिस को आज सुबह मुखबिर ने सूचना दी कि गांव घुक्कांवाली स्थित एक खाली मकान में कालांवाली स्थित फर्म सिंगला करियाना स्टोर के संचालक ने चीनी का अवैध भण्डारण किया हुआ है। पुलिस ने यह सूचना कालांवाली के खाद्य एवं आपूर्ति निरिक्षक कृष्ण जांगड़ा व ओढां के खाद्य एवं आपूर्ति निरिक्षक राजदीप को दी। इन दोनों अधिकारियों ने यह सूचना पाकर पुलिस टीम के साथ बताए गए स्थान पर छापा मार दिया। छापे में मकान से 113 बोरी चीनी की बरामद हुई। सहायक जिला खाद्य आपूर्ति अधिकारी अशोंक बंसल ने बताया कि सिंगला करियाना स्टोर द्वारा विभाग की बगैर इजाजत के चीनी की जमाखोरी की हुई थी। उन्होंने बताया कि बरामद चीनी को विभाग द्वारा जब्त कर फर्म संचालक के खिलाफ आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
तीन घरों से मोबाइल और नकदी चोरी
डबवाली (लहू की लौ) मालवा बाईपास नरसिंह कलोनी में अज्ञात चोरों ने तीन घरों में घुस कर मोबाइल और नकदी चुरा ली।
नरसिंह कलोनी निवासी मैछी सिंह पुत्र नाहर सिंह ने बताया कि वह मंगलवार की रात को घर में सोया हुआ था और उसका मोबाइल उसके सिरहाने रखा हुआ था। रात को कोई अज्ञात व्यक्ति उसके घर घुसा और सिरहाने पड़े मोबाइल को चुरा ले गया।
इस गली निवासी फीटर चालक गुरप्रीत सिंह पुत्र रामसिंह ने बताया कि इसी प्रकार अज्ञात व्यक्ति उसके घर में घुस कर उसका मोबाइल तथा बटुआ चुरा ले गया। बटुआ में एक हजार रूपये की नकदी थी। ट्रक चालक राजू पुत्र रमेश चन्द्र ने बतया कि उसके घर में घुस कर अज्ञात चोर मोबाइल चुरा ले गये।
नरसिंह कलोनी निवासी मैछी सिंह पुत्र नाहर सिंह ने बताया कि वह मंगलवार की रात को घर में सोया हुआ था और उसका मोबाइल उसके सिरहाने रखा हुआ था। रात को कोई अज्ञात व्यक्ति उसके घर घुसा और सिरहाने पड़े मोबाइल को चुरा ले गया।
इस गली निवासी फीटर चालक गुरप्रीत सिंह पुत्र रामसिंह ने बताया कि इसी प्रकार अज्ञात व्यक्ति उसके घर में घुस कर उसका मोबाइल तथा बटुआ चुरा ले गया। बटुआ में एक हजार रूपये की नकदी थी। ट्रक चालक राजू पुत्र रमेश चन्द्र ने बतया कि उसके घर में घुस कर अज्ञात चोर मोबाइल चुरा ले गये।
चोरी की कार लेजाता युवक काबू
डबवाली (लहू की लौ) यहां के जीटी रोड़ रेलवे फाटक के पास स्थित पिंक मार्किट में चोरी की कार लाये युवक को लोगों ने पुलिस के सुपुर्द कर दिया।
प्राप्त जानकारी अनुसार पिंक मार्किट में खड़े होने वाले टैक्सी चालकों ने एक युवक को संदिग्ध अवस्था में देखा। जिसके पास एक मारूति कार थी और वह उस कार में डालने के लिए तेल आदि ला रहा था। कार की सीटों के नीचे कई नम्बर प्लेंटे थी। संदेह के आधार पर जब इस युवक को चालकों ने पकड़ा तो युवक के पास से विभिन्न कारों की मास्टर कुंजी बरामद हुई। युवक ने पूछताछ के दौरान टैक्सी चालकों को बताया कि वह इस कार को सिरसा से लाया है। वह नशा करने का आदि है। उसने अपनी पहचान प्रवीण निवासी सिरसा के रूप में करवाई।
मौका पर भीड़ को देखकर कुछ पुलिसकर्मी भी पहुंच गये और उन्होंने युवक को कार सहित हिरासत में ले लिया। लेकिन यह पुलिसकर्मी कहां के थे, इसका पता नहीं चल पाया।
