10 सितंबर 2009

कपास की फसल के सम्बन्ध में किसानों को दी सलाह

हिसार (लहू की लौ) हरियाणा कृषि विभाग के कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को कपास की फसल में पत्तों के लाल हो जाने पर इसके लिए आवश्यक कदम उठाने का आग्रह किया है क्योंकि यह समस्या साल-दर-साल बढ़ती जा रही है जिससे कपास की पैदावार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। कृषि विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि इसकी रोकथाम के लिए केन्द्रीय कपास अनुसंधान संस्थान, नागपुर के वैज्ञानिकों द्वारा दिए गए सुझावों का पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि लाल पत्ते हरे तो नही हो सकते परन्तु नए पत्तों पर फैलने से इसे रोका जा सकता है और पैदावार में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है। इसके लिए मैग्रीशियम सल्फेट का 0.5 प्रतिशत से 1.0 प्रतिशत जमा 1.0 प्रतिशत यूरिया का छिड़काव लाल पत्ते दिखाई देने पर तुरन्त करे एवं फूल व टिण्डे बनने के समय पर फसल में पानी की कमी न आने दे। ऐसा करने से काफी हद तक इस पर काबू पाया जा सकता है तथा पैदावार में होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है।

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