23 फ़रवरी 2010

डेरा प्रमुख पर जूता फेंका

सिरसा। साध्वियों के यौन शोषण और कई हत्याकांडों में मुख्य आरोपी डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह पर रविवार को मजलिस के दौरान एक व्यक्ति ने जूता फेंक दिया। मजलिस के दौरान इस अप्रत्याशित घटना से हंगामा मच गया।
श्रद्धालुओं के साथ-साथ सुरक्षाकर्मियों ने राम सिंह नामक इस व्यक्ति को धरदबोचा। राम सिंह की बुरी तरह पिटाई की गई। जूते वाली घटना को छिपाने के लिए राम सिंह पर किसी नछत्तर सिंह को धमकाने और हाथापाई करने का मामला दर्ज करवाया गया है। फिलहाल राम सिंह पुलिस की हिरासत में है।
हुआ यूं कि जेजे कॉलोनी निवासी राम सिंह मासिक सत्संग के दौरान डेरा सच्चा सौदा गया था। यहां डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह मजलिस में प्रवचन कर रहे थे। सहिष्णुता, सद्भावना, सदाचारिता का पाठ पढ़ा रहे गुरमीत सिंह पर एकाएक राम सिंह ने अपना जूता निकाल कर फैंका।
राम सिंह की इस हरकत से पूरे परिसर में हंगामा मच गया। श्रद्धालु राम सिंह की ओर दौड़े। जैड सुरक्षा घेरे में रहने वाले डेरा प्रमुख भी इस घटना से स्तब्ध रह गए। मजलिस बीच में ही रोकनी पड़ी और डेरा प्रमुख के प्रवचनों का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया। जूता फैंकने वाले राम सिंह को सुरक्षा कर्मियों ने काबू किया और पुलिस के हवाले कर दिया।
पुलिस प्रवक्ता के अनुसार पुलिस ने डेरा के सेवादार नछत्तर सिंह के ब्यान पर रामसिंह के खिलाफ धारा 323/506 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया है। नछत्तर सिंह ने अपने ब्यान में कहा है कि वह सेवा पर था और उसने राम सिंह को मंच की ओर जाने से रोका और कहा कि पिताजी आने वाले हैं। लेकिन उसने कहा कि वह उसे रोकने वाला कौन है और वह मारपीट पर उतर आया और उसे जान से मारने की धमकी देने लगा।
राम सिंह ने क्यों खोया आपा!
सिरसा। कहते हैं दिल की पीड़ा पहले जुबान पर आती है। अगर जुबान से बयां किया गया दर्द दूर न किया जा सके तो फिर पीडि़त क्या करेगा। इस असमंजस की स्थिति ने ही राम सिंह को वह करने पर मजबूर कर दिया जो संभवत: सामान्य आदमी कर ही न सके। गुरमीत सिंह पर जूता फैंकने वाले राम सिंह का दुखड़ा सभी ने सुना, लेकिन दर्द कोई नहीं दूर कर सका।
राम सिंह मामूली मजदूरी कार्य करके अपनी गुजर-बसर करता है। उसने डेरा सच्चा सौदा से संबंधित एक फैक्ट्री में कार्य किया था। लेकिन उसकी मजदूरी डेरा के प्रबंधक हड़प गए। करीब एक लाख रुपये की मजदूरी बनी थी। लेकिन डेरा में उच्च पदस्थ व सेवानिवृत एक्सियन गुप्ता ने राम सिंह को उसकी मेहनत का हक अदा नहीं किया। राम सिंह ने पिछली मजलिस के दौरान डेरा प्रमुख गुरमीत सिंह को बाकायदा लिखकर दिया था कि उसकी मजदूरी दिलवाई जाए। सबको सत्य वचन और सरल व्यवहार का संदेश देने वाले गुरमीत सिंह ने राम सिंह को कोई स्पष्ट बात नहीं कही। टरकाऊ जवाब दिया।
डेरा के सर्वेसर्वा से मिलने पर भी राम सिंह को निराशा हाथ लगी। उसका आपा खो गया। आर्थिक तंगी से जूझ रहा राम सिंह यहां-वहां भटका, लेकिन डेरा की दहशत और गरीब का हक हड़प कर जाने की ताकत के आगे उसकी एक नहीं चली। राम सिंह इस बार मजलिस में आया, लेकिन उस पर गुस्सा सवार था। आर्थिक तंगी से परेशान राम सिंह को कुछ नहीं सूझ रहा था। गुस्साए राम सिंह ने आगा-पीछा सोचे बिना डेरा प्रमुख पर जूता दे मारा और अपना रोष जताया। राम सिंह के इस कृत्य ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। सीबीआई जांच का सामना कर रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख जूता प्रकरण से अब एक नए विवाद में फंस गए हैं।

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