प्राप्त जानकारी अनुसार पिंक मार्किट में खड़े होने वाले टैक्सी चालकों ने एक युवक को संदिग्ध अवस्था में देखा। जिसके पास एक मारूति कार थी और वह उस कार में डालने के लिए तेल आदि ला रहा था। कार की सीटों के नीचे कई नम्बर प्लेंटे थी। संदेह के आधार पर जब इस युवक को चालकों ने पकड़ा तो युवक के पास से विभिन्न कारों की मास्टर कुंजी बरामद हुई। युवक ने पूछताछ के दौरान टैक्सी चालकों को बताया कि वह इस कार को सिरसा से लाया है। वह नशा करने का आदि है। उसने अपनी पहचान प्रवीण निवासी सिरसा के रूप में करवाई।
मौका पर भीड़ को देखकर कुछ पुलिसकर्मी भी पहुंच गये और उन्होंने युवक को कार सहित हिरासत में ले लिया। लेकिन यह पुलिसकर्मी कहां के थे, इसका पता नहीं चल पाया।
घात लगाये बैठा युवक दबोचा
डबवाली (लहू की लौ) थाना शहर प्रभारी एसआई कृष्ण लाल ने मुखबरी के आधार पर यहां के बठिण्डा चौक में स्थित पार्क में छापामारी करके एक युवक को हिरासत में लिया और तालाशी लेने पर उससे एक छुरा (भालानुमा) मिला।
प्राप्त जानकारी अनुसार पकड़े गये युवक ने अपनी पहचान कृष्ण पाल उर्फ चीना पुत्र सूरत सिंह निवासी प्रेमनगर, डबवाली के रूप में करवाई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार युवक का इरादा कोई जुर्म करना था। लेकिन पहले ही दबोच लिया गया। पुलिस ने युवक के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार पकड़े गये युवक ने अपनी पहचान कृष्ण पाल उर्फ चीना पुत्र सूरत सिंह निवासी प्रेमनगर, डबवाली के रूप में करवाई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार युवक का इरादा कोई जुर्म करना था। लेकिन पहले ही दबोच लिया गया। पुलिस ने युवक के खिलाफ शस्त्र अधिनियम के तहत केस दर्ज कर लिया है।
फिर से जगेगी साक्षरता की अलख
औढ़ां (जितेन्द्र गर्ग) साक्षरता मिशन सिरसा की एक बैठक आज ओढ़ां में बुलाई गई जिसमें अनेक अक्षर सैनिकों व नवसाक्षरों ने भाग लिया। खंड सयोजक निर्मलजीत कौर की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जिला परियोजना संयोजक अंजू भाटिया ने मुख्यातिथि के रूप में भाग लिया।
बैठक में उपस्थित अक्षर सैनिकों व नवसाक्षरों को संबोधित करते हुए जिला परियोजना संयोजक अंजू भाटिया ने कहा कि निरक्षरता के कलंक को मिटाने हेतु साक्षरता मिशन के तहत निरक्षरों को साक्षर बनाने हेतु कक्षाओं को फिर से शुरू किया जाए क्योंकि इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि अक्षर सैनिक कक्षाओं को शीघ्र शुरू करके निरक्षरों व नवसाक्षरों को कक्षाओं में लाएं ताकि सभी को प्रमाणपत्र दिए जा सकें।
बैठक को संबोधित करते हुए खंड संयोजक निर्मलजीत कौर ने अक्षर सैनिकों से दोबारा कक्षाएं शुरू करने का आह्वान करते हुए साक्षरता की अलख जगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि निरक्षरता के अंधेरे को मिटाकर हम समाज की सच्ची सेवा कर सकते हैं। यह एक निरक्षर रूपी अंधे को अक्षर ज्ञान रूपी आंखें देने के समान है। निरक्षरों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में कक्षाएं ज्वाईन करने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कक्षाएं आरंभ कर दी जाएंगी।
इस बैठक में उपखंड संयोजक बलवंत सिंह, ग्राम संयोजक आरके सारस्वत व रणवीर जाखड़, एसएमएस की सचिव जीवी रानी, अक्षर सैनिक व नवसाक्षर गीता रानी, पूजा रानी, बाधो देवी, मंदीप कौर, ममनजीत कौर, निर्मला, मीरां, हैप्पी, कुलदीप, सुखपाल, संतोष कुमारी, सिमरन कौर, गणवीर कौर, सुखजीत कौर, चरणजीत कौर, गुरप्रीत कौर, कविता रानी, सुखपाल कौर व मंगल सिंह सहित अनेक अक्षर सैनिक, नवसाक्षर व निरक्षर उपस्थित थे।
बैठक में उपस्थित अक्षर सैनिकों व नवसाक्षरों को संबोधित करते हुए जिला परियोजना संयोजक अंजू भाटिया ने कहा कि निरक्षरता के कलंक को मिटाने हेतु साक्षरता मिशन के तहत निरक्षरों को साक्षर बनाने हेतु कक्षाओं को फिर से शुरू किया जाए क्योंकि इससे बड़ा पुण्य कोई नहीं है। उन्होंने कहा कि अक्षर सैनिक कक्षाओं को शीघ्र शुरू करके निरक्षरों व नवसाक्षरों को कक्षाओं में लाएं ताकि सभी को प्रमाणपत्र दिए जा सकें।
बैठक को संबोधित करते हुए खंड संयोजक निर्मलजीत कौर ने अक्षर सैनिकों से दोबारा कक्षाएं शुरू करने का आह्वान करते हुए साक्षरता की अलख जगाने की अपील की। उन्होंने कहा कि निरक्षरता के अंधेरे को मिटाकर हम समाज की सच्ची सेवा कर सकते हैं। यह एक निरक्षर रूपी अंधे को अक्षर ज्ञान रूपी आंखें देने के समान है। निरक्षरों को ज्यादा से ज्यादा संख्या में कक्षाएं ज्वाईन करने का अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा कि शीघ्र ही कक्षाएं आरंभ कर दी जाएंगी।
इस बैठक में उपखंड संयोजक बलवंत सिंह, ग्राम संयोजक आरके सारस्वत व रणवीर जाखड़, एसएमएस की सचिव जीवी रानी, अक्षर सैनिक व नवसाक्षर गीता रानी, पूजा रानी, बाधो देवी, मंदीप कौर, ममनजीत कौर, निर्मला, मीरां, हैप्पी, कुलदीप, सुखपाल, संतोष कुमारी, सिमरन कौर, गणवीर कौर, सुखजीत कौर, चरणजीत कौर, गुरप्रीत कौर, कविता रानी, सुखपाल कौर व मंगल सिंह सहित अनेक अक्षर सैनिक, नवसाक्षर व निरक्षर उपस्थित थे।
आखिर कांग्रेसियों को याद आई कन्या विद्यालय की
डबवाली (लहू की लौ) विधानसभा चुनाव आते ही कांग्रेसियों को यहां के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के भवन की भी याद आ गई। जबकि इससे पूर्व आज तक इस खस्ताहाल भवन की सुध लेना तो दूर इसके लिए आई राशि इसी स्थान पर लगवाने के लिए आज तक इन लोगों ने किसी भी अधिकारी से बातचीत तक नहीं की।
वार्ड नं. 1 के पार्षद जगदीप सूर्या ने बताया कि उन्होंने नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन के साथ वीरवार को अचानक राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण किया तो पाया कि विद्यालय की हालत खस्ता है। सूर्या के अनुसार पीडब्ल्यूडी बीएण्डआर के पास 82 लाख रूपये की राशि स्कूल में बनने वाले 15 नये कमरों के लिए आई हुई है। लेकिन विभाग पौने दो वर्ष से इस राशि को खर्च नहीं कर रहा। पार्षद के अनुसार स्थिति यह है कि कड़कड़ती धूप और बरसात में खस्ताहाल कमरों को गिराने के बाद वहां नये कमरे न बनने से छात्राएं बाहर बैठने को मजबूर हैं। जब जगदीप सूर्या से यह पूछा गया कि इसका निर्माण क्या नगरपालिका करवाएगी तो उन्होंने कहा कि नहीं, निर्माण कार्य तो बीएण्डआर ही करवाएगा।
इधर जब इस संदर्भ में नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन से सम्पर्क किया गया तो वे तो फोन पर नहीं मिलीं। लेकिन उनके पति राजेन्द्र जैन ने बताया कि वे निरीक्षण पर गये थे। उन्होंने देखा कि भवन खस्ता हालत में है और उन्हें विद्यालय के प्रिंसीपल ने बताया कि खस्ता हाल कमरों को गिरा दिया गया है और पीडब्ल्यूडी बीएण्डआर के पास 82 लाख रूपये की राशि आई हुई है। उनके अनुसार जब उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी से फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया तो उसका फोन स्विच ऑफ आया।
इधर विद्यालय के प्रिंसीपल इन्द्रजीत सांगवान ने इस संवाददाता को बताया कि जो कक्षाएं बाहर लग रही हैँ, फिलहाल अस्थाई रूप से इन कक्षाओं को विद्यालय के सामने स्थित जैन स्थानिक में शिफ्ट कर दिया गया था। लेकिन इन दिनों जैन स्थानिक में धार्मिक कार्यक्रम चल रहा है। जिसके चलते कक्षाओं को फिर से विद्यालय में बाहर लगाया जा रहा है।
वार्ड नं. 1 के पार्षद जगदीप सूर्या ने बताया कि उन्होंने नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन के साथ वीरवार को अचानक राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय का निरीक्षण किया तो पाया कि विद्यालय की हालत खस्ता है। सूर्या के अनुसार पीडब्ल्यूडी बीएण्डआर के पास 82 लाख रूपये की राशि स्कूल में बनने वाले 15 नये कमरों के लिए आई हुई है। लेकिन विभाग पौने दो वर्ष से इस राशि को खर्च नहीं कर रहा। पार्षद के अनुसार स्थिति यह है कि कड़कड़ती धूप और बरसात में खस्ताहाल कमरों को गिराने के बाद वहां नये कमरे न बनने से छात्राएं बाहर बैठने को मजबूर हैं। जब जगदीप सूर्या से यह पूछा गया कि इसका निर्माण क्या नगरपालिका करवाएगी तो उन्होंने कहा कि नहीं, निर्माण कार्य तो बीएण्डआर ही करवाएगा।
इधर जब इस संदर्भ में नगरपालिका अध्यक्षा सिम्पा जैन से सम्पर्क किया गया तो वे तो फोन पर नहीं मिलीं। लेकिन उनके पति राजेन्द्र जैन ने बताया कि वे निरीक्षण पर गये थे। उन्होंने देखा कि भवन खस्ता हालत में है और उन्हें विद्यालय के प्रिंसीपल ने बताया कि खस्ता हाल कमरों को गिरा दिया गया है और पीडब्ल्यूडी बीएण्डआर के पास 82 लाख रूपये की राशि आई हुई है। उनके अनुसार जब उन्होंने सम्बन्धित अधिकारी से फोन पर सम्पर्क करने का प्रयास किया तो उसका फोन स्विच ऑफ आया।
इधर विद्यालय के प्रिंसीपल इन्द्रजीत सांगवान ने इस संवाददाता को बताया कि जो कक्षाएं बाहर लग रही हैँ, फिलहाल अस्थाई रूप से इन कक्षाओं को विद्यालय के सामने स्थित जैन स्थानिक में शिफ्ट कर दिया गया था। लेकिन इन दिनों जैन स्थानिक में धार्मिक कार्यक्रम चल रहा है। जिसके चलते कक्षाओं को फिर से विद्यालय में बाहर लगाया जा रहा है।
कोर्ट कम्पलैक्स में मनाया गया वन महोत्सव
मोबाइल ढूंढऩे गये युवकों की धुनाई
डबवाली (लहू की लौ) यहां की इन्दिरा नगरी में दो पक्षों में झगड़ा हो जाने से दो लोगों को चोटें आई हैं।
घायल सुल्तान और बज्जा राम ने बताया कि वे इन्दिरा नगरी के निवासी हैं और वे वहीं पर झुग्गी-झोंपडिय़ों में रहते हैं। बुधवार की रात को उनका मोबाइल गुम हो गया था और वे मोबाइल की तालाश में इधर-उधर गये थे। लेकिन गोकुल नामक महिला ने उनसे झगड़ा कर लिया और उन्हें चोर कहकर शोर मचा दिया। गोकुल के साथियों ने उनकी धुनाई की दी। पता चला है कि इस मामले को लेकर सुल्तान बगैरा ने पुलिस में भी शिकायत की है।
घायल सुल्तान और बज्जा राम ने बताया कि वे इन्दिरा नगरी के निवासी हैं और वे वहीं पर झुग्गी-झोंपडिय़ों में रहते हैं। बुधवार की रात को उनका मोबाइल गुम हो गया था और वे मोबाइल की तालाश में इधर-उधर गये थे। लेकिन गोकुल नामक महिला ने उनसे झगड़ा कर लिया और उन्हें चोर कहकर शोर मचा दिया। गोकुल के साथियों ने उनकी धुनाई की दी। पता चला है कि इस मामले को लेकर सुल्तान बगैरा ने पुलिस में भी शिकायत की है।
चालक और परिचालक की हॉकियों से पिटाई
डबवाली (लहू की लौ) बुधवार शाम को गांव बिज्जूवाली के पास कुछ युवकों ने डबवाली फ्रेण्डस सहकारी परिवहन की बस को घेर लिया और उसके चालक और परिचालक की पिटाई करके चोटें मारी।
घायल बस चालक भोला सिंह तथा परिचालक नरेश कुमार ने बताया कि उनकी बस कालूआना से कालांवाली बाया औढ़ां आती-जाती है। बुधवार को दोपहर करीब 1.30 बजे बस के सहायक हरबन्स सिंह के साथ टिकट लेने को लेकर गांव रिसालियाखेड़ा के शीशपाल का झगड़ा हो गया। उस समय तो मामला निपट गया। लेकिन शीशपाल ने शाम को करीब पौने सात बजे गांव बिज्जूवाली के पास बस को घेर लिया।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार आरोपी अपने साथियों के साथ कार और मोटरसाईकिलों पर सवार होकर आया था। उसके साथियों ने उनको हॉकी और चैनों से पीटा और शरीर के विभिन्न अंगों पर चोटें पहुंचाई। मौका पर सवारियों के दखल के बाद शीशपाल के साथ आये उसके साथी तो भाग खड़े हुए। लेकिन शीशपाल को पकड़कर गोरीवाला पुलिस चौकी के हवाले कर दिया गया।
शिकायतकर्ताओं ने यह भी बताया कि शीशपाल कालांवाली के एक संस्थान का विद्यार्थी है। ग्रीन, जम्बो, गुरूनानक, असीर, सिधू बस के चालकों ने बताया कि वह कई बार उपरोक्त संस्थान की प्रबन्धक समिति को इस संदर्भ में शिकायत कर चुके हैं कि उनके विद्यार्थी उन्हें परेशान करते हैं। विद्यार्थियों के पास बनवाये जायें और इनके आने-जाने का समय निर्धारित किया जाये। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। घायल चालक और परिचालक को डबवाली के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया।
घायल बस चालक भोला सिंह तथा परिचालक नरेश कुमार ने बताया कि उनकी बस कालूआना से कालांवाली बाया औढ़ां आती-जाती है। बुधवार को दोपहर करीब 1.30 बजे बस के सहायक हरबन्स सिंह के साथ टिकट लेने को लेकर गांव रिसालियाखेड़ा के शीशपाल का झगड़ा हो गया। उस समय तो मामला निपट गया। लेकिन शीशपाल ने शाम को करीब पौने सात बजे गांव बिज्जूवाली के पास बस को घेर लिया।
शिकायतकर्ताओं के अनुसार आरोपी अपने साथियों के साथ कार और मोटरसाईकिलों पर सवार होकर आया था। उसके साथियों ने उनको हॉकी और चैनों से पीटा और शरीर के विभिन्न अंगों पर चोटें पहुंचाई। मौका पर सवारियों के दखल के बाद शीशपाल के साथ आये उसके साथी तो भाग खड़े हुए। लेकिन शीशपाल को पकड़कर गोरीवाला पुलिस चौकी के हवाले कर दिया गया।
शिकायतकर्ताओं ने यह भी बताया कि शीशपाल कालांवाली के एक संस्थान का विद्यार्थी है। ग्रीन, जम्बो, गुरूनानक, असीर, सिधू बस के चालकों ने बताया कि वह कई बार उपरोक्त संस्थान की प्रबन्धक समिति को इस संदर्भ में शिकायत कर चुके हैं कि उनके विद्यार्थी उन्हें परेशान करते हैं। विद्यार्थियों के पास बनवाये जायें और इनके आने-जाने का समय निर्धारित किया जाये। लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। घायल चालक और परिचालक को डबवाली के सिविल अस्पताल में इलाज के लिए लाया गया।
गणेश स्वरूप मेकिंग प्रतियोगिता में टॉप-10
डबवाली (लहू की लौ) यहां के एम.एम. पब्लिक स्कूल में गणपति विसर्जन के अवसर पर अभिभावकों की गणेश जी के किसी भी स्वरूप को बनाकर उसमें रंग भरने की प्रतियोगिता आयोजित की गई। जिसमें अभिभावकों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया।
स्वरूपों में से टॉप-10 स्वरूप चुने गये। जिनमें संजीव कुमार, अनिल, पवन सोनी, विनय शर्मा, सुनील मोंगा, कर्मजीत सिंह, रविन्द्र जांगिड़, सुभाष सोनी, सतपाल मिढ़ा, महिन्द्र सिंह, केवल चुघ ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ आदि स्थान प्राप्त किया।
इसके साथ ही 10 सांत्वना पुरस्कार भी निकाले गये। जिनमें गणेश के स्वरूप विनोद कुमार, नरेश कुमार, केवल चुघ, सुभाष चन्द्र, विवेक गर्ग, सतीश कुमार, नरेन्द्र गर्ग, पूर्ण चन्द्र, सत्यपाल आदि द्वारा बनाये गये थे। निर्णायक मण्डल की भूमिका विनोद धमीजा, हंसराज ने निभाई। इस मौके पर विद्यालय की प्रिंसीपल डिम्पल मिढ़ा ने अपने विचार रखे तथा आये हुए मेहमानों का धन्यवाद किया।
स्वरूपों में से टॉप-10 स्वरूप चुने गये। जिनमें संजीव कुमार, अनिल, पवन सोनी, विनय शर्मा, सुनील मोंगा, कर्मजीत सिंह, रविन्द्र जांगिड़, सुभाष सोनी, सतपाल मिढ़ा, महिन्द्र सिंह, केवल चुघ ने क्रमश: प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ आदि स्थान प्राप्त किया।
इसके साथ ही 10 सांत्वना पुरस्कार भी निकाले गये। जिनमें गणेश के स्वरूप विनोद कुमार, नरेश कुमार, केवल चुघ, सुभाष चन्द्र, विवेक गर्ग, सतीश कुमार, नरेन्द्र गर्ग, पूर्ण चन्द्र, सत्यपाल आदि द्वारा बनाये गये थे। निर्णायक मण्डल की भूमिका विनोद धमीजा, हंसराज ने निभाई। इस मौके पर विद्यालय की प्रिंसीपल डिम्पल मिढ़ा ने अपने विचार रखे तथा आये हुए मेहमानों का धन्यवाद किया।
